संसद में सरकार ने दी जानकारी,राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में है लंबित


नई दिल्ली। संसद में एक बार फिर राम सेतु का जिक्र हुआ। सरकार ने संसद में बताया कि राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोक सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कहीं।

अपने जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि राम सेतु को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने का कोई प्रस्ताव फिलहाल लंबित नहीं है। उनसे पूछा गया था कि क्या देश में राम सेतु जैसे समुद्र में स्थित या डूबे हुए स्थलों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का अनुरोध भारत सरकार के पास लंबित है।

उन्होंने कहा कि स्मारकों और स्थलों की घोषणा प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल और अवशेष (एएमएएसआर) अधिनियम, 1958 की धारा 4 के तहत की जाती है। केंद्र सरकार दो महीने का समय देकर किसी भी प्राचीन स्मारक को राष्ट्रीय महत्व का घोषित करने के अपने इरादे की अधिसूचना जारी करती है।

2014 के बाद 344 पुरावशेष विदेश से प्राप्त हुए

सरकार ने सोमवार को संसद में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) ने 1976-2023 तक विदेशों से 357 पुरावशेष (एंटीक्विटीज) प्राप्त किए हैं। इसमें से 344 पुरावशेष 2014 के बाद प्राप्त किए गए हैं। केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।

उनसे पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से बरामद तमिलनाडु से संबंधित कलाकृतियों की संख्या के विवरण के बारे में भी पूछा गया था। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान विदेशों से प्राप्त पुरावशेषों में से आस्ट्रेलिया, सिंगापुर, ब्रिटेन और अमेरिका से प्राप्त 31 पुरावशेष तमिलनाडु के हैं।

पीएम संग्रहालय के लिए 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए गए

सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय परियोजना के लिए आवंटित बजट 340.33 करोड़ रुपये में से 30 नवंबर तक 305.36 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारत के प्रधानमंत्रियों पर आधारित संग्रहालय की मुख्य विशेषताओं और इस परियोजना के लिए आवंटित बजट से किए गए कुल सरकारी खर्च के बारे में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन माननीय प्रधान मंत्री द्वारा 14 अप्रैल, 2022 को किया गया था।

दिल्ली:तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को लेकर दी चुनौती,पहुंची सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा ने लोकसभा सदस्यता रद्द करने के फैसले को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कैश फॉर क्वेश्चन मामले में एथिक्स कमिटी की सिफारिश के बाद महुआ की संसद सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई थी।

गौरतलब है कि महुआ पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद एथिक्स कमिटी का गठन किया गया और फिर एथिक्स कमिटी ने लोकसभा में लंबी जांच-पड़ताल के बाद शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपा था।

रिपोर्ट में एथिक्स कमिटी ने लोकसभा अध्यक्ष से महुआ मोइत्रा को सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की थी. रिपोर्ट पेश होने के बाद लोकसभा में करीब एक घंटे तक चर्चा चली और फिर महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने का प्रस्ताव जारी किया गया, जिसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा था, 'यह सदन समिति के निष्कर्ष को स्वीकार करता है कि सांसद महुआ मोइत्रा का आचरण एक सांसद के रूप में अनैतिक और अशोभनीय था. इसलिए उनका सांसद बने रहना उचित नहीं है।कृष्णानगर लोकसभा सीट से पहली बार संसद पहुंचीं मोइत्रा को शुक्रवार को संसद से निष्कासित कर दिया गया. 

लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट में उन्हें 'अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण' के लिए जिम्मेदार ठहराया गया जिससे उनके निष्कासन का रास्ता बना. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हंगामेदार चर्चा के बाद लोकसभा में मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी. चर्चा में मोइत्रा को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया.

अपने निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए मोइत्रा ने इस फैसले की तुलना 'कंगारू अदालत' द्वारा सजा दिए जाने से करते हुए आरोप लगाया कि सरकार लोकसभा की आचार समिति को, विपक्ष को झुकने के लिए मजबूर करने का हथियार बना रही है. असम के कछार जिले में 1974 में जन्मी मोइत्रा की शुरुआती शिक्षा कोलकाता में हुई और फिर वह उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका गयीं.

न्यूयॉर्क और लंदन में जेपी मॉर्गन चेज़ में निवेश बैंकर रहीं मोइत्रा ने राहुल गांधी की ''आम आदमी का सिपाही'' पहल से प्रेरित हो कर राजनीति का रुख किया. उन्होंने 2009 में कांग्रेस की युवा इकाई में शामिल होने के लिए लंदन में अपना हाई-प्रोफाइल बैंकिंग करियर त्याग दिया। 

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई में तैनात की गयीं मोइत्रा ने पार्टी के नेता सुब्रत मुखर्जी के साथ निकटता से काम किया।

अगर चेहरे की झुर्रियां हटाना है तो कीजिये कुछ घरेलू नुस्खे का इस्तेमाल, आप के चेहरे पर हफ्ते भर में दिखेगी चमत्कार...?


दिल्ली:- उम्र बढ़ने के साथ ही चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइंस जैसे एजिंग के लक्षण नजर आने लगते हैं। लेकिन आजकल के गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण कई लोगों के चेहरे पर उम्र से पहले ही झुर्रियां दिखने लगती हैं। इसकी वजह से चेहरा काफी डल और बेजान नजर आता है। कई लोग झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इनसे भी कुछ खास फायदा नहीं मिलता है। 

वहीं, इनमें हानिकारक केमिकल्स मौजूद होते हैं, जो आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में, झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों की मदद ले सकते हैं। इन्हीं नुस्खों में आलू भी शामिल है। जी हां, आलू के रस में विटामिन बी6 और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो झुर्रियों और फाइन लाइंस को कम करने में मदद कर साबित हो सकते हैं। इसके इस्तेमाल से चेहरे के टैनिंग भी रिमूव होती है। यह स्किन को ग्लोइंग बनाने में मदद करता है।

 तो आइए, जानते हैं झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए कैसे करें आलू के रस का इस्तेमाल?

आलू का रस

झुर्रियों से छुटकारा पाने के लिए आप आलू के रस को चेहरे पर अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए एक आलू को कद्दूकस करके उसका रस निचोड़ लें। फिर एक कॉटन बॉल की मदद से आलू के रस को अपने चेहरे पर लगाएं। करीब 15 मिनट बाद चेहरे को पानी से धो लें। इसके नियमित इस्तेमाल से आपकी त्वचा में कसाव आएगा। साथ ही, दाग-धब्बों की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।

आलू का रस और शहद

चेहरे की झुर्रियां मिटाने के लिए आप आलू के रस और शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप कटोरी में 3 चम्मच आलू का रस लें। इसमें थोड़ा सा शहद डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे कर लगाएं और करीब 15 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से चेहरे को धो लें। इससे झुर्रियां और फाइन लाइंस धीरे-धीरे कम होने लगेंगी। साथ ही, आपकी त्वचा मुलायम भी बनेगी।

आलू का रस और हल्दी

अगर आपके चेहरे पर झुर्रियां हैं, तो आप आलू के रस में हल्दी मिलाकर भी अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए कटोरी में 2-3 चम्मच आलू का रस लें। इसमें चुटकीभर हल्दी पाउडर डालकर मिक्स कर लें। अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 15 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद पानी से चेहरे को वॉश लें। आप सप्ताह में 1-2 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

आलू का रस और टमाटर का रस

चेहरे की झुर्रियों को दूर करने के लिए आप आलू के रस में टमाटर का रस मिलाकर लगा सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच आलू के रस में 2 चम्मच टमाटर का रस मिलाएं। इसे अपने चेहरे पर लगाएं और 10 मिनट बाद चेहरे को धो लें। चेहरे पर आलू और टमाटर का रस लगाने से एजिंग के लक्षण कम होते हैं। साथ ही, मुंहासों की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।

बिगड़ते जीवन शैली के कारण आज हार्ट अटैक का बढ़ रहा है मामला, इसलिए इस पांच लक्षण की करें अनदेखी


बिगड़ते जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके खतरे को कम करने के लिए लोगों को 

 अपनी लाइफ स्टाइल को मेंटेन रखने और हार्ट हेल्दी फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करने को कहा जाता है और यह जरूरी भी है। 

हालांकि, सिर्फ हेल्दी लाइफस्टाइल और हार्ट हेल्दी फूड्स की मदद से ही हार्ट अटैक के मामलों को पूरी तरह से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि हार्ट अटैक के कुछ मामले जेनेटिक या जन्म से मौजूद किसी शारीरिक समस्या के कारण आते हैं जिनके बारे में कई बार हमें पता भी नहीं होता है। इसलिए हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए हार्ट अटैक से जुड़े कुछ सिंपल लक्षणों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है।

हार्ट अटैक के कारण कई बार इतने सिंपल लक्षण भी विकसित हो सकते हैं, जिन्हें हम सिंपल लक्षण समझ कर इग्नोर कर देते हैं। साधारण खांसी और इसी तरह के कुछ सामान्य से लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि ये हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं। चलिए जानते हैं इन लक्षणों को बारे में -

1. सांस फूलना 

हार्ट अटैक आने से पहले ज्यादातर मामलों में ठीक से काम नहीं कर पाता है, जिससे शरीर के अंगों को ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलना कम हो जाता है। इसकी प्रक्रिया में फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन लेने के लिए और तेजी से सांस लेने की कोशिश करते हैं। जिससे सांस फूलने लगता है। हार्ट अटैक आने से ठीक पहले ऐसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

स्किन में बदलाव

2. ज्यादा पसीना आना 

हार्ट अटैक आने से ठीक पहले ज्यादा पसीना आने जैसे लक्षण भी देखे जा सकते हैं, ऐसा आमतौर पर इसलिए होता है क्योंकि जब हार्ट ठीक से ब्लड पंप न कर पाए तो उसे इस काम के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इस कारण से ज्यादा पसीना आने लगता है। अगर आपको बिना कोई ज्यादा शारीरिक मेहनत किए पसीना आ रहा है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

3. चक्कर आना 

हार्ट अटैक आने से पहले ही हार्ट कई बार ठीक से काम करना बंद कर देता है और ब्लड पंप करने की क्षमता कम होने के कारण ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है। ऐसा होने के कारण बैठने के बाद खड़ा होने पर चक्कर आना और यहां तक कि बैठे-बैठे चक्कर जैसा होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं।

4. घरघराहट महसूस होना 

घरघराहट काफी आम लक्षण है, जो आमतौर पर सर्दी-खांसी के दौरान हो सकता है, लेकिन यह कई बार हार्ट अटैक से पहले का लक्षण भी हो सकता है। हार्ट अटैक से पहले ही कई बार फेफड़ों के आसपास द्रव जमा हो जाता है, जिस कारण से घरघराहट जैसे लक्षण होने लगते हैं। अगर आपको अचानक से ऐसे लक्षण होने लगे हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।

5. हल्की खांसी होना 

खांसी आना बहुत ही आम लक्षण है लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि यह लक्षण कई बार हार्ट अटैक से पहले भी देखने को मिल सकता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है जब हार्ट शरीर की जरूरत के अनुसार काम न कर पाए और फिर रक्त उल्टा फेफड़ों की तरफ जाने लगे। यह एक गंभीर समस्या हो सकती है। इसलिए अगर आपको कुछ भी ऐसा महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।

गुरुग्राम पुलिस ने एक बड़े साइबर गिरोह का किया खुलासा, देश भर के लोगों ने किया था 10 करोड़ से अधिक की ठगी


(दिल्ली एनसीआर डेस्क)

गुरुग्राम : दिल्ली एनसीआर के गुरु ग्राम से साइबर क्राइम का एक बड़ा गिरोह पर पुलिस ने हाथ डाला। इस गिरोह द्वारा देश भर के लोगों से 10 करोड़ से ज्यादा की ठगी की गयी।

इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेट सेंटर से मिले डेटा के बाद गुरुग्राम पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की। पुल‍िस ने छह ठगों को अरेस्‍ट करके 8 मोबाइल और 11 सिमकार्ड बरामद क‍िए।

 पुल‍िस ने खुलासा क‍िया क‍ि 10 करोड़ रुपये से अधिक इन आरोपियों ने देशभर के लोगों से ठगा था। साइबर ठगी के मामलों में अरेस्ट किए गए 6 आरोपियों ने देशभर में 2857 लोगों को टारगेट कर ठगा था। नाबालिग समेत 6 आरोपियों से रिकवर हुए 8 मोबाइल और 11 सिमकार्ड की डिटेल खंगालने पर ये खुलासा हुआ है। इन सभी मामलों में आरोपियों ने 10 करोड़ 36 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपियों पर देशभर में 154 एफआईआर दर्ज मिली हैं, जिनमें से 9 हरियाणा में दर्ज हैं।

साइबर क्राइम थाना वेस्ट की टीम ने एक नाबालिग समेत कुल 6 आरोपियों को साइबर ठगी के मामलों में जांच करते हुए गिरफ्तार किया था। 5 बालिग आरोपियों की पहचान कुमारी उपासना, पूजा शर्मा, मनीष, सोनू शर्मा और अकीब के तौर पर हुई थी। इन आरोपियों से पुलिस टीम ने 8 मोबाइल और 11 सिमकार्ड जब्त किए थे। 

सोशल मीडिया पर फर्ज़ी आईडी बनाकर लेते थे लोगों को झांसे में

पकड़े गए ये सभी आरोपी अलग-अलग तरीकों से ठगी करते थे। सबसे ज्यादा इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर परिचितों से रुपये मांगना, इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाकर आईफोन बेचने के नाम पर ठगी करने के तरीके शामिल हैं। इसके अलावा नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी और टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर यू-ट्यूब विडियो लाइक करने का टास्क देकर फिर निवेश पर रिटर्न का झांसा देकर ठगी के तरीके शामिल हैं।

दिल्ली एनसीआर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश,इसके वावजूद पराली की आग से फैल रहे प्रदूषण पर कोई असर नही

नई दिल्ली:- दिल्ली एनसीआर में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने मौसम को तो ठंडा कर दिया, लेकिन पारली की आग को शांत नहीं कर पाई। दो दिन की बारिश के बाद भी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की समस्या बरकरार है। 

बारिश के बाद अब धीरे-धीरे ठंड भी बढ़ने लगी है, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर वालों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ प्रदूषण और दूसरी तरफ ठंड के तेवर से लोग परेशान होने लगे हैं। दिल्ली के साथ साथ एनसीआर के भी कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में शामिल हो गई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 350 के पार चला गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 320, आरके पुरम में 410, पंजाबी बाग में 444 और आईटीओ में 422 रहा। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को भी दिल्ली के कुछ इलाकों में हल्की बारिश होने की संभानवा है।

नौ साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा प्रदूषण

इस साल नवंबर में 13 साल के दौरान सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई है, बावजूद इसके राजधानी को एक भी दिन साफ हवा नहीं मिल पाई है। मंगलवार तक माह के 28 दिनों के दौरान हर रोज ही एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) "खराब", "बहुत खराब", "गंभीर" एवं "अत्यंत गंभीर" श्रेणी में रहा है। 2015 से लेकर 2023 तक नौ साल में यह माह दूसरा सबसे प्रदूषित रहा है।

वर्षा ने तोड़ा रिकॉर्ड 

मौसम विभाग के मुताबिक नवंबर की वर्षा ने पिछले बारह साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की मानक वेधशाला सफदरजंग में इस माह अभी तक 17.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। यह सामान्य से 188 प्रतिशत ज्यादा है। नवंबर में सामान्य तौर पर 6.0 मिमी वर्षा होती है। इससे पूर्व नवंबर 2010 में 26 मिमी वर्षा हुई थी।फिर 2011 से लेकर 2023 तक इस बार सर्वाधिक वर्षा दर्ज की गई है।

दिल्ली में नाममात्र वर्षा

पिछले चार साल में तो दिल्ली में नाममात्र की ही वर्षा हुई थी। वर्ष 2022 और 2021 में तो पानी की एक बूंद भी नहीं टपकी थी। जबकि, वर्ष 2020 में 0.6 और वर्ष 2019 में 0.8 मिमी बरसात ही हुई थी। इस हिसाब से देखा जाए तो इस बार नवंबर में अच्छी खासी वर्षा हुई है। वर्षा के चलते ही इस बार दीवाली का दिन भी पिछले कई सालों में सबसे ज्यादा साफ-सुथरा रहा था

दिल्ली की हवा खराब

लेकिन इसे विडंबना ही कहें या कुछ फिर और... रिकॉर्ड वर्षा के बाद भी दिल्ली वासी लगभग पूरे माह ही प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर रहे। "अच्छी", "संतोषजनक" और "मध्यम" श्रेणी के एक्यूआइ वाला दिन तो एक भी रहा ही नहीं, "खराब" श्रेणी के दिन भी घट गए। मतलब, पूरे माह अधिकांश दिन या तो "बहुत खराब" श्रेणी वाले रहे या "गंभीर" श्रेणी वाले।

ये हैं दिल्ली के आंकड़े

सीपीसीबी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार औसत एयर इंडेक्स की बात करें तो वर्ष 2015 में यह 358, 2016 में 374, 2017 में 361, 2018 में 335, 2019 में 312, 2020 में 328, 2021 में 380, 2022 में 321 और 2023 में 28 दिनों का 375 दर्ज किया गया है। मतलब यह कि 2021 के बाद इस साल नवंबर का औसत एयर इंडेक्स सबसे अधिक रहा है।

कार्बन की समस्या

नवंबर महीने में दिल्ली को आसपास के राज्यों में पराली जलाने के कारण लंबी दूरी की धूल और घुसपैठ कार्बन की समस्या का सामना करना पड़ता है। 2015 से 2023 तक के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि नवंबर के दौरान वर्षा के साथ-साथ हवा की रफ्तार भी बहुत मायने रखती है। लेकिन पश्चिमी विक्षोभों के अभाव में माह के ज्यादातर दिन शुष्क रहे। वर्षा ने रिकार्ड तोड़ा जरूर लेकिन गिनती के दिनों में। ऐसे में नियामक एजेंसियों द्वारा स्थानीय उत्सर्जन भार में मात्रात्मक कमी का प्रदर्शन किया जाना आवश्यक है।

उत्तरकाशी के टनल में 17 दिनों से फंसे सभी मज़दूरों का रेस्क्यू सफल, पीएम मोदी ने कहा-,मज़दूरों का धैर्य और साहस लोगों के लिए प्रेरणा बनेगा

(डेस्क खबर)

नई दिल्ली: 17 दिन बाद चारधाम के लिए पहाड़ काटकर सुरंग के अंदर बन रहे मार्ग के धंस जाने के कारण सभी 41 मज़दूरों का रेस्क्यू हो गया। सभी सुरिक्षत और स्वस्थ हैं सभी की प्राथमिक जांच और उनके स्वास्थ्य की देख रेख के लिए तत्काल अस्पताल में रखा गया।

इस ओपरेशन के बाद सुरंग से बाहर निकले मज़दूरों ने भारत माता की जय का नारा लगाया साथ हीं कहा मोदी है तो मुमकिन है।इस बीच पीएम मोदी ने एक्स (ट्विट) पर लिखा,-- 'उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।'

प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, - 'यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। 

मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।'

प्रथम मज़दूर को सुरंग से बाहर निकलने पर उत्तरखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बात भी की। धामी ने मजदूरों के साथ वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'यह धैर्य, परिश्रम और आस्था की जीत हुई है।' वहीं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह और राज्य के चीफ मिनिस्टर घटनास्थल पर मौजूद रहे।

इधर X ( ट्वीटर) पर यह घटना ट्रेन्डिंग न्यूज के रूप में पूरी दुनिया में देखा जा रहा है।जितना आम जनता में इस सफलता पर खुशी है। उतना हीं इस सफलता पर सरकार भी मज़दूरों का धैर्य,वचाव टीम पर नाज कर रहे है।मज़दूर तो इसे अपना पुनर्जन्म मां कर चल रहे हैं।

हेल्थ टिप्स: डायबिटीज के मरीज अपने डायट में शामिल करे ये 4 चीजें,कंट्रोल में रहेगी हाई ब्लड शुगर


 दिल्ली: डायबिटीज यानी मधुमेह आज दुनिया में फैल रही बीमारी में से एक है।डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिससे दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित है. डायबिटीज की एक वजह हमारा खराब खानपान और लाइफस्टाइल भी है।डायबिटीज की बीमारी को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल में करके सामान्य जिंदगी को जिया जा सकता है.

सिर्फ भारत भर में पिछले 4 सालों में 44 फीसदी डायबिटीज की बीमारी बढ़ी है. हेल्दी लाइफस्टाइल और रेग्युवर एक्सरसाइज के साथ आयुर्वेद की जड़ी बूटियां भी डायबिटीज को रोकने में फायदा कर सकती हैं।आपको बता दें कि डायबिटीज का कोई ज्ञात इलाज नहीं है, इसे लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव करके कंट्रोल किया जा सकता है. तो चलिए जानते हैं कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में जिन्हें डायबिटीज में खाना फायदेमंद हो सकता है।

करेला

आयुर्वेद में लंबे समय से करेले को डायबिटीज के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है. इसमें पॉलीपेप्टाइड-पी नामक इंसुलिन जैसा कंपाउंड होता है, जो ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है. करेला ग्लूकोज के उपयोग को बेहतर बनाने में भी सहायता करता है, जिससे यह डायबिटिक मरीजों के लिए बेहतर है.

जामुन

जामुन का हाइपो-ग्लेसेमिक इफेक्ट ब्लड शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है. इसमें एंथोसायनिन, एलाजिक एसिड और पॉलीफेनोल्स जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं.

गिलोय

गिलोय भी डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. ये शरीर में ब्लड शुगर को रेग्युलेट करने में मदद करता है. गिलोय में एंटी इंफ्लामेशन गुण भी होते हैं. डायबिटीज के कंट्रोल रखने के लिए डाइट में गिलोय के पानी को शामिल रहते हैं.

आंवला

आयुर्वेद में आंवला काफी अहम माना जाता है. ये शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए बेहद फायदेमंद है. यह विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है, जो पैनक्रिटीट फंक्शन को बेहतर करने में मदद करता है. आंवला ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इंफ्लामेशन को कम करने में मदद करता है. ये दोनों ही चीजें डायबिटीज से जुड़ी होती हैं.

कार्तिक पूर्णिमा,देव दीपावली और गुरुनानक जयंती के कारण आज का दिन है विशेष


 नयी दिल्ली :- हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के दिन को बहुत पवित्र माना गया है. इस दिन देव दीपावली और गुरुनानक जयंती भी होती है. धार्मिक ग्रंथों के जानकार अंशुल पांडे से जानते व समझते हैं इस दिन का शास्त्रीय पक्ष.

आज का दिन विशेष, कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली और गुरुनानक जयंती, जानिए इस दिन का शास्त्रीय पक्ष 

 कार्तिक पूर्णिमा 2023 त्रिपुरारी या कार्तिक पूर्णिमा और गुरुपरब

कार्तिक मास को पड़ने वाली पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र माना गया है. विशेष रूप से उत्तर भारत में इस दिन गंगास्नान का बहुत महत्व है. वैसे तो देश देहात में बसे लोग प्रत्येक पूर्णिमा और एकादशी के दिन गंगा या आस पास की नदियों में स्नान करने जाते हैं पर इस दिन गंगा स्नान अति पवित्र माना जाता है।

चलिए अब इसके शास्त्रीय स्वरूप पर दृष्टि डालते हैं।

नारद पुराण (पूर्वभाग-चतुर्थ पाद, अध्याय क्रमांक 124) के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा को सम्पूर्ण शत्रुओं पर विजय पाने के लिये कार्तिकेय जी का दर्शन करें. उसी तिथि को प्रदोषकाल में दीप–दान के द्वारा सम्पूर्ण जीवों के लिये सुखदायक 'त्रिपुरोत्सव' करना चाहिये. उस दिन दीप का दर्शन करके मोक्ष को प्राप्त करते हैं. उस दिन चन्द्रोदय के समय छहों कृत्तिकाओं की, खड्गधारी कार्तिकेय की तथा वरुण और अग्नि की गन्ध, पुष्प, धूप, दीप, प्रचुर नैवेद्य, उत्तम अन्न, फल तथा शाक आदि के द्वारा एवं होम द्वारा पूजा करनी चाहिए।

इस प्रकार देवताओं की पूजा करके घरसे बाहर दीप-दान करना चाहिये. दीपकों के पास ही एक सुन्दर चौकोर गड्डा खोदे. उसकी लंबाई- चौड़ाई और गहराई चौदह अंगुलकी रखें. फिर उसे चन्दन और जल से सींचे. तदनन्तर उस गड्ढे को गाय के दूध से भरकर उसमें सर्वाङ्गसुन्दर सुवर्णमय मत्स्य डालें. उस मत्स्य के नेत्र मोती के बने होने चाहिये. फिर 'महामत्स्याय नमः' इस मन्त्र का उच्चारण करते हुए गन्ध आदि से उसकी पूजा करके ब्राह्मण को उसका दान कर दें।

यह क्षीरसागर-दान की विधि है. इस दान के प्रभाव से मनुष्य भगवान विष्णु के समीप आनंद भोगता है. इस पूर्णिमा को 'वृषोसर्गव्रत' तथा 'नक्तव्रत' करके मनुष्य रुद्र—लोक प्राप्त कर लेता है.

व्रतुत्सव चंद्रिका अध्याय क्रमांक 31 अनुसार, प्राचीन काल से यह कतकी या कार्तिकी के नाम से प्रचलित है. इस दिन विष्णु का मत्स्य अवतार भी हुआ था. पवित्रता के पीछे एक कहानी है की इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध कर दिया था. त्रिपुर ने चारों तरफ आतंक और उत्पात मचा रखा था. उसने कठोर तपस्या द्वारा यह वरदान प्राप्त किया था कि उसे न तो कोई पुरुष मारेगा न कोई स्त्री, न देवता न राक्षस. उसे केवल वही व्यक्ति मारेगा जो मातपिता रहित है. त्रिपुर हालांकि अमरत्व ही चाहता था पर ब्रह्मा ने कहा कि वे ऐसा वरदान देने में सक्षम नहीं. तो त्रिपुर को इसी से सन्तुष्ट होना पड़ा. पर उसका उत्पात बढ़ता गया.देवताओं को उसने अपना द्वारपाल बना लिया. चारों तरफ त्राहि त्राहि मची थी.

नारद एक दिन त्रिपुर के पास पहुंचे. उनका जाना हमेशा सकारण होता है. हालचाल पूछने के बाद त्रिपुर ने नारद से जानना चाहा कि क्या उसके समान अन्य कोई शक्तिशाली है क्या. यह जानकर की वही सबसे अधिक शक्तिशाली है, वह और विध्वंसक हो गया. 

दूसरी तरफ नारद देवताओं के पास जाकर उनसे यह कह आए की आप यह आतंक क्यों सहन कर रहे हैं. देवताओं ने उपाय रूप में पहले अप्सराओं को त्रिपुर को जाल में फसाने के लिए भेजा. जब बात नहीं बनी तो ब्रह्मा के पास गए. ब्रह्मा ने बताया कि वरदाता तो वे स्वयं हैं तो कुछ नहीं कर सकते. देवता तब विष्णु के पास गए. विष्णु ने तब देवताओं को बताया कि वास्तव में भगवान शिव पर वे सारी बातें लागू होती हैं जो त्रिपुर को मारने के लिए आवश्यक हैं. तब सब देवताओं ने महादेव को मनाया और वे मान भी गए.

महादेव धनुष–बाण लेकर असुरों को मारने लगे. इसके बाद महादेव ने सारे राक्षस असुर और स्वयं त्रिपुर को मार गिराया और देवताओं को पुनः अमरावती उनके सुपुर्द कर दी. 

इस कथा का उल्लेख मैंने अपनी पुस्तक में विस्तार से किया है. इसलिए आज का दिवस पवित्र माना जाता है. इस दिन गंगा–स्नान के बाद दान पुण्य करने से सारे पाप कष्ट नष्ट हो जाते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन को हमारे सिख भाई बहन गुरूपरब के रूप मे भी मनाते हैं. 

इस दिवस गुरुनानक का भी जन्म हुआ था. आज के दिवस को लोग ”देव दीपावली” भी कहते हैं. यह दीपावली और कार्तिक मास का अंतिम दिवस भी है।

केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर लिया बड़ा फैसला अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर होगा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों का नाम


नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार के फैसले के बाद राज्यों में आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदला जाएगा। 

सरकार ने बताया है कि अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखा जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजा है।

'आरोग्यम परमं धनम'

राज्यों को एबी एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर नये नाम वाले इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीरें अपलोड करने को कहा गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) का लोगो केंद्रों में बरकरार रखा जाएगा। नये नाम वाले एबी एचडब्ल्यूसी की नई टैगलाइन आरोग्यम परमं धनम होगी।

25 नवंबर को भेजे गये इस पत्र में मंत्रालय ने कहा कि ये केंद्र बीमारी से आरोग्यता की ओर की सोच और स्वास्थ्य देखभाल को ले जाने में सफल रहे हैं। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए योजना का नाम बदलने का फैसला किया गया।

पत्र में क्या कुछ कहा गया

पत्र के अनुसार, यदि ब्रांडिंग के लिए हिंदी, अंग्रेजी के अलावा अन्य लिपियों का इस्तेमाल किया जाना हो तो उस नाम का राज्य की भाषाओं में सटीक अनुवाद किया जाना चाहिए। 

पत्र में वर्तमान केंद्रों के नाम को बदलने के लिए प्रति केंद्र 3000 रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है।