पाकिस्तान में चुनाव से एक दिन पहले दो धमाके, 25 लोगों की गई जान

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पाकिस्तान में गुरूवार यानी 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं। चुनाव से एक दिन पहले बुधवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में दो भीषण बम विस्फोट हुआ। इस दौरान 25 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हो गए हैं। पहली घटना में, पिशिन जिले में निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर एक भीषण विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। एक घंटे से भी कम समय के बाद, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जमीयत उलेमा इस्लाम (जेयूआई) के चुनाव कार्यालय के बाहर एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई और 12 अन्य घायल हो गए।

बलूचिस्तान में ये बम विस्फोट पाकिस्तान में राष्ट्रीय असेंबली के साथ-साथ चार प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान होने से 24 घंटे से भी कम समय पहले हुए हैं। मृतकों के अलावा कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। जिनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर है। उनका खानोजई अस्पताल में इलाज चल रहा है। फिलहाल किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है कि आखिर ये हमला किसने और क्यों करवाया।

बलूचिस्तान के केयरटेकर सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- पहला धमाके की प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन से पता चला है कि विस्फोटक सामान एक बाइक में रखा था। इस मामले की जांच की जा रही है। वहीं, दूसरे धमाके की वजह सामने नहीं आई है।

इधर, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अली मर्दान खान डोमकी ने हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा- ऐसी घटनाएं शांतिपूर्ण चुनाव की प्रक्रिया को कमजोर करने की एक साजिश है। हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगा। हम घायलों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

राज्यसभा में पीएम मोदी का खरगे की “आजादी” पर तंज, बोले-ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा

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राज्यसभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर राज्यसभा में जमकर तंज कसा और कहा कि लोकसभा में आजकल मनोरंजन कम मिलता है, क्योंकि वो किसी दूसरी ड्यूटी पर लगे हैं। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें काफी समय बात इतने लंबे वक्त तक बोलते देखकर अच्छा लगा। पीएम मोदी ने खड़गे के उस बयान पर भी चुटकी ली, जिसमें उन्होंने एनडीए के लिए 400 सीटों का जिक्र किया था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ साथियों के लिए आलोचना करना, कड़वी बातें करना, ये उनकी मजबूरी थी। उनके प्रति भी मैं संवेदान प्रकट करता हूं। मैं उस दिन तो कह नहीं पाया, मगर मैं खड़गे जी का विशेष आभार प्रकट कर रहा हूं। मैं उस दिन बहुत ध्यान से सुन रहा था खड़गे जी को और ऐसा आया आनंद आया, ऐसा आनंद आया। ऐसा बहुत कम मिलता है। लोकसभा में तो कभी-कभी मिल जाता है, मगर आज कल वो दूसरी ड्यूटी पर हैं। मनोरजंन कम मिलता है।लेकिन लोकसभा में मनोरंजन की कमी जो खल रही है, उस दिन आपने पूरी कर दी।

पीएम मोदी ने कहा, मैं सोच रहा था कि इतना सारा बोलने की आजादी खरगे जी को मिली कैसे? फिर मुझे ध्यान आया कि जो दो स्पेशल कमांडर रहते हैं, वो नहीं थे। इसलिए स्वतंत्रता का भरपूर फायदा खरगे जी ने उठाया। मुझे लगता है कि उस दिन खरगे जी ने सिनेमा का वह गाना सुना होगा- ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा? खरगे जी के भी कमांडो नहीं थे तो उन्हें चौके-छक्के मारने में मजा आ रहा था।

उन्होंने आगे कहा कि एक बात खुशी की रही खरगे ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 400 सीटें पाने का आशीर्वाद दिया है। यह आशीर्वाद सिर आंखों पर है। वह चाहें तो अब इस आशीर्वाद को वापस ले सकते हैं।

कांग्रेस पर पीएम मोदी का करारा प्रहारः बोले-जिसने देश की जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी, आज हमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा में भाग लिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्‍यसभा में कांग्रेस पर करारे प्रहार किए। पीएम मोदी ने कहा कि आज भी मेरा मंत्र है देश के विकास के लिए राज्य का विकास। हम राज्यों के विकास से ही देश का विकास कर पाएंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्य अगर एक कदम चलता है तो हम दो कदम चलेंगे। मैंने तो हमेशा कहा कि हमारे राज्यों के बीच में सकारात्मक सोच के साथ चलने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, एक राष्ट्र हमारे लिए सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि हम सबके लिए एक प्रेरणा देने वाली इकाई है। देश का कोई अंग विकास से वंचित रह जाएगा तो भारत विकसित नहीं हो पाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये हम सबका दायित्व है कि देश विकास करे। हिन्दुस्तान के किसी भी जगह दर्द हो तो पीड़ा, सबको होनी चाहिए। लेकिन आज राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश को तोड़ने वाली भाषाएं बोली जा रही हैं। जिस प्रकार के आज भाषा बोली जा रही है, राजनीतिक स्वार्थ के लिए नए नैरेटिव बनाए जा रहे हैं। इससे बड़ा देश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है? देश को आगे बढ़ने दें उन्हें रोके नहीं।

पीएम मोदी ने कहा 'जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकातांत्रिक तरीकों से चुनकर आई सरकारों को रातों रात भंग कर दिया। बर्खास्त कर दिया। जिस कांग्रेस ने देश के संविधान-लोकतंत्र की मर्यादाओं को जेल के पीछे बंद कर दिया था। जिस कांग्रेस ने अखबारों पर ताले लगाने की कोशिश की। जिस कांग्रेस ने देश को तोड़ने का नया नैरेटिव गढ़ने का काम किया है। जो उत्तर-दक्षिण को तोड़ने की बात कह रही है। वह हमें फेडरलिज्म पर प्रवचन दे रही है।

पीएम मोदी ने कहा, ये कांग्रेस हमें लोकतंत्र पर प्रवचन दे रही है। आप भाषा के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे है। जिसने नॉर्थ ईस्ट को हमला, हिंसा में ढकेल दिया। जिसने नक्सलवाद के लिए देश के लिए चुनौती बनाकर छोड़ दिया। देश की जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी। देश की सेना का आधुनिकीकरण रोक दिया। आज हमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं।

पीएम मोदी ने नेहरू को बताया आरक्षण विरोधी, बोले-बाबा साहेब नहीं होते तो शायद न मिल पाता एसटी-एससी को आरक्षण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपनी बात रख रहे हैं। अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की तारीफ की। वहीं, अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम मोदी ने फिर एक बार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जो कहा वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। दिखावे के लिए आप कुछ भी कहें, लेकिन आपकी सोच ऐसे कई उदाहरणों से सिद्ध होती है।

पीएम मोदी ने कहा, नेहरू जी कहते थे कि अगर एससी/एसटी, ओबीसी को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। आज जो ये आंकड़े गिनाते हैं, उसका मूल यहीं है। अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती, तो वो प्रमोशन के बाद आगे बढ़ते और आज यहां पहुंचते।

कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का जिक्र किया।पीएम ने कहा कि नेहरू ने उस चिट्ठी में लिखा कि 'मैं आरक्षण के खिलाफ हूं, खासकर नौकरियों में।मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। इसी के आधार पर मैं कहता हूं कि कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी है।

जाति के मामले पर कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा जाति के मामले पर कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों की कांग्रेस जन्मजात विरोधी है, अगर बाबा साहेब आंबेडकर नहीं होते तो पता नहीं एससी, एसटी को आरक्षण भी मिलता या नहीं। नेहरू जी ने जो कहा, वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। मैं अनगिनत उदाहरण दे सकता हूं और वो मैं जम्मू कश्मीर का देना चाहूंगा। नेहरू ने कश्मीर के एससी, ओबीसी और एसटी को सात दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखेगा। हमने आर्टिकल 370 को निरस्त किया, तब जाकर इतने दशकों के बाद एसटी,एससी ओबीसी को वो अधिकार मिले, जिन्हें रोक कर रखा गया था। जम्मू कश्मीर में फोरेस्ट राइट एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट नहीं था, ये हमने 70 हटाकर अधिकार दिए। हमारे एससी समुदाय में भी सबसे पीछे बाल्मिकी समाज रहा, लेकिन हमारे बाल्मिकी परिवारों को जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल का अधिकार नहीं दिया गया। मैं आज देश को भी अवगत करना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में कल 6 फरवरी को विधेयक लोकसभा में बिल पारित हो गया।

कांग्रेस के नेता की अपनी कोई गारंटी नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, जिस कांग्रेस ने ओबीसी को पूरी तरह आरक्षण नहीं दिया, जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण नहीं दिया, बाबा साहेब को भारत रत्न के लायक नहीं माना, अपने ही परिवार को भारत रत्न देते रहे, जिस कांग्रेस ने देश के चौक-चौराहों पर अपने ही नाम लिख दिए, जिस कांग्रेस के नेता की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।

पेटीएम के बाद भारत पे की बढ़ी मुश्किलें, सरकार ने नोटिस भेजकर अशनीर ग्रोवर मामले में जानकारी मांगी

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ऑनलाइन पेमेंट और बैंकिंग ऐप पेटीएम के बाद भारत पे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भारत सरकार के कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने फिनटेक कंपनी भारतपे को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनीज एक्ट की धारा 206 के तहत जारी किया गया है, जिसमें सरकार ने कंपनी से इसके संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट मंत्रालय ने भारतपे को नोटिस जारी कर पूछा है कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए आपराधिक और दीवानी मामलों से जुड़े क्‍या सबूत हैं। कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री ने कंपनी से उन सबूतों के बारे में जानकारी मांगी है, जो कंपनी ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज कराए आपराधिक मामले में अदालत में जमा किए हैं। बता दें कि यह मामला करीब दो साल से चल रहा है।

नोटिस के बाद भारतपे ने क्या कहा?

फिनटेक कंपनी भारतपे ने एक बयान जारी किया है. कंपनी का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) ने लेटर भेजा है जिसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी गई है. मांगी गई ये जानकारियां चल रही जांच का एक हिस्सा है जो इंटर्नल गवर्नेंस रिव्यू के बाद शुरू हुई थी और जिसे कंपनी ने अपने ऑडिटेड रिजल्ट में सामने लाया था. कंपनी का कहना है कि वह अथॉरिटी के हरसंभव सहयोग कर रही है।

अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेरी के आरोप

गौरतलब है कि अशनीर ग्रोवर ने ही भारतपे की स्‍थापना की थी। बाद में अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेर करने के आरोप लगे और उन्‍हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फिनटेक कंपनी साल 2022 में उस वक्त विवादों में आ गई थी, जब कंपनी के फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कोटक ग्रुप के कर्मचारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और उसे धमकी दी थी। दरअसल कोटक ग्रुप का कर्मचारी Nykaa कंपनी के आईपीओ के दौरान एलॉटमेंट को सिक्योर नहीं कर सका था। विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी ने अपने वित्तीय खातों का ऑडिट कराने का फैसला किया था। 

कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप

ऑडिट के बाद भारतपे ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके भाई पर धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने दावा किया था कि अशनीर और उनकी पत्नी की वजह से कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंपनी ने नुकसान की भरपाई के लिए मामला दर्ज कराया था। हालांकि अशनीर और अपने और अपनी पत्नी के ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया था। कंपनी ने ये भी आरोप लगाया था कि भारतपे टेक्नोलॉजी में अशनीर ग्रोवर का कोई योगदान नहीं है।

इंडिया” गठबंधन को लगने वाला है एक और झटका, बीजेपी के साथ जा सकते हैं जयंत चौधरी, क्या चल रहा है आरएलडी के अंदरखाने?

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लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक लगाने की तैयारिय़ों में जुटी हुई है। वहीं, बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरा जोर लगाया है। हालांकि, विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव एनडीए घटक के लिए शुभ संकेत दे रही है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के जोरदार झटके के बाद विपक्षी दलों के “इंडिया” गठबंधन की एक और खुलने वाली है। एंटी-बीजेपी मोर्चे का नया सिरदर्द राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी हो सकते हैं। खबरें आ रही हैं कि जयंत चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।

आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की कगार पर

खबर है कि आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी की बीजेपी से डील हो गई है। इसके बाद वह सपा का साथ छोड़ सकते हैं और एनडीए खेमे में जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने जयंत चौधरी को लोकसभा की 4 सीटें ऑफर की हैं। इसके बाद से आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की चर्चा तेज हो गई है। बीते दिनों ये खबर आ रही थी कि सीट बंटवारे को लेकर सपा और आरलएडी में खींचतान चल रही है।मीडिया में जो खबरें चल रही हैं उसके मुताबिक, भाजपा ने हाथरस, बागपत, मथुरा और अमरोहा की लोकसभा सीट आरएलडी को ऑफर की है। वहीं जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर और कैराना में से एक सीट और चाह रहे हैं। 

शीट शेयरिंग को लेकर सपा-आरएलडी में खींचतान

जयंत चौधरी ने 19 जनवरी को उन्होंने अखिलेश यादव के साथ सीटों का समझौता किया था और 2024 के लोकसभा चुनाव में 7 सीटों पर लड़ने को राजी हो गए थे। इनमें बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा और हाथरस तो तय थे लेकिन दो सीटों पर बात नहीं बन पाई थी। मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से कोई दो सीट आरएलडी को दी जानी थी। जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा अखिलेश यादव चाहते थे कि मुजफ्फरनगर, कैराना और बिजनौर में आरएलडी के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार खड़े हों। इन्हीं सबको लेकर दोनों ही दलों में खींचतान चल रही थी।

 

क्या है जयंत की सियासी मजबूरी?

अब 20 दिन के भीतर ही जयंत चौधरी का मूड बदल गया है।खबर है कि वह एनडीए में जाने के लिए तैयार हैं। खासबात यह है कि कम सीटें पाकर भी वह भाजपा के करीब जाना चाहते हैं।ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जयंत चौधरी आखिर अखिलेश की सात सीटों की बजाय बीजेपी के चार सीटों के ऑफर पर क्यों उत्सुक हैं। सियासी जानकारों की मानें तो इसकी वजह शायद अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव जीतने की गारंटी न होना है। जयंत चौधरी को लग रहा होगा कि राम मंदिर लहर पर सवार बीजेपी को रोकना विपक्ष के लिए मुश्किल होगा, विशेषकर हिंदीभाषी क्षेत्र में। ऐसे में जयंत चौधरी भी मोदी लहर पर सवार होकर लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं।

इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन में फायदे की आस

वहीं, खबरें ये भी हैं कि आरएलडी नेताओं ने इंडिया गठबंधन में अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है। आरएलडी का कोर वोटबैंक जाट समुदाय है, इस समुदाय का एक तबका बीजेपी के साथ जाने के लिए दवाब बना रहा है, जिसके चलते भी जयंत चौधरी कशमकश में हैं। सूत्रों की माने तो शामली से आरएलडी विधायक प्रसन्न चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं। उन्हें लगता है कि इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन करने का सियासी फायदा आरएलडी को मिलेगा।

कोई बासी फल नहीं खरीदेगा', एमपी में कांग्रेस नेता कमलनाथ की BJP में एंट्री पर बोले कैलाश विजयवर्गीय, पढ़िए, और क्या दिया बयान

मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम कमलनाथ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कमलनाथ को बासी फल बताया है। कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित होने की चर्चाओं पर भी बयान दिया है। कैलाश ने कहा कि कमलनाथ के लिए भारतीय जनता पार्टी में दरवाजे बंद हैं। विजयवर्गीय का कहना था कि यदि कोई बाजार में जाएगा तो ताजा फल खरीदेगा ना। बासी फल थोड़ी खरीदेगा। हम उनको (कमलनाथ) भारतीय जनता पार्टी में बिल्कुल नहीं लेंगे। यदि वो आना भी चाहते हैं तो भी उनके लिए दरवाजे बंद हैं।

कमलनाथ को लेकर कहा जा रहा था कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने इन चर्चाओं को अफवाह बताया था। किन्तु यह भी कहा था कि राजनीतिक नेता स्वतंत्र हैं तथा किसी भी पार्टी से जुड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं। कोई भी किसी पार्टी में सम्मिलित होने के लिए स्वतंत्र है। दरअसल, कमलनाथ से पूछा गया था कि क्या कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हो सकते हैं? इस पर कमलनाथ ने कहा, सभी स्वतंत्र हैं, किसी पार्टी से जुड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं। स्वयं के पाला बदलने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर नाथ ने कहा, 'बहुत सारी अफवाहें चल रही हैं, मैं उनके बारे में क्या कह सकता हूं?

वही यह पूछे जाने पर कि क्या वो आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? इस पर कमलनाथ ने कहा, उम्मीदवारों पर सभी फैसला पार्टी द्वारा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा, उम्मीदवारों का फैसला जीतने की क्षमता के आधार पर किया जाएगा। बताते चलें कि कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं। बीते दो बार से छिंदवाड़ा से MLA हैं। उनके बेटे नकुलनाथ इस समय छिंदवाड़ा से सांसद हैं। कमलनाथ दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच सीएम रहे। वे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

प्रेमिका संग था पति, तभी अचानक आ गई पत्नी और फिर... आगे पढ़िए क्या हुआ

मध्य प्रदेश के सतना जिले के सिविल लाइन थाना के पतेरी क्षेत्र में पति-पत्नी एवं प्रेमिका के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा सामने आया। हाई वोल्टेज ड्रामे के चलते पुलिसकर्मियों की उपस्थिति रही। महिला अपने मायकेवालों एवं पुलिसकर्मियों के साथ एक घर के अंदर पहुंची तथा अपने पति की चप्पलों से पिटाई करने लगी। महिला ने पति के साथ उपस्थित एक अन्य महिला को भी पीटा। मारपीट करने वाली महिला का आरोप है कि उसके पति के किसी अन्य महिला के साथ रिश्ते हैं तथा वह उसे तलाक देने के फिराक में है। वह पीड़ित थी और लम्बे वक़्त से पति एवं उसके प्रेमिका की रेकी कर सबूत इकट्ठे कर रही थी। आखिरकार पति की प्रेमिका को रंगे हाथों पकड़ लिया।

महिला ने आग बबूला होकर न केवल पति की चप्पलों से पिटाई की, बल्कि उसकी प्रेमिका को भी बुरी तरह पीटा। मारपीट का वीडियो पीड़ित महिला के परिजनों ने बनाया, जो कि अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वहीं, इस घटना के चलते मौके पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने देर सबेर बीच बचाव किया तथा अब मामले की तहकीकात कर कार्रवाई आरम्भ कर दी है। मारपीट करने वाली महिला ने बताया, मेरे पति 3 वर्षों से मुझे मायके से लेकर नहीं आ रहे थे। वह मुझे ससुराल लेकर नहीं आए तो मैंने अपने बच्चे का दाखिला उज्जैन में करवा दिया था। अब मैं एक वर्ष पश्चात् स्वयं अपनी मर्जी से आई तो पति आए दिन यही बोलता था कि क्यों आई है? यहां से चली वापस मायके। मतलब मुझे भागना ही चाहता था और छोटी छोटी बातों पर लड़ता रहता था। तब फिर मैंने रात को फोन कॉल पर पति को किसी से बात करते हुए सुना। मुझे शक हुआ मैंने जांच पड़ताल आरम्भ की।

सतना में रेकी की तब पता चला कि एक औरत से फंसा हुआ है। इसीलिए मुझ पर तलाक के लिए दबाव डालता है। मां बहन की गंदी-गंदी गालियां देता है। जब मेरे मायकेवालों ने पता किया तो सतना में मेरा पति एवं उसकी प्रेमिका दोनों रंगे हाथों पकड़े गए। हमने बहुत बार पीछा किया। कम से कम पति की 6-7 वीडियो हमने बना रखी हैं। बस, सबूत का इंतजार था। आखिरकार पुलिस की सहायता से दोनों को पकड़ लिया है।

उत्तराखंड विस में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही, विधेयक पारित होना तय

उत्तराखंड विधानसभा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है। उसके 47 सदस्य हैं। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उसे समर्थन प्राप्त है। ऐसे में यूसीसी विधेयक पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं है। चर्चा के बाद यूसीसी विधेयक पारित होना तय माना जा रहा है। समवर्ती सूची का विषय होने की वजह से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के माध्यम से अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति को भी भेजा जा सकता है।

विधानसभा में आज पारित हो सकता है यूसीसी, कुछ ही देर में शुरू होगी सदन की कार्यवाही

उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज तीसरा दिन है। सदन में आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पारित हो सकता है। दो साल की कसरत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा के पटल पर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) उत्तराखंड विधेयक 2022 रखकर इतिहास रच दिया। सदन में बिल पेश करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य हो गया है।

विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा।

विपक्ष ने की बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग

मंगलवार को सदन के सारे कामकाज स्थगित कर सरकार सदन में 202 पृष्ठों का यूसीसी विधेयक लेकर आई। इस प्रक्रिया को लेकर सदन में विपक्ष की नाराजगी पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने ढाई घंटे सदन स्थगित रखा ताकि बिल के अध्ययन के लिए समय मिले। शाम करीब साढ़े छह बजे सदन स्थगित हो गया।

चर्चा के बाद बुधवार को बिल पारित होने की संभावना है। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने धामी सरकार की तारीफ की तो नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व एक अन्य विपक्षी सदस्य ने इसे पुनर्विचार के लिए प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग उठाई। इससे पहले सीएम धामी हाथों में संविधान की पुस्तक लेकर विधानसभा में पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस सदस्य प्रीतम सिंह ने व्यवस्था प्रश्न उठाया कि बिल पेश किया जा रहा है, लेकिन उन्हें बिल की प्रति नहीं मिली है। उन्होंने स्पीकर से बिल का अध्ययन करने के लिए समय देने की मांग की।

ईडी की रेड पर केजरीवाल की मंत्री आतिशी का बड़ा आरोप, बोलीं-16 घंटे की छापेमारी में नहीं की कोई पूछताछ

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दिल्ली सरकार की कैबिनेट मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने बुधवार को आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। आतिशी ने कहा है कि छापेमारी ईडी के अधिकारी इस दौरान सिर्फ ड्राइंग रूम में ही बैठे रहे और पूरी दुनिया में तमाशा चलता रहा। उन्होंने दो जीमेल आईडी के अकाउंट का डाउनलोड लिया साथ ही परिवार के लोगों के तीन फोन लिए। उन्होंने कहा कि अब तो ईडी ने पूछताछ और तलाशी करने का दिखावा भी नहीं किया। ऐसे में ईडी ने अपना असली रूप सभी के सामने रख दिया है।

आतिशी ने कहा, '16-16 घंटे की छापेमारी में ईडी के अफसरों ने सीएम के पीएस के घर में या आप सांसद एनडी गुप्ता के घर में कोई तलाशी नहीं ली, कोई पूछताछ नहीं की, कोई कागज नहीं ढूंढे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि वे किस केस की जांच करने आए हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि ईडी ने 16 घंटे की छापेमारी के बाद ईडी ने मुख्यमंत्री के निजी सचिव के दो जीमेल अकाउंट डाउनलोड कर लिए। फिर उन्होंने सीएम के निजी सचिव और उनके परिवार के तीन मोबाइल फोन ले लिए।

ईडी को बताया केंद्र सरकार का पसंदीदा हथियार

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मंत्री आतिशी ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि मंगलवार को केंद्र सरकार के पसंदीदा हथियार ईडी ने आम आदमी पार्टी के कई नेताओं के यहां छापेमारी की।ईडी ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल निजी सचिव विभव कुमार और पार्टी के सांसद एनडी गुप्ता के घर छापेमारी की।ईडी की ये कार्रवाई करीब 18 घंटे तक चली।मंत्री ने कहा कि ये ईडी के इतिहास में पहली बार होगा किस आधार पर यह छापेमारी की गई इस बात की जानकारी भी अधिकारियों ने नहीं दी। इस दौरान एक पंचनामा दिखाते हुए उन्होंने कहा कि 16 घंटे की रेड खत्म होने के बाद इस पंचनामे में दस्तखत किए गए। इस पंचनामे में केस या ईसीआईआर की जानकारी नहीं दी गई। मंत्री ने पंचनामे को ईडी के इतिहास का ऐतिहासिक पंचनामा बताया।

इनका मकसद अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना-आतिशी

आतिशी ने कहा कि छापेमारी के जरिए ईडी का मकसद सिर्फ अरविंद केजरीवाल को साजिश के तहत कुचलना है। आतिशी ने कहा कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पता है कि अगर कोई उन्हें चुनौती दे सकता है तो वो एक ही बंदा अरविंद केजरीवाल है। इसीलिए सरकार ने ईडी को सिर्फ एक काम में लगा दिया है कि अरविंद केजरीवाल के सभी काम करने वाले नेताओं को जेल में डाल दो। उन्होंने कहा कि पहले यह तय किया जाता है किसे जेल में डालना है उसके बाद किस केस में डालना है ये तय किया जाता है।