शोध संस्थान द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। भारत के सुदूर ग्रामीण इलाको में आम लोगों को अपने को कैंसर के चिकित्सक को दिखाना बहुत मुश्किल होता है। इन्हीं मुश्किलों को दूर करने के लिए मुख्य सड़क से काफी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पिपरौली के प्रांगण में मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसमें 131 मरीजों ने आकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव से कैंसर संबंधित परामर्श लिया, लक्षण की जांच कराई तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया शिविर का हिस्सा बनने वाले लोगों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बेझिझक अपनी स्वास्थ्य जांच कराकर अपने शक को दूरकर इस शिविर का भरपूर लाभ उठाया।

पुरुषो में माउथ, लंग, पेट, प्रोस्टेट आदि में परेशानी वाले लोग आए जबकि महिलाओं में ब्रेस्ट की गांठ, गर्भाशय, मुंह, अंडाशय आदि की समस्या वाले लोग आए।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित आशा एवं संगिनी कार्यकर्ताओं को बुलाकर उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई।

इन्हें बताया गया कि लगातार खांसी में खून आना, आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना, अस्पष्टीकृत एनीमिया (कम रक्त गणना) , स्तन में गांठ या स्तन से स्राव, अंडकोष में गांठें पेशाब में बदलाव, पेशाब में खून आना, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई।

ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई, असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना, रात को पसीना आना, या बुखार, मुंह में ठीक न होने वाले घाव या मसूड़ों, जीभ, या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे, गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग महसूस हो, अधिक समय तक पीठ दर्द, पेल्विक दर्द, सूजन, या अपच कैंसर का संकेत हो सकता है ।

ऐसे में कैंसर के चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज हो सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर, विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण करना चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक युवी अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शिवानंद मिश्रा, अजय श्रीवास्तव, सुनीता, रानी त्रिपाठी, श्रीभगवान यादव, सोनी पासवान, नारद, अंकित पांडेय, अस्पताल के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य बहुत सराहनीय रहा।

अतिक्रमण अभियान के तहत सड़क पर उतरे एडीजी जोन और कमिश्नर

गोरखपुर। मुख्यमंत्री के आदेश पर शहर को साफ- स्वच्छ सुंदर बनाने की उद्देश्य से आज मंडलायुक्त अनिल ढींगरा एडीजी जोन अखिल कुमार नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल एडीएम सिटी अंजनी कुमार एसपी ट्रैफिक श्याम देव बिंद समेत तमाम आलाधिकारी आज सड़क पर उतरकर अतिक्रमण किए हुए स्थान को चिन्हित किया गया निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने को लेकर विचार विमर्श किया गया कि अवैध रूप से किए गए।

अतिक्रमण को पूरी तरीके से हटाया जाएगा इसके बावजूद अगर कोई दोबारा अतिक्रमण करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना के साथ मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। जिले के आला अधिकारी ने सड़क पर उतरकर अतिक्रमण किये स्थानो को चिन्हित किया गया।

लोगों को शख्स हिदायत दी गई कि अगर दोबारा अतिक्रमण करते पाए गए तो ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।

पटरी व्यवसाईयों ने नगर निगम का किया घेराव

गोरखपुर। पटरी व्यवसाई नगर निगम का किया घेराव नगर निगम जिला प्रशासन द्वारा ठेले खुमचो द्वारा रोड पर ठेला लगा कर आवागमन अवरुद्ध कर दिया जा रहा था जिससे राहगीरों का आवागमन प्रभावित होता था।

जब नगर निगम पुलिस प्रशासन ने अभियान चलाकर पटरी व्यवसाईयों को रोड के किनारे से हटकर जाम मुक्त शहर बनाने का कोशिश किया तो इसके विरोध में पटरी व्यवसायियों ने लामबंद होकर नगर निगम कार्यालय पहुंचकर नगर निगम में प्रदर्शन कर विरोध जताया कि हमारे ठेले को जिन स्थानों पर लगाते थे वहां लगाने का अनुमति दिया जाए।

जिससे हमारा जीवकोपार्जन चलता रहे या नगर निगम किसी व्यवस्थित स्थान पर आवंटित दुकान करें जहां हम अपनी दुकान लगाकर अपने बच्चों का जीवकोपार्जन करने के लिए दुकानदारी कर सकें अगर नगर निगम प्रशासन द्वारा हमें किसी स्थान पर व्यवस्थित नहीं किया गया तो आगे और उग्र प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के समक्ष अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।

योगी सरकार की पर्यटन नीति और जीआईएस ने बढ़ा दिए होटल के 'सितारे'

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों उद्घाटित होटल कोर्टयार्ड बाय मैरियट में दो अतिरिक्त 'सितारे' जोड़ने में प्रदेश सरकार की पर्यटन नीति और जीआईएस की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐशप्रा समूह के वेंचर ऐशप्रा रिजॉर्ट एंड सॉल्यूशन्स की तरफ से विकसित और मैरियट होटल समूह द्वारा संचालित गोरखपुर के इस होटल के लिए पहले थ्री स्टार केटेगरी में 40 करोड़ रुपये का ही निवेश प्रस्तावित था।

सरकार की प्रोत्साहन वाली नीतियों के चलते यह न केवल फाइव स्टार केटेगरी में बनकर तैयार हुआ बल्कि निवेश भी बढ़कर 150 करोड़ रुपये हो गया।

सुरम्य रामगढ़ताल के सामने विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला होटल कोर्टयार्ड बाय मैरियट जहां बना है, वह पहले पर्यटन विभाग का अतिथि गृह हुआ करता था। ऐशप्रा रिजॉर्ट एंड सॉल्यूशन्स ने जब इसकी महत्वपूर्ण मूल संरचनाओं को विरासत के रूप में सहेजते हुए इस पर होटल बनाने का निर्णय लिया तो 40 करोड़ रुपये का ही निवेश प्रस्तावित किया था।

ऐशप्रा रिजॉर्ट एंड सॉल्यूशन्स के प्रबंध निदेशक अतुल सराफ बताते हैं कि काम शुरू हुआ तो प्रदेश की पर्यटन नीति-2022 में पूंजीगत अनुदान (कैपिटल सब्सिडी) व अन्य प्राविधानों से प्रभावित होकर फरवरी में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 करोड़ रुपये के निवेश का एमओयू किया गया।

बीच-बीच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मनोबल बढ़ाते रहे। यह तय किया गया कि अब होटल को थ्री स्टार की बजाय फाइव स्टार बनाया जाएगा भले ही निवेश की राशि एमओयू से भी बढ़ जाए। वह बताते हैं कि होटल को संचालन योग्य बनाने तक 150 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।

अतुल सराफ के मुताबिक प्रदेश की पर्यटन नीति-2022 में कैपिटल सब्सिडी का रेंज 10 से 25 प्रतिशत तक है। इसके अलावा एसटीपी व अन्य व्यवस्थाओं पर अलग अलग मानकों के अनुरूप छूट मिलती है। कुल मिलाकर यह काफी प्रोत्साहनपूर्ण है।

औद्योगिक माहौल बनाने में मददगार होंगे उत्कृष्ट होटल

गोरखपुर इन दिनों औद्योगिक निवेश के पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। खासकर, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों की तरफ से बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। ऐसे में कॉरपोरेट घरानों के प्रमुखों और उनके प्रतिनिधियों का गोरखपुर आना-जाना बना हुआ है।

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर औद्योगिक गलियारा और धुरियापार इंडस्ट्रियल टाउनशिप के विकास से यह सिलसिला और बढ़ेगा। ऐसे में उत्कृष्ट श्रेणी के होटलों की मांग बढ़ेगी।

ऐशप्रा रिजॉर्ट एंड सॉल्यूशन्स के एमडी अतुल सराफ मानते हैं कि होटल कोर्टयार्ड बाय मैरियट जैसे फाइव स्टार होटल का लाभ इंडस्ट्री को और बढ़ती इंडस्ट्री का लाभ होटल को मिलेगा।

*अपराध मुक्त, कानून का राज कायम करना पहली प्राथमिकता :एसपी दक्षिणी*

गोरखपुर। पुलिस अधीक्षक दक्षिणी जितेंद्र कुमार ऑफिस पहुंचकर पदभार ग्रहण किया 2007 बैच की पीपीएस अधिकारी जितेंद्र कुमार गोरखपुर आने से पूर्व एडीजी जोन बरेली स्टाफ ऑफिस के पद पर तैनात रहे पद भार ग्रहण कर कार्यालय में लंबित फाइलों का निस्तारण कर आए हुए फरियादियों की समस्याओं से रूबरू होकर दक्षिणी सर्कल के थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थाने पर मौजूदा रह कर आए हुए फरियादियों की समस्याओं का निस्तारण करेंगे छोटी से छोटी घटनाओं की सूचना पर तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे अपने सीनियर अधिकारी को अवगत कराए।

श्री कुमार ने बताया कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा। दक्षिणी सर्कल के अपराधियों के साथ सख्ती से पेश आकर अपराध पर नियंत्रण किया जायेगा।

श्री कुमार मूलतः बागपत निवासी का शिक्षा दीक्षा बागपत जनपद से हुआ है अब 12 वर्षों से स्थाई रूप से अपना आशियाना देहरादून में बना लिया है बच्चे ओएनजीसी में अधिकारी माता के पास देहरादून में शिक्षा दीक्षा प्राप्त कर रहे हैं। श्री कुमार स्टाफ अफसर एडीजी जोन बरेली से पूर्व कासगंज अलीगढ़ कानपुर बिजनौर अमरोहा शामली में अपने पदों की जिम्मेदारियां सकुशल निर्वहन कर चुके है। दक्षिणी सर्कल में कानून का राज कायम करने में अपना अहम योगदान देंगे जिससे अपराध मुक्त सर्कल रहे।

श्री कुमार ने बताया कि दक्षिणी सर्कल में कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखकर लोगों को सुरक्षा का अहसास कराना तथा पीड़ित की समस्याओं का समाधान करना हमारा पहला कर्तव्य है। इस काम को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ किया जाएगा।

कानून का राज कायम रखने के लिए सक्रिय चल रहे अपराधियों के विरुद्ध अभियान चलाकर गिरफ्तारी की जाएगी

भूमि विवादों के निस्तारण में राजस्व विभाग की भूमिका काफी अहम होती है राजस्व विभाग से तालमेल स्थापित कर भूमि विवादों को हल कराने की कोशिश की जाएगी। टॉप टेन बदमाशों और उनके गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। थाने के टॉप टेन बदमाशों के विरुद्ध अभियान चलाया जाएगा।

*आचार्य एवं अभिभावकों की अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा हुई संपन्न*

गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर( 10+2) पक्कीबाग गोरखपुर में आचार्यों एवं अभिभावकों की अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा संपन्न हुई।

केंद्राध्यक्ष विद्यालय के आदरणीय प्रधानाचार्य डॉ राजेश सिंह ने बताया कि यह परीक्षा प्रतिवर्ष अपने विद्यालयों में अपनी संस्कृति के प्रचार प्रसार व संवर्धन के लिए आयोजित की जाती है। इस वर्ष इस परीक्षा के विषय में पूरे समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से व्यापक ढंग से प्रचारित करके सामान्य जनमानस को सम्मिलित कर पूर्ण कराने का संकल्प लिया गया था।

यह परीक्षा विद्यालय के परीक्षा प्रमुख अविनाश श्रीवास्तव एवं गिरीश चंद्र पाण्डेय के देख रेख में संपन्न हुई।इस अवसर पर समस्त आचार्य परिवार एवं अभिभावकों की उपस्थिति रही।

*योगी आदित्यनाथ का खुद को करीबी बताकर लोगों को ठगने वाले दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार*

गोरखपुर।खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व गोरखनाथ मंदिर का करीबी बताकर और योगी कारपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से फर्जी संस्था बनाकर ठगी करने वाले गिरोह के कथित सीईओ और निदेशक को गोरखनाथ पुलिस ने रविवार शाम को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को जेल भेज दिया गया। इनके पास से बड़ी संख्या में आईडी कार्ड, मुहर, नियुक्ति प्रमाणपत्र, लेटरपैड आदि बरामद हुए हैं। ये संस्था का सदस्य, पदाधिकारी बनाने तथा सरकारी विभागों में काम करवाने का झांसा देकर जालसाजी करते थे। लखनऊ का एक कथित पत्रकार भी इनके साथ जुड़ा है।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि फर्जी संस्था का सीईओ केदारनाथ महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र सतगुरु मुजुरी बाजार, जबकि निदेशक हर्ष चौहान उर्फ योगी हर्षनाथ मधुबनवाबूधाम जिला गाजियाबाद का रहने वाला है। जांच में सामने आया कि ये पहचान पत्रों की कूटरचना कर लोगों से जालसाजी करते थे। योगी कारपोरेशन ऑफ इण्डिया नामक संस्था बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भ्रमित करते हुए संस्था की सदस्यता व पदाधिकारी का कार्ड बनाने के नाम पर वसूली करते थे।

सरकारी दफ्तरों में फंसा हुआ काम कराने के नाम पर करते थे वसूली

योगी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के नाम से फर्जी संस्था बनाकर जालसाजी करने वाले कथित सीईओ योगी केदारनाथ और निदेशक योगी हर्षनाथ ने कई लोगों को चूना लगाया था। यह गिरोह 1100 रुपये में संस्था का सदस्य बनाता और आईकार्ड जारी करता था।

उसने गोरखनाथ मंदिर और योगी आदित्यनाथ का खुद को करीबी बताकर देश भर में लोगों को सदस्य बना कर वसूली करना शुरू कर दिया था। उसके पास से गुजरात और इंदौर तक के लोगों बांटने के आईकार्ड मिले हैं। वहीं उसके खातें में वसूली के लाखों रुपये भी मिले हैं।

एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि एमएसएमई पोर्टल पर उसने संस्था का रजिस्ट्रेशन कराया था। अभी 13 दिसम्बर से ही उसने इसकी शुरुआत की थी कि उसे पकड़ लिया गया है। अब तक की जांच में पता चला है कि सदस्य और पदाधिकारी बनाने के नाम पर काफी लोगों से वह जालसाजी कर चुका है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भ्रमित करते हुए शिकार बनाता था।

संस्था का गोरखनाथ मंदिर का पता होने की वजह से लोग आसानी से झांसे में आ जाते थे। एसपी सिटी ने बताया कि आरोपितों के पास से जनता दर्शन में आने वाले लोगों के प्रार्थनापत्र भी मिले हैं।

पूछताछ में पता चला है कि काम कराने के बदले वह वसूली करता और प्रार्थनापत्र मुख्यमंत्री के पास पहुंचने से पहले ही ले लेता था। सरकारी कार्यालयों में मंदिर का करीबी होने का अर्दब दिखाकर काम करवाने के बदले वसूली करता था।

भरोसा जीतने के लिए दिया मंदिर का पता लोगों में भरोसा जताने के लिए दोनों ने अपनी संस्था योगी कारपोरेशन ऑफ इण्डिया का पता गोरखनाथ मंदिर अंकित किया था। ये लोग खुद को मंदिर का करीबी व्यक्ति बताते हुए प्रार्थनापत्र लेकर काम कराने का दावा करते और काम करवाने के बदले लाभ भी प्राप्त करते।

एसपी सिटी ने बताया कि केदारनाथ आम जनमानस में प्रभाव जमाने के लिए स्वयं को योगी केदारनाथ और अपने सहयोगी हर्षनाथ को योगी हर्षनाथ के नाम से प्रस्तुत करता था।

वहीं इनके साथ आशीष मिश्रा उर्फ अभिषेक कुमार नामक एक कथित पत्रकार का भी नाम जुड़ा है। वह लखनऊ का रहने वाला है। लोगों को बहला-फुसला कर प्रार्थनापत्र लेता था, फिर सरकारी कार्यालयों में काम करवाने के बदले वसूली होती थी। गोरखनाथ थाने की पुलिस ने धर्मशाला के पास से रविवार की शाम को केदारनाथ और हर्षनाथ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।

कानपुर की रंजना ने दर्ज कराया केस योगी कारपोरेशन के कथित सीईओ व निदेशक के खिलाफ कानपुर, सचंडी के गढ़ी भीमसेन की रहने वाली रंजना सिंह ने जालसाजी का केस दर्ज कराया है।

रंजना भाजपा में मंडल मंत्री हैं। रोजगार सेवक व्हाट्सएप ग्रुप पर उन्हें कुछ दिन पहले एक लिंक मिला था। उसके माध्यम से वह योगी कारपोरेशन आफ इंडिया में जुड़ गईं। रंजना ने बताया कि कुछ दिन बाद ग्रुप के संयोजक केदारनाथ ने फोन कर आधार की कॉपी, फोटो और रुपये की मांग की।

*एसटीएस ने दो टीबी मरीजों को लिया गोद, उपचार चलने तक करेंगे सहयोग*

गोरखपुर। बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के टीबी यूनिट में वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) अमित नारायण मिश्रा ने दो टीबी मरीजों को गोद लिया है । गोद लिये गये दो वर्षीय बच्चे और 18 वर्षीय युवक को इलाज चलने तक उन्होंने सहयोग का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि हाल ही में पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक और एक चिकित्सक द्वारा तीन टीबी मरीजों को गोद लिये जाने की जानकारी होने पर प्रेरित होकर उन्होंने भी मरीजों को एडॉप्ट करने का निर्णय लिया ।

वह दोनों मरीजों के घर गये और उन्हें पोषण पोटली देने के साथ साथ पूरे परिवार को सरकारी अस्पताल से मिलने वाली टीबी की दवा की महत्ता की भी जानकारी दी ।

एसटीएस ने बताया कि उनके द्वारा एडॉप्ट किया गया दो वर्षीय बच्चा दिमाग की टीबी (एक्स्ट्रा पल्मनरी) का मरीज है, जबकि 18 वर्षीय युवक भी फेफड़े में पानी भरने के कारण हुई टीबी (एक्स्ट्रा पल्मनरी) का मरीज है ।

वह दोनों मरीजों को प्रति माह पोषण पोटली देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि वह एक भी दिन दवा लेना न भूलें। एक्स्ट्रा प्लमनरी टीबी के मरीज दूसरों को संक्रमित नहीं कर सकते हैं, लेकिन उनके इलाज के दौरान भी पोषक खाद्य पदार्थों का सेवन अति आवश्यक है।

एक एसटीएस के तौर पर उनका अनुभव रहा है कि दवा छोड़ने वाले एक्स्ट्रा पल्मनरी टीबी मरीज भी ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी मरीज बन जाते हैं और उनका इलाज जटिल हो जाता है । इन टीबी मरीजों को एडॉप्ट कर उनका नियमित फॉलो करने से उनका मनोबल बढ़ जाता है और वह दवा भी लेना नहीं भूलते हैं। पोषण में भी सहयोग मिलने से मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है । इसी उद्देश्य से उन्होंने दोनों मरीजों को एडॉप्ट किया है ।

गोद लिये गये 18 वर्षीय टीबी मरीज ने बताया कि नवम्बर 2023 से उनकी दवा चल रही है । वह फास्ट फूड का ठेला लगाते हैं । उनको अक्टूबर से ही खांसी की दिक्कत थी। साथ में चक्कर भी आता था। पहले उन्होंने प्राइवेट चिकित्सक को दिखाया जहां से उन्हें जांच और इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा गया । मेडिकल कॉलेज में ही दवा शुरू करने के साथ उनका सारा विवरण टीबी यूनिट पर दर्ज किया गया है।

पासबुक की कॉपी और आधार कार्ड की कॉपी ले कर उन्हें बताया गया कि निक्षय पोषण योजना के तहत उनके खाते में 500 रुपये प्रति माह दिये जाएंगे। इन पैसों से फल, दाल, दूध, पनीर, मांस, मछली आदि का सेवन करना है ताकि इलाज के दौरान शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने पाए । उन्हें एसटीएस ने भी पोषण पोटली दी है जिसमें चला, फल, गूड़ और मूंगफली आदि चीजे हैं । साथ ही उन्हें बताया है कि हर महीने उन्हें यह पोषक सामग्री देंगे। दवा से उन्हें काफी आराम है और सहयोग से उनका मनोबल बढ़ा है। वह पहले की तरह अपना दुकान लगा कर सामान्य जीवन जी रहे हैं।

निक्षय मित्र बनने के लिए आगे आएं

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने कहा है कि लोग खुद टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं और यह एक अच्छी सोच है । जिले में 880 से अधिक निक्षय मित्रों द्वारा 2535 से अधिक टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी मदद की जा रही है । ऐसा करने वाले निक्षय मित्रों को समय समय पर सम्मानित भी किया जाता है। मरीजों को गोद लेने वाले लोग पौष्टिक सामग्री देने के साथ साथ उन्हें मानसिक संबल देते हैं। मरीजों को पात्रता के अनुसार सामाजिक सहायता योजनाओं से भी जोड़ने में मदद की जानी चाहिए। टीबी मरीजों को गोद लेने के इच्छुक लोग जिला क्षय रोग केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 8299807923 पर सम्पर्क कर सकते हैं ।

*ओटीएस में पंजीकरण कराने के बाद भी भुगतान ना करने पर बकायेदारो के काटे गए कनेक्शन*

बेलघाट/ गोरखपुर। एक तरफ जहाँ बिजली बिभाग ने एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) शुरू है तो दूसरी तरफ जबरदस्त तरीके से बकायेदारों के कलेक्शन भी काटे जा रहे हैं इसमें सबसे पहले उनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं जो कमर्शियल उपभोक्ता है और (ओटीएस) में पंजीकरण कराने के बाद भी भुगतान नहीं किया था जबकि घरेलू कनेक्शन 10 हजार से ऊपर के बकायेदारों कनेक्शन काटे जा रहे हैं।

बता दे बिजली बिभाग के सीकरीगंज के एक्सियन संतोष कुमार व एसडीओ देवेश कुमार व बिधनापार के जेई मनोज कुमार की मौजुदगी मे (ओटीएस) में पंजीकरण कराने के बाद भी भुगतान न करने पर पिपरसंडी गाँव मे 10 हजार से ऊपर के कुल 70 बकायेदारों के कनेक्शन काटे गए।वहीं मुख्य अभियंता गोरखपुर का कहना है कि सभी उपकेंद्र के अधिकारियों को बकायेदारों के कनेक्शन काटने के निर्देश दिए गए हैं प्रतिदिन इसकी समीक्षा भी की जा रही है राजस्व वसूली में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

*प्रो. वीके सिंह महायोगी गोरखनाथ विवि के लोकपाल नियुक्त*

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. विजय कृष्ण सिंह को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम, सोनबरसा गोरखपुर का लोकपाल नियुक्त किया गया है।

उनका कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष या 70 वर्ष की आयु प्राप्त करने की अवधि (इनमें से भी पहले हो) के लिए होगा।

यह जानकारी महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने दी है। उन्होंने बताया कि लोकपाल के रूप में प्रो. वीके सिंह की नियुक्ति महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी के आदेशानुसार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 11 अप्रैल 2023 को जारी अधिसूचना में विद्यार्थियों की शिकायतों के समाधान के लिए लोकपाल की नियुक्ति प्राविधानों के अंतर्गत की गई है।

कुलसचिव ने बताया कि लोकपाल की नियुक्ति, सेवाकाल एवं शर्तें वही होंगी जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा समय-समय पर विहित की जाएंगी। लोकपाल छात्र शिकायत निवारण समिति के निर्णयों के विरुद्ध की गई अपीलों की सुनवाई कर निर्णय लेंगे।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में लोकपाल नियुक्त किए गए प्रो. वीके सिंह, पूर्व में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति तथा डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) लखनऊ के प्रति कुलपति रह चुके हैं। विद्यार्थी के रूप में यूजी तथा पीजी में गोल्ड मेडलिस्ट प्रो. सिंह गणित में डॉक्टरेट हैं और उन्हें शिक्षण व शोध के क्षेत्र में 37 वर्ष का अनुभव है।

प्रो. वीके सिंह, पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह के सुपुत्र हैं।