शोध संस्थान द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन
गोरखपुर। भारत के सुदूर ग्रामीण इलाको में आम लोगों को अपने को कैंसर के चिकित्सक को दिखाना बहुत मुश्किल होता है। इन्हीं मुश्किलों को दूर करने के लिए मुख्य सड़क से काफी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पिपरौली के प्रांगण में मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें 131 मरीजों ने आकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव से कैंसर संबंधित परामर्श लिया, लक्षण की जांच कराई तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया शिविर का हिस्सा बनने वाले लोगों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बेझिझक अपनी स्वास्थ्य जांच कराकर अपने शक को दूरकर इस शिविर का भरपूर लाभ उठाया।
पुरुषो में माउथ, लंग, पेट, प्रोस्टेट आदि में परेशानी वाले लोग आए जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय आदि की समस्या वाले लोग आए।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आशा एवं संगिनी कार्यकर्ताओं को बुलाकर उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।
इन्हें बताया गया कि लगातार खांसी में खून आना, आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना, अस्पष्टीकृत एनीमिया (कम रक्त गणना) , स्तन में गांठ या स्तन से स्राव, अंडकोष में गांठें पेशाब में बदलाव, पेशाब में खून आना, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई।
ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई, असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना, रात को पसीना आना, या बुखार, मुंह में ठीक न होने वाले घाव या मसूड़ों, जीभ, या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे, गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग महसूस हो, अधिक समय तक पीठ दर्द, पेल्विक दर्द, सूजन, या अपच कैंसर का संकेत हो सकता है ।
ऐसे में कैंसर के चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज हो सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर, विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण करना चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक युवी अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।
शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिवानंद मिश्रा, अजय श्रीवास्तव, सुनीता, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, सोनी पासवान, नारद, अंकित पांडेय, अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य बहुत सराहनीय रहा।
Dec 19 2023, 17:38