*गीता वाटिका द्वारा नि:शुल्क कैंसर जागरूकता स्वास्थ्य शिविर मे प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण का हुआ आयोजन*
गोरखपुर। भारत में प्रतिवर्ष 11 लाख नए कैंसर के मामले सामने आते हैं, जिनमें से दो-तिहाई का निदान बाद के चरण में किया जाता है, जिससे रोगियों के जीवित रहने की संभावना कम हो जाती है। 50% कैंसर का देर से पता चलने का प्रमुख कारण अशिक्षा, जागरूकता की कमी, डर और कलंक है।
अधिकांश कैंसर रोगी गांवों से हैं जहां लोगों के बीच कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने, शीघ्र पता लगाने और शीघ्र निदान की सुविधाएं लगभग नगण्य हैं। चूंकि ग्रामीणों के बीच कैंसर के त्वरित निदान की सुविधा प्रदान करना बहुत कम है, इसलिए मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र,पाली (ठर्रापार), घघसरा के प्रांगण में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर जागरूकता स्वास्थ्य शिविर मे कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
ताकि ग्रामीणों को कैंसर के बारे में शुरुआती जानकारी, रोकथाम, पहचान और सकारात्मक जानकारी मिल सके। इसमें आए 133 मरीजों में कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ.राकेश श्रीवास्तव द्वारा कैंसर संबंधित लक्षण की जांच की। सबसे ज्यादा दिखाने आए पुरुषो में मुंह, जीभ, पेट , प्रोस्टेट, गले में गांठ आदि में परेशानी लोग रहे जबकि महिलाओं में स्तन में गांठ, गर्भाशय, अंडाशय की संभावित समस्या वाले लोग आए। सभी लोगों की समस्या देखकर तथा जांचकर उचित निशुल्क दवाई दी गई। कैंसर के प्रकार एवं उनके लक्षण के दुर्दांत रोग कैंसर के सम्भावित मरीजों एवं उनके परिजनों को प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।
इस स्वास्थ्य शिविर में आए लोगों में विस्तृत रूप से सर्वाइकल की रोकथाम में एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमावायरस) टीकों की भूमिका पर जोर दिया गया। इस कार्यक्रम में "इसे समय पर पकड़ें, हर बार जल्दी पता लगाने के मामले में इसे हराएं" थीम के साथ शीघ्र पता लगाने के महत्व पर जोर दिया गया। उन्हें समझाया गया कि जब कैंसर की देखभाल में देरी होती है तो मरीजों के बचने की संभावना कम होती है। हमें कैंसर के निवारक उपायों को जानना चाहिए। यदि कोई समस्या है, तो हमें कैंसर के शीघ्र निदान और अच्छे उपचार के बारे में पता होना चाहिए। कैंसर उन बीमारियों में से एक है जिसका शीघ्र निदान सफल उपचार के लिए सबसे अच्छा मौका देता है। महिलाओं को स्तन कैंसर के लिए खुद की जांच हमेशा करते रहना चाहिए ताकि स्तन कैंसर होने पर शुरुआती पहचान कर समय पर उसका उपचार किया जा सके।
स्वास्थ्य केंद्र आए सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें की बचाव ही कैंसर का सबसे अच्छा ईलाज है। इसके साथ ही कैंसर के लक्षण के शक होने पर एक कैंसर के चिकित्सक को जरुर दिखाएं।
शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सतीश सिंह, अजय श्रीवास्तव, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, नारद मुनि प्रतिमा शर्मा, अंकित पांडेय, अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य सराहनीय रहा ।
Jan 05 2024, 18:23