*गोरखपुर विश्वविद्यालय ने कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए मधेश कृषि विश्वविद्यालय, राजबिराज, नेपाल से किया समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर*
गोरखपुर। विश्वविद्यालय ने मधेश कृषि विश्वविद्यालय, राजबिराज, नेपाल के साथ कृषि सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कृषि के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समझ एवं सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठाते हुए दोनों संस्थानों ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन तथा मधेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बैद्य नाथ ने एमओयू हस्ताक्षर समारोह में सहभागिता की।
कार्यक्रम में प्रोफेसर टंडन और प्रोफेसर नाथ के बीच चर्चा कृषि क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं, कृषि अनुसंधान में पारस्परिक हितों और सभी स्तरों पर शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए साझा समर्पण को प्रदर्शित करने पर केंद्रित रही।
प्रोफेसर पूनम टंडन ने इस सहयोग के प्राथमिक लक्ष्य कृषि क्षेत्र में क्षमताओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने के साथ ही उद्योग की जरूरतों और युवाओं के पास मौजूद कौशल के बीच के अंतर को भरने पर जोर दिया।
समारोह में दोनों कुलपतियों ने छात्रों को शैक्षणिक, अनुसंधान-उन्मुख, औद्योगिक और उद्यमशीलता कौशल के साथ परिपूर्ण व्यक्ति के रूप में विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
रैंकिंग सेल के निदेशक प्रोफेसर मनीष श्रीवास्तव, इंटरनेशनल सेल के निदेशक डॉ रामवंत गुप्ता और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर राजर्षि कुमार गौड़ सहित गोरखपुर विश्वविद्यालय के एक प्रतिनिधिमंडल इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मौजूद रहा।
कुलपति प्रो टंडन ने बताया कि इस सहयोग का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, कृषि अनुसंधान को बढ़ाना और कृषि क्षेत्र में कुशल पेशेवरों के विकास में योगदान देना है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय और मधेश कृषि विश्वविद्यालय एक सार्थक साझेदारी की आशा करते हैं जो कृषि शिक्षा और अनुसंधान पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
Jan 03 2024, 18:17