*सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर ने पिता की पुण्यतिथि पर पांच टीबी मरीजों को गोद लिया*

गोरखपुर, सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर अरूण कुमार सिंह ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर पांच टीबी मरीजों को गोद लेकर नजीर पेश की है ।

जिला क्षय रोग केंद्र में मंगलवार को टीबी मरीजों को गोद लेने के बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वह इलाज चलने तक उनका साथ देंगे। हर माह पोषक सामग्री देंगे और समय समय पर हालचाल लेकर उन्हें मानसिक संबल भी प्रदान करेंगे ।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बताया कि इस समय जनपद में 3046 मरीजों को एडॉप्ट कर अरूण कुमार सिंह जैसे 1024 निक्षय मित्र उनके साथ खड़े हैं । उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि वह भी जन्मदिन, पुण्यतिथि और वैवाहिक वर्षगांठ जैसे जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों पर अपनी क्षमता के अनुसार टीबी मरीज गोद लें और उनकी स्वेच्छा से मदद करें।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों को गोद लेने से आशय उन्हें पोषण में सहायता और उनको मानसिक तौर पर मजबूत बनाये रखने में मदद करना है । टीबी मरीज कई बार बीच में दवा छोड़ देते हैं जिससे ड्रग रेसिस्टेंट टीबी होने की आशंका बढ़ जाती है और इसका इलाज जटिल है । ऐसे में अगर कोई व्यक्ति लगातार टीबी मरीज के सम्पर्क में रहे और हालचाल लेता रहे तो मरीज का मनोबल बढ़ा रहता है और उसकी दवा बीच में बंद नहीं हो पाती है ।

टीबी मरीज को पौष्टिक खानपान जैसे फल, हरी सब्जियां, मीट, पनीर, दूध आदि के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रति माह सरकार इलाज चलने तक दे रही है । इन मरीजों को गोद लेने वाले व्यक्ति (निक्षय मित्र) से जब हर माह पोषण पोटली मिलती है तो मरीज की आहार विविधता और भी बढ़ जाती है और पौष्टिक खानपान से उसे जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है । पोषण पोटली में फल, मूंगफली, गजक, गुड़ और चना आदि देना होता है ।

निक्षय मित्र के तौर पर तीन ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीजों और दो ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीजों को गोद लेने वाले अरूण कुमार सिंह ने बताया कि उनके पिता स्व रामनगीना सिंह की मृत्यु वर्ष 1986 में हुई थी।

उनके पिता पेशे से अध्यापक थे। सेना से रिटायर होने के बाद करीब सात वर्षों तक उन्होंने खुद भी टीबी एचआईवी कोआर्डिनेटर के तौर पर स्वास्थ्य विभाग से जुड़ाव रखा। इस दौरान उन्होंने टीबी मरीजों की दिक्कतों को काफी करीब से देखा है । बीमारी से पीड़ित कई ऐसे मरीज भी उनके सामने आए जिनके पास सामान्य खानपान के पैसे नहीं रहते थे। पहले भी उन्होंने ऐसे मरीजों की मदद की थी ।

चार मरीजों को गोद लेकर स्वस्थ होने में मदद भी कर चुके हैं। हर साल पिता की पुण्यतिथि पर कम्बल बांटते रहे हैं। टीबी मरीजों के एडॉप्शन के प्रचार प्रसार से प्रेरित होकर उन्होंने तय किया कि इस बार पिता की पुण्यतिथि टीबी मरीजों को गोद लेकर मनाएंगे ।

इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, एसटीएस गोबिंद और मयंक आदि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

ठीक होने में मिलेगी मदद

सेवानिवृत्ति सूबेदार ने जिन पांच मरीजों को गोद लिया है उनमें से चार मरीज 32 से 54 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं और एक 24 वर्षीय युवक है । युवक सुमित (काल्पनिक नाम)ने बताया कि साल भर पहले खांसी की दिक्कत होने पर करीब तीन महीने तक मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाया।

जब ठीक नहीं हुआ तो डॉक्टर को दिखाया और डॉक्टर ने जांच में ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी पाया । इसके बाद उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया और वहां से आगे की दवाओं के लिए उसे जिला क्षय रोग केंद्र भेजा गया । जबसे इलाज शुरू हुआ है खांसी बंद हो गयी और सुबह शाम का बुखार भी नहीं आ रहा है ।

चिकित्सक ने बताया है कि दवा 18 माह के पहले बंद नहीं करनी है । सुमित का कहना है कि उसे एडॉप्ट करते समय बताया गया है कि हर माह पौष्टिक आहार में सहयोग मिलेगा और किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर निक्षय मित्र उसका सहयोग करेंगे । उसका मानना है कि इससे जल्दी ठीक होने में काफी मदद मिलेगी ।

जिले में टीबी की स्थिति

कुल नोटिफिकेशन 15936

उपचाराधीन डीआर टीबी मरीज 363

उपचाराधीन डीएस टीबी मरीज 9726

*गोला पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी* 12 घंटे के अंदर दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल*

गोरखपुर। जिले के गोला तहसील के अंतर्गत आने वाले गोला थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने गोला थाने में दिनांक 8 जनवरी कि प्रार्थना पत्र देकर बताया कि बांसगांव थाना क्षेत्र के मतीनिया गांव के निवासी नजीर के 25 वर्षीय पुत्र जुबेर ने उसके साथ शादी का झांसा देकर एक वर्ष तक शारीरिक संबंध बनाता रहा।

जहां शादी के नाम पर युवक ने गाली, गुप्ता व जान से करने की धमकी देते हुए पीड़िता महिला के घर मैं रखा हुआ पांच थन सोने का गहना मोबाइल व 30000 रुपये लेकर फरार हो गया जहां पीड़िता ने 8 जनवरी की देर शाम गोला थाने में तहरीर देकर मामले की जानकारी दें। जहां पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके दिनांक 9 जनवरी को जुबेर को बांसगांव थाना क्षेत्र के मटीहिनीया से गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।

*प्रदेश उपाध्यक्ष व गोरखपुर बस्ती मंडल के संगठन प्रभारी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया जोरदार स्वागत*

गोरखपुर। विश्वविद्यालय चौक पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं गोरखपुर बस्ती मंडल के संगठन प्रभारी केशव चंद्र यादव का वरिष्ठ कांग्रेस जनों ने किया स्वागत।

स्वागत से अभिभूत केशव चंद यादव ने कहा उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश में समर्पित निष्ठावाकार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं की जाएगी और कांग्रेस जनों से विचार विमर्श करके 2024 में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दम पर पंचम फहराएगी।

इसी क्रम में प्रदेश महासचिव एवं गोरखपुर जिला प्रभारी अमरेंद्र माल का भी स्वागत किया गया।

जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मीडिया प्रभारी अनिल सोनकर ने बताया मा.केशव चंद्र यादव आगामी 16 जनवरी को उ0प्र0 पूर्वी जोन की बैठक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी अविनाश पांडे के कार्यक्रमके लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ संवाद एवं बैठक किया।

स्वागत करने वालों में गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व महामंत्री वरिष्ठ नेता राजेश तिवारी पीसीसी सदस्य महेंद्र मोहन गुड्डू तिवारी जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष महेंद्र मिश्रा महासचिव मीडिया प्रभारी अनिल सोनकर सि के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुमित पांडे, ऋषि यादव, पूर्व प्रदेश महिला सेवा दल की संगठन श्रीमती निर्मला वर्मा, कुसुम पांडे, अतुल मिश्रा सुबोध पांडे दिनेश जायसवाल देवेंद्र यादव कालन्जय राम त्रिपाठी उमेंद्र पांडे आदि लोग उपस्थित।

*आंगनबाड़ी में गर्भवती महिलाओं की गोदभराई*

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक क्षेत्र के केवटली बंगला पांडेय गांव के आंगनबाडी केन्द्र में गांव की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की रस्म अदायगी कराई गई।

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाडी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण का विशेष ध्यान दिया जाता है।

पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार आज केवटली गांव के आंगनवाडी केन्द्र में गांव की कुल 9 गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कराते हुए उन्हें फल ताजी हरी सब्जियां और पौष्टिक आहार दिया गया। आंगनवाड़ी कार्यकत्री शीला पांडेय और चन्दना पांडेय सहायिका मीरा देवी ने गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कर फल और पौष्टिक आहार वितरण किया।

शीला पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्भावस्था के दौरान अपने शरीर और आसपास की स्वच्छता पर विषेश ध्यान दें। पौष्टिक आहार देते हुए उन्हें समय से भोजन करने दाल का पानी पीने भारी वजन वाले सामान न उठाने सहित अन्य आवश्यक सलाह दी गई।

इस दौरान क्षेत्र पचायत सदस्य बिट्टू यादव पुर्व प्रधान लवकुश पांडेय समूह सखी सुमन सरिता यादव आदि मौजुद रहे।

*गीता वाटिका द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन*

गोरखपुर। भारत में लोगों में कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। इसके प्रबंधन और उपचार के लिए शुरुआती पहचान जरूरी है। अज्ञानता,और सामाजिक भय के कारण कई लोगों को कैंसर हो जाता है जिसके लिए उपचार की आवश्यकता होती है। यदि जल्दी पता चल जाता है, तो ज्यादातर मामलों में ठीक होने की बेहतर संभावना रहती है।

इसीलिए मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बांसगांव के प्रांगण में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

इस शिविर में कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में दिखाने एवं परामर्श लेने 121 लोग आए जिनको मुंह, लंग, पेट, प्रोस्टेट, पैर में गांठ आदि में ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, अंडाशय, पित्त वाले लोग ज्यादा रहे। सभी को उचित परामर्श एवं निशुल्क दवाई दी गई। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के विषय में मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित ए. एन. एम., संगिनी एवं आशा कार्यकर्ताओं को बुलाकर कैंसर से बचाव, लक्षण एवं इलाज के बारे में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अजय श्रीवास्तव ने उन्हें समझाया कि अगर कैंसर का बाद में पता चला तो यह बहुत खरतनाक साबित हो सकता है। कैंसर को रोकने के तरीके में निवारण ही हमेशा इलाज से बेहतर है।में कैंसर के निवारक उपायों को जानना चाहिए।

यदि कोई समस्या है, तो हमें कैंसर के शीघ्र निदान और अच्छे उपचार के बारे में पता होना चाहिए। सही समय पर कैंसर की पहचान कर समय पर उसका उपचार शुरू करने पर कैंसर ठीक हो जाता है वर्ना यह लाइलाज हो जाता है। उचित टीकाकरण हो (जैसे एच० पी० वी० टीका आदि) तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। इसलिए ऐसे टीकाकरण के लिए लड़कियों को आगे आना चाहिए। डॉ. राकेश श्रीवास्त ने बताया कि कि लगातार खांसी में खून आना, आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना, अस्पष्टीकृत एनीमिया (कम रक्त गणना), स्तन में गांठ या स्तन से स्राव, अंडकोष में गांठें पेशाब में बदलाव, पेशाब में खून आना, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई, असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना, रात को पसीना आना, या बुखार, मुंह में ठीक न होने वाले घाव या मसूड़ों, जीभ, या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे, गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग महसूस हो, अधिक समय तक पीठ दर्द, पेल्विक दर्द, सूजन या अपच कैंसर का संकेत हो सकता है ।

ऐसे में कैंसर के चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज हो सके। भरपूर पानी से मूत्राशय के कैंसर का खतरा कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि पानी कैंसर का कारण बनने वाले एजेंटों की एकाग्रता को कम कर सकता है और उन्हें नष्ट कर सकता है। स्वस्थ आहार खाने में कोई संदेह नहीं है। विभिन्न फलों, सब्जियों, अनाज और दालों से भरे एक स्वस्थ आहार एक स्वस्थ जीवन शैली की कुंजी है जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के विकास के जोखिम को कम रखती है। हरी सब्जियां खाने का सुझाव इसलिए है क्योंकि ये मैग्नीशियम में समृद्ध होती हैं जो कैंसर का खतरा कम करती हैं। यह विशेष रूप से महिलाओं में पेट के कैंसर के खतरे को कम करता है। अपने आहार में ब्राजील नट्स शामिल करें जो सेलेनियम से भरे होने के कारण मूत्राशय, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने का काम करता है। भरपेट भोजन करना सांस लेने की प्रणाली को विफल कर सकता है जिससे विषाक्त कैंसर को पैदा करने वाली हवा बाहर निकलती है। जो कैफीन युक्त कॉफ़ी के 5 या उससे अधिक कप पीते हैं उनमें कम कॉफ़ी पीने वालों की तुलना में मस्तिष्क, मुंह और गले के कैंसर के विकास की कम संभावना होती है। मध्यम व्यायाम में शामिल होने से नियमित रूप से विभिन्न प्रकार के कैंसर विकसित करने के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

इन स्वस्थ आदतों का पालन करने के अलावा तंबाकू की खपत को कम करने और शराब का सेवन कम करना महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ आहार का पालन करना और नियमित रूप से व्यायाम करना फिट रहने और इस ख़तरनाक स्थिति को रोकने के लिए आदत बनाना आवश्यक है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कृष्ण मोहन अग्रवाल, अजय श्रीवास्तव,, प्रदीप, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, राजकमल कुमार, जिगना के पूर्व ग्राम प्रधान हरिनारायण, प्रतिमा शर्मा, सतीभा देवी, अंकित पांडेय, अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा ।

*महिलाओं को सशक्त बनाने के हो रहे सकारात्मक प्रयास : डॉ. मनहर*

गोरखपुर। महिलाएं प्राचीन काल से ही भारत की संस्कृति और समाज का अभिन्न अंग रही हैं। स्वतंत्रता के पश्चात भारत में महिलाओं की स्थिति कई वर्षों से बहस और चिंता का विषय रही है।

हाल के वर्षों में हुई प्रगति के बावजूद भारत में महिलाओं को आज भी कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विगत कुछ वर्षों में महिलाओं को सशक्त बनाने के भारत के प्रयासों में कई सकारात्मक विकास हुए हैं। सरकार ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और आर्थिक अवसरों में सुधार लाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम और नीतियों को लागू किया है।

यह बातें महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के तत्वावधान एवं महाराणा प्रताप महाविद्यालय, जंगल धूसड़, गोरखपुर में ‘उन्नत भारत ग्राम अभियान में मिशन शक्ति’ प्रकल्प के अन्तर्गत जेके अर्बनसेप्स डेवेलपर्स लिमिटेड कानपुर द्वारा प्रायोजित तथा सिंगर इण्डिया लिमिटेड के सहयोग से आयोजित सात दिवसीय निशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन समारोह में मंगलवार को बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी, बीएचयू के आचार्य डॉ मनहर चरण ने कहीं।

उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद का महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से किया जा रहा प्रयास अभिनंदनीय एवं सराहनीय है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला से उन्हें परिवार को शसक्त बनाने के साथ समाज व देश के विकास में भी योगदान देने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आईआईटी, बीएचयू के आचार्य डॉ. श्रेयांश कुमार जैन ने कहा कि किसी राष्ट्र की पूर्ण उन्नति तभी हो सकती है जब वहां विकास के हरेक क्षेत्र में महिलाओं की भी पूरी भागीदारी हो।

इस दृष्टिकोण से हमें भारत की आधी आबादी यानी महिलाओं के स्वावलंबन और उनकी आत्मनिर्भरता की दिशा में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने आजादी के पूर्व और बाद महिलाओं के हालात पर विशद चर्चा करते हुए कहा कि स्वावलंबन नारी सशक्तिकरण की पहली सीढ़ी है। स्वावलंबी होने से महिलाओं का स्वाभिमान और आत्मसम्मान बढ़ता है।

इससे वह प्रतिकूल परिस्थितियों को नकारने की क्षमता प्राप्त कर लेती हैं। आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी होने से महिलाओं को हीन भावना से भी मुक्ति मिलती है। इसलिए आज के दौर में महिला शक्ति को परजीवी न होकर स्वावलंबी बनना चाहिए।

समापन कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि आईआईटी, बीएचयू के आचार्य डॉ शैल शंकर ने कहा कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को उनकी आय बढ़ाने में सहायता करने के साथ उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में सहयोगी होगा।

उन्होंने कहा कि महिला स्वावलंबन का अर्थ केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता नहीं है बल्कि जीवन के सभी क्षेत्रों में उसकी स्वतंत्रता से है। एक महिला गृहिणी होते हुए भी स्वावलंबी होती है। एक महिला का परिवार एवं समाज की प्रगति में भी महत्वपूर्ण योगदान होना चाहिए। इस अवसर पर उन्नत भारत अभियान के परियोजना प्रबंधक आशीष कुमार सिंह ने प्रास्ताविकी प्रस्तुत करते हुए कहा कि उन्नत भारत अभियान के तहत सरकारी योजनाओं को आमजन तक बताने एवं पहुंचने का कार्य किया जाता है। इसी क्रम में उन्नत भारत अभियान में मिशन शक्ति के अंतर्गत निशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनाने का कार्य किया जा रहा है।

उन्नत भारत अभियान के कार्यक्रम संयोजक डॉ मंजेश्वर ने सात दिन तक चली निशुल्क सिलाई कढ़ाई प्रशिक्षण कार्यशाला की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस दौरान कल 1150 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं को सिलाई मशीन के उपकरणों एवं क्रियाविधि के साथ उसके कुशल संचालन का प्रशिक्षण भी दिया गया।

समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए महाराणा प्रताप महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि इस प्रशिक्षण के जरिये महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने 1150 परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की है। इसके आशातीत परिणाम सामने आएंगे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शिप्रा सिंह ने किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं शिवांन्या, दीपशिखा एवं सोनिका द्वारा सरस्वती वन्दना, स्वागतगीत, संकल्प गीत तथा वन्देमातरम् का सस्वर गायन किया गया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्रशिक्षण केन्द्रों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही समस्त महिलाएं उपस्थित रहीं।

*ग्राम प्रधान ने ग्रामीणों में किया कंबल का वितरण*

सहजनवां,गोरखपुर। पाली विकास खंड के ग्राम बलुआ के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र यादव ने भीषण ठंड को देखते हुए जरूरत मंदों को कंबल वितरित किया । उन्हें तहसील प्रशासन द्वारा शासन द्वारा उपलब्ध कराए गया था।

ठंडी हवाओं से गलन बढ़ा दिया है। जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है । गरीब टपके के लोगों को ठंड से बचने के लिए परेशानी हो रही थी। कंबल पाकर लोगों के चेहरे खिल उठे।

ग्राम प्रधान ने लोगों से आह्वान किया कि समाज में सक्षम लोगों को आगे बढ़कर गरीब,असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्हें जरूर के सामान मुहैया करानी चाहिए।

*डोर्न कैमरे से गेंहु की फसल में हुआ छिड़काव*

सहजनवां,गोरखपुर। पाली क्षेत्र के मिनवा गांव में सरकार द्वारा नई तकनीकी की सहायता से ड्रोन कैमरा से गेहूं की फसल का छिड़काव कराया गया ।

ग्राम प्रधान दिनेश जयसवाल के सहयोग से मिनवा गांव में 1 एकड़ गेहूं की फसल में सूर्य कंपनी का प्रचार प्रसार के लिए छिड़काव कराया गया और उनके बारे किसानों को जानकारी भी बताया गया।कि इसकी अनुमानित लागत 4 लाख है लेकिन महिला समूह को इसे 2 लाख मे उपलब्ध कराया जाएगा।

 महिला समूह को 15 हजार रुपया सैलरी देकर नौकरी के तौर पर भी रखा जाएग। और हर किसानों को भाड़े के रूप में किसानों के खेतों में डोन कैमरा से दवा का छिड़काव किया जाएगा।

তারাপীঠে পুজো দিলেন দমকল মন্ত্রী

এসবি নিউজ ব্যুরো: গতকাল রাতে তারাপীঠে আসেন রাজ্যের দমকল দফতরের ভারপ্রাপ্ত মন্ত্রী সুজিত বসু। আজ সকালে সপরিবারে পুজো দিলেন মা তারার মন্দিরে। মায়ের গর্ভে প্রবেশ করে দীর্ঘক্ষণ ধরে পুজো দেন মায়ের কাছে পরিবার ও রাজ্যবাসী সকলের মঙ্গল কামনা করেন।

*पुनः हंगामे के बीच नहीं हो सका राशन की दुकान का चयन*

सहजनवां,गोरखपुर। सहजनवां के ग्राम सभा कटया में तीसरी बार कोट के चयन में हंगामा होने के कारण नहीं हो पाया चयन। गौरतलब है की पिछले कई महीनो से ग्रामीणों की मांग कोट के चयन के लिए हो रही थी पिछली दो बैठकों में हंगामा होने के कारण नहीं हो पाया था चयन , तीसरी बार 9 जनवरी का डेट दिया गया था, जिसमें दो आवेदक जगत नारायण विश्वकर्मा तथा अनुराधा सिंह थी।

तहसीलदार द्वारा दोनों का डॉक्यूमेंट मांगा गया जिसमें जगत नारायण के पास ओरिजिनल मार्कशीट नहीं थी जिस पर तहसीलदार महोदय ने एक शपथ पत्र लिखवाया की एक सप्ताह के अंदर अपनी ओरिजिनल मार्कशीट दिखा दें अन्यथा उनके आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा, इसी के बीच जगत नारायण ने आवेदक को बदलने के लिए तहसीलदार महोदय से अनुमति मांगी जिस पर तहसीलदार के द्वारा मना कर दिया गया!इसी बीच जोर का हंगामा होने के कारण तहसीलदार महोदय ने अगले दिन का चयन होने का डेट रखा।