पुण्यतिथि और जन्मदिन पर गोद लिये गये तीन टीबी मरीज
गोरखपुर, देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने में निक्षय मित्रों की अहम भूमिका है । निक्षय मित्र टीबी मरीज को गोद लेकर उन्हें इलाज चलने तक प्रति माह पोषक सामग्री देते हैं और उन्हें मानसिक संबल भी प्रदान करते हैं।
इससे टीबी मरीज भावनात्मक तौर पर और पोषण के स्तर पर मजबूत हो जाता है और ठीक होने में मदद मिलती है । इसी कड़ी में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक अभय नारायण मिश्र ने पिता की पुण्यतिथि पर एक टीबी मरीज युवक को और चिकित्सक डॉ मुस्तफा खान ने अपने जन्मदिन पर एक 42 वर्षीय टीबी मरीज एवं तीन वर्षीय टीबी उपचाराधीन बच्ची को गोद लिया है।
तीनों मरीजों के लिए पोषण पोटली देकर उन्हें सहयोग का आश्वासन दिया गया ।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह अपने जीवन के प्रमुख अवसरों जैसे जन्मदिन, वैवाहिक वर्षगांठ, बच्चों के जन्मदिन, घर के प्रमुख व्यक्ति की पुण्यतिथि पर टीबी मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र बने और टीबी मुक्ति में योगदान दें।
उन्होंने बताया कि जिले में इस समय 880 निक्षय मित्रों द्वारा 2535 टीबी मरीजों को गोद लेकर उनकी मनोवैज्ञानिक और पोषण संबंधी सहायता की जा रही है। गोद लेने वाले निक्षय मित्र को इलाज चलने तक प्रति माह टीबी मरीज से सम्पर्क कर स्वेच्छा से फल, गुड़, चना, मूंगफली का दाना जैसी पौष्टिक सामग्री उसे देनी होती है ।
वह मरीज कोमानसिक संबल देने के साथ साथ पात्रता के अनुसार सामाजिक सहायता योजनाओं से जोड़ने में मदद कर सकते हैं।
डॉ यादव ने बताया कि टीबी मरीज को लगातार यह विश्वास दिलाना है कि यह बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन बीच में दवा बंद नहीं होनी चाहिए। गोद लेने के जरिये समाज में यह संदेश भी देना है कि टीबी की दवा शुरू हो जाने के तीन सप्ताह बाद इसके एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचने की आशंका नहीं रहती है ।
इस अवसर पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर मयंक, टीबी एचवी भरत जायसवाल, स्वतंत्र कुमार, स्वास्थ्यकर्मा अमरनाथ जायसवाल और आशा कार्यकर्ता रिंकी प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।
तीसरी पुण्यतिथि पर लिया गोद
पीपीएम समन्वयक अभय नारायम मिश्र ने बताया कि उनके पिता स्व दिग्विजयन नारायण की तीसरी पुण्यतिथि 09 दिसम्बर को थी। उन्होंने इस मौके पर गांव पर सम्पन्न कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने एक टीबी मरीज को गोद लेने का संकल्प लिया था।
गांव से वापस लौटने पर पादरी बाजार के रहने वाले 36 वर्षीय टीबी मरीज के घर वह बुधवार को गये और उसे पोषण पोटली देने के साथ हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। वहीं टीबी मरीज युवक ने बताया कि इसी साल अगस्त माह में उनकी दवा शुरू हुई है।
टीबी के कारण वह तीन महीने मजदूरी नहीं कर पाए और बेडरेस्ट करते रहे । बीआरडी मेडिकल कॉलेज से उनका इलाज चल रहा है । पहली बार उनके घर कोई खुद पोषक सामग्री लेकर पहुंचा तो उन्हें काफी अच्छा लगा । उनसे इलाज के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सम्पर्क करने के लिए कहा गया है।
खुद मरीज रह चुके हैं निक्षय मित्र चिकित्सक
दो टीबी मरीजों को गोद लेने वाले 34 वर्षीय चिकित्सक डॉ मुस्तफा खान ने बताया कि वर्ष 2014 में वह एक्स्ट्रा पल्मनरी श्रेणी के ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीज रह चुके हैं। इलाज के दौरान उन्होंने देखा कि कई मरीज भावनात्मक तौर पर निराश हो जाते हैं। उन्हें लगता है कि वह ठीक नहीं हो पाएंगे ।
इसी कारण से इस बार अपने जन्मदिन पर उन्होंने तय किया था कि टीबी मरीजों को गोद लेंगे। समाचार पत्रों के जरिये उन्हें निक्षय मित्र की भूमिका के बारे में जानकारी मिली थी।
डॉ खान द्वारा गोद ली गयी तीन वर्षीय बच्ची की मां ने बताया कि उनके पति मजदूर हैं। बच्ची साल भर पहले काफी कमजोर हो गई थी लगी। कुछ खाती भी नहीं थी। धीरे धीरे अत्यधिक कमजोरी के कारण बीमार हुई और हालत इतनी खराब हो गयी कि मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराना पड़ा ।
सितम्बर से टीबी की दवा शुरु हुई और अब उसकी स्थिति सुधरी है । बच्ची को बुला कर पोषक सामग्री दी गयी है । 42 वर्षीय डीआर टीबी मरीज की पत्नी ने पोषक सामग्री लेने के बाद कहा कि पति के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान लाखों रुपये खर्च हो गये ।
अभी भी काफी कमजोरी है इसलिए वह बेडरेस्ट पर हैं। जिला क्षय रोग केंद्र पर पति कोगोद लिए जाने से उन्हें महसूस हुआ है कि बीमारी के साथ उनके संघर्ष भरे जीवन में वह अकेले नहीं हैं। सभी लोगों का इसी प्रकार सहयोग रहा तो उनके पति जरूर ठीक हो जाएंगे।
जिले में टीबी की वर्तमान स्थिति
ड्रग सेंसिटिव टीबी मरीज-9102
ड्रग रेसिस्टेंट टीबी मरीज-374
कुल टीबी नोटिफिकेशन-112 प्रतिशत
निक्षय मित्र बनने के लिए करें सम्पर्क
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र बनने के इच्छुक लोग जिला क्षय रोग केंद्र के हेल्पलाइन नंबर 8299807923 पर सम्पर्क कर सकते हैं। अच्छा योगदान देने वाले निक्षय मित्रों को प्रतिष्ठित मंचों पर सम्मानित भी किया जाता है।
Dec 14 2023, 17:53