शहीद हुए स्वयं सेवको , पत्रकारों,मीडिया कर्मियों, विभिन्न नागरिक संगठनों के स्वयंसेवकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।


"मानवता की सेवा , विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण को आगे आएं विश्व की नई पीढ़ी। फिलिस्तीन इजराइल, सीरिया समेत पश्चिमी एशिया एवं रूस यूक्रेन युद्ध में शहीद हुए स्वयं सेवको , पत्रकारों,मीडिया कर्मियों, विभिन्न नागरिक संगठनों के स्वयंसेवकों को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि।अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने नई पीढ़ी के युवाओं से मानवता की रक्षा, विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण की अपील।

आज दिनांक 5 दिसंबर 2023 को अंतराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली , डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक,सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से फिलिस्तीन इजराइल युद्ध, सीरिया समेत पश्चिमी एशिया, यूक्रेन रूस युद्ध एवं दुनिया भर में मानवता की रक्षा,विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हुए शहीद गए स्वयंसेवकों को श्रद्धांजलि अर्पित की । इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने संयुक्त रूप से विश्व की नई पीढ़ी से मानवता की सेवा विश्व शांति एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 5 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस के रूप में मनाया जाता है।आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए 1985 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अनिवार्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण , स्वयंसेवकों को शामिल करने वाले संगठनों एवं व्यक्तिगत स्वयंसेवकों को स्वैच्छिकता को बढ़ावा देने, सरकारों को स्वयंसेवी प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित करने एवं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की उपलब्धि के लिए स्वयंसेवी योगदान को मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है।

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी दिवस कई गैर-सरकारी संगठनों, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र सहित अन्य द्वारा मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र स्वयंसेवक (यूएनवी) कार्यक्रम द्वारा चिह्नित और समर्थित भी है। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि यूएनवी हर साल आईवीडी को बढ़ावा देने के लिए एक अभियान का समन्वय करता है, जो समुदायों में, राष्ट्रीय और विश्व स्तर पर शांति और विकास के लिए स्वयंसेवकों के प्रभाव पर निर्माण करता है। यह अभियान स्वीक्षा बाद के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए हमारी सामूहिक मानवता की शक्ति पर प्रकाश डालना है।

यह ध्यान देने योग्य है कि वर्तमान अनुमान वैश्विक स्वयंसेवक कार्यबल को 109 मिलियन पूर्णकालिक श्रमिकों के बराबर करते हैं। संगठनों, संघों और समूहों के माध्यम से 30 प्रतिशत स्वैच्छिक सेवा औपचारिक रूप से होती है; और 70 प्रतिशत व्यक्तियों के बीच अनौपचारिक जुड़ाव के माध्यम से होता है। कुल मिलाकर, अनौपचारिक स्वयंसेवकों में 60% महिलाएं हैं।

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि UNV ने संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, साझेदारों, सदस्य राज्यों और दुनिया भर की सरकारों के साथ काम किया ताकि सभी लोगों और ग्रह के लिए अधिक समावेशी और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए स्वयंसेवा की भावना को पहचाना और समर्थन किया जा सके। इसलिए, अभियान का संदेश - "हमारे सामान्य भविष्य के लिए अभी स्वयंसेवक बनें।"

"स्वयंसेवक अक्सर संकट के समय सबसे पहले कार्य करते हैं, जोखिम के बावजूद लाखों लोगों को जीवित रहने में मदद करते हैं। उनका काम हमारी सामान्य मानवता को बनाए रखता है।"

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन

बेतिया: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह करेंगे अभाविप के 69वें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन।

देश के सभी राज्यों से दस हजार विद्यार्थी अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए पहुंचेंगे दिल्ली।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के दिल्ली में आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन 8 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी द्वारा दिल्ली के 'बुराड़ी' स्थित 'डीडीए ग्राउंड' में किया जाएगा। विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में 7 से 10 दिसंबर के बीच आयोजित हो रहा है, जिसमें देशभर के सभी राज्यों से दस हज़ार से अधिक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, चार दिनों तक छात्र 'डीडीए ग्राउंड, बुराड़ी' में बसाई गई अस्थाई टेंट सिटी में रूकेंगे। इस टेंट सिटी का नाम दिल्ली के महाभारतकालीन नाम पर 'इंद्रप्रस्थ नगर' रखा गया है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना के 75वें वर्ष का यह 'अमृत महोत्सव राष्ट्रीय अधिवेशन' देशभर के युवाओं की उपस्थिति, संवाद के विषयों की विविधता सहित विभिन्न पक्षों में विशिष्ट है। 

अभाविप के दिल्ली राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षा, पर्यावरण, खेल, कला, समसामयिक विषयों पर अधिवेशन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों द्वारा व्यापक चर्चा के उपरांत व्यवहारिक धरातल पर परिवर्तन के निमित्त दिशा तय होगी। इस अधिवेशन में शिक्षा, राजनीति, व्यापार आदि विविध क्षेत्रों से प्रमुख लोग भी शामिल होंगे।

7-10 दिसंबर को आयोजित होने जा रहा विद्यार्थी परिषद 69वां राष्ट्रीय अधिवेशन कई मायनों में महत्वपूर्ण है, इस अधिवेशन में 10 हज़ार से अधिक प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे तथा विभिन्न प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत का लघु दर्शन करने का अवसर मिलेगा। 

अधिवेशन को लेकर दिल्ली में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, अधिवेशन में जीरो फ़ूड वेस्ट, ज़ीरो प्लास्टिक जैसे कई प्रयोग किए जा रहे हैं। अधिवेशन को भव्यता प्रदान करने हेतु दिल्ली के शैक्षणिक संस्थानों के छात्र दिन-रात लगे हुए हैं व सम्पूर्ण भारत से आ रहे प्रतिनिधियों का स्वागत करने को तैयार हैं। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि "अभाविप का राष्ट्रीय अधिवेशन ऐतिहासिक अनुभवों का गवाह बनने जा रहा है। अभाविप की 75 वर्षों की ध्येय यात्रा अनेक दृष्टियों से महत्वपूर्ण है और आज इसी का परिणाम है कि आज अभाविप विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन के रूप में उभरा है। 

इस अमृत महोत्सव वर्ष के राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन भारतीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किया जाएगा, जो काफी हर्ष का विषय है, इससे विद्यार्थियों को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। इस अधिवेशन को विशिष्ट बनाने हेतु हम निरंतर प्रयासरत हैं और विभिन्न पक्षों की विशिष्टता आगामी अधिवेशन में देखने को मिलेगी।"

ब्रह्माकुमारी की अंतरराष्ट्रीय तनावमुक्ति विशेषज्ञ पूनम दीदी के नेतृत्व में 22 से 30 दिसंबर तक" अलविदा तनाव" शिविर:बीके अंजना

बेतिया: नगर के महाराजा स्टेडियम में 9 दिवसीय शिविर में तनाव मुक्त जीवन कैसे हो,आधारित शिविर "अलविदा तनाव" का आयोजन ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा किया गया है। जिसका नेतृत्व करने ब्रह्माकुमारी के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंटआबू की तनावमुक्ति विशेषज्ञ राजयोगिनी बीके पूनम दीदी पधार रही हैं।

इसको लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शिविर की विस्तृत जानकारी सेवा केन्द्र राजयोगिनी बीके अंजना दीदी ने दी।उन्होंने कहा कि शिविर का संचालन करने हेतु जो बेतिया वासियों के लिए सौभाग्य की बात है।उन्होंने कहा कि विगत 25 वर्षों से पूनम दीदी जी देश और विदेश मे अलविदा तनाव पर शिविर कराकर लाखो लोगो के जीवन को तनाव से मुक्ति दिला चुकी हैं।

 नौ दिवसीय कार्यक्रम के रूपरेखा और विषय पर उन्होंने बताया कि प्रथम दिन 22 दिसंबर का विषय है चिंता रहित जीवनशैली,23 को आवों करे खुशियों से मुलाकात,24 को स्वंय की पहचान,25 को गहन ईश्वरीय अनुभूति,26 का सुखी जीवन का रहस्य,27 का मेडिटेशन से सभी समस्याओं का समाधान,28 का अलौकिक जन्मोत्स्व,29 को विश्व ड्रामा का रहस्य, 30 को गुडवाय टेंशन पर विशेष वर्ग चलेगा।

सेवा केंद्र प्रभारी ने कहा कि शिविर मे भाग लेने वाले भाई बहनों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। शिविर बिल्कुल मुफ्त है।निर्धारित समय पर शिविर आरंभ होगी इसलिए समय से पूर्व प्रतिभागियों को आने से सुविधा होगी। 

शिविर के आयोजन के स्वरूप निर्धारण में बतौर मुख्य अतिथि शामिल नगर निगम महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि आज के परिवेश में तनाव आम आदमी के जीवन यापन और विकास पर प्रतिकूल डाल रहा है।समाज की संबंधित समस्याओं को ध्यान पर ध्यान आकृष्ट करते हुए उन्होंने बताया की किस प्रकार तनाव आज के व्यक्ति को अपने चपेट में ले रहा है।

 अतः इस कार्यक्रम के द्वारा नगर वासी अपनी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत बना सकते हैं। ईश्वरीय सौगात देने के वक्त बेतिया महापौर गरिमा देवी शिकारिया जी ने कहा कि यह सौगात जो आप लोग को मिलने वाला है। यह हमारे जीवन से संबंधित ईश्वरीय वरदान है जो वर्तमान समय हमारी स्थितियों को सुधारने में मदद करेगा।

स्वतंत्रता सेनानी बतख मियां अंसारी की 66 वी पुण्यतिथि पर जीवन दर्शन को विश्वविद्यालयों एवं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की सरकार से की मांग

 

बेतिया: सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जान बचाने वाले स्वर्गीय बतख मियां अंसारी जी की 66 वीं पुण्यतिथि पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा एक सर्वधर्म श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी,बतख मियां अंसारी, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई ‌।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन, डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन 4 दिसंबर 1957 को महान स्वतंत्रता सेनानी बतख मियां अंसारी का निधन हुआ था ।1917 में चंपारण, ब्रिटिश नील बागान अधिकारी इर्विन के निर्देशों का पालन करने से इनकार करने के लिए रसोइया को भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। बतख मियां अंसारी को नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।साथ ही अंग्रेजों ने उनके घर को ध्वस्त कर दिया एवं नीलाम कर दिया।भारत की स्वाधीनता के बाद1950 में जब भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद अविभाजित चंपारण के नरकटियागंज जंक्शन होते हुए मोतिहारी जिला मुख्यालय के रेलवे स्टेशन पर एक विशेष ट्रेन से उतरे थे। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद अपने एक संबंधी अवधेश वर्मा की तबीयत खराब होने पर मिलने नरकटियागंज पहुंचे थे।

रेलवे प्लेटफॉर्म पर लोगों का एक समूह था जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा संबोधित करना था। अचानक, मंच के प्रवेश द्वार पर हंगामा मच गया - एक बूढ़े व्यक्ति ने जोर देकर कहा कि उसे " प्रसाद " से मिलने दिया जाना चाहिए। सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद से आप मिलना चाहते हैं?, आपको पता है की वह भारत के राष्ट्रपति हैं ?।उनके मिलने के लिए प्रोटोकॉल का पालन करना होता है। बूढ़ा व्यक्ति कहता है मुझे अपने" प्रसाद "से मिलना है। अचानक कार्यक्रम स्थल के द्वार पर हंगामा ज्यादा होता है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को बताया जाता है कि एक व्यक्ति आपसे मिलना चाहता है। जिसे सुरक्षाकर्मी रोक रहे हैं।

भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद फौरन मंच से उतरते हैं। स्वागत द्वार की ओर जाते हैं। तत्कालीन भारत के राष्ट्रपति की नजरें एक बूढ़े व्यक्ति की ओर पड़ती है, नजदीक पहुंचने पर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के मुख से आवाज आती है,,, बतख मियां अंसारी,। बतख मियां अंसारी की मुख से आवाज से आती है" प्रसाद"। बतख मियां अंसारी कहते हैं हमें आपसे मिलना था , आप से मिल लिए। भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति कहते हैं कि आपको पता है कि कभी हम एवं महात्मा गांधी आपके मेहमान थे। आज आप हमारे मेहमान हैं ।चलिए मंच पर चलिए।वह बूढ़े आदमी को मंच पर ले गए, उन्हें बगल में एक कुर्सी दी, सभा में सन्नाटा छा गया। राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सभा के लोगों से पूछा कि आप जानते हैं कौन हैं यह व्यक्ति, सभा में सन्नाटा बना रहा। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि यह हमारे मित्र हैं ।एक समय था जब हम एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इन के मेहमान बने थे, आज यह हमारे मेहमान हैं। 

राष्ट्रपति ने 1917 की एक कहानी सुनाई, जिस वर्ष महात्मा गांधी तीनकठिया संविदात्मक प्रणाली की जांच करने के लिए चंपारण आए थे,

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने बगल में बैठे व्यक्ति का परिचय बत्तख मियां (अंसारी) के रूप में कराया, जो एक रसोइया थे, जिसने अपनी गरीबी के बावजूद, गांधी और उन्हें जहर देने के लिए एक ब्रिटिश योजनाकार, इरविन द्वारा पेश किए गए "सभी प्रकार के प्रलोभन" को ठुकरा दिया। 

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने कहा, अगर यह बतख मियां नहीं होता, तो गांधी की मृत्यु हो जाती, इस तरह की त्रासदी का स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ सकता था। आपको पता है।? तत्कालीन राष्ट्रपति ने बतख मियां अंसारी के त्याग एवं बलिदान को सम्मानित करते हुए 57 एकड़ जमीन बतख मियां को सरकार की ओर से देने की घोषणा की। 

स्वर्गीय बतख मियां ने 1950 से 1957 तक इस उम्मीद में अंतिम सांस लेकर विदा हो गए कि उनकी एवं उनकी परिवार की हालत सुधरेगी एवं आर्थिक तंगी दूर होगी ।बतख मियां अंसारी ने आशाओं एवं उम्मीदों के साथ 4 दिसंबर 1957 को अंतिम सांस ली। उनके मृत्यु के बाद उनके परिजनों ने राष्ट्रपति कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक चक्कर लगाते रहे। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के प्रयासों से उनके परिजनों को 6 एकड़ जमीन उपलब्ध हो सकी। 

आज भी उनके परिजन पश्चिम चंपारण एवं पूर्वी चंपारण जिलों में आर्थिक तंगी से जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।इस अवसर पर वक्ताओं ने स्वर्गीय बत्तख मियां अंसारी के सम्मान में विश्वविद्यालय एवं बतख मियां अंसारी के जीवन दर्शन को विश्वविद्यालयों एवं स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग सरकार से की। साथ ही बतख मियां के परिवार सहित उन सभी अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को आर्थिक तंगी से निकालने के लिए एक ठोस निर्णय लेते हुए उनकी स्थिति सुधार करने की मांग सरकार से की गई।

पश्चिमी चंपारण के ब्लॉक प्रमुख राजेंद्र बैठा, निहारिका नूतन और उनके समर्थकों ने ली जन सुराज की सदस्यता

बेतिया: जन सुराज अभियान का कारवां लगातार बढ़ता जा रहा है। जन सुराज सदस्यता अभियान के तहत पटना में रविवार को सामूहिक सदस्यता ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। 

जिसमें बिहार के विभिन्न जिलों से आए लोगों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की। पश्चिमी चंपारण जिले में 2021 से ब्लॉक प्रमुख रहे राजेंद्र बैठा (समाजसेवी), ब्लॉक प्रमुख निहारिका नूतन और उनके समर्थकों ने जन सुराज की सदस्यता ग्रहण की। 

वहीं पूर्व मुखिया, तीन बार के बीडीसी रहे अजय चौबे और अन्य सदस्यों ने भी सदस्यता ग्रहण की।

जन सुराज अभियान में जुड़ने वाले संस्थापक सदस्यों पर एक नजर 

पूर्व मुखिया, तीन बार के बीडीसी अजय चौबे, पश्चिमी चंपारण से 2021 से ब्लॉक प्रमुख (समाजसेवी) राजेंद्र बैठा, ब्लॉक प्रमुख निहारिका नूतन, बगहा से शेषनाथ चौधरी, योगापट्टी से लाल बाबू चौधरी, बगहा से बीरेंद्र राम, रामनगर से आशुतोष पासवान, रामनगर से बीरेंद्र राम, मझौलिया से लाल यादव सहित अन्य ने जन सुराज की सदस्यता हासिल की।

समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होगी युवा पीढ़ी के जीवन की नींव: गरिमा

बेतिया: आन्नदमार्ग प्रचारक संघ के तत्वावधान में रविवार को "क्या विषयों का ज्ञान ही सम्पूर्ण शिक्षा है?" विषयक कार्यशाला का आयोजन किया गया।लाल बाजार के हजारीमल धर्मशाला के सभागार में संपन्न समारोह में मुख्य अतिथि रहीं नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने आन्नदमार्ग के उक्त सिंपोजियम का दीप प्रज्वलित कर के उद्घाटन किया।इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं के जीवन की नींव समुचित शिक्षा और उत्तम संस्कारों के बीजारोपण से सशक्त होती है। 

इस अवधारण को व्यवहारिक रूप में स्वीकार करने के साथ हम सबको यह भी स्वीकार करना होगा कि आज के विद्यार्थी ही हमारे समाज के भावी निर्माता हैं। आनंद मार्ग प्रचारक संघ के इस चिंतन शिविर में विषय के रूप में उठाए गए उपरोक्त सवाल का समर्थन करने के साथ महापौर श्रीमती सिकारिया ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को समुचित शिक्षा के साथ रचनात्मक स्वरूप में उनका मानसिक विकास भी अनिवार्य है। 

क्योंकि इसके बिना उनके सकारात्मक व्यक्तित्व विकास संभव नहीं है। जबकि आज की व्यवस्था में हमारी युवा पीढ़ी को मिलने वाली विषयगत शिक्षा केवल इनके विषयगत ज्ञान का विस्तार करती है। ऐसा ज्ञान इनके आगे के व्यवहारिक जीवन की जटिलताओं से उबरने की क्षमता को विकसित नहीं कर पा रहा है.जिसके कारण कुंठा,हताशा और अवसाद अर्थात डिप्रेशन का प्रकोप हमारी युवा पीढ़ी में बढ़ रहा है। इससे पर आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से महापौर पुष्पगुच्छ,फूल माला और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस चिंतन शिविर में जिला के विभिन्न महाविद्यालयों से आमंत्रित विद्यार्थी और अनेक विद्वत जन ने भी अपने अपने विचार रखे।उनके द्वारा - क्या वर्त्तमान शिक्षा जीवन के मूल लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक है?,

जीवन में सही निर्णय लेने में क्या वर्त्तमान शिक्षा सहायक है?, व्यवहारिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन में कोई सम्बन्ध है। जैसे विषयों पर विस्तार से विचारण किया गया।

भोपाल गैस त्रासदी की 39 वीं बरसी पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन

बेतिया: विश्व की औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना भोपाल गैस त्रासदी की 39 वीं बरसी पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन। 

स्वच्छ वातावरण, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन की रोकथाम का छात्र छात्राओं ने लिया संकल्प। आज दिनाँक 3 दिसंबर 2023 को सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सभागार सत्याग्रह भवन मे एक श्रध्दांजलि सभा का आयोजन किया गया। 

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड, डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ  पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी ,पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन एवं डॉ महबूब उर रहमान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज ही के दिन आज से 39 वर्ष पूर्व 3 दिसंबर 1984 को भारत के भोपाल में हुए गैसकांड ने पूरी दुनिया को हिला दिया।

 विश्व औधोगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना थी। 3 दिसंबर 1984 की आधी रात थी जब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हजारों लोग सोए तो थे अगली सुबह जागने के लिए लेकिन वो सुबह कभी नहीं हुई। अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के संयत्र में गैस रिसाव से लोगों का दम घुटने लगा ,यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। 

इस गैस कांड में करीब 150,000 लोग विकलांग हुए वहीं 22000 लोग दुर्घटना के कारण मारे गए। इसकी वजह से भोपाल त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है। चारों ओर सिर्फ धुंध ही धुंध थी, धुंध के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था और लोगों को कुछ नहीं सूझ रहा था कि किस रास्ते जान बचानी है ।चारों ओर दम घुटने से लोग मर रहे थे। उस सुबह अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड के प्लांट नंबर 'सी' में हुए रिसाव से बने गैस के बादल को हवा के झोंके अपने साथ बहाकर ले जा रहे थे, और लोग मौत की नींद सोते जा रहे थे। 

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस दुर्घटना के कुछ ही घंटों के अंदर 3000 से अधिक लोग मारे गए थे, लेकिन अगर प्रत्यक्षदर्शियों का और गैस त्रासदी पर काम कर रहे एनजीओ की मानें तो उस त्रासदी में मरने वालों की संख्या कई गुना थी जिसे मौजूदा सरकार ने दबा दिया था। वो तो महज एक रात थी लेकिन मरने वालों का और उस गैस से पीड़ित लोगों के मौतों का सिलसिला बरसों तक चलता रहा। इस दुर्घटना के शिकार लोगों की संख्या 20 हजार तक बताई जाती है।

उस रात यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से करीब 40 टन गैस का रिसाव हुआ था। वहीं इस रिसाव के बारे में बताया जाता है कि टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का पानी से मिल जाना, इससे हुई रासायनिक प्रक्रिया की वजह से टैंक में दबाव पैदा हो गया और टैंक खुल गया और उससे रिसी गैस ने हजारों लोगों की जान ले ली। इस रिसाव से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए कारखाने के पास स्थित झुग्गी बस्ती में रहने वाले लोग, ये वो लोग थे जो रोजीरोटी की तलाश में दूर-दूर के गांवों से आ कर वहां रह रहे थे।

इस रिसाव ने महज तीन मिनट में हजारों लोग न केवल मौत की नींद सो गए बल्कि लाखों लोग हमेशा-हमेशा के लिए विकलांग हो गए, जो आज भी इंसाफ के इंतजार में है। उस रात के कई किस्से आज भी लोग याद करके सिहर जाते हैं। 

हांफते और आंखों में जलन लिए जब प्रभावित लोग अस्पताल पहुंचे तो ऐसी स्थिति में उनका क्या इलाज किया जाना चाहिए, ये डॉक्टरों को मालूम ही नहीं था। डॉक्टरों की मुश्किलें शहर के दो अस्पतालों में इलाज के लिए आए लोगों के लिए जगह नहीं थी। वहां आए लोगों में कुछ अस्थाई अंधेपन का शिकार थे, कुछ का सिर चकरा रहा था और सांस की तकलीफ तो सब को थी।

एक अनुमान के अनुसार पहले दो दिनों में करीब 50 हजार लोगों का इलाज किया गया। शुरू में डॉक्टरों को ठीक से पता नहीं था कि क्या किया जाए क्योंकि उन्हें मिथाइल आइसोसाइनेट गैस से पीड़ित लोगों के इलाज का कोई अनुभव जो नहीं था। हालांकि गैस रिसाव के आठ घंटे बाद भोपाल को जहरीली गैसों के असर से मुक्त मान लिया गया था।

 लेकिन 1984 में हुए इस हादसे से अब भी यह शहर उबर नहीं पाया है। रिपोर्ट्स में ये भी पता चला है कि गैस रिसाव के बाद कंटामिनेशन धीरे-धीरे और खराब होता जा रहा है। रिसर्च बताती हैं कि गैस का साइड इफेक्ट इतना अधिक था कि आज भी जन्म लेने वाले बच्चों पीड़ित होते हैं।

बेतिया: बिहार सरकार द्वारा हिन्दू त्योहारों के दिन छुट्टी रदद् करने के विरोध में एवं हर निर्णय के उपरांत अगले ही दिन बदलने को लेकर अभाविप द्वारा

बेतिया: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पश्चिमी चंपारण बेतिया द्वारा बिहार सरकार द्वारा हिन्दू त्योहारों के दिन छुट्टी रदद् करने के विरोध में एवं हर निर्णय के उपरांत अगले ही दिन बदलने जैसी अनेको घटना को लेकर अभाविप द्वारा प्रेस वार्ता किया गया।

विभाग संयोजक सुजीत मिश्रा ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2024 में होने वाले विद्यालय की छुट्टियों में तुष्टिकरण किया गया है। विद्यालय में रक्षाबन्धन, जिउतिया, तीज, अनंत चतुर्दशी, अंतिम श्रावणी सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा, दुर्गा पूजा, छठ पूजा जैसे महापर्वों में वर्षों से घोषित होते आ रही छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया है, जोकि हिन्दू धर्म की आस्था से जुड़ा हुआ है। 

वही दूसरी तरफ ईद-मुहर्रम की छुटियाँ पहले से ज्यादा कर दी गई हैं। बिहार प्रान्त सदैव परंपरा के साथ चलने वाला प्रान्त है। बिहार सरकार के इस तरह के तुगलकी फरमान सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। समाज मे एकता, समरसता एवं सौहार्द को खत्म करने के लिए ऐसा निर्णय लेना या सोचना ही मूर्खता है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, बिहार ने इस कलेण्डर एवं फैसले का पुरजोर विरोध किया है। जिला संयोजक अभिजीत ने कहा है कि बिहार में कार्यरत शिक्षकों में लगभग आधी संख्या महिलाओं की है। महिलाएं इन त्यौहारों में उपवास पर रहती हैं। ऐसे फैसले समाज के हित में हो नहीं सकती। इस प्रकार के निर्णय से सम्पूर्ण बिहार के शिक्षकों एवं समाज में काफी रोष है। 

बिहार सरकार के अंदर बैठे प्राधिकार के सदस्य ऐसे अमानवीय निर्णय ले रहे हैं जिसको आए दिन निरस्त करना पड़ता है। समाज में एकता एवं भाईचारे को खत्म करने के लिए ऐसे निर्णय बिहार सरकार ले रही है। इस तरह के निर्णय सीधे हिंदू विरोधी सरकार होने का परिचायक है। आगामी चुनाव को देखते हुए ऐसे निर्णय वोट बैंक के लिए की जा रही है। 

 अविलंब बिहार सरकार के शिक्षा विभाग को यह अमानवीय फैसला समाजहित में वापस लेना चाहिए। जिस प्रकार से लगातार बिहार में फल-फूल रहे अपराध ओर अपराधी, बालू तस्कर, लूटकांड-हत्या, बलात्कार, बढ़ते नशाखोरी को रोकने में सरकार विफल साबित हो रही है वैसे ही अब शिक्षा क्षेत्र में अमानवीय फैसले लेना ओर फिर बदलना यह दिवालियापन को दर्शाता है।

 सरकार को अपने विफलता को स्वीकार करते हुए नैतिकता के तौर पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

मौके पर इस प्रेस वार्ता में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य विशाल झा ,रिचा वर्मा बेतिया के नगर मंत्री रंजीत श्रॉफ नगर सह मंत्री अभिषेक गुप्ता रहे।

बिहार एक्टिविटी जोन के अरशद ने राज्य स्तरीय विद्यालय बुशू में जीता स्वर्ण तो बसंत ने पाया कांस्य : वर्मा प्रसाद

बेतिया : कला,संस्कृति एवम युवा विभाग और बिहार राज्य खेल प्राधिकरण पटना के संयुक्त तत्वावधान में जिला प्रशासन मुजफ्फरपुर द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय विद्यालय वुशु प्रतियोगिता 2023 -24 के अंतर्गत हुए अंडर -17वर्ग में बिहार एक्टिविटी जोन के 12वर्षीय अरसद खान ने स्वर्ण पदक तो 16वर्षीय बसंत कुमार ने कांस्य पदक जीत कर इस नगर का मान बढ़ाया है।इसकी जानकारी संस्था के अध्यक्ष नगर के समाजसेवी वर्मा प्रसाद ने दी।

     

संस्था के सचिव-प्रशिक्षक अभिषेक कुमार ने बताया कि दिनांक 29नवंबर से 01दिसंबर तक खेल भवन मुजफ्फरपुर में हुए तीन दिवसीय इस प्रतियोगिता में बिहार के सभी जिले से 252 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।

     

संस्था के उपाध्यक्ष खेल प्रशिक्षक सुनील कुमार ने सूत्रों को बताया कि इस नगर का यह एक मात्र संस्था है जहां के छात्र-छात्राओं ने जूडो कराटे, बुशू,थाई बॉक्सिंग चैंपियनशिप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक स्वर्ण,रजत और कांस्य पदक जीत कर देश और विदेश में अपनी योग्यता का परचम लहराया है।

      

अरसद खान और बसंत कुमार की इस उपलब्धि पर संस्था के उपसचिव दिनेश जायसवाल, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, प्रोo अतुल कुमार,बबलू तिवारी चंदन कुमार,सुमित कुमार गुप्ता, विश्वजीत कुमार,सुदिष्ट कुमार,दीपशिखा राय, आदि हर्ष व्यक्त किया।

कोलकाता के डॉ. अग्रवाल फिलीपींस के राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय में लाइफस्टाइल मेडिसिन पर मुख्य वक्ता के रूप मे रखी बात।

 इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन, कोलकाता के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार अग्रवाल ने 22 नवंबर 2023 को फिलीपींस की राजधानी मनीला में अपने मुख्यालय में फिलीपींस राष्ट्रीय पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए लाइफस्टाइल मेडिसिन पर मुख्य वक्ता के रूप मे अपनी बात रखी, जिसे फिलीपींस के विभिन्न हिस्सों में मीडिया के माध्यम से प्रसारित भी किया गया।  वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों और अन्य सभी लोगों ने काफी सराहना की. उन्हें मान्यता प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया। डॉ. अग्रवाल को शांति एवं सुरक्षा पर विश्व कांग्रेस में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेने के लिए मनीला में आमंत्रित किया गया था।

 डॉ. दिवाकर सरकार, चांसलर, नेशनल एकेडमी ऑफ सिक्योरिटी एंड डिफेंस प्लानिंग रोमानिया, डॉ. नरेश विजय कृष्णा, कंसोल जनरल और एम्बेसडर फॉर आर्ट्स एंड कल्चर इंडिया एंड मलेशिया, डॉ. क्रिज़ चैंटजिरापोर्न, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ब्लू जोन लर्निंग कैंपस, थाईलैंड भी इस अवसर पर बात रखी

. इस अवसर पर डॉ. एजाज अहमद अधिवक्ता इंटरनेशनल एडवाइजर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार ने कहा कि ऐसे आयोजनों से मानव जीवन को सरल एवं सुलभ बनाने में मिल का पत्थर साबित होगा। आने वाले दिनों में हम मानव जीवन को और भी सुरक्षित कर सकेंगे।