India

Feb 11 2024, 15:47

भाजपा नेता और बॉलीवुड के सुपर स्टार मिथुन चक्रवर्ती को अचानक शुरू हो गई बेचैनी, अस्पताल में भर्ती…, पढ़िए, लेटेस्ट अपडेट

बॉलीवुड के सुपरस्टार और BJP नेता मिथुन चक्रवर्ती को गंभीर बेचैनी की शिकायत के बाद शनिवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह एक फिल्म की शूटिंग के लिए कोलकाता में थे। सूत्रों ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10 बजे से उन्हें बेचैनी की शिकायत होने लगी, जिसके बाद उनके करीबी सहयोगियों ने बिना कोई जोखिम उठाए उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया।

पता चला है कि वह शूटिंग फ्लोर पर थे, इसी दौरान उन्हें बेचैनी महसूस होने लगी। सटीक चिकित्सीय जटिलताओं का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

मिथुन का राजनीतिक करियर विविध और रंगीन 

एक सफल Cinema-Star होने के अलावा, उनका राजनीतिक करियर विविध और रंगीन है। कोलकाता में अपने कॉलेज के दिनों के दौरान, वह नक्सली आंदोलन की ओर मुड़ गये थे। अपने करियर के उत्तरार्ध में, वह माकपा नेतृत्व, विशेष रूप से मनमौजी भारतीय मार्क्सवादी और West Bengal के पूर्व मंत्री सुभाष चक्रवर्ती के करीबी बन गए। बाद में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध और आग्रह के बाद वह तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य बन गये।

हालाँकि, पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटालों, विशेषकर सारदा समूह और रोज़ वैली के घोटालों में पार्टी के प्रमुख नेताओं का नाम शामिल होने के बाद उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी।

वर्ष 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले वह PM नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में Kolkata में एक मेगा रैली में BJP में शामिल हुए।

India

Feb 11 2024, 15:45

उत्तराखंड के हल्द्वानी में बंद इंटरनेट सेवा आज हुई बहाल, राज्य सरकार ने केंद्र से अर्धसैनिक बलों की चार कंपनी मांगी

उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा की घटना के बाद से बंद इंटरनेट सुविधा आज रविवार को बहाल कर दी गई है। उत्तराखंड पुलिस ने अपने एक्स पेज पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।’

हल्द्वानी में इंटरनेट सुविधाएं बहाल कर दी गई हैं। यदि कोई भी व्यक्ति सांप्रदायिक सौहार्द एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने संबंधी भड़काऊ पोस्ट, फोटो, वीडियो या कमेंट सोशल मीडिया में प्रसारित करेगा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

केंद्र से अर्धसैनिक बलों की चार कंपनी और मांगी

हल्द्वानी में हिंसा के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य ने केंद्र से चार और अर्धसैनिक बलों की कंपनी की मांग की है। इस संबंध में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को शनिवार को पत्र लिखा है। बता दें कि हिंसा के बाद पीएसी बल तैनात किया गया था। इसके बाद केंद्रीय बलों की भी तीन कंपनी हल्द्वानी के हिंसाग्रस्त इलाकों में तैनात की गईं थी, लेकिन अब फिर से अतिरिक्त चार कंपनी की मांग की गई है।

India

Feb 11 2024, 15:34

क्या खड़गे ने सदन में किया चौधरी चरण सिंह का अपमान ? उपराष्ट्रपति धनखड़ बोले- ये मैं कभी बर्दाश्त नहीं करूंगा

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को कड़ी फटकार लगाते हुए आरोप लगाया कि खड़गे ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का अपमान किया है, जिन्हें शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया था। धनखड़ ने जोर देकर कहा कि वह "चौधरी चरण सिंह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।"

यह टकराव तब हुआ जब खड़गे ने राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी को सदन में बोलने की अनुमति देने के स्पीकर के फैसले पर सवाल उठाया। धनखड़ ने खड़गे पर वस्तुतः चौधरी चरण सिंह और उनकी विरासत का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''आपके पास भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के लिए समय नहीं था। चौधरी चरण सिंह के मुद्दे पर सदन के अंदर ऐसा माहौल बनाकर आप देश के हर किसान को नुकसान पहुंचा रहे हैं।'' जैसे ही जयंत ने राज्यसभा में सम्मान के लिए सरकार का आभार व्यक्त करना शुरू किया, कांग्रेस सदस्यों ने आपत्ति जताई और खड़गे ने उस नियम पर स्पष्टीकरण मांगा जिसके तहत जयंत को बोलने की अनुमति दी गई थी। हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के कांग्रेस के विरोध पर हैरानी जताई। खड़गे ने कहा कि, भारत रत्न देने के मामले पर सदन में चर्चा क्यों नहीं की गई ?

जयंत ने कांग्रेस द्वारा सदन में चरण सिंह को दिखाए गए "अपमान" पर निराशा व्यक्त की, और इस बात पर जोर दिया कि ऐसे व्यक्ति का सम्मान राजनीतिक गठबंधन और चुनावी परिणामों से परे होना चाहिए। सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विपक्ष के नेता खड़गे से उनकी टिप्पणी के लिए सभापति और देश दोनों से माफी मांगने की मांग की। पूरी कार्यवाही के दौरान, भारतीय राजनीति में चरण सिंह के योगदान, विशेषकर किसानों और ग्रामीण विकास के लिए उनकी वकालत के महत्व को दोहराया गया।

India

Feb 11 2024, 15:06

आज UCC विधेयक पर मंथन करेगी असम कैबिनेट, जल्द ही विधानसभा में भी होगा पेश

 असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के बजट और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर विचार-विमर्श के लिए आज एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। भाजपा शासन में उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पारित करने वाला पहला राज्य बनकर इतिहास रच दिया है।

असम के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने कहा, "समान नागरिक संहिता (यूसीसी) असम के लिए भी जरूरी है। आज होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में यूसीसी पर चर्चा शामिल होगी।" यूसीसी की अवधारणा में विवाह, तलाक और विरासत को नियंत्रित करने वाले कानूनों का एक समान सेट शामिल है, जो सभी भारतीय नागरिकों पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म, जनजाति या स्थानीय रीति-रिवाज कुछ भी हो। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले इस बात पर जोर दिया था कि असम के लिए मसौदा विधेयक को "असम मॉडल" के अनुरूप तैयार किया जाएगा। सरमा ने स्पष्ट किया कि असम में आदिवासियों को यूसीसी से छूट दी जाएगी और विधेयक इस साल के अंत में राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा। 

सीएम सरमा ने कहा कि, "उत्तराखंड के नेतृत्व के बाद असम यूसीसी का अपना संस्करण पेश करेगा। हम वर्तमान में बाल विवाह और बहुविवाह जैसे मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं। इसलिए, असम विधेयक में कुछ संशोधन होंगे और असम-केंद्रित नवाचारों को शामिल किया जाएगा। हम आदिवासियों को UCC के दायरे से बाहर करने की योजना बना रहे हैं।'' पिछले साल जून में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत की, इस बात पर जोर दिया कि देश असमान कानूनों के साथ काम नहीं कर सकता, इसकी तुलना "अलग-अलग परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम" से की गई।

India

Feb 11 2024, 15:05

500 रुपए के लिए बिना पानी डाले शराब पीने लगे 2 दोस्त और हो गई मौत, एमपी के खरगौन से सामने आई चौंकाने वाली घटना

मध्य प्रदेश के खरगोन जिलें से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है यहाँ दो शराबी दोस्तों के बीच ऐसी शर्त लगी कि मातम पसर गया। दोनों ने एक-दूसरे से पांच-पांच क्वार्टर शराब बिना पानी मिलाए पीने की शर्त लगा डाली। शर्त लगाने से पहले ही दोनों ने जमकर शराब पी थी। 500 रुपए के लिए लगे इस शर्त के पश्चात् दोनों जल्दी-जल्दी शराब पीने लगे। शराब पीने के बाद दोनों की तबीयत बिगड़ गई तथा उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा। मगर एक व्यक्ति अधिक बीमार पड़ गया, ऐसे में उसे जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। शर्त लगाने के बाद शराब पीने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह खरगोन जिले के झिरनिया थाना इलाके की घटना है।

दरअसल, एक शराब की दुकान पर दिनेश एवं अरुण नाम के दो दोस्तों के बीच एक शर्त लगी। 500 रुपए के लिए बिना पानी मिलाए पांच क्वार्टर शराब पीना था। यह सबकुछ कैमरे के सामने हो रहा था। शर्त लगते ही दोनों शराब पीने लगे। हालांकि इस घटना के पश्चात् दोनों गंभीर रूप से बीमार पड़ गए, चिकित्सालय में दिनेश की मौत हो गई। वहीं अरुण जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा है। मृतक दिनेश के चाचा लकीराम पवार ने बताया कि हमारे भतीजे ने अपने दोस्त से शराब पीने को लेकर शर्त लगाई थी, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है। दोनों शराब में पानी नहीं डाले एवं पीने लगे। जिसने कम शराब पी उसकी जान तो बच गई मगर दिनेश को घबराहट होने लगी तथा उसने चिकित्सालय में दम तोड़ दिया।

वही इस पूरे मामले को लेकर भिकनगांव SDOP राकेश आर्य ने बताया कि कल 2 दोस्तों, दिनेश पिता गंगाराम बंजारा एवं अरुण पिता बंगी बंजारा, में शर्त लगी कि कौन अधिक शराब पीता है। इसी शर्त के चक्कर में दोनों ने लगभग 3 से 4 क्वार्टर शराब पी डाली। इस वजह से दोनों की हालत खराब हो गई तथा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झिरन्या में भर्ती कराया गया। जहां से दिनेश की हालत अधिक खराब होने के चलते उसे जिला चिकित्सालय में रेफर किया गया। वहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में फिलहाल विवेचना कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

India

Feb 11 2024, 14:30

पाकिस्तान चुनाव में धांधली: इलेक्शन कमीशन ने दिया फिर से मतदान कराने का आदेश, राजनीतिक दलों में हड़कंप

डेस्क: पाकिस्तान चुनाव में धांधली के आरोपों से जनता सड़क पर है। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ आज देश भर में विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसके चलते जगह-जगह पुलिस की तैनाती करनी पड़ी है। पीटीआइ ने देश भर में विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों के पोलिंग बूथों पर धांधली का आरोप लगया है। 

इस बीच पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने दिया फिर से मतदान कराने का आदेश दे दिया है। इससे राजनीतिक दलों में हड़कंप मच गया है। हालांकि चुनाव आयोग का यह आदेश केवल उन सीटों के लिए है, जहां पर बड़ी धांधली होने, मतपत्र छीनने और मतदाताओं को वोट से वंचित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अन्य सीटों पर फिर से चुनाव नहीं होंगे। 

पाकिस्तान चुनाव आयोग के सामने कई क्षेत्रों के पोलिंग बूथों से मतदान सामग्री छीने जाने की शिकायतें आई थीं। इसके बाद चुनाव आयोग ने यह निर्देश जारी किया है। पाकिस्तान के जिओ टीवी रिपोर्ट के मुताबिक ईसीपी ने मतदान सामग्री के छीने जाने और उनके क्षतिग्रस्त होने की शिकायतों के बीच देश भर के तमाम मतदान केंद्रों पर दोबारा पोलिंग कराए जाने का आदेश जारी किया है। 

इससे पहले कड़ी मशक्तों और बमबारी के बीच ईसीपी ने 8 फरवरी को चुनाव करा पाने में सफलता पाई थी। हालांकि बड़े-बड़े दावे के बावजूद विभिन्न पोलिंग केंद्रों पर निष्पक्ष मतदान नहीं हो सका। ऐसे में ईसीपी को यह आदेश देना पड़ा। 

अभी तक नहीं हो सकी चुनाव परिणामों की घोषणा

पाकिस्तान में चुनाव आयोग मतदान संपन्न होने के चौथे दिन भी चुनाव परिणामों की सटीक घोषणा अभी तक नहीं की जा सकी है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार इमरान खान की पीटीआइ को 100 सीटें, नवाज शरीफ की पीएमएल-एन को 73 और बिलावल की पार्टी को 52 सीटें मिलती दिख ही हैं। मगर कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां के नीतेज चौथे दिन भी धांधली के आरोपों के बीच जारी नहीं किए जा सके हैं। इन्हीं सीटों पर पुनर्मतदान है। चुनाव आयोग ने 15 फरवरी की तारीख इसके लिए तय की है।

India

Feb 11 2024, 13:44

13 फरवरी को किसानों का बड़ा विरोध प्रदर्शन, अलर्ट पर पुलिस, बॉर्डर पर शुरू की ये तैयारी

13 फरवरी को किसानों द्वारा किए जाने वाले विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है। पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली है कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर सकते हैं। पुलिस ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश और दिल्ली-हरियाणा सीमाओं पर बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी है।

पुलिस ने 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। इनमें दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ और एसएसबी के जवान शामिल हैं। पुलिस ने वाटर कैनन और अन्य सुरक्षा उपकरण भी तैनात किए हैं।

किसान संगठनों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून की मांग को लेकर 13 फरवरी को विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।

India

Feb 11 2024, 13:43

पंजाब में भाजपा और अकाली दल गठबंधन को लेकर पिछले कुछ समय से चल रही बातचीत का नहीं निकल रहा नतीजा, पढ़िए, क्यों हुई राहे जुदा

लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए लगातार अपना कुनबा बढ़ाने की कोशिशों में लगा हुआ है. इस कड़ी में बीजेपी और अकाली दल के बीच पंजाब में गठबंधन को लेकर पिछले कुछ समय से बातचीत चल रही थी. अब सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है जिसके मुताबिक, पंजाब में अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की बातचीत विफल हो गई है.

पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के एक साथ चुनाव ना लड़ने के ऐलान बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति बदल दी है. सूत्रों के मुताबिक, अकाली दल द्वारा किसान आंदोलन, सिख बंदियों की रिहाई के मामलों को लेकर भी बीजेपी पर दवाब बनाया जा रहा था. साथ ही पंजाब की बीजेपी लीडरशिप भी गठबंधन के हक में नहीं थी. 

इस वजह से अलग हुई थी बीजेपी-अकाली की राह

आपको बता दें कि केंद्र सरकार जब किसानों के लिए नए कृषि कानून लेकर आई थी, उसके विरोध में अकाली दल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था. उसके बाद अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर ही पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था.

इस वजह से नहीं बनी बात?

कुछ समय पहले अकाली दल के सूत्रों ने बताया था कि बीजेपी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से छह सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि अकाली दल इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. जब अकाली दल एनडीए में शामिल था, तो वो 10 सीटों पर चुनाव लड़ता रहा और बीजेपी तीन सीटों पर चुनाव रही थी.

दरअसल इस समय पंजाब में अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन है. कहा जा रहा है कि वो इस गठबंधन को तोड़ना नहीं चाहते क्योंकि बीएसपी का पंजाब में अच्छा-खासा प्रभाव है. वहीं सुखदेव सिंह ढींढसा के गुट की भी अकाली दल में शामिल होने की बात चल रही है.

वहीं अकाली नेताओं का आरोप है कि बीजेपी ने पंजाब में अकाली दल को कमजोर करने की भी कोशिश की है. बीजेपी ने अकाली दल के नाराज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया ताकि अकाली का वोटबैंक उसको ट्रांसफर हो सके. जालंधर लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे इंदर सिंह अटवाल को अपना उम्मीदवार बनाया था.

India

Feb 11 2024, 13:41

सपा और कांग्रेस की परेशानी बढ़ाएगा भाजपा रालोद का नया अलायन्स, पढ़िए, कैसे बन और बिगड़ रहे राजनैतिक समीकरण

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने के बाद भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल की नजदीकियां काफी तेजी से बढ़ने लगी हैं, जो कि उनके बीच लोकसभा चुनाव में गठबंधन की ओर संकेत कर रहा है. भाजपा और रालोद का गठजोड़ कांग्रेस और सपा के लिए बड़ी चुनौती खड़ी करने जा रहा है. इसके अलावा यह गठबंधन दोनों दलों को एक बार रणनीति बदलने पर मजबूर भी करेगा. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जयंत के पाला बदलने से सपा और कांग्रेस के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है, क्योंकि उन्हें जाट बहुल सीटों पर मशक्कत करनी पड़ेगी. 2022 में इन सीटों पर दोनों दलों को काफी फायदा मिला था.

चुनावी आंकड़ों को देखें तो 2022 के विधानसभा में मेरठ, मुरादाबाद और साहरनपुर मंडल में जाट मुस्लिम का गठजोड़ काफी कारगर साबित हुआ था. 2017 में भाजपा ने यहां 50 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं 2022 के आंकड़ों को देखने से सामने आता है कि भाजपा को 40 सीटों पर ही कामयाबी मिली, जबकि विपक्ष की सीटें 20 से बढ़कर 31 हो गई. 2019 के संसदीय चुनाव में सपा, बसपा और रालोद के गठबंधन ने मोदी लहर होने के बाद भी सभी छह सीटों पर कब्जा किया था. इनमें बिजनौर, नगीना और अमरोहा सीटें बसपा को मिलीं, जबकि मुरादाबाद, संभल और रामपुर सीटों पर सपा काबिज हुई. रालोद किसी सीट पर नहीं लड़ी थी

राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में जाट वोट काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए भाजपा रालोद के साथ गठबंधन करने के लिए आतुर है. यूपी की 18 ऐसी सीटें हैं, जिनमे इनकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है. कैराना, मुरादाबाद, अलीगढ़, मुज्जफरनगर, मेरठ, साहरनपुर, बिजनौर, संभल, नगीना, इन पर मुस्लिम वोटर भी काफी प्रभावी भूमिका में हैं. इसी कारण इनका आपसी गठजोड़ भी काफी मुफीद होता है. 2014 के बाद से जाट वोट बैंक पर भाजपा की पकड़ काफी मजबूत दिखाई दे रही है. रालोद के सपा के साथ न रहने से काफी मुश्किल हो सकती है.

रावत कहते हैं कि जयंत के आने से भाजपा में जाट वोट का विभाजन रुकेगा. जयंत के आने से पश्चिमी यूपी के साथ हरियाणा और राजस्थान की राजनीति साधेगी, क्योंकि चौधरी चरण सिंह के परिवार से बड़ा अभी तक कोई बड़ा जाट नेता नजर नहीं आ रहा है. भारत रत्न से इसकी बानगी भी दिखाई दे गई. उन्होंने कहा कि जयंत को भाजपा में आने से बहुत फायदे हैं. एक तो उनकी सीटें बढ़ेंगी और कन्वर्जन रेट भी बढ़ेगा. अगर सरकार बनती है तो उनके मंत्री बनने का भी मौका है. चाहे अनुप्रिया हो या रामदास आठवले, सभी गठबंधन में हैं और मंत्री भी हैं. सरकार में रहने पर जाट राजनीति भी भरपूर तरीके से कर पाएंगे. भाजपा के पास वैसे भी जाट नेताओं की कमी हैं, जिसे जयंत के साथ पूरा किया जा सकता है.

एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक रतनमणि लाल कहते हैं कि अगर जयंत अखिलेश और कांग्रेस के साथ होते तो कांग्रेस को पांच से आठ से सीटों के बारे में सोचना न पड़ता, जहां पर रालोद का दबदबा है. यही वे सीटें थीं, जहां अखिलेश भी अपने को मजबूत नहीं समझते हैं. इसी कारण वे सात सीटें छोड़ने को तैयार थे. अब इन सीटों पर कांग्रेस और सपा को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि जाट बाहुल सीटों पर जयंत अपने लिए काम करेंगे. कांग्रेस पहले ही सीटों को लेकर परेशानी का सामना कर रही है. अब जयंत के जाने से उन्हें नए सिरे से माथापच्ची करनी पड़ेगी.

रतनमणि कहते हैं कि जयंत के भाजपा के साथ जाने से जाट और मुस्लिम कॉम्बिनेशन का फायदा मिलेगा. पश्चिमी क्षेत्र में जयंत और मजबूत होंगे. भाजपा पश्चिम में मजबूत होगी. इसका असर अन्य इलाकों में भी होगा. रालोद मुखिया सांसद जयंत चौधरी ने राज्यसभा में मोदी सरकार की तारीफ में कहा कि मैं 10 साल तक विपक्ष में रहा हूं, कुछ समय के लिए इस सदन के इस तरफ बैठा हूं. दस साल में मैंने देखा है कि मौजूदा सरकार की कार्यशैली में भी चौधरी चरण सिंह के विचारों की झलक मिलती है. पीएम मोदी गांव में शौचालयों के मुद्दों को संबोधित करते हैं, जब भारत सरकार महिला सशक्तिकरण को अपना मंच बनाती है और गांवों में जागरूकता पैदा करती है, तो मुझे इसमें चौधरी चरण सिंह जी की बोली याद आती है. हम लोग बंटे रहेंगे तो नेताओं को समझ नहीं पाएंगे. कुछ लोग जाटों और किसानों का नेता चौधरी चरण सिंह को मानते थे.

सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर आशुतोष वर्मा कहते हैं कि जयंत चौधरी ने अभी आधिकारिक कोई घोषणा नहीं की है कि वे भाजपा में जा रहे हैं. जिस प्रकार से पश्चिम में उन्होंने किसानों के मुद्दों पर कई लड़ाई लड़ी है, उनके ऊपर भाजपा ने लाठी बरसाई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने भाजपा के खिलाफ एक बड़ी मुहिम छेड़ रखी है. रालोद, सपा और कांग्रेस मिलकर भाजपा का रथ रोकने जा रही है. भाजपा, इंडिया गठबंधन से परेशान न होती तो हमारे गठबंधन में शामिल लोगों को तोड़ती नहीं. जनता सब कुछ जान चुकी है. इन्हें चुनाव मे जवाब देने को तैयार है.

कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि यूपी जातीय समीकरण में फिट है. राहुल गांधी की न्याय यात्रा जहां-जहां से गुजरेगी, भाजपा वहां साफ होती जाएगी. पश्चिमी यूपी में जाट और किसानों के मुद्दों पर कांग्रेस आगे रही है. जयंत अभी हमारे गठबंधन का हिस्सा हैं. भाजपा जानती है कि कांग्रेस ही उसे हरा सकती है, इसी कारण वह परेशान है.

भाजपा प्रवक्ता आनंद दुबे कहते हैं कि इंडिया गठबंधन, भाजपा के डर के कारण बना है. इसमें शामिल सभी दल एक दूसरे को गाली देते थे. अब उन्हें कांग्रेस ने हार का साझीदार बनाने के लिए एक साथ जोड़ा है. कांग्रेस नहीं चाहती है कि हार का ठीकरा सिर्फ राहुल गांधी के सिर पर फूटे, इसी कारण उन्होंने यह गठजोड़ तैयार किया है. यह लोग अपने सहयोगियों को संभालने में खुद असमर्थ है. अब तरह तरह के बहाने बना रहे हैं. मोदी जी एक बार फिर से प्रचंड बहुमत से जीतने जा रहे हैं. इसी कारण इंडिया गठबंधन के लोग परेशान हैं.

India

Feb 11 2024, 13:39

*दिल्ली के कई इलाकों और सीमाओं पर धारा 144 लागू, किसानों के प्रदर्शन को लेकर लिया गया फैसला

डेस्क: किसानों ने अपनी कई मांगों को लेकर एक बार फिर से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। हरियाणा-पंजाब से किसान दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। इन्हें रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने कई तरह के अवरोध लगा दिए हैं। सड़कों पर सीमेंटेड बैरिकेड और कीलें आदि लगा दी हैं। नहरों को खोद दिया गया है। इसके बाद भी अगर किसान दिल्ली तक पहुंचने में सफल होते हैं तो यहां दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोकने की तैयारी की है।

सीमाओं पर लगाई गई धारा 144

इसी क्रम में दिल्ली पुलिस ने राज्य के कई इलाकों और सीमाओं पर धारा 144 लगा दी है। दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि किसानों के आंदोलन को देखते हुए सीमाओं पर धारा 144 लागू की जाती है। आदेश में कहा गया है कि धारा 144 रविवार 11 फरवरी से 11 मार्च तक लागू रहेगी। इसके साथ ही धारा 144 के चलते किसी भी बॉर्डर पर भीड़ इक्कठा नही हो सकेगी।

हथियार आदि लेकर आना भी प्रतिबंधित

पुलसी की तरफ जारी हुए आदेश में कहा गया है कि धारा 144 के लागू होने के चलते ट्रैक्टर, ट्रॉली, बस, ट्रक्स, कमर्शियल व्हीकल, घोड़े आदि पर प्रोटेस्टर का दिल्ली में आना प्रतिबंध होगा। इसके साथ ही किसी को भी हथियार, तलवार, त्रिशूल, लाठी या रोड आदि के साथ दिल्ली में आना प्रतिबंधित होगा। 

खट्टर सरकार ने कई जिलों में बंद किया इंटरनेट

वहीं इससे पहले हरियाणा की खट्टर सरकार ने जहां प्रदेश के सात जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी है, तो वहीं अब पंचकूला में धारा 144 लागू कर दी गई है। पंचकूला डीसीपी सुमेर सिंह प्रताप के अनुसार, पैदल या ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों के साथ जुलूस, प्रदर्शन, मार्च निकालने और किसी भी तरह की लाठी, रॉड या हथियार ले जाने पर पाबंदी लगाई गई है।