प्राकृतिक संसाधनों से उपचार सदैव प्रासंगिक : प्रो. यूपी सिंह

गोरखपुर। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के प्रति कुलाधिपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (प्रो. यूपी सिंह) ने कहा है कि प्राकृतिक संसाधनों से चिकित्सा की भारतीय पद्धति सदैव प्रासंगिक बनी रहेगी।

कोरोना काल मे जब पूरी दुनिया त्रस्त थी, तब प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित विश्व की पुरातन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद ने मानव जीवन को बचाया।

प्रो. यूपी सिंह रविवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय व फार्मेसी संकाय के संयुक्त तत्वावधान एवं ट्रांसलेशन बायोमेडिकल रिसर्च सोसायटी के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समारोप (समाप सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे।

एडवांसेज एंड ऑपर्चुनिटीज इन ड्रग डिस्कवरी फ्रॉम नेचुरल प्रोडक्ट्स 'बायोनेचर कॉन-2023' विषयक संगोष्ठी के समारोप अवसर पर उन्होंने कहा कि निरोग बने रहने को दुनिया एक बार फिर प्राकृतिक संसाधनों से बन रही औषधियों को अपनाने पर जोर दे रही है।

ऐसे में जरूरत है कि भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा को समयानुकूल जरूरतों के अनुसार अनुसंधान पूर्वक आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे ही प्रयासों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी वास्तव में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान समान है।

प्रो यूपी सिंह ने कहा कि विजन, एक्शन और मिशन के एकसाथ मिलने पर ही क्रिएशन होता है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय इसके कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन, यहां की फैकल्टी व अन्य कार्मिकों के एक्शन और समाज को अनुसंधानपरक ज्ञान उपलब्ध कराने के मिशन का मूर्त रूप है।

दो साल के भीतर की इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बेहद शानदार हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए ज्ञान, कौशल, दृष्टि, पहचान और संतुलन को शिक्षा के पांच महत्वपूर्ण उद्देश्य के रूप में समझाया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने कहा कि आयुर्वेद समेत प्राकृतिक संसाधनों से चिकित्सा की उपादेयता को विस्तार देने के लिए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के सतत प्रयास सराहनीय हैं।

राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्वविद्यालय के इन प्रयासों को नया आयाम देगी। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के निष्कर्ष आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों से चिकित्सा को नई दृष्टि देकर आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसधानो में असीम संभावनाएं हैं जो हम सभी को स्वस्थ और ठीक करने में सक्षम हैं।

हमे इस दिशा में अपने योगदान को प्रमाणित करने कि जरूरत है। प्रो. सिंह ने कहा कि हमारे आसपास की समस्त वनस्पतियां औषधी गुणों से युक्त हैं। हमे उनके बारे में जानने का प्रयास करना चाहिए। प्रो. सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय में आयुर्वेद के साथ ही नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी, बायोमेडिकल जैसी सभी विधाएं और सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

उन्होंने विद्यार्थियों को नसीहत दी कि वे अपने विषय के अलावा मिलते जुलते विषयों में भी अभिरुचि बढ़ाएं।

ज्ञान व अनुसंधान का संगम बन गई राष्ट्रीय संगोष्ठी : डॉ. वाजपेयी

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि तीन दिन तक विशद मंथन से यह संगोष्ठी प्राकृतिक संसाधनों के ज्ञान और अनुसंधान का संगम बन गई। उन्होंने प्रतिभागियों और विद्यार्थियों से यहां वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के द्वारा बताए गए अनुभव को अपने व्यावहारिक अध्ययन का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया।

समापन सत्र में स्वागत संबोधन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता एवं संगोष्ठी के संयोजक प्रो. सुनील कुमार ने तथा आभार ज्ञापन फार्मेसी संकाय के प्रिंसिपल प्रो. शशिकांत सिंह ने किया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के सह संयोजक ट्रांसलेशनल बायोमेडिकल रिसर्च सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार भी मंचासीन रहे। राष्ट्रीय संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने समस्त विश्वविद्यालय परिवार को साधुवाद दिया है।

इस पूरे आयोजन में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, विद्यार्थी एवं देश के विभिन्न प्रान्तों से आये वरिष्ठ वैज्ञानिक, शोधार्थी आदि उपस्थित रहे।

पवन कन्नौजिया को यंग साइंटिस्ट अवार्ड

इस संगोष्ठी में ओरल प्रेजेंटेशन में कुल 14, पोस्टर प्रेजेंटेशन में कुल 40 और यंग साइंटिस्ट अवार्ड में कुल 7 लोगो ने प्रतिभाग किया। संगोष्ठी के सह संयोजक व ट्रांसलेशनल बायोमेडिकल रिसर्च सोसायटी के अध्यक्ष डॉ दिनेश कुमार ने यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड्स ओरल प्रेजेंटेशन, पोस्टर प्रेजेंटेशन के विजय प्रतिभागियों के नाम की घोषणा की। यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड्स में प्रथम स्थान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य पवन कुमार कन्नौजिया, द्वितीय स्थान दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय की शोध छात्रा प्रियंका भारती एवं तृतीय स्थान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ अवेद्यनाथ सिंह को प्राप्त हुआ।

पोस्टर प्रेजेंटेशन में प्रथम स्थान एसजीपीजीआई की शोध छात्रा अमृता साहू, द्वितीय स्थान महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की शोध छात्रा अंजली राय, तृतीय स्थान एसजीपीजीआई लखनऊ के शोध छात्र कार्तिक दुबे को प्राप्त हुआ एवं ओरल प्रेजेंटेशन में प्रथम स्थान सीबीएमआर लखनऊ की शोध छात्रा रिमझिम त्रिवेदी, द्वितीय स्थान सीएसआईआर लखनऊ के शोध छात्र रोहित सिंह तथा तृतीय स्थान एसजीपीजीआई लखनऊ के शोध छात्र गुरविंदर सिंह को प्राप्त हुआ।

कोविड के इलाज में पॉलीहर्बल दवा आयुष-64 के अप्रत्याशित परिणाम : प्रो. रेड्डी

राष्ट्रीय संगोष्ठी के तीसरे दिन विभिन्न तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने अपने शोध अनुभव साझा कर प्रतिभागियों और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रस शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. के रामचंद्र रेड्डी ने 'डिजाइनिंग एंड डेवलपमेंट ऑफ आयुर्वेदिक दोसगे फॉर्म्स फॉर द मैनेजमेंट ऑफ सार्स कोविड-19' विषय पर शोध निष्कर्ष प्रस्तुत किया।

उन्होंने कहा कोविड महामारी के समय आशा की किरण के रूप में वर्णित पॉलीहर्बल दवा आयुष- 64 के अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त हुए। इसे मूल रूप से 1980 में मलेरिया के इलाज के लिए विकसित किया गया था। देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के नेतृत्व में किए गए परीक्षणों से पता चला है कि आयुष - 64 में उल्लेखनीय एंटीवायरल, इम्यून-मॉड्यूलेटर और एंटीपायरेटिक गुण हैं।

एक सत्र में आरएमआरसीगोरखपुर के डॉ. गौरव राज ने 'ड्रग रेजिस्टेंस रेवेर्सल पोटेंशियल ऑफ़ नेचुरल प्रोडक्ट्स' विषय पर अपने शोध के माध्यम से बताया कि प्राकृतिक उत्पाद धीरे-धीरे सुरक्षित और प्रभावी कैंसर रोधी यौगिकों के मूल्यवान स्रोत के रूप में उभर रहे हैं।

प्राकृतिक उत्पाद ईएमटी प्रक्रिया को उलट कर कैंसर दवा प्रतिरोध में शामिल विभिन्न प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप कर सकते हैं। अलग अलग सत्रों में सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च लखनऊ में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेक्ट्रोस्कोपी एंड इमेजिंग के हेड प्रो. नीरज सिन्हा, अलगप्पा विश्वविद्यालय तमिलनाडु में बायो इंफॉर्मेटिक्स साइंस के प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार सिंह आदि ने विविध शोध विषयों पर व्याख्यान दिए।

फसलों को बर्बाद कर रहे छुट्टा आवारा पशुओं से परेशान क्षेत्र के किसान

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के ज्यादातर किसानों की रबी की फसलों की बुवाई हो चुकी है। सिंचाई के बाद किसानों के खेतों में तैयार हो रही गेहूं, मटर, सरसों, दलहन,सब्जियों तथा पशुओं के हरे चारे बरसीन आदि फसलों की हरियाली खेतों में नजर आने लगी है।

किंतु छुट्टा आवारा पशुओं और नीलगायों के आतंक से किसान परेशान और भयभीत हैं।भरोहियां गांव के निवासी किसान संजय तिवारी और जनार्दन तिवारी ने बताया कि छुट्टा पशु खेती का बहुत नुकसान कर रहे हैं।

इसी प्रकार क्षेत्र के किसानों मिश्री लाल सुधाकर,अरविंद चौरसिया, प्रदीप, जवाहिर साहनी,राजू दूबे, भगवान दास,रामसिद्ध गुप्ता,ओमप्रकाश, श्यामबिहारी,भगेलू,सेवक,गिरधारी प्रसाद,नेबूलाल,रामसेवक, रामरेखा आदि ने बताया कि छुट्टा आवारा पशु और नीलगाय गांवों में एक साथ झुंड में निकलते हैं और जिस किसान के खेत में पहुंच जाते हैं वहां एक तिनका हरियाली नहीं बंचती।

लोग खेतों के चारों तरफ कंटीले तारों का बाड़ लगा कर अपने खेतों की रक्षा कर रहे हैं। लेकिन नीलगाय छलांग लगा कर उन खेतों में भी पहुंच जाती हैं। किसानों ने बताया कि ठंडी बढ़ गई है और हमें पूरी रात जागकर टोली बनाकर खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है।

सरकार ने छुट्टा आवारा पशुओं के लिए पशु आश्रय स्थल बनवाए हैं लेकिन छुट्टा आवारा पशुओं को पकड़ कर उन्हें वहां तक पहुंचाने की जिम्मेदारी किसी को भी नहीं दी गई है। किसानों के वश की बात नहीं है कि पशुओं को पकड़ कर उन्हें भेजें, तैयार हो रही हरी फसलों को बचाने में बड़ी परेशानी हो रही है।

*ब्रांड कनेक्ट और ट्यूटर्स टीम के सहयोग से राइट फेस्ट में सैकड़ो स्कूली बच्चों ने लेखन क्षमता का किया प्रदर्शन*

गोरखपुर। राइट पेस्ट 2023 विभिन्न स्कूलों और कॉलेज के 5000 छात्रों को एकजुट करने वाली सर्वोत्तम हस्तलेखन प्रतियोगिता है इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों की लिखावट को साफ सुथरा व सुंदर बनाने का प्रयास किया जाता है यह ब्रांड कनेक्ट और ट्यूटर्स टीम का एक सहयोगात्मक प्रयास है जो लिखावट और कौशल वृद्धि की कला का जश्न मनाता है।

बस हम अपनी लेखन क्षमता का प्रदर्शन करेंगे और लिखित शब्दों की सुंदरता की सराहना करेंगे। राइट फेस्ट 2023 में हस्तलिखित अभिव्यक्ति की सुंदरता को अपने जहां ब्रांड कनेक्ट और ट्यूटर्स की टीम द्वारा बच्चों के लिए अवस्मरणीय हस्तलेखन यात्रा लेकर आया है।

जिसका भव्य आयोजन इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज जाहिदाबाद सहित अन्य स्कूलों में किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने बढ़-चढ़कर प्रतिभा किया और हस्त लेखन के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया वहीं संस्था द्वारा बच्चों का जमकर उत्साहवर्धन किया गया।

इस अवसर पर इंजीनियर अनस अंसारी ने कहा कि बिना सोचे पढ़ सकते हैं, बिना सोचे लिख नहीं सकते। हस्तलेखन प्रतियोगिता बच्चों के दिमाग को विकसित करती है।

इस अवसर पर आदिल शफीक सहित बड़ी संख्या में विभिन्न स्कूलों के बच्चे मौजूद रहे।

*मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीश राजा का कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत*

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अनीश राजा का गोरखपुर आगमन पर जोरदार स्वागत फूल मालाओं से लादकर नौसड चौक पर निवर्तमान प्रदेश सचिव मुलायम सिंह युथ बिग्रेड आशुतोष गुप्ता सहित पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया श्री अनीश राजा एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने गोरखपुर पहुंचे हैं ।

इस दौरान अनीश राजा ने कहा कि भाजपा सरकार में समाज का हर वर्ग परेशान और महंगाई, भ्रष्टाचार तथा बेरोजगारी से त्रस्त है। लोग भाजपा सरकार से ऊबे हुए है और सभी लोग भाजपा को हराने का मन बना चुके हैं।

लोकसभा चुनाव में सभी समाज के लोग श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी को जिताने का मन बना चुके हैं सभी साथी अपने अपने बूथों को मजबूत करने में जुट जाइए विधायक महेन्द्र यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ठंड शुरू हो गई है लेकिन सरकारी तौर पर इससे बचाव की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

बच्चे-बुजुर्ग ठंड से ठिठुर रहे हैं, गरीब के सिर पर आसमान के अलावा दूसरी छत नहीं है पर भाजपा सरकार में ठंड के मौसम में अभी गरीबों को राहत देने की कोई कवायद प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। जिम्मेदार सरकारें इस मौके पर कम्बल बंटवाने का काम करती है। भाजपा सरकार ने अभी तक कम्बल खरीद तक नहीं की है ।

इस दौरान प्रमुख रूप से मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के निवर्तमान प्रदेश सचिव आशुतोष गुप्ता शादाब सामानी देवांश श्रीवास्तव धर्मेंद्र यादव आशीफ अफजल आकाश यादव सैम मिश्रा सहित भारी संख्या में युवा नेता कार्यकर्ता मौजूद रहे।

नरेंद्र मोदी मतलब विकास की गारंटी: सांसद रवि किशन

गोरखपुर- केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न विकास परक योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत बनाने का लक्ष्य लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश प्रतिदिन विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। देश के तीन राज्यों में भाजपा को मिली प्रणंड बहुमत ने साबित कर दिया है कि देश में विकास का मतलब मोदी है। यह बातें शनिवार को ग्राम पंचायत मैंना भागर, विकास खंड जंगल कौडिय़ा में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम में देवतुल्य जनता को संबोधित करते हुए सदर सांसद रविकिशन शुक्ला ने कही।

इस दौरान उन्होंने कहा कि विकास के क्षेत्र में देश नया कीर्तिमान रच रहा है। मूलभूत सुविधाओं के साथ भारत के गौरवशाली संस्कृति को सरकार संवारने का काम कर रही है। गांव से लेकर शहर तक एक सामान विकास को रफ्तार दी जा रही है। हर गांव बिजली और सडक़ से जुड़ रहा है। गांवों के बच्चे भी अब डिजिटल होने लगे हैं। यह सब प्रधानमंदी नरेंद्र मोदी की योजनाओं की देन है। रविकिशन ने कहा कि आज देश में सबसे तेज प्रगति करने वाला प्रदेश उत्तर प्रदेश बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में केंद्र सरकार की योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनता के बीच में रहने वाले नेता है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की योजनाएं प्रदेश में सबसे अधिक प्रभावी रूप से लागू हो रही हैं। प्रदेश कभी भ्रष्टाचार से कांपता था, लेकिन अब बाबा के बुलडोजर से थर थर कांप रहा है। प्रदेश में महिलाएं हो या पुरुष हर कोई अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहा है।

इस दौरान गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना, बीमा योजना सहित केंद्र व प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर ब्लॉक प्रमुख बृजेश यादव, जंगल कौडिय़ा मंडल अध्यक्ष चंद्रप्रकाश द्विवेदी, जिला उपाध्यक्ष शेषमणि त्रिपाठी, राघवेंद्र चतुर्वेदी, राम लखन यादव, ग्राम प्रधान राम लखन कनौजिया सहित भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारीगण व कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।

वातावरण में गूंजे अमर बलिदानियों, क्रांतिकारियों के जय घोष, पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव का आयोजन

गोरखपुर- भारत माता की जय, अमर शहीद भारत वीरों की जय, वंदे मातरम्, इंकलाब जिंदाबाद आदि गगन भेदी नारों की जय घोष घंटों वातावरण में गुंजित होते रहे। डीजे पर बज रहे देश भक्ति गीत पर राष्ट्र व देशभक्त झूमते रहे। भांगड़ा और बैंड माहौल को और भी खुशनुमा बना रहे थे। पटाखे की तेज आवाज दूर तक गूंजती रही। घुड़सवार आकर्षण का केंद्र बने रहे। अवसर था 20 दिवसीय पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव 2023 के 12 वें दिन शौर्य दिवस पर गुरुकृपा संस्थान व अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में निकला गया मशाल जुलूस तिरंगा यात्रा।

शास्त्री चौक से निकला यह जुलूस कचहरी चौराहा, गोलघर, चेतना तिराहा, गणेश चौक, काली मंदिर होते हुए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई चौराहा पर जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण,पुष्पांजलि करने के उपरांत संपन्न हुआ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नई दिल्ली व राज्यसभा सांसद डॉ राधामोहन दास अग्रवाल ने एक हाथ में मशाल व दूसरे हाथ में तिरंगा लेकर शुभारंभ किया। जुलूस में सबसे आगे घुड़सवार उसके पीछे डीजे और डीजे के पीछे एस एस बी के जवान, स्कूली छात्र-छात्राएं, राष्ट्रभक्त नौजवान हाथों में तिरंगा,तख्ती पर बने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के चित्र, मशाल लिए जय घोष करते आगे बढ़ रहे थे। राष्ट्रीयता देशभक्ति से ओतप्रोत अमर शहीदों को समर्पित मशाल जुलूस तिरंगा यात्रा लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहा।

देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं बिस्मिल- डॉ अग्रवाल

इससे पूर्व गोरखपुर जनर्लिस्ट्स प्रेस क्लब के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि सीमा सुरक्षा बल भारत डिप्टी कमांडेंट जेपी आर्या, संपादक एस्ट्रोलॉजी टुडे प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा मुंबई आचार्य पवन राम त्रिपाठी रहे। इस अवसर पर डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी के अलावा रामप्रसाद बिस्मिल एक बेहतरीन कवि, शायर, कुशल बहुभाषाभाषी अनुवादक, इतिहासकार होने के साथ ही साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उपनाम था, जो कि उर्दू भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है आत्मिक रूप से आहत। रामप्रसाद बिस्मिल ने राम और अज्ञात नाम से भी लेखन किया। राम प्रसाद बिस्मिल का जीवन केवल एक क्रांतिकारी का जीवन ही नहीं है। वह देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनका पूरे जीवन बहुत सारे बदलावों से भरपूर रहा और उन बदलावों वे उन्हें ऐसे हीरे के रूपे में तराशा कि फिर जो मिला उनका मुरीद होता गया। वे क्रांतिकारियों में ही नहीं बल्कि जनजन में भी लोकप्रिय होते रहे। डॉ अग्रवाल ने संस्था के कार्यों की सराहना भी की।

कार्यक्रम के संयोजक, गुरु कृपा संस्थान के सचिव, संयोजक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन समिति बृजेश राम त्रिपाठी ने स्वागत संबोधन में अतिथियों, आगंतुकों का स्वागत उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो डी एन मौर्या ने की।

आदिवासी, कश्यप, कहार व निषाद समन्वय समिति ने भरी हुंकार

गोरखपुर- दो दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय मछुआ अधिवेशन का आयोजन गोरखपुर के बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षा गृह में किया गया। अखिल भारतीय आदिवासी कश्यप कहार निषाद भोई समन्वय समिति के बैनर तले चलने वाले दो दिवसीय अधिवेशन का उदघाटन मुज्जफरपुर बिहार के सांसद अजय निषाद, न्यायशीश चंदर लाल मेश्राम पूर्व राज्य सभा सांसद जयप्रकाश निषाद, पूर्व सांसद गंगा चरण राजपुत, स्वामी गोरखनाथ जी महाराज केरल,नेता प्रतिपक्ष बिहार हरी साहनी राजाराम कश्यप राष्ट्रीय संयोजक ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत से किया गया।

राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन के बाद अतिथियों का बुके और माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। अतिथियों के स्वागत के बाद अध्यक्षता कर रहे हैं इंजीनियर सरवन निषाद ने उत्तर प्रदेश समाज की दशावा दिशा के बारे में विस्तार से बताया। न्याधिश मेश्राम ने आरक्षण संबंधी विषयों पर गहन जानकारी प्रदान की। पूर्व विधायक रणजीत सिंह कश्यप दिल्ली ने संगठन की आवश्यकता और उसे राजनीतिक नेतृत्व के निर्माण संबंधी विशेष जानकारी प्रदान की। गंगा चरण राजपूत ने समाज में शिक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए बताया कि जिस तरह से विद्यालय में रखे हुए पुस्तक ज्ञान नहीं दे सकती, इस तरीके से समाज के भीतर छुपा हुआ ज्ञान तब तक पूर्ण नहीं होता। जब तक वह संगठन के माध्यम से समाज के कार्यों में परिणित ना हो।

मुख्य अतिथि ने बताया कि समाज के भीतर नेतृत्व निर्माण में समाज की सबसे अहम भूमिका होती है समाज का नेतृत्व जो करते हैं उन पर बहुत जिम्मेदारी होती है। यदि वह कुछ गलत करते हैं तो समाज का दायित्व है कि उनको सही राह पर लेकर जाए और सही मुद्दे कार्य करने हेतु प्रदान करें। राष्ट्रीय संत गोपाल नंद गिरी जी ने समाज का धार्मिक पुस्तकों में योगदान तथा समाज के बारे में विवरण की बहुत गहन जानकारी प्रदान करें तथा बताया कि निषाद समाज का विभिन्न महाकाव्य में विशेष वर्णन आता है। इससे जाहिर होता है कि समाज प्राचीन काल में बहुत वैभवशाली रहा है और इसी इतिहास को वापस लाने की जरूरत है।

युवा अधिवक्ता जयप्रकाश साहनी ने विभिन्न आंकड़ों के माध्यम से समाज की स्थिति का विश्लेषण समाज के सामने रखा। जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा की गई। श्रीमती नीलम कश्यप न्यायाधीश हरियाणा ने समाज में महिलाओं के योगदान और इस तरीके के आयोजन में महिलाओं की भागीदारी बढ़-चढ़कर हो इट्स और प्रोत्साहित किया उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह उनके परिवार ने उनकी सहायता इस पद तक पहुंचने में की है जिसमें आज उनकी राष्ट्रीय छवि निर्मित हुई है। इस अवसर पर चंदन निषाद ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा की समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा नही पहोचेगी तबतक समाज का विकाश नही हो सकता, जयप्रकाश साहनी ने समाज से संबंधित देशभर के आंकड़े प्रस्तुत किया और समाज की स्थिति के बारे में बताया जिसकी सभी ने भूरी भूरी प्रशंसा की, छत्तीसगढ़ के संयोजक नेहरू निषाद जी ने अपने वक्तव्य में बताया कि कैसे मछुआरों को उनका लाभ और उनके कौशल के हिसाब से केंद्र सरकार और राज्य सरकारे कार्य कर रहे हैं जिसे समाज को भरपूर फायदा लेना चाहिए।

अधिवेशन का आयोजन करता पूर्व राज्यसभा सांसद जयप्रकाश निषाद ने अधिवेशन में आए हुए सभी अतिथियों सहित सजाती बंधुओ का स्वागत करते हुए कहा सामाजिक चेतना को जागृत करने के लिए इस तरीके के आयोजन लगातार करना आवश्यक होता है इसी कड़ी में यह बीड़ा मैं उत्तर प्रदेश राज्य में हमारे समाज को पूरे देश से जोड़ने के लिए यह आयोजन किया है जिसका सीधा लाभ व्यापार उद्योग रोजगार शिक्षा और राजनीतिक क्षेत्र में सभी समाज जनों को प्राप्त होगा। कार्यक्रम का संचालन बाबा मार्तंड राष्ट्रीय अध्यक्ष व गुरचरण कश्यप राष्ट्रीय सहसंयोजक ने किया और युवा अध्यक्ष नीरज कश्यप ने धन्यवाद व्यापित किया राजाराम । इस अवसर पर शिव साहनी, एकलव्य वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक, सुनील केवट अशोक निषाद इंद्रेश फौजी रवि प्रताप पुजारी निषाद मनोज निषाद निषाद आर्मी के धर्मवीर जलवंशी बालवीर निषाद संजय निषाद रमेश निषाद सुरेश साहनी, धर्मात्मा निषाद, गौरव निषाद, गोविंद रामकोल निषाद, अधिवक्ता दिनेश निषाद, मेवालाल निषाद, सहित हजारों संख्या में सजती बंधु उपस्थित है।

भारत में बनती है दुनिया की 60 फीसद वैक्सीन: डॉ. भट्ट

गोरखपुर- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन एंड अलाइड साइंस के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अनंत नारायण भट्ट ने कहा है कि भारत प्राचीन काल से ही औषधियों के उत्पादन की जननी रही है। वर्तमान समय में अपना देश पूरी दुनिया में लगभग 60 प्रतिशत वैक्सीन के उत्पादन का केंद्र है।

डॉ. भट्ट महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय व फार्मेसी संकाय के संयुक्त तत्वावधान एवं ट्रांसलेशन बायोमेडिकल रिसर्च सोसायटी के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के एक महत्वपूर्ण तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कर रहे थे। एडवांटेज एंड ऑपर्चुनिटीज इन ड्रग डिस्कवरी फ्रॉम नेचुरल प्रोडक्ट्स 'बायोनेचर कॉन-2023' विषयक संगोष्ठी में 'जैव पॉलिमर एल्गिनेट से हेमोस्टैटिक एजेंट का विकास' बिंदु पर अपना शोध प्रस्तुत करते हुए डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ भट्ट ने बताया कि गनशॉट से अत्यधिक रक्तस्राव की वजह से भारत के सेना के जवानों का जीवन खतरे में आ जाता है। उनके रक्तस्राव को रोकने हेतु एक स्वदेशी औषधि का निर्माण किया है जिसकी क्षमता अन्य दवाओं की अपेक्षा काफी बेहतर है। यह औषधि एलिग्नेट रसायन पर आधारित है।

एक अन्य सत्र की अध्यक्षता करते हुए इंस्टिट्यूट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड आयुर्वेदिक बायोलॉजी के निदेशक एवं बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर डॉ. राजा वशिष्ट त्रिपाठी ने आयुर्वेद के विभिन्न आयामों व पर महायोगी गोरखनाथ जी के ग्रंथो के सबद, दोहावली को लेते हुए आहार-विहार पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें आयुर्वेद व आधुनिक विज्ञान को साथ में रखकर कदम से कदम मिलाकर आगे अध्ययन की जरूरत है जो भविष्य में मानवता के समग्र विकास हेतु एक वरदान साबित होगा। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि भारत के वैदिक ग्रंथ मार्गदर्शक ग्रंथ हैं जिनके द्वारा संपूर्ण विश्व को निरोगी बनाया जा सकता है। जरूरत बस इन ग्रंथों में निहित ज्ञान को अपनाने की है। हमारा शरीर हर प्रकार के बीमारियो से निपटने की क्षमता रखता है और इस क्षमता का ज्ञान वैदिक ग्रंथों में वर्णित है।

पुरातन काल से प्रचलित औषधि है त्रिफला: पद्मश्री होसुर

मुंबई के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पद्मश्री से सम्मानित प्रो. आरवी होसुर ने 'हर्बोलॉमिक्स: एन इमर्जिंग फ्रंटियर' विषय पर बात करते हुए कहा कि आयुर्वेद में सभी रोगों से निदान संबंधी सामग्री संकलित है। उन्होंने त्रिफला की उपयोगिता पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए बताया कि त्रिफला एंटीऑक्सीडेंट, सूजनरोधी और जीवाणुरोधी प्रभाव वाला एक प्राचीन हर्बल उपचार है। यह हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है। त्रिफला पुरातन काल से प्रचलित महत्वपूर्ण औषधि है। त्रिफला को हर उम्र के लोग रसायन औषधि के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके नियमित सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। यह औषधि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसे गंभीर रोगों में भी लाभकारी है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार त्रिफला में ऐसे गुण हैं जो पाचन शक्ति बढ़ाने और वजन घटाने में सहायक हैं।

प्राकृतिक संसाधनों में सभी बीमारियों का इलाज: डॉ. शिल्पी

सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे के बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग की डॉ. शिल्पी शर्मा ने 'मधुमेह के प्रबंधन के लिए प्राकृतिक यौगिकों की क्षमता की खोज' विषय पर अपना शोध अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों में लगभग सभी लाइलाज बीमारियों के इलाज हैं। मधुमेह जैसी भयानक बीमारी का इलाज भी आज वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया है और अब प्राकृतिक संसाधनों से इसकी दवाई भी बनाई जा रही है जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। आईआईटी इंदौर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हेम चन्द्र झा ने 'अश्वगंधा बैक्टीरिया और वायरस से प्रेरित गैस्ट्रिक के खिलाफ एक संभावित चिकित्सीय एजेंट है' विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि अश्वगंधा चूर्ण या किसी भी माध्यम में इसे लेने से यह शरीर को स्वस्थ ही बनाता है। यह विभिन्न रोगों से लड़ने में और असामान्य बीमारी से हमें बचाने में भी कारगर सिद्ध होता है।

आयुर्वेद समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धति: प्रो रेड्डी

बीएचयू, वाराणसी में रसशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. के. रामाचंद्र रेड्डी ने अपने उद्बोधन में कहा कि आयुर्वेद प्राकृतिक एवं समग्र स्वास्थ्य की पुरातन भारतीय पद्धति है। प्रारंभ से भारत में आयुर्वेद की शिक्षा मौखिक रूप से गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत ऋषियों द्वारा दी जाती रही है। जिसे लगभग 5000 साल पहले इस ज्ञान को ग्रंथों का रूप दिया गया है । चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदय आयुर्वेद के पुरातन ग्रंथ हैं तथा इन ग्रंथो में सृष्टि में व्याप्त पंच महाभूतों - पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि एवं आकाश तत्वों के मनुष्यों के ऊपर होने वाले प्रभावों तथा स्वस्थ एवं सुखी जीवन के लिए के लिए उनको संतुलित रखने के महत्ता को प्रतिपादित किया गया है।

नीम की पत्तियों से डेंगू का उपचार संभव: प्रो शरद

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बायो टेक्नोलॉजी के आचार्य प्रो. शरद कुमार मिश्रा ने "अजादिरचता इंडिका (नीम) - ए ट्री ऑफ सॉल्विंग ग्लोबल हेल्थ प्रोब्लेम्स" विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि नीम के पत्ते से डेंगू का उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि नीम का पेड़ अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है और सदियों से पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में इसका उपयोग किया जाता रहा है। नीम के पेड़ का मुख्य लाभ इसकी बहुमुखी पत्तियां हैं है। त्वचा की विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। हम नीम के पेड़ों को उनके बीज से लेकर तेल, पत्तियों, छाल और जड़ों तक किसी भी रूप में पा सकते हैं। इसमें हानिकारक कीड़ों और बीमारियों को दूर भगाने की भी अपार क्षमता होती है। नीम का पेड़ विभिन्न प्रकार के त्वचा विकारों जैसे मुँहासे, एक्जिमा, सोरायसिस और सनबर्न को ठीक करने में मदद करता है। नीम के पेड़ की मदद से आप लंबे समय तक मनमोहक, ताज़ा और लंबे समय तक रहने वाली खुशबू का आनंद ले सकते हैं।

इन विशेषज्ञों ने किया विद्यार्थियों का मार्गदर्शन

उद्घाटन के बाद दो दिन तक अलग अलग सत्रों में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टिट्यूट लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. माधव नीलकंठ मुगले, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज लखनऊ में काया चिकित्सा विभाग के अध्यक्ष डॉ संजीव रस्तोगी, आईआईटी रुड़की में बायो इंजीनियरिंग के प्रोफेसर डॉ. कृष्ण मोहन पोलुरी, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बायो टेक्नोलॉजी के आचार्य प्रो. दिनेश यादव, इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली के प्रधान वैज्ञानिक डॉ सुजॉय के. धारा, एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीष द्विवेदी ने शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। इसी क्रम में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार हेतु विभिन्न प्रतिभागियों ने विभिन्न शोध कार्य प्रस्तुत किए।विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा विविध विषयों पर शोध पोस्टर प्रस्तुतिकरण किया गया। इस अवसर पर कुल 40 शोधार्थियों ने शोध प्रस्तुतीकरण किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों में विश्वविद्यालय कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी, कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव समेत समस्त प्राध्यापक, विद्यार्थी एवं देश के विभिन्न जगहों से आये विशेषज्ञ, शोधार्थी उपस्थित रहे। संगोष्ठी का समापन रविवार को होगा।

मुख्यमंत्री की सख्ती का दिखा असर, फ़ूड विभाग ने की कैरी ऑन, फर्जी ढाबा समेत विभिन्न रेस्टोरेंट की जांच

गोरखपुर- मुख्यमंत्री के आदेश व जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश के निर्देश पर सहायक खाद्य आयुक्त कुमार द्वितीय कुमार गुंजन व मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेन मोहन त्रिपाठी के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा अधिकारी की टीम ने आज जनपद के सिटी मॉल स्थित कैरी ऑन रेस्टोरेंट, बलदेव प्लाजा के फर्जी ढाबा समेत विभिन्न रेस्टोरेंट व होटलों की जांच की गई। जांच के दौरान टीम ने पनीर के चार नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा गया है।

सहायक आयुक्त खाद्य कुमार गुंजन ने बताया कि शासन के निर्देश पर व जिलाधिकारी के आदेश पर यह कार्रवाई की जा रही है विगत दिनों टीम ने पनीर के 12 नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा था। आज टीम ने जनपद के कैरी ऑन रेस्टोरेंट, फर्जी ढाबा समेत विभिन्न रेस्टोरेंट और होटल की जांच की गई है। टीम ने आज चार नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा गया है जांच के दौरान फर्जी ढाबा के एक ही फ्रीजर में नॉनवेज और वेग रखा गया था। इसको लेकर रेस्टोरेंट को नोटिस दिया जा रहा है।

नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला हेतु जांच के लिए भेजा गया है रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद राव सूचित प्रसाद उमाशंकर सिंह अरुण शुक्ला विजय नंद आशुतोष समेत अन्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।

दिन ढलते ही दुधिया रौशनी से जगमगाया कस्बा, ग्राम प्रधान के प्रयास से अंधेरे की समस्या से मिला निजात

गोरखपुर- शाम होते ही अंधेरे में डूबे रहने वाले खजनी कस्बे की सूरत अब बदल चुकी है। कस्बे में खजनी गोरखपुर सिकरीगंज मुख्यमार्ग पर तथा संपर्क मार्गों पर लगे सभी बिजली के खंभों पर लगे बिजली के एलईडी फ्लैश लाइट की दुधिया रौशनी से कस्बा जगमगा उठा है।खुटभार गांव के ग्रामप्रधान अर्जुन जायसवाल के द्वारा गांव तथा कस्बे के निवासियों और कस्बे में आने वाले लोगों की सुविधा के लिए लाइट लगाई गई है।

खजनी व्यापार मंडल अध्यक्ष रामवृक्ष वर्मा ने बताया कि कस्बे में अंधेरे की समस्या दूर हो गई है। सड़क पर रौशनी होने से दुर्घटनाएं भी कम होंगी उन्होंने ग्रामप्रधान के प्रति आभार जताया। कस्बे के प्रतिष्ठित व्यावसाई गौरीशंकर सर्राफ ने बताया कि लंबे समय से कस्बे में पथ प्रकाश की समस्या थी जिसे खुटभार के ग्रामप्रधान ने दूर कराया है उनकी इस व्यवस्था की सभी लोग तारीफ कर रहे हैं।

वहीं ग्रामसभा खुटभार के ग्रामप्रधान अर्जुन जायसवाल ने बताया कि बीडीओ खजनी रमेश कुमार शुक्ला के परामर्श से कस्बे में सभी बिजली के खंभों पर लगभग 200 से अधिक एलईडी लाइट लगाई गई है इससे कस्बे में रात में अंधेरे की समस्या दूर हो गई है। इससे सड़क पर उजाला रहेगा और एक्सिडेंट तथा चोरी आदि की घटनाओं में भी कमी आएगी।

बता दें कि शुक्रवार को खजनी ब्लॉक मुख्यालय में व्यापारियों के साथ हुई बैठक में ब्लॉक प्रमुख अंशु सिंह ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस से पहले कस्बे में बिजली के खंभों पर तिरंगा एलईडी लाइट लगाने का सुझाव दिया है जिसके बाद कस्बे की रौनक और बढ़ जाएगी।