*जय श्रीराम के उद्घोष के साथ गीता प्रेस से अयोध्या भेजी गईं 10 हजार धार्मिक पुस्तकें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत विशिष्टजनों को भेंट करेंग
गोरखपुरः अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है. इसके साथ ही विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष में इसकी स्थापना का उद्देश्य भी पूरा होने जा रहा है. गीता प्रेस से अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या दर्शन सहित 10 हजार धार्मिक पुस्तकें भेंट स्वरूप विशिष्ठ अतिथियों के लिए भेजी जा रही है।
गर्भ गृह में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य विशिष्ट अतिथियों को श्रीरामचरितमानस न्यास की ओर से भेंट की जाएगी. उनके लिए अलग से 51 पुस्तकों की भेंट न्यास को भेजी गई है.
गोरखपुर के गीता प्रेस से शुक्रवार को 10 हजार धार्मिक पुस्तकों को अयोध्या धाम के लिए रवाना किया गया. इस अवसर पर पूजा-पाठ और तिलक के साथ गीता प्रेस से जुड़े लोगों ने जय श्रीराम के उद्घोष के साथ पुस्तकों को रवाना किया. गीता प्रेस के ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल का कहना है कि गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष में ये महत्वपूर्ण दिन आया है. जिसमें गीता प्रेस की स्थापना का संकल्प पूरा हुआ।
उन्होंने कहा कि बड़े ही हर्ष का विषय है कि ये पुस्तकें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दौरान आने वाले अतिथियों और अति विशिष्ट अतिथियों के लिए सहस्त्र पुस्तकें भेजी जा रही हैं।
अति विशिष्ट अतिथियों के लिए 51 पुस्तकों को गुच्छ भेजा जा रहा है. संस्था के संस्थापक जय दयालजी गोयंदका, भाईजी हनुमान प्रसादजी पोद्दार और श्रीरामसुखदास जैसे संतों ने इस वृक्ष को सींचकर विशाल बरगदरूपी बटवृक्ष का रूप दिया है. उनका गीता प्रेस की स्थापना का उद्देश्य आज पूरा हुआ है।
गीता प्रेस के प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने बताया कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए गीता प्रेस से अयोध्या धार्मिक पुस्तकें भेजी जा रही हैं. इन पुस्तकों में 10 हजार अयोध्या दर्शन समेत 51 सेट रामांक जिसका प्रकाशन कल्याण में 1972 में हुआ था. जिसका पुनः प्रकाशन किया गया है।
इसकी नवीनता ये है कि इसमें भगवान राम की लीलाओं के 100 चित्र जोड़े गए हैं. अयोध्या दर्शन, अयोध्या महत्व, गीता नंदिनी और रामांक को सम्मिलित किया गया है. ये अति विशिष्ट लोगों के लिए है. गर्भ गृह में जो लोग रहेंगे उनके लिए सचित्र रामचरित मानस भेजा जा रहा है।
प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने कहा कि इसके लिए हम राम जन्मभूमि ट्रस्ट को आभार व्यक्त करते हैं, कि उन्होंने गीता प्रेस की पुस्तकों को स्वीकार किया है. इसके साथ ही प्रसाद के साथ इन पुस्तकों को अति विशिष्ट अतिथियों को उपहार स्वरूप भेंट करने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि गर्भ गृह में उपस्थित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधान पुजारी समेत अति विशिष्ट लोगों को ये पुस्तक प्रदान की जाएगी. इसमें भगवान राम की लीला के 300 चित्र हैं. ये 12 पुस्तकें गर्भ गृह में उपस्थित लोगों को दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पहले गीता प्रेस की स्थापना इसी उद्देश्य से हुई थी. उसी समय ये योग बन गया था कि जब भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तो गीता प्रेस का कुछ सहयोग वहां स्वीकार किया जाएगा।
Jan 12 2024, 17:01