*नाले की अधिक ऊंचाई पर सीएम योगी ने लगाई पीडब्ल्यूडी के अफसरों को फटकार*

देवरिया बाईपास पर बन रहे नाले का औचक निरीक्षण किया मुख्यमंत्री ने

बोले सीएम- दुरुस्त करें नाला, आसपास के मोहल्लों में जलभराव हुआ तो खैर नहीं

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया बाईपास पर बन रहे नाले की अधिक ऊंचाई को देखकर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और नाले को नए सिरे से दुरुस्त करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाले के बेतरतीब होने से यदि आसपास के मोहल्लों में जलभराव की नौबत आई तो खैर नहीं। सीएम योगी के कड़े तेवर ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के होश गुम हो गए।

शनिवार शाम आरपीएम एकेडमी का शुभारंभ कर वापस लौटते हुए सीएम योगी अचानक देवरिया बाईपास पर बन रहे नाले का निरीक्षण करने पहुंच गए।

चिड़ियाघर के सामने उनका काफिला रुका और मुख्यमंत्री तुरंत नाले का पास पहुंच गए। उन्होंने नाले को झुककर भी देखा। अधिक ऊंचाई देखकर आसपास की कॉलोनियों में बरसात के दौरान जलभराव की आशंका के दृष्टिगत उनकी भृकुटि तन गई। उन्होंने कार्यदायी संस्था पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की इंजीनियरिंग पर सवाल खड़े करते हुए सख्त लहजे में पूछा कि जब नाला इतनी ऊंचाई पर होगा तो आसपास के मोहल्लों का क्या होगा।

मुख्यमंत्री के सवाल पर अधिकारियों को कोई जवाब नहीं सूझ रहा था। उन्होंने दो टूक चेतावनी दी कि नाला दुरुस्त करें। नाला लोगों की सहूलियत के लिए बन रहा है इसलिए ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे आमजन को कोई दिक्कत नहीं होने पाए।

*नहर के पानी से बढ़ी ग्रामीणों की मुसीबत, स्थायी पुलिया बनाने की मांग, आम चुनाव में मतदान बहिष्कार की चेतावनी*

गोरखपुर- बिना बारिश के भी नहर का बहता पानी उनौला खास और सोनारी शंकर गांव के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। सरयू नहर में सिंचाई के लिए बढ़ने के बाद स्थायी पुलिया न होने से गांव के संपर्क मार्ग पर ह्यूम पाइप डाल कर छोड़ दिया गया है। पानी बढ़ने से फसलों को डूबने से बचाने के लिए सड़क को काट कर पानी निकालने की व्यवस्था की गई है।

पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालय की ओर जाने वाले इस संपर्क मार्ग पर स्थाई पुलिया का निर्माण कराने की मांग गांव के निवासियों के द्वारा विगत कई वर्षों से की जा रही है। किंतु सिंचाई विभाग के द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पानी के तेज बहाव से कट चुकी सड़क से सिसवां सोनबरसा मार्ग की ओर जाने वाले ग्रामवासियों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों के द्वारा सरयू नहर पर स्थायी पुल बनाने की मांग लगातार की जा रही है।

पूर्व प्रधान राधे यादव, संजीव पाठक के नेतृत्व में गांव के भगवान दास यादव,अरुण यादव, सुशील कुमार,नारायण यादव,अनिल पाण्डेय, सोमई पाण्डेय, पारस यादव, संदीप पाण्डेय, पिंटू यादव, गौतम यादव आदि ने प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है कि यदि आम (लोकसभा) चुनाव-2024 से पहले स्थायी पुलिया का निर्माण नहीं हुआ तो हम सभी चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे।

*स्वास्थ्य शिविर में 153 लोगों का मुफ्त इलाज*

गोरखपुर- ब्लॉक क्षेत्र के हरनहीं ग्राम बेलुडीहां गांव में क्षेत्र पंचायत सदस्य अखिलेश पांडेय के जन्म दिवस पर मुफ्त स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पहुंचे लोगों की सीनियरिटी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल एवं कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट गोरखपुर के डाॅक्टरों के द्वारा मुफ्त स्वास्थ्य जांच और इलाज किया गया तथा प्रतिरोधक दवाएं दी गईं।

हेल्थ कैंप में डॉक्टर आलोक त्रिपाठी,डॉक्टर सौरव मिश्रा डॉक्टर अंजलि जैन,डॉक्टर इला तिवारी,डॉक्टर प्रतीक कुमार, डॉक्टर लिपिका श्रीवास्तव के द्वारा इलाज के लिए पहुंचे लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

शिविर के आयोजक अखिलेश पांडेय ने सभी के प्रति आभार जताया। स्वास्थ्य कैंप में भाजपा जिला उपाध्यक्ष के हरिकेश राम त्रिपाठी, जगदंबा शुक्ला शिक्षक नेता राजेश पाण्डेय,जगरनाथ चौबे, प्रियव्रत पांडेय, संजय मोहन पांडेय सहित क्षेत्र के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सपा की मासिक बैठक में जिला अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारी से कहा, बूथों को करें मजबूत

गोरखपुर- जिला समाजवादी पार्टी की मासिक बैठक पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम की अध्यक्षता में हुई संचालन जिला महासचिव रामनाथ यादव ने किया जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने जिला कार्यकारिणी के नव मनोनीत पदाधिकारीयों के स्वागत उपरांत कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बूथों की मजबूत करने के लिए सभी साथी जुट जाइए सभी प्रभारी गण एवं सह प्रभारी गण बूथों का सत्यापन कर ले जहां भी कोई कमी हो उसमें सुधार करा लेवें विधानसभा अध्यक्ष गण प्रत्येक बूथ की वस्तु स्थिति के आंकड़े उपलब्ध करायें भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। कानून व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो साबित हो गया है भाजपा सरकार में महिलाओं और गरीबों को न्याय नहीं मिल रहा है। भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा सरकार में किसी को न्याय नहीं मिल सकता है। सरकार की गलत नीतियों से आम जनता महंगाई, बेरोजगारी से त्रस्त है। भाजपा ने जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं किया। किसानों को फसलों का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएगी।

बैठक के अंत में बलिया के जिलाध्यक्ष स्वर्गीय राजमंगल यादव के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर शोक व्यक्त किया गया इस दौरान प्रमुख रूप में जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम रामनाथ यादव अवधेश यादव नगीना प्रसाद साहनी रजनीश यादव साधु यादव यशपाल रावत मनुरोजन यादव रुपावती बेलदार दयाशंकर निषाद मिर्जा कदीर बेग मुन्नी लाल यादव राजेंद्र यादव नीरज शाही कबीर आलम संजय पहलवान जितेंद्र यादव देवेंद्र भूषण निषाद सुरेंद्र निषाद गिरीश यादव अखिलेश यादव सत्येंद्र गुप्ता मैंना भाई जावेद खान महेंद्र तिवारी श्यामदेव निषाद रामजतन यादव नरसिंह यादव कपिल मुनि यादव बिंदा देवी अनारकली मौर्य विश्वनाथ विश्वकर्मा राम अजोर मौर्य अजय यादव राम भवन भारती संजय यादव दयानंद विद्रोही अमरजीत यादव राम निरंजन यादव राजाराम वेलदार मनीष कमांडो सुरेंद्र मौर्य लालजी यादव शेषनाथ यादव विनोद राजभर छोटेलाल राजभर श्रीकांत यादव रामाशंकर यादव सुनील यादव गवीश दुबे सिराजुद्दीन रहमानी धनंजय सिंह महेंद्र निषाद विक्की निषाद सुनील आजाद राम हर्ष यादव मनोज निषाद इंद्रेश यादव चंद्रभान यादव ओपी यादव शकील शाही नौशाद खान अशोक यादव तौफीक खान जय हिंद यादव राहुल यादव भूपेंद्र सरकार सोनू पांडे रविंद्र यादव प्रदीप यादव गणेश प्रजापति रवि यादव मदन यादव महेंद्र यादव अजय कनौजिया ईश्वर चंद्र मद्धेशिया शिव प्रसाद चौरसिया लालमोहन यादव हरिश्चंद्र गौतम जय कुमार साहनी अजय सोनकर पप्पू यादव अर्जुन यादव प्रशांत कुमार बबलू अंसारी पूजा आशा राधिका इंदु स्नेहलता बालेश्वर आदि मौजूद रहे

*एनजेसीए एवं एनएफआईआर के आह्वान पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए 8 जनवरी से भूख हड़ताल का लिया गया निर्णय*

गोरखपुर- पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के केंद्रीय कार्यालय पर संघ के महामंत्री विनोद राय को पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ यूथ ब्रिगेड एवं ओ टी ए संघ एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने माल्यार्पण एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर ओटीए संघ रेलवे चिकित्सालय ,यूथ ब्रिगेड एवं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में पुरानी पेंशन बहाली के लिए किए जाने वाले आंदोलन के क्रम में दिनांक 8 जनवरी को संघ के रेलवे स्टेशन स्थित कार्यालय गेट नंबर 1 पर आयोजित भूख हड़ताल एवं दिनांक 9 जनवरी को रेलवे मैकेनिकल वर्कशॉप में आयोजित कार्यक्रम तथा 10 एवं 11 के कार्यक्रमों पर भी विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर अपने वक्तव्य में महामंत्री विनोद राय ने कहा कि वर्तमान केंद्रीय सरकार कर्मचारियों के मूलभूत अधिकार का हनन कर रही है। कर्मचारियों से बुढ़ापे की लाठी छीन रही है क्योंकि पूरे जीवन नौकरी करने के बाद बुढ़ापे में पेंशन ही एकमात्र जीवन का सहारा रह जाता है। महामंत्री विनोद राय ने सभी केंद्रीय तथा राज्य सरकार के कर्मचारियों का आह्वान किया कि कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपनी ताकत का एहसास कराएं जिससे सरकार पुरानी पेंशन बहाली के लिए बाध्य हो सके।

महामंत्री विनोद राय ने वर्तमान सरकार से निवेदन किया कि पुरानी पेंशन बहाली का मार्ग जल्द से जल्द प्रशस्त करें जिससे कर्मचारियों में निराशा का माहौल दूर हो सके। कार्यक्रम में पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के वरिष्ठ सदस्य के एम मिश्रासमेच बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

*बस्ती की घटना पर गोरखपुर के चिकित्सकों ने जताया आक्रोश, सीडीओ के कृत्य की कड़े शब्दो में की निंदा*

गोरखपुर- प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ की गोरखपुर शाखा ने बैठक कर बस्ती में एसीएमओ के साथ हुई कथित दुर्व्यवहार की घटना की निंदा की है। अध्यक्ष डाक्टर अशोक कुमार सिंह और सचिव डाक्टर संतोष कुमार ने इस संबंध में शनिवार को हुई बैठक के बाद कहा कि केंद्रीय नेतृत्व के दिशा निर्देशन में इस प्रकरण में आगे की कार्रवाई होगी।

उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा बैठक के दौरान बस्ती के सीडीओ पर चिकित्सकों के लिए अभद्र भाषा के प्रयोग का आरोप लगा था। बैठक के दौरान कथित दुर्व्यवहार के कारण एसीएमओ डाक्टर एएन त्रिगुण की तबीयत बिगड़ गयी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

*सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आये कुल 67 मामले, 1 का हुआ निस्तारण*

गोरखपुर- शनिवार को गोरखपुर के सहजनवां तहसील सभागार में सम्पूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी सहजनवा कुंवर सचिन सिंह ने किया। इस दौरान 67 मामले आए थे। जिसमे 1 मामले का निस्तारण मौके पर कर दिया गया।

आये मामलों में राजस्व 36,पुलिस 8,विकास 10,समाज कल्याण1, अन्य 12 मामले थे। राजस्व संबंधित मामले के निस्तारण के लिए राजस्व टीम गठित की गई है।पुलिस के मामले के निस्तारण के लिए जांच कर कारवाई करने का निर्देश दिया गया। इस दौरान तहसीलदार राकेश कन्नौजिया,नायब तहसीलदार भान प्रताप सिंह,नायब तहसीलदार दुर्गेश चौरसिया,ईओ सूर्यकांत, एसडीओ पुष्पेंद्र सिंह सहित अनेक विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

*समाधान दिवस में पहुंचे 95 फरियादी, किसी की समस्या का नहीं हुआ निस्तारण*

गोरखपुर- तहसील में उप जिलाधिकारी राजू कुमार की अध्यक्षता में आयोजित वर्ष 2024 के पहले समाधान दिवस में कुल 95 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए। किंतु मौके पर किसी भी मामले का समाधान नहीं किया जा सका। सर्वाधिक मामले राजस्व विवाद, पुलिस,जनआपूर्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग से संबंधित पाए गए।

इस दौरान पहुंचे दर्जनों लोगों ने एसडीएम के समक्ष फरियाद करते हुए अपनी समस्याओं का समाधान कराने की मांग की लेकिन किसी भी मामले का समाधान नहीं कराया जा सका। मौके पर तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता तथा अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निरीक्षण,15 फरवरी तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण करने के दिए निर्देश*

गोरखपुर- गोरखपुर के सैनिक स्कूल में आसन्न सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सत्र प्रारंभ होने से पहले निर्माण कार्य पूर्णतः पूर्ण हो, इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुके सैनिक स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण की स्थलीय प्रगति जानने के साथ इसके मॉडल को भी देखा और जरूरी निर्देश दिए। सीएम योगी ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों व कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए सभी निर्माण कार्य 15 फरवरी तक हरहाल में पूर्ण कर लिए जाएं।

खाद कारखाना परिसर में बन रहे सैनिक स्कूल का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इस सैनिक स्कूल में कक्षाओं का संचलन शुरू हो जाएगा। यह स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ दिखना चाहिए क्योंकि किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।

सैनिक स्कूल के मॉडल, एकेडमिक व प्रशासनिक ब्लॉक समेत पूरे परिसर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने क्लास रूम, लैब व लाइब्रेरी का सघन अवलोकन कर उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बालक-बालिका छात्रावास, मेस, स्टेडियम के बारे में पूछताछ की। इस मौके पर उन्होंने पूर्ण और अपूर्ण कार्यों के बारे में पूछा और निर्देशित किया कि सभी अपूर्ण कार्य 15 फरवरी तक अवश्य पूरे कर स्कूल को हैंडओवर कर दिया जाए।

50 एकड़ में विस्तृत है सैनिक स्कूल

गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर विस्तृत है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है। यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे। साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जाबांजों के नाम पर किया जाएगा । सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या हो रहे हैं। गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है।

राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा सैनिक स्कूल

एक लंबे दौर तक गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में होगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है।

*श्रीरामजन्मभूमि संघर्ष का इतिहास पर प्रकाश -डॉ सुनील कुमार मिश्रा*

गोरखपुर- किसी भी राष्ट्र का अस्तित्व और अस्मिता, स्वत्व और स्वाभिमान उस देश के श्रद्धा व आस्था केन्द्रों, महापुरुषों के स्मृतिस्थलों तथा सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन पर निर्भर करता है। यह इतिहास का एक कड़वा सच है कि बर्बर विदेशी आक्रान्ताओं ने हमारे हजारों श्रद्धा, पुण्य और प्रेरणा केन्द्रों को ध्वस्त कर राष्ट्रीय स्वाभिमान को आहत करने का दुस्साहस किया था। उन्होंने हिन्दुस्थान में हजारों मंदिरों को तोड़ा और फिर अपने वर्चस्व का दंभ दिखाने के लिये उन्हीं मंदिरों के स्थान पर, उन्हीं मंदिरों के मलवे से मस्जिदें खड़ी कर दीं। देश के कोने-कोने में ऐसे अनगिनत स्थान हैं। काशी विश्वनाथ मन्दिर वाराणसी, श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा, श्री राम जन्मभूमि अयोध्या तथा गुजरात का सोमनाथ का मंदिर भारत की राष्ट्रीय-सांस्कृतिक प्रवाहधारा के मुख्य स्त्रोत रहे हैं। अतः उनके ध्वंस का दंश हिन्दू समाज को हमेशा सालता रहा और इसीलिये उनकी पुनर्स्थापना एवं पुनर्प्रतिष्ठा की मांग और प्रयास निरंतर जारी रहे। विशेष रूप से श्री राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिये तो अब तक हुए 76 संघर्षों में साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों ने अपना बलिदान दिया। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने श्री रामजन्मभूमि पर बने मंदिर को ध्वस्त कर उसके बहुत से प्रतीक चिन्हों, स्तंभों, मूर्तियों आदि को क्षतिग्रस्त करके उनका मलवे के रूप में प्रयोग करते हुए उसी स्थान पर एक मस्जिदनुमा ढ़ांचे का निर्माण कराया। यदि ऐसा है तो इस प्रश्न को मंदिर-मस्जिद विवाद अथवा हिन्दू-मुस्लिम समस्या की चौखट से बाहर निकालकर एक स्वतंत्र राष्ट्र के नाते गुलामी के प्रतीक चिन्हों को मिटाने और राष्ट्र के स्वत्व व स्वाभिमान जगाने तथा अस्मिता और पहचान को प्रकट करने वाले स्मारक की पुनर्स्थापना के रूप में देखा जाना चाहिये। ऐसा होना सभी स्वतंत्र व स्वाभिमानी देशों व समाजों में होता आया है, और यह स्वाभाविक भी है।

भारत के लिये राम केवल पूजा के देव नहीं हैं। वे राष्ट्रीय अस्मिता, राष्ट्रीय गौरव, भारतभक्ति और मर्यादा के मानदंडों के अनुसार जीवन-व्यवहार करने वाले राष्ट्रपुरुष हैं। ऐसी स्थिति में अपमान के कलंक को धोने, गुलामी के चिन्हों को हटाने, सांस्कृतिक गुलामी से मुक्ति पाने, आस्था-श्रद्धा व मानबिन्दुओं की रक्षा करने, भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने, राष्ट्र की चेतना को जगाने और राष्ट्रीय पहचान को प्रकट करने के प्रतीक के रूप में श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर बनाया जाना अत्यंत स्वाभाविक है। राम।

देश की आस्था के प्रतीक। इतिहास के धीरोदात्त नायक। लोकजीवन में शील और मर्यादा को स्थापित कर बने पुरुषोत्तम । भारत के राष्ट्रपुरुष राम। राम राज्य, अर्थात शील का अनुगामी राज्य। लोककल्याण के लिये कृतसंकल्प। भारत के इतिहास में शासन-विधान का सर्वोच्च मापदंड। इसीलिये देश के संविधान की प्रथम प्रति पर पुष्पक विमान में विराजमान माता जानकी और श्री लक्ष्मण सहित अयोध्यानरेश श्री राम का रेखाचित्र अंकित किया गया।