*समाधान दिवस में पहुंचे 95 फरियादी, किसी की समस्या का नहीं हुआ निस्तारण*

गोरखपुर- तहसील में उप जिलाधिकारी राजू कुमार की अध्यक्षता में आयोजित वर्ष 2024 के पहले समाधान दिवस में कुल 95 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए। किंतु मौके पर किसी भी मामले का समाधान नहीं किया जा सका। सर्वाधिक मामले राजस्व विवाद, पुलिस,जनआपूर्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग से संबंधित पाए गए।

इस दौरान पहुंचे दर्जनों लोगों ने एसडीएम के समक्ष फरियाद करते हुए अपनी समस्याओं का समाधान कराने की मांग की लेकिन किसी भी मामले का समाधान नहीं कराया जा सका। मौके पर तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता तथा अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

*सैनिक स्कूल के निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया निरीक्षण,15 फरवरी तक सभी निर्माण कार्य पूर्ण करने के दिए निर्देश*

गोरखपुर- गोरखपुर के सैनिक स्कूल में आसन्न सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। सत्र प्रारंभ होने से पहले निर्माण कार्य पूर्णतः पूर्ण हो, इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को निर्माण के अंतिम चरण में पहुंच चुके सैनिक स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण की स्थलीय प्रगति जानने के साथ इसके मॉडल को भी देखा और जरूरी निर्देश दिए। सीएम योगी ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों व कार्यदायी संस्था के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखते हुए सभी निर्माण कार्य 15 फरवरी तक हरहाल में पूर्ण कर लिए जाएं।

खाद कारखाना परिसर में बन रहे सैनिक स्कूल का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इस सैनिक स्कूल में कक्षाओं का संचलन शुरू हो जाएगा। यह स्कूल गोरखपुर समेत समूचे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ दिखना चाहिए क्योंकि किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है।

सैनिक स्कूल के मॉडल, एकेडमिक व प्रशासनिक ब्लॉक समेत पूरे परिसर के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने क्लास रूम, लैब व लाइब्रेरी का सघन अवलोकन कर उपलब्ध व्यवस्थाओं की जानकारी ली। बालक-बालिका छात्रावास, मेस, स्टेडियम के बारे में पूछताछ की। इस मौके पर उन्होंने पूर्ण और अपूर्ण कार्यों के बारे में पूछा और निर्देशित किया कि सभी अपूर्ण कार्य 15 फरवरी तक अवश्य पूरे कर स्कूल को हैंडओवर कर दिया जाए।

50 एकड़ में विस्तृत है सैनिक स्कूल

गोरखपुर का सैनिक स्कूल खाद कारखाना परिसर में आवंटित 50 एकड़ भूमि पर विस्तृत है। डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्कूल का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2021 को किया था। ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ के ध्येय से निर्माणाधीन इस शैक्षिक प्रकल्प में कक्षा 6 से 12 तक बालक-बालिकाओं को आवासीय व्यवस्था के तहत शिक्षा प्रदान की जाएगी। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग कैंपस हैं। स्कूल का प्रशासनिक भवन प्राचीन भारतीय संस्कृति व परंपरा का दर्शन कराने वाला बना है। यहां बनने वाले हॉस्टल राष्ट्र नायकों के नाम से समर्पित होंगे। साथ ही कैंपस के अलग-अलग स्थानों का नामकरण सेना के जाबांजों के नाम पर किया जाएगा । सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के खेलकूद की गतिविधियों के लिए खेलों के कई कोर्ट व मैदान भी विकसित हुए हैं या हो रहे हैं। गोरखपुर का सैनिक स्कूल सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में सम्मिलित है।

राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा सैनिक स्कूल

एक लंबे दौर तक गोरखपुर की पहचान अपराध की नर्सरी के रूप में रही। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग के क्षेत्र में हासिल उपलब्धियों से बदनाम पहचान बदल गई है। अब गोरखपुर की पहचान विकास के मॉडल रूप में होती है। इस मॉडल में सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में होगा। यह स्कूल राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा। इसके जरिये छात्र फौज में अफसर बनेंगे। देश की सीमाओं की रक्षा करेंगे। सैनिक स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है।

*श्रीरामजन्मभूमि संघर्ष का इतिहास पर प्रकाश -डॉ सुनील कुमार मिश्रा*

गोरखपुर- किसी भी राष्ट्र का अस्तित्व और अस्मिता, स्वत्व और स्वाभिमान उस देश के श्रद्धा व आस्था केन्द्रों, महापुरुषों के स्मृतिस्थलों तथा सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण व संवर्धन पर निर्भर करता है। यह इतिहास का एक कड़वा सच है कि बर्बर विदेशी आक्रान्ताओं ने हमारे हजारों श्रद्धा, पुण्य और प्रेरणा केन्द्रों को ध्वस्त कर राष्ट्रीय स्वाभिमान को आहत करने का दुस्साहस किया था। उन्होंने हिन्दुस्थान में हजारों मंदिरों को तोड़ा और फिर अपने वर्चस्व का दंभ दिखाने के लिये उन्हीं मंदिरों के स्थान पर, उन्हीं मंदिरों के मलवे से मस्जिदें खड़ी कर दीं। देश के कोने-कोने में ऐसे अनगिनत स्थान हैं। काशी विश्वनाथ मन्दिर वाराणसी, श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा, श्री राम जन्मभूमि अयोध्या तथा गुजरात का सोमनाथ का मंदिर भारत की राष्ट्रीय-सांस्कृतिक प्रवाहधारा के मुख्य स्त्रोत रहे हैं। अतः उनके ध्वंस का दंश हिन्दू समाज को हमेशा सालता रहा और इसीलिये उनकी पुनर्स्थापना एवं पुनर्प्रतिष्ठा की मांग और प्रयास निरंतर जारी रहे। विशेष रूप से श्री राम जन्मभूमि की मुक्ति के लिये तो अब तक हुए 76 संघर्षों में साढ़े तीन लाख से अधिक लोगों ने अपना बलिदान दिया। बाबर के सेनापति मीर बाकी ने श्री रामजन्मभूमि पर बने मंदिर को ध्वस्त कर उसके बहुत से प्रतीक चिन्हों, स्तंभों, मूर्तियों आदि को क्षतिग्रस्त करके उनका मलवे के रूप में प्रयोग करते हुए उसी स्थान पर एक मस्जिदनुमा ढ़ांचे का निर्माण कराया। यदि ऐसा है तो इस प्रश्न को मंदिर-मस्जिद विवाद अथवा हिन्दू-मुस्लिम समस्या की चौखट से बाहर निकालकर एक स्वतंत्र राष्ट्र के नाते गुलामी के प्रतीक चिन्हों को मिटाने और राष्ट्र के स्वत्व व स्वाभिमान जगाने तथा अस्मिता और पहचान को प्रकट करने वाले स्मारक की पुनर्स्थापना के रूप में देखा जाना चाहिये। ऐसा होना सभी स्वतंत्र व स्वाभिमानी देशों व समाजों में होता आया है, और यह स्वाभाविक भी है।

भारत के लिये राम केवल पूजा के देव नहीं हैं। वे राष्ट्रीय अस्मिता, राष्ट्रीय गौरव, भारतभक्ति और मर्यादा के मानदंडों के अनुसार जीवन-व्यवहार करने वाले राष्ट्रपुरुष हैं। ऐसी स्थिति में अपमान के कलंक को धोने, गुलामी के चिन्हों को हटाने, सांस्कृतिक गुलामी से मुक्ति पाने, आस्था-श्रद्धा व मानबिन्दुओं की रक्षा करने, भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देने, राष्ट्र की चेतना को जगाने और राष्ट्रीय पहचान को प्रकट करने के प्रतीक के रूप में श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर बनाया जाना अत्यंत स्वाभाविक है। राम।

देश की आस्था के प्रतीक। इतिहास के धीरोदात्त नायक। लोकजीवन में शील और मर्यादा को स्थापित कर बने पुरुषोत्तम । भारत के राष्ट्रपुरुष राम। राम राज्य, अर्थात शील का अनुगामी राज्य। लोककल्याण के लिये कृतसंकल्प। भारत के इतिहास में शासन-विधान का सर्वोच्च मापदंड। इसीलिये देश के संविधान की प्रथम प्रति पर पुष्पक विमान में विराजमान माता जानकी और श्री लक्ष्मण सहित अयोध्यानरेश श्री राम का रेखाचित्र अंकित किया गया।

*एक बार फिर जनकपुर के फूलों से महका गोरखपुर*

गोरखपुर- आज फिर एक बार माता सीता मंदिर जनकपुर से श्री राम जन्मभूमि पर बना रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण में अपने संबंधी होने का दायित्व निर्माण करते हुए नेपाल राष्ट्र ने बेटी के यहां मांगलिक कार्यक्रम होने का अवसर पर भार सनेश यात्रा अयोध्या के लिए रवाना किया जो देर रात गोरखपुर पहुंची।

गोरखपुर में आगमन पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने यात्रा का जोरदार स्वागत कुसमी जंगल से ही प्रारंभ कर दिया। विभिन्न स्थानों पर यात्रा का स्वागत करते हुए यात्रा का शानदार स्वागत पहले कुसमी में जिला संयोजक रंजीत का सावधान एवं पैडलेगंज पर विभाग मंत्री शीतल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। यात्रा में सम्मिलित जानकी मंदिर के महंत रोशन दास जी महाराज ने बताया कि भगवान श्री राम हमारे जीजा हैं अतः जीजा के घर कार्यक्रम में हम सब भार संदेश जिसमें मिठाइयां खाजा लड्डू बर्फी बालूशाही जेवर पूरे परिवार के कपड़े अन्य भी सामग्रियां उपहार लेकर के सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या धाम जा रहे हैं।

यह यात्रा आज रात वहां पहुंचकर कल प्रातः यह सभी सामान तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय जी को सुपुर्द करेंगे। स्वागत करने वाले में मुख्य रूप से प्रचार प्रमुख दुर्गेश त्रिपाठी प्रसार प्रमुख मनोज गौड़ जिला अध्यक्ष सूर्यनाथ, महानगर संगठन मंत्री सोमेश जी ,विभाग मंत्री शीतल कुमार मिश्र जी ,मनोज जी देवीलाल,मुकेश जी, धननजय जी,रवि जी ,अनुज जी , विकाश जी , समीर जी , अनमोल संजय जी रामप्रीत अमन जी समेत सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।

*माल्हनपार में स्वास्थ्य विभाग के 2 कर्मचारियों की विदाई हुई*

गोरखपुर- क्षेत्र के नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र माल्हनपार में कार्यरत रहे स्वास्थ्य विभाग के 2 कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति होने पर उन्हें विदाई दी गई। अस्पताल में आयोजित एक सादे समारोह में लैब टेक्नीशियन ब्रह्मदेव यादव तथा वार्ड बॉय अशोक सिंह का कार्यकाल पूरा होने पर स्टाकफ के सभी अधिकारियों,कर्मचारियों और स्थानीय गणमान्य लोगों ने फूल माला पहनाकर,अंगवस्त्र और उपहार भेंट दे कर विदाई की।

अस्पताल की डॉ श्वेता सिंह,डॉक्टर अंजली सिंह,शिवधन प्रसाद, आर.एन.सिंह ने उनके सेवा कार्यों की सराहना की शिवधन प्रसाद ने कहा कि हमेशा पीड़ित मानवता की सेवा करनी चाहिए तथा दूसरे को खुश रखने का प्रयास करना चाहिए उसी का प्रतिफल हमें मिलता है यही सेवा का मूल सार है।

इस अवसर पर सहकर्मी नीतू यादव,नीलम,दीपक कुमार,कुसुम पासवान, अवधेश कुमार, धर्मेंद्र यादव, आकाश सिंह, गजानन त्रिपाठी, अनुभव प्रताप सिंह, अभिषेक सिंह ,नीलम दुबे ,कृपा शंकर तिवारी,जितेंद्र शुक्ला सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

*शाम ढलते ही हल्की बारिश से किसानों के चेहरे खिले*

गोरखपुर- शुक्रवार को शाम 6.30 बजे के बाद बूंदाबांदी के रूप में हुई हल्की बारिश से मौसम का मिजाज बदल गया है। शुक्रवार को सबेरे से ही ठंड बढ़ गई दिन भर धूप न निकलने से ज्यादातर लोग अपने घरों में दुबके रहे।

शाम ढलते ही बूंदाबांदी के रूप में हुई हल्की बारिश से सामान्य जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। कस्बे और चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा। बारिश से सड़कों पर फिसलन हो गई और कई लोग सड़क हादसे का शिकार होने से बचे। वहीं किसानों ने बताया कि हल्की बारिश फसलों के लिए फायदेमंद होगी। रबी की फसलों के लिए शीतकालीन हल्की-फुल्की बरसात अच्छी होती है इससे पौधों का विकास होगा।

*सेवा निवृत्त नायब तहसीलदार की भावभीनी विदाई,उपजिलाधिकारी ने उनके कार्यों को सराहा*

खजनी गोरखपुर।उपजिलाधिकारी राजू कुमार और तहसील के सभी अधिवक्ताओं, अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा सेवानिवृत नायब तहसीलदार अशोक कुमार को भावभीनी विदाई दी गई।

तहसील में आयोजित विदाई समारोह में अपने संबोधन में एसडीएम ने कहा कि नायब तहसीलदार अशोक कुमार ने अपने उत्तरदायित्वों का बखूबी निर्वहन किया उन्होंने अपने सेवाकाल में सभी अधिवक्ताओं के दिलों में जगह बनाकर राजस्व विभाग के सभी कार्यों को कुशलतापूर्वक संपन्न किया।

विगत लगभग 40 वर्षों से राजस्व विभाग में उनका लंबा कार्यकाल रहा। इस दौरान उन्होंने अपने पद और गरिमा के अनुरूप नीतीगत तरीके से सभी कार्यों को संपादित किया। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए अमूल्य सेवाएं दी हैं।

विदाई समारोह को संबोधित करते हुए अन्य वक्ताओं ने भी नायब तहसीलदार की कार्य शैली की सराहना करते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। फूल माला और अंगवस्त्र तथा उपहार देकर अपने प्रिय अधिकारी की विदाई करते हुए सभी के चेहरे पर दर्द छलक पड़ा।

इस दौरान अपने संबोधन में नायब तहसीलदार ने सभी सहकर्मियों के सहयोग की सराहना करते हुए सेवा काल के कई अविस्मरणीय संस्मरणों की जानकारी दी।

विदाई समारोह में न्यायिक उप जिलाधिकारी,तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता,न्यायिक तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार बेलघाट हरीश यादव, नायब तहसीलदार खजनी राम सूरज प्रसाद,रजिस्ट्रार कानूनगो उमेश दुबे,राजस्व निरीक्षक रामरेखा प्रसाद एवं

अधिवक्ता नन्हे लाल यादव, पन्नेलाल यादव,पंडित राम कृष्ण द्विवेदी,दिनेश कुमार सहित तहसील के सभी अधिवक्ताओं अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने चहेते अधिकारी को भावपूर्ण विदाई दी।

*लोकप्रिय नेता सांसद संजय सिंह को दूसरी बार राज्य सभा भेजेगी आम आदमी पार्टी- विजय कुमार श्रीवास्तव*

गोरखपुर। टाउन हॉल स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा के पास भारत माता के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद महानगर अध्यक्ष विजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आम आदमी पार्टी द्वारा शिक्षा स्वास्थ बिजली पानी पर काम करने की वजह से घबड़ा कर मोदी सरकार ने तानाशाही करते हुए फर्जी मुकदमों में आम आदमी पार्टी के नेताओं को जेल में बन्द कर रखा है।

सांसद संजय सिंह के प्रत्येक शुक्रवार को जेल में उपवास रखने के क्रम में आज दूसरे शुक्रवार को उनके समर्थन में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी भारत माता के चित्र के सामने उपवास रखे हैं। मोदी सरकार नही चाहती है कि सांसद संजय सिंह और केजरीवाल जी 2024 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रचार कर सकें, इससे भाजपा के हार का खतरा ज्यादे हो जाएगा।

प्रदेश सचिव अमिताभ जायसवाल ने बताया कि सांसद संजय सिंह ने अपनी पत्नी अनिता सिंह के जेल में पंहुचकर मुलाक़ात के बाद अपने उपवास के बारे में बताया। जिसके बाद हमलोग उपवास पर बैठे हैं।

छात्र सन्गठन के ताश इलाही ने कहा कि इस उपवास के साथ ही लोगों में देश के प्रति एकता और अखंडता स्थापित करने की भी कोशिश होगी।

कलीम हिंदुस्तानी ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता अपने सांसद संजय सिंह की ईडी द्वारा अवैध गिरफ्तारी के विरोध में लम्बे समय से आंदोलन चला रहे हैं।

व्यापार प्रकोष्ठ के गोविंद गौतम ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता आम जनता के घर जाकर लोगों को संजय सिंह के फर्जी मुकदमे में गिरफ़्तारी का सच बता चुके हैं।

उपवास कार्यक्रम में शहर विधानसभा अध्यक्ष अंगद यादव, ग्रामीण विधानसभा अध्यक्ष आशीष कुशवाहा, धनन्जय कुमार श्रीवास्तव महानगर उपाध्यक्ष, फूलबदन यादव निवर्त्तमान जिलाउपाध्यक्ष, डॉ वाहिद रहमान, महानगर उपाध्यक्ष अजित कुमार, बाल्मीकि शर्मा सहित तमाम कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

*एक पेड़ के बदले में दस पेड़ लगाना पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक: डीएफओ*

गोरखपुर। मिशन लाइफ के अंतर्गत सीआरसी गोरखपुर में पर्यावरण संरक्षण विषय पर एकदिवसीय जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को बतौर और मुख्य अतिथि गोरखपुर के जिला वन अधिकारी विकास यादव ने संबोधित किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विकास यादव ने कहा कि विकास की दौड़ में यदि हमें जरूरत बस एक पेड़ काटना पड़े तो उसके बदले में दस पेड़ लगाकर ही हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। पर्यावरण को बचाना मिशन लाइफ का एक हिस्सा है। नहीं तो मानव जीवन संकट में पड़ जाएगा।

कार्यक्रम में महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या सुश्री कृष्णा चटर्जी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रही तथा उन्होंने बच्चों को प्लास्टिक ना उपयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण पर आधारित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, चित्रकला प्रतियोगिता तथा संभाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विजेता बच्चों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान के विशेष शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक विनोद केन भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि आम जनमानस में जागरूकता पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे सकती है, कि वे अपने आसपास एक स्वस्थ पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करें। नैदानिक मनोविज्ञान विभाग की सहायक अध्यापक राजेश कुमार ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार पांडे ने किया एवं विकासात्मक चिकित्सक संजय प्रताप ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।

*योग गुरु परमहंस योगानन्द का मना 131वां जन्मदिन*

गोरखपुर । योग गुरु परमहंस योगानन्द जी महाराज का 131वां जन्मदिन कोतवाली थाने के बगल में उनके जन्मस्थान पर मनाया गया।

योगानन्द जी का असली नाम मुकुंद घोष था, 5 जनवरी 1893 को योगनन्द जी का जन्म गोरखपुर में कोतवाली थाने के बगल में स्थित एक मकान में हुआ था। उनके द्वारा योग पर लिखी पुस्तक ने बिक्री का वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। अमेरिका में उनके लाखो अनुयायी है।

शुक्रवार को उनके जन्म स्थान पर केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया गया।

योगानन्द जी की जन्मस्थली के मालिक अलाउद्दीन नवाब उर्फ शेखू नवाब ने बताया कि उनके पिता स्व0 शेख अब्दुर्रहीम उर्फ अच्छन बाबू नवाब साहब ने 50 वर्ष पहले जन्मदिन मनाने की परंपरा शुरू किया था। विगत वर्ष उनके देहांत के बाद उस परम्परा को जारी रखते हुए योगानन्द जी का जन्मदिन मनाया गया।