*पुरानी पेंशन बहाली के लिए 8 जनवरी से चार दिवसीय भूख हड़ताल, सरकार को अडियल रवैया छोड़ने की चेतावनी*

लखनऊ- पुरानी पेंशन योजना बहाली मंच के तत्वाधान में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर आन्दोलन तेज हो गया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के आहवान पर 6 जनवरी को आयोजित केन्द्र और राज्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के लिए आयोजित खिचड़ी भोज के उपरान्त पत्रकारों से बातचीत कर रहे रेलवे मैन्स यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल न कर हठधर्मिता का परिचय दे रही है। पूरा देश का कर्मचारी एनपीएस की व्यवस्था से अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। आक्रोषित केन्द्र और राज्य के कार्मिकों ने एक जनमत संग्रह कराकर इस बॉत का स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह शत प्रतिशत हड़ताल के पक्ष में है। यदि अब भी समय रहते सरकार कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी नही करती तो एक बार फिर 1974 के बाद पुरानी पेंशन बहाली के लिए रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा।

पत्रकारों से बॉतचीत करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहाकि सरकार अपना अडियल रवैया छोड़ दे नही तो हड़ताल को रोकना मुश्किल होगा। प्रदेश के कर्मचारी,शिक्षक लगातार पुरानी पेंशन बहाली के लिए धरना, ज्ञापन, मशाल जुलुस कर सरकार का ध्यान आकृषित करा रहे है।संयुक्त मंच द्वारा राजधानी में 27 जून 23 को तथा 10 अगस्त 23 को रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में पहंुचकर रैली कर चुके है। सरकार कर्मचारी शिक्षकों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे। इस परिपेक्ष्य में फिलहाल पूर्व घोषित कार्यक्रम 8 जनवरी से 11 जनवरी तक चेतावनी स्वरूप भूखहड़ताल की जा रही है।

पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाली मंच की बैठक में पत्रकार वार्ता से पूर्व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, रेलवे मैन्स यूनियन, पोस्टल, आयकर, प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ, सहित अनेक कार्मिक और शिक्षक संघों के चार दिवसीय भूखहड़ताल को भीषण ठण्ड को देखते हुए 24 घन्टे की जगह सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किये जाने का निर्णय लिया।

खिचड़ी भोज के दौरान सिर्फ हड़ताल पर चर्चा कर्मचारी समस्याओं राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद व डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ (लोक निर्माण विभाग) उप्र के संयुक्त तत्वाधान में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ भवन (लोक निर्माण विभाग) राजभवन के समाने लखनऊ में खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ। रेलवे मेन्स यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शिव गोपाल मिश्रा मुख्य अतिथि रहे। खिचड़ी भोज में कर्मचारी समस्याओं, पेंशन आन्दोलन व सरकार के रवैये पर चिन्तन किया गया। सभी पदाधिकारियों द्वारा कर्मचारी समस्याओं/माँगों पर केन्द्र व राज्य सरकार के रुख पर चिन्ता व आक्रोश व्यक्त किया गया। खिचड़ी भोज में सभी केन्द्रीय कर्मचारी संगठनों राज्य कर्मचारी संगठनों व शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। खिचडी भोज के मेजबान इं0 हरि किशोर तिवारी व इं0 एनडी द्विवेदी रहे। खिचड़ी भोजन में प्रमुख रुप से डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के अध्यक्ष इं0 एचएन मिश्रा, रेलवे मैन्स यूनियन आरके पाण्डे, आयकर से रविन्द्र कुमार सिहं, केन्द्रीय कर्मचारी फेडरेशन से कामरेड एसबी यादव, एसयू शाह, प्रदीप वर्मा सहित तमाम संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

*मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में अयोध्या जाने वाले मार्गों पर समुचित व्यवस्थाओ के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न*

लखनऊ- मंडलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में अयोध्या जाने वाले मार्गों पर समुचित व्यवस्थाओं के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय कक्ष में संपन्न हुआ। इस अवसर पर उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अयोध्या जाने वाले मार्गो पर सभी साज-सज्जा के कार्य व व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रहनी चाहिए। इसमें किसी प्रकार की हीला हवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सड़कों के पेच रिपेयर व मरम्मत के कार्य प्रथमिकता पर कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। सड़को के साइनेजेज, लैंडमार्किंग, डिवाइडर, क्रॉस बैरियर व डेंटिंग पेंटिंग आदि समस्त कार्यो को गुणवत्ता पूर्वक व निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराया जानना है। नगर निगम एवं एनएचआई अपने क्षेत्रो में पेड़ों की कटाई-छटाई भी कराते रहे।

बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि शहर की सभी स्ट्रीट लाइटों की चेकिंग कराते रहे जो लाइटे खराब या बंद मिले उनको तत्काल सही करा लिया जाए। शहर की सभी स्ट्रीट लाइटे जलती मिलनी चाहिए।

जिससे शहर की वास्तविक सुंदरता निखर कर सामने आए। उन्होंने कहा कि नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, लखनऊ विकास प्राधिकरण आदि सभी संस्थाये द्वारा जॉइंट टीम बनाकर संबंधित स्थानो का निरीक्षण कर लिया गया। संबंधित द्वारा बताया गया कि आपके द्वारा दिए गए निर्देशन के क्रम में समस्त स्थानो का निरीक्षण कर लिया गया है। उपयुक्त स्थानो पर साज-सज्जा व मेंटिनेंस की आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

इसके बाद मंडलायुक्त ने लेसा के सम्बधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि चिनहट, कमता व मटियारी चैराहो आदि स्थानो पर जो डेड पोल लगे हैं उनको तत्काल हटा दिया जाए। जिससे सड़कों का ब्लैक टॉप/रोड़ वाइंडिंनिग बढ़ाया जा सके साथ ही इन चैराहो पर जो भी अवैध अतिक्रमण दिखे उसको तत्काल ध्वस्त कराते हुए कब्जा मुक्त कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सम्बधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हार्टिकल्चर कार्य भी अच्छे से कराया जाये।

*पर्यटन विभाग कोयम्बटूर में आयोजित 3 दिवसीय हॉलिडे एक्स्पो में ब्राडिंग द्वारा दक्षिण भारत के पर्यटकों को कर रहा आकर्षित*

लखनऊ- देशभर में उत्तर प्रदेश पर्यटन को बढ़ावा देने व राज्य के गंतव्य स्थलों की ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग करने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 05 से 07 जनवरी 2024 तक तमिलनाडु के कोयम्बटूर में आयोजित हॉलिडे एक्स्पो 2024 में प्रतिभाग कर रहा है। इस स्टाल के माध्यम से प्रदेश के धार्मिक, ऐतिहासिक व ईको पर्यटन स्थलों में मिल रही सहूलियतों की जानकारी पर्यटकों को दी जायेगी। इस हॉलिडे एक्स्पो में यूपी पर्यटन, दिल्ली, झारखंड व तमिलनाडु पर्यटन विभाग मुख्य रूप से शामिल हैं।

यह जानकारी गुरूवार को प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस एक्स्पो में देशभर के करीब 20 से अधिक नामी-गिरामी टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर हिस्सा ले रहे हैं, जो दक्षिण भारत के पर्यटकों को उत्तर प्रदेश के टूर पैकेज और गंतव्य स्थलों की जानकारी दे रहें है। इस आयोजन में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का स्टॉल प्रमुख आकर्षण के रूप में उभरा है, जिसमें आगंतुकों, विशेषकर अयोध्या और काशी ने पर्यटकों का विशेष ध्यान आकर्षित किया है। इस दौरान उप्र पर्यटन विभाग की टीम ने एक्स्पो में आए पर्यटकों को प्रदेश में भ्रमण पर आने के लिए प्रोत्साहित किया और उनकी यात्रा संबंधी जिज्ञासाओं का उत्तर दिया।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। उप्र धार्मिक पर्यटन के साथ ऐतिहासिक, ईको व बौद्ध स्थलों का एक उल्लेखनीय संग्रह समेटे हुए है। उन्होंने बताया कि इस एक्स्पो के दौरान दक्षिण भारत के पर्यटकों ने प्रदेश की सुरक्षित कानून व्यवस्था के चलते काफी रुचि दिखाई है। यह एक्सपो प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देगा।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि हॉलिडे ट्रैवल एक्सपो में उत्तर प्रदेश पर्यटन स्टॉल पर आगंतुकों को यूपी प्रमुख पर्यटन स्थलों/आकर्षणों के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें विस्तृत जानकारी दी जाएगी। उत्तर प्रदेश अपने समृद्ध इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहाँ पर काशी, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट और नैमिषारण्य जैसे धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। वहीं दुनिया में मशहूर ताज महल भी यहीं है। हेरिटेज और ईको पर्यटन के लिहाज से भी यह खास प्रदेश है।

*6484 केंद्रों पर होगी सिपाही भर्ती परीक्षा,31.75 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी लेंगे भाग*

लखनऊ ।उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने नागरिक पुलिस में सिपाही (कांस्टेबल) के 60244 पदों के लिए पुख्ता तैयारी कर ली है। 6484 परीक्षा केंद्रों में 31 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों के परीक्षा देने का अनुमान है। लखनऊ जोन में सर्वाधिक 836 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित है। कोचिंग संस्थानों को परीक्षा केंद्र के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा। हर केंद्र पर सीसीटीवी कैमरा लगाना अनिवार्य होगा।

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया में कुल 6484 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं, जिनकी कुल क्षमता 31.75 लाख से अधिक है। जोन में 4844 तो कमिश्नरेट में 1640 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं। जोन की बात करें तो सर्वाधिक 832 परीक्षा केंद्र लखनऊ में होंगे, जिनकी कुल क्षमता 4 लाख से ज्यादा है। बरेली में 741 परीक्षा केंद्र (कुल क्षमता 3.43 लाख से अधिक), गोरखपुर में 699 (कुल क्षमता 3.49 लाख से अधिक), वाराणसी में 647 (कुल क्षमता 3.47 लाख से अधिक), आगरा में 540 (कुल क्षमता2.61 लाख से अधिक), कानपुर नगर में 527 (कुल क्षमता 2.31 लाख से अधिक),मेरठ में 464 (कुल क्षमता 2.39 लाख से अधिक) और प्रयागराज में 394 (कुल क्षमता 1.94 लाख से अधिक) परीक्षा केंद्र प्रस्तावित हैं।

वहीं कमिश्नरेट में सर्वाधिक 488 परीक्षा केंद्र प्रयागराज में प्रस्तावित हैं जिनकी कुल क्षमता 2.25 लाख से अधिक है। इसी तरह कानपुर नगर में 271 (कुल क्षमता 1.05 लाख से अधिक), आगरा में 261 (कुल क्षमता 1.23 लाख से अधिक), वाराणसी में 237 (कुल क्षमता 1.29 लाख से अधिक), लखनऊ में 148 (कुल क्षमता 1.05 लाख से अधिक), गाजियाबाद में 127 (कुल क्षमता 58 हजार से अधिक) और गौतमबुद्धनगर में 108 (कुल क्षमता 53 हजार से अधिक) परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने हाल ही में 60 हजार से अधिक पदों के लिए आरक्षी नागरिक पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 का नोटिफिकेशन जारी किया है। 18 फरवरी को परीक्षा प्रस्तावित है।

बोर्ड द्वारा परीक्षा भवन संबंधी मानक भी तय किए गए हैं। इनमें परीक्षार्थियों के बैठने की क्षमता एवं कक्षों की संख्या के साथ परीक्षा केंद्रों में बाउंड्रीवाल एवं गेट अनिवार्य है। परीक्षा हॉल, मेन गेट समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए। इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे से युक्त एक अलग कक्ष अनिवार्य है। साथ ही परीक्षा केंद्र के करीब वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी होनी चाहिए। पीने के पानी की व्यवस्था एवं महिला व पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था होगी। अधिक क्षमता के परीक्षा केंद्रों को प्रशासनिक सुविधा के लिए खंडों में विभाजित किए जाने की व्यवस्था भी होगी।

परीक्षा केंद्र की कोषागार, रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से दूरी भी मानकों में शामिल है। परीक्षा केंद्र तक आवगमन के लिए भी मानक निर्धारित किए गए। इसके अनुसार परीक्षा केंद्र भीड़-भाड़ वाले गली-कूचों, व्यवसायिक संस्थानों तथा पानी के जमाव वाले स्थानों पर नहीं होने चाहिएं। परीक्षा की व्यवस्था के लिए जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक मुख्य नोडल अधिकारी होंगे। वहीं, अपर जिलाधिकारी, अपर पुलिस उपायुक्त या अपर पुलिस अधीक्षक सहायक नोडल अधिकारी होंगे।

*22 व 26 जनवरी को ड्यूटी में लगाए गए समस्त पुलिसकर्मी अनावश्यक रूप से स्मार्टफोन का प्रयोग ना करें: डीजी कानून व्यवस्था*

लखनऊ । डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह और गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने फील्ड ड्यूटी के दौरान स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करने की प्रवृत्ति पर नाराजगी भी जताई है।

डीजी ने सभी पुलिस आयुक्त और जिलों के कप्तानों को शुक्रवार को इस बाबत जारी निर्देशों में कहा कि ड्यूटी के दौरान पुलिस कर्मी स्मार्ट फोन इस्तेमाल करने की वजह से काम पर ध्यान नहीं देते हैं। आगामी 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह और उसके बाद गणतंत्र दिवस समारोह है, जो सुरक्षा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है।

इस दौरान संवेदनशील इलाकों और महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा ड्यूटी में लगाए जाने वाले पुलिसकर्मियों को स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं करने के बारे में आगाह कर दिया जाए। बेहद आवश्यक कार्य होने पर ही फोन से वार्तालाप किया जाए।

*अंडपुर देव गांव में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम आयोजित*

लखनऊ। सरोजनीनगर की ग्राम सभा अन्दपुरदेव देव मे विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्यअतिथि विधायक प्रतिनिधि के एन सिंह ,विवेक राजपूत जिला मंत्री किसान मोर्चा,कोटेदार प्रिओम सिंह चौहान,सुरेश सिंह ,बीडीसी सियाराम लोधी,ग्रामप्रधान जयकरण लोधी,चंद्रभान सिंह,गेंदा सिंह,अमित लोधी, उत्कर्ष शुक्ला,सभासद श्रीकृष्ण रावत,और राज्य सरकार व केंद्र सरकार के कई विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।

कार्यक्रम में इस अवसर पर तमाम ग्राम वासियों के साथ क्षेत्रीय लोग मौजूद थे ।इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रतिनिधि ने ग्राम वासियों को सरकार की विभिन्न कल्याण कारी योजनाओं की जानकारी देते हुए जागरूक किया और गरीबों को ठंड से बचने के लिए कंबल वितरण भी किये गए।

*वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की*

लखनऊ। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने आज नई दिल्ली में मुलाकात की।

मुलाकात के पश्चात उन्होंने माननीय वित्त मंत्री को उत्तर प्रदेश में ईंट भट्ठों से प्राप्त होने वाली राजस्व एवं उसमें आ रही समस्याओं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीणांचलों में ईंट-भट्ठे कुटीर उद्योग के रूप में कार्यरत हैं जो कि बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराते हैं। साथ ही ये राज्य के राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

सुरेश कुमार खन्ना ने वित्त मंत्री से ईंट-भट्ठों के सम्बंध में पूर्व प्रचलित व्यवस्था के समान उत्पादन क्षमता आधारित समाधान योजना को जीएसटी व्यवस्था के तहत लागू किये जाने की व्यवस्था करने हेतु आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा के 6 प्रतिशत तथा इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के साथ 12 प्रतिशत निर्धारित व्यवस्था के बावजूद राजस्व संग्रह पूर्व के समतुल्य नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त व्यवस्था लागू करने से राजस्व बढ़ने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि हो सकती है।

श्री खन्ना ने अवगत कराया कि जीएसटी व्यवस्था का प्रारंभ एक राष्ट्र एक कर के सिद्धांत के आधार पर किया गया था। इस प्रणाली में आईटीसी के निर्वाध प्रवाह के लिए प्रावधान किए गए थे जिससे पंजीकृत करदाताओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े। परंतु जी०एस०टी० व्यवस्था लागू होने के पश्चात भी जहां प्राप्तकर्ता द्वारा पर्याप्त सावधानी बरतने के बाद भी, बिना किसी गलती के आपूर्तिकर्ता के गलत कार्यों का परिणाम भुगतना पड़ता है।

उन्होंने अवगत कराया कि उन परिस्थितियों में जहां प्राप्तकर्ता द्वारा प्राप्त की गई पूर्ति के सम्बंध में आपूर्तिकर्ता को माल के मूल्य के साथ देय जीएसटी का भी भुगतान किया जाता है तथा इससे संबंधित टैक्स इनवाइस भी प्राप्त की जाती है, परंतु आपूर्तिकर्ता द्वारा इस इनवाइस को अपने रिटर्न में घोषित नहीं किए जाने पर परिणाम प्राप्तकर्ता को भुगतना पड़ता है। ऐसी दशा में प्राप्तकर्ता को पुनः एक बार कर तथा इसके साथ-साथ ब्याज एवं अर्थदंड का भी भुगतान करना पड़ता है।

श्री खन्ना ने माननीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि पूर्व में जी०एस०टी० काउन्सिल द्वारा इस संबंध में क्रेता एवं विक्रेता दोनों ही पर कार्यवाही किए जाने के संबंध में निर्णय लिया गया था परंतु जेनविन टैक्स पेयर्स के समक्ष आ रही समस्याओं के दृष्टिगत प्रकरण पर पुनः सहृदयता पूर्वक विचार किया जाए, जिससे किसी भी करदाता को एक ही कर दो बार जमा करने की स्थिति उत्पन्न न होने पाए ।

*मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया नो योर आर्मी फेस्टिवल का शुभारंभ*

लखनऊ । सेना दिवस 2024 समारोह की शुरूआत लखनऊ कैंट में 'नो योर आर्मी फेस्टिवल' के साथ हुई। बहुप्रतीक्षित तीन-दिवसीय फेस्टिवलआज बड़े उत्साह के साथ शुरू हुआ, क्योंकि इसमें सैन्य उपकरणों, मार्शल आर्ट, सैन्य बैंड और कई अन्य आकर्षणों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया। उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा उपस्थित थे। इस तीन दिवसीय असाधारण कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इस अवसर को विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों, एनसीसी कैडेटों और लखनऊ के नागरिकों की उत्साही भागीदारी से और समृद्ध बनाया गया।

इस अवसर पर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमारे उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने हमारे राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा,भारतीय सेना देश के 140 करोड़ लोगों की शक्ति और साहस का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एक मजबूत सेना ही एक सुरक्षित और संप्रभु राष्ट्र की परिकल्पना को साकार कर सकती है।

मुख्यमंत्री ने दूसरी बार देश की राष्ट्रीय राजधानी से बाहर आयोजित किए जा रहे सेना दिवस के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि 76वें सेना दिवस परेड की मेजबानी के लिए मध्य कमान को चुना गया है, जिसका मुख्यालय लखनऊ में है। उन्होंने बताया कि यह राज्य के युवाओं के लिए भारतीय सेना को करीब से जानने और सेना के शौर्य और पराक्रम से प्रेरित होने का अवसर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिकों के हितों के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष सेना दिवस परेड की मेजबानी करना मध्य कमान और लखनऊ शहर के लिए गर्व का क्षण था। परंपरागत रूप से सेना दिवस परेड 2022 तक दिल्ली में आयोजित की जाती थी। इस कार्यक्रम को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित करने के निर्णय का उद्देश्य देश के सभी क्षेत्रों में भारतीय सेना के बारे में समझ को बढ़ावा देना है।

आर्मी कमांडर ने यह भी आश्वस्त किया कि भारतीय सेना और मध्य कमान इस क्षेत्र में सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। आर्मी कमांडर ने स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेटों के साथ बातचीत करते हुए सैन्य प्रौद्योगिकी में प्रगति को समझने और उसकी सराहना करने के महत्व पर जोर दिया।

आज नो योर आर्मी फेस्टिवल में दर्शकों को एक लुभावनी प्रदर्शनी देखने को मिली जिसमें मार्शल आर्ट और नवीनतम सैन्य उपकरणों का शानदार प्रदर्शन किया गया। उल्लेखनीय प्रदर्शनों में टी-90 टैंक, भारतीय सेना का मुख्य युद्धक टैंक, स्वदेशी के-9 वज्र स्व-चालित आर्टिलरी बंदूक और भारत में ही निर्मित हथियार लोकेटिंग रडार (डब्ल्यूएलआर) स्वाति शामिल हैं। इस कार्यक्रम में स्वदेशी रूप से निर्मित संस्करणों के साथ आत्मनिर्भर भारत की तकनीक-संचालित सेना को भी गर्व से प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त, इनफार्मेशन काउंटरों की एक श्रृंखला, सैन्य प्रदर्शन और एक रोमांचक ०४्र९ प्रतियोगिता भी इस कार्यक्रम का भाग थे ।

पूर्व सैनिकों के लिए इनफार्मेशन काउंटर बहुत उपयोगी रहा, जो संसाधन, समर्थन और नेटवर्किंग अवसर प्रदान करता है । जोनल भर्ती संगठन को युवाओं के साथ जुड़ने का मौका मिला, कैरियर के अवसरों और सैन्य सेवा में नवीनतम विकास के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

क्विज प्रतियोगिता, इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण थी, जिसमें प्रतिभागियों को एक चुनौतीपूर्ण लेकिन ज्ञानवर्धक प्रतियोगिता में शामिल किया गया, जहाँ विजेताओं को विशेष रूप से तैयार किए गए स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया। इस दुर्लभ अवसर ने उपस्थित लोगों को हमारे सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग की जाने वाली अत्याधुनिक तकनीकों को प्रत्यक्ष रूप से देखने का मौका दिया, जिससे भारतीय सेना और इसकी दुर्जेय ताकत के बारे में गहरी समझ विकसित हुई।

यह फेस्टिवल हमारे देश की रक्षा में योगदान देने वाले रणनीतिक संसाधनों और क्षमताओं के बारे में जानकारी हासिल करने का एक अनूठा अवसर है। नो योर आर्मी फेस्टिवल, 7 जनवरी, शाम 04 बजे तक सभी नागरिकों के लिए खुला रहेगा।

*संदिग्ध परिस्थितियों में घर से निकला बुजुर्ग लापता*

लखनऊ। बुधवार को घर से निकला बुजुर्ग संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। परिजनों ने काफी खोजबीन की , लेकिन उनका कुछ भी पता नहीं चल सका। लापता हुए बुजुर्ग की बेटी ने पुलिस को तहरीर देकर गुमशुदगी दर्ज कराई है।

सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के हाइडिल के शिवपुरी कालोनी निवासी मीना यादव ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उनके 65 वर्षीय पिता वासुदेव प्रसाद यादव बीते बुधवार की दोपहर घर से निकले थे। लेकिन वह देर रात्रि तक घर वापस नहीं लौट सके तो परिजनों को चिंता हुई। मीना का कहना है कि उनके पिता का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। अब तक रिश्तेदारी और अन्य जगहों पर खोजबीन की गई लेकिन उनका कहीं पता नहीं चल सका।

*पर्यटन मंत्री ने प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों को मुख्यमंत्री को कराया अवगत*

लखनऊ। अयोध्या में आगामी 22 जनवरी, 2024 को भगवान श्रीराम के मंदिर के लोकार्पण का कार्यक्रम प्रस्तावित है। इस परिपेक्ष्य में प्रदेश के सभी 75 जनपदों के अध्यात्मिक स्थलों, मंदिरों में मकर संक्रांति 14 जनवरी से मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 तक रामकथा, रामायण पाठ, हनुमान चालिसा, भजन कीर्तन एवं रामलीला आदि का मंचन संस्कृति विभाग उप्र की ओर से कराया जायेगा। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश विगत 21 दिसम्बर, 2023 को जारी किये गये हैं। इसके अलावा मा0 सांसदगण, सदस्य विधानसभा एवं विधान परिषद, मेयर, अध्यक्ष जिला पंचायत, ब्लाक प्रमुख, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों को व्यक्तिगत रूप से अवगत कराते हुए सक्रिय सहयोग की अपेक्षा की गई है।

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने 14 जनवरी से 22 जनवरी तक संस्कृति विभाग द्वारा सम्पादित किये जाने वाले समस्त कार्यक्रमों से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराते हुए इस संबंध में और बेहतर किये जाने के लिए मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देश का अनुरोध किया है। यह जानकारी देते हुए आज यहां पर्यटन मंत्री ने बताया कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक की अवधि में अयोध्या के चार मंचों पर रामायण एवं उससे जुड़े प्रसंगों पर आधारित विदेशी कलाकारों द्वारा रामलीला, नृत्य नाटिकायें, रामकथा का वाचन, प्रवचन, भजन तथा लोक कलाओं पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। इन कार्यक्रमों हेतु कलाकारों का चयन संस्कृति विभाग उप्र द्वारा जारी कार्यालय आदेश के अनुसार कराया जायेगा।

जयवीर सिंह ने बताया कि भारत के सामाजिक मूल्य, जीवन में स्थापित भगवान श्रीराम के उच्च मापदंड, सनातन संस्कृति के प्रेरणा श्रोत हैं। उन्होंने बताया कि भारत के गौरवशाली अतीत एवं समृद्ध विरासत सनातन परम्परा के मूल आधार है। इसीलिए भारतीय जीवन दर्शन को इस ब्रहमाण्ड में सबसे आदर्श तत्व की श्रेणी में रखा गया है। आज की युवा पीढ़ी को इन उच्च आदर्शों एवं आदर्श जीवन मूल्यों, त्याग, बलिदान एवं कर्तव्य परायणता की प्रेरणा देने के लिए भगवान श्रीराम के वांगमय से जुड़ना चाहिए।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि विदेशी कलाकारों को भगवान श्रीराम के जीवन के विविध पहलुओं से जोड़ना है तथा उनके आदर्श जीवन को मंच पर प्रस्तुत कराने का उद्देश्य भारत की समृद्ध संस्कृति विरासत का विदेशी समुदाय से साझा करना है। विश्व को यह भी बताना है कि भारत के आदर्श जीवन मूल्यों के कारण ही सदियों से इसे विश्व गुरू कहा जाता रहा है और देश के प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में भारत पुन: विश्वगुरू के स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। उन्होंने देशवासियों एवं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए अपील भी की है।