हज़रत सैयदना अली का मनाया गया जन्मदिवस,गौसे आजम फाउंडेशन ने बांटा लंगर
गोरखपुर। गुरुवार को मुसलमानों के चौथे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना अली रदियल्लाहु अन्हु का जन्मदिवस अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया।
गौसे आजम फाउंडेशन ने दरगाह हजरत मुबारक खां शहीद नार्मल के निकट लंगर बांटा। मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर व सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाजार में में फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की गई।
कारी मोहम्मद अनस रजवी, हाफ़िज़ अशरफ़ रज़ा, हाफिज सैफ रज़ा ने कहा कि जिसे क़ुरआन-ए-पाक की तफसीर देखनी हो वह हज़रत सैयदना अली की ज़िन्दगी का अध्ययन करें। हज़रत सैयदना अली इल्म का समंदर हैं।
बहादुरी में बेमिसाल हैं। आपकी इबादत, रियाजत, तकवा-परहेजगारी और पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से मोहब्बत की मिसाल पेश करना मुश्किल है।
हाफ़िज़ रहमत अली निजामी ने कहा कि हज़रत अली बच्चों में सबसे पहले ईमान लाने वाले हैं। आप पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के दामाद हैं। आप हज़रत सैयदा फातिमा रदियल्लाहु अन्हा के शौहर हैं। हज़रत सैयदना इमाम हसन रदियल्लाहु अन्हु व हज़रत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु के वालिद हैं।
गौसे आजम फाउंडेशन के जिलाध्यक्ष समीर अली ने कहा कि इल्म का गौहर हज़रत अली के खानदान से निकला। विलायत की शुरूआत आपके खानदान से हुई। पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि मैं इल्म का शहर हूं और अली उसके दरवाजा हैं। पैग़ंबरे इस्लाम ने फ़रमाया है कि जिसका मैं मददगार अली भी उसके मददगार हैं। आपकी शहादत माह-ए-रमज़ान में हुई।
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क की खुशहाली व तरक्की के लिए दुआ की गई। इस मौके पर हाफिज मो. अमन, मो. फैज, मो. जैद मुस्तफाई, अली गज़नफर शाह अजहरी, रियाज़ अहमद, मो. शारिक, मो. जैद चिंटू आदि मौजूद रहे।
Jan 26 2024, 16:59