एकमुश्त समाधान योजन(ओ टी एस) को मिली सफलता की उड़ान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिलम्बित भुगतान अधिभार (सरचार्ज) में छूट देने के लिए शुरू की गयी एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) को पहले चरण में ही अपार सफलता हासिल हुई है। प्रदेश के नगर विकास एवं उर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर बताया कि 27 नवम्बर 2023 की शाम 7.30 बजे तक योजना के प्रथम चरण में ही अब तक 12.28 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है।

वहीँ एक हज़ार करोड़ रुपये से ज़्यादा योजना के माध्यम से राजस्व प्राप्त हो चुका हैं। बिलम्बित भुगतान अधिभार (सरचार्ज) में 100 प्रतिशत की छूट पाने के लिए अन्तिम 02 दिन शेष बचे हैं। मंत्री श्री शर्मा ने योजना के तहत् अत्यधिक लाभ लेने के लिए विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे 'जल्दी आयें, ज़्यादा लाभ पाएँ’ की श्रेणी में योजना के प्रथम चरण में ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराएँ।

उन्होंने कहा कि हमारे विद्युत कर्मी अपने कार्यालय के बाद भी जगह-जगह कैम्प लगाकर लोगों की सहायता कर रहे हैं। फिर भी किसी उपभोक्ता को कोई मुश्किल पड़ रही हो तो स्थानिक कार्यालय अथवा टोल फ्री नंबर 1912 पर सूचित करें।

प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को दिवाली पर एक बड़ा तोहफा एकमुश्त समाधान योजना (OTS) के रूप में दिया, जो कि ऐतिहासिक रूप से सफलता की उड़ान भरता नज़र आ रहा है।

योजना का प्रथम चरण, जोकि 08 नवम्बर से 30 नवम्बर, 2023 तक निर्धारित है, उसके शुरुआती 20 दिनों में 12.28 लाख उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया है, वहीं इस दौरान एक हज़ार करोड़ से ज्यादा का धन संग्रह भी हुआ है।

मंत्री श्री शर्मा ने एक ऐतिहासिक सफलता का श्रेय प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के साथ ही ईमानदारी से कार्य कर रहे विद्युत कर्मियों को भी दिया है। एकमुश्त समाधान योजना (OTS) का ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुँचाने के लिए विद्युत उपकेंद्रों के अलावा भी जगह-जगह कैम्प लगाकर दिया जा रहा है।

मंत्री श्री शर्मा ने कहा है कि योजना का प्रथम चरण जो कि 30 नवम्बर,2023 तक रहेगा, इसके लिए अब अंतिम 02 दिन शेष है। इस अवधि में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ता पंजीकरण कराकर 100 प्रतिशत अधिभार में छूट पायें और बकाया भुगतान कर वर्षों से चढ़ें बोझ से मुक्ति पायें। यदि कोई परेशानी आती है तो 1912 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए अतिशीघ्र ही uppcl.org में रजिस्ट्रेशन करा लें। जितना जल्दी रजिस्ट्रेशन कराएंगे, उन्हें उतना ज्यादा लाभ मिलेगा। देश में पहली बार विद्युत चोरी के मामले में भी जुर्माने की राशि में छूट दी जा रही है।

राजस्व निर्धारण की राशि पर छूट के लिए इसका 10 प्रतिशत जमा करना होगा। दण्ड स्वरूप यदि किसी उपभोक्ता की आरसी कट गयी हो, तो जैसे ही योजना में पंजीकरण होगा, वैसे ही आरसी की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जायेगी।

उन्होंने कहा कि बिजली चोरी पर एफआईआर या आपराधिक मामला दर्ज होने पर राजस्व निर्धारण का 35 प्रतिशत जमा करने पर ऐसे मामले समाप्त हो जाएंगे। चोरी के मामले में 65 प्रतिशत की छूट दी जा रही है।

योजना के तहत एक किलोवाट भार तक वाले घरेलू उपभोक्ताओं तथा किसानों को 30 नवम्बर तक बकाये के पूर्ण भुगतान पर सरचार्ज में शत-प्रतिशत की छूट मिलेगी और 12 किश्तों में भुगतान पर 90 प्रतिशत की छूट मिलेगी। एक किलोवाट से अधिक भार तक के घरेलू उपभोक्ताओं को पूर्ण बकाये पर 90 प्रतिशत की छूट 03 किश्तों में भुगतान पर 80 प्रतिशत की छूट तथा 06 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट दी जायेगी।

03 किलोवाट भार तक के वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पूर्ण भुगतान पर 80 प्रतिशत की छूट, 03 किश्तों में भुगतान पर 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी। 03 किलोवाट से अधिक भार वाले वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को पूर्ण भुगतान पर 60 प्रतिशत की छूट तथा 03 किश्तों में भुगतान पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

इसी प्रकार निजी संस्थान और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को इस अवधि में पूर्ण भुगतान पर 50 प्रतिशत तथा किश्तों में भुगतान पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

उपभोक्ताओं द्वारा किश्तों को नियत अवधि में जमा न करने पर 12 किश्तों के मामले में अधिकतम 03 डिफाल्ट तथा 06 किश्तों के मामले में केवल एक डिफाल्ट की अनुमति होगी। किसी भी उपभोक्ता को लगातार 02 डिफाल्ट की अनुमति नही होगी।

निजी नलकूप के उपभोक्ताओं को 31 मार्च 2023 तक एवं अन्य सभी उपभोक्ताओं को 31 अक्टूबर 2023 तक के देय सरचार्ज में छूट प्राप्त होगी। उपभोक्ता इस अवधि में छूट के बाद देय धनराशि का सीधा भुगतान यूपीआई, जनसेवा केन्द्र, विद्युत सखी, मीटर रीडर, राशन की दुकान, किसी भी विभागीय कैश काउन्टर तथा वेबसाइट uppcl.org पर ऑनलाइन भुगतान से इस छूट का लाभ ले सकते है।

उपभोक्ता पावर कारपोरेशन की वेबसाइट पर जाकर योजना के अन्तर्गत छूट के बाद देय राशि की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि योजना को हर उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए सभी का सहयोग चाहिए, जिससे सभी इसका अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उपभोक्ताओं के हितों को सर्वोपरि रखते हुए छूट की एक बेहतर योजना लायी है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि इस योजना का शीघ्र लाभ लेकर अपना बकाया जमा कर दें।

अगले सत्र से बीएससी फोरेंसिक साइंस एलएलबी 5 वर्षीय एकीकृत डिग्री भी प्रारम्भ की जायेगी, जो विश्व में अनूठी पहल है: डा. जीके गोस्वामी


लखनऊ।74वें संविधान दिवस के अवसर पर यूपीएसआईएफएस ने अपना पहला सार्वजनिक समारोह पुलिस मुख्यालय लखनऊ के चंद्र शेखर आजाद सभागार में आयोजित किया गया। जहां मुख्य रूप से उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति, कानूनी विशेषज्ञ, फोरेंसिक विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी सहित तमाम संस्थानों से शिक्षाविद ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में "फोरेंसिक सहायताः निष्पक्ष सुनवाई और कानूनी सहायता के अधिकार को सक्षम बनाना" विषय पर विस्तृत परिचर्चा की गयी। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि वरिष्ठ न्यायाधीश एआर मसूदी एवं न्यायाधीश राजीव सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया।

न्याय प्रशासन में फोरेंसिक सहायता की भूुमिका पर डाला प्रकाश

इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक निदेशक, डॉ. जीके गोस्वामी, आईपीएस ने संस्थान के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुये फोरेंसिक विज्ञान को कानूनी शिक्षा के साथ विलय करने जैसी विशिष्टताओं पर प्रकाश डाला। डॉ. गोस्वामी ने कहा कि संस्था के अनुरोध पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले सत्र से बीएससी फोरेंसिक साइंस एलएलबी 5 वर्षीय एकीकृत डिग्री शुरू करने का निर्णय लिया गया है, जो विश्व में अनूठी पहल है। उन्होंने आगे न्याय प्रशासन में फोरेंसिक सहायता की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और बताया कि "फोरेंसिक सहायता" शब्द की उनके द्वारा उत्पत्ति किन कारणों से की गयी तथा उसका वास्तविक अर्थ एवं महत्व क्या है।

जंक-साइंस जैसे गंभीर विषय पर भी विचार रखे

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के प्रो. अनुप सुरेंद्रनाथ, जो प्रोजेक्ट 39-ए के कार्यकारी निदेशक भी हैं, ने भारत में मौत की सजा के आंकड़ों के गंभीर परिणामों पर भी प्रकाश डाला। उनके द्वारा किये गये मौलिक वादों के परीक्षण से पता चला है कि मृत्युदंड के मामलों में लगभग 40 प्रतिशत अभियुक्त बरी हो गए, जो चिंता का विषय है, चूंकि ऐसे मामलों में निर्दोष व्यक्ति को सजा हो जाती है, जो गम्भीर चिन्ता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि साक्ष्य की गुणवत्ता के आधार पर ही न्यायालय का कार्य आधारित है। यदि साक्ष्य दूषित होगे तो कोई भी न्यायालय उचित न्याय नहीं कर सकता। उन्होंने "जंक-साइंस जैसे गंभीर विषय पर भी विचार रखे, चूँकि फोरेंसिक विश्लेषण की खराब गुणवत्ता निर्दोषों के साथ अन्याय का कारण बन सकती है।

युवाओं के व्यक्तित्व निर्माण पर जोर दिया जाए

उन्होंने न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की टिप्पणी "गरीबों के लिए कानूनी सहायता - न कि गरीब कानूनी सहायता" के बारे में भी अवगत कराया। इसी परिप्रेक्ष्य में उन्होंने ने कहा कि "गरीबों के लिए फोरेंसिक सहायता, न कि गरीब फोरेसिक सहायता" पर बल देने की आवश्यकता है।संयुक्त राज्य अमेरिका के एक अन्य प्रतिष्ठित पर्यावरण विशेषज्ञ उपेन्द्र गिरि ने ग्रामीण युवाओं के व्यक्तित्व निर्माण पर जोर दिया और उन्हें नौकरी तलाशने के बजाय उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया, ताकि वे दूसरे लोगों को रोजगार दे सकें।

ए.वी. राजमौली, आईएएस, सचिव, गृह, यूपी ने मनुष्य के 6 शाश्वत साथियों के परिप्रेक्ष्य में महाभारत ग्रन्थ से एक उदाहरण दिया। उन्होंने किफायती लागत पर वैश्विक ख्याति वाले इस संस्थान के निर्माण के लिए यूपी सरकार की प्राथमिकताओं पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इस पचास एकड़ भूमि में बने संस्थान में सरकार द्वारा अभी तक लगभग 250 करोड़ खर्च किया जा चुका है तथा अभी कार्य प्रचलित है।

संस्थान को शिखर पर ले जाने वालाें को किया जाए प्रोत्साहित

रेणुका मिश्रा, आईपीएस (डीजी ट्रेनिंग प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड, यूपी) ने अपने संबोधन में यूपीएसआईएफएस के पहले बैच को बधाई दी और छात्रों को इस संस्थान को शिखर पर ले जाने और भविष्य में आने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा बनने के लिए प्रोत्साहित किया। न्यायमूर्ति राजीव सिंह ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया और प्रसिद्ध संस्कृत श्लोक "धर्मो रक्षति रक्षितः" को उद्धृत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच ही न्याय का अग्रदूत है। उन्होंने डिजिटल अपराध, विशेष रूप से डिजिटल रिकॉर्ड में हेरफेर के बारे में अपनी चिंताओं का विस्तृत उल्लेख किया।

मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के वरिष्ठन्यायाधीश ने वैज्ञानिक जांच और निष्पक्ष सुनवाई का परस्पर सजीव चित्रण किया। उन्होंने न्याय को आगे बढ़ाने में फोरेंसिक की भूमिका पर जोर देने के लिए कई अदालती मामलों के जीवन्त उदाहरण भी प्रस्तुत किये। उन्होंने कहा कि कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति का एक रोगी की भाँति इलाज किये जाने की आवश्यकता है, न कि उन्हें केवलअपराधी के रूप में दण्ड देने से समाज का दायित्व पूर्ण होगा।

फोरेंसिक विज्ञान की महती भूमिका पर प्रकाश डाला

कार्यक्रम के अंत में सतीश कुमार, आईपीएस द्वारा सभागार में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस समारोह में सत्यनारायण साबत, डीजी जेल और सुधार, संजय सिंघल, एडीजी स्थापना, जेएन सिंह, एडीजी, एल. वी. एंटनी देव कुमार, एडीजी, अश्विनी कुमार त्रिपाठी एचजेएस, जिला न्यायाधीश, लखनऊ, प्रोफेसर मनीष गौड़, एकेटीयू तथा चंद्र प्रकाश सहित लखनऊ के अनेक अन्य गणमान्य महानुभावों ने प्रतिभाग किया ।

इस संगोष्ठी में आरोपी और पीड़ित दोनों के लिए कानूनी प्रतिनिधित्व के अधिकार, निष्पक्ष जांच और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को उत्तरोत्तर बढ़ाने में फोरेंसिक विज्ञान की महती भूमिका पर प्रकाश डाला गया, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न अंग है। इस अवसर पर संस्थान के छात्रों ने भी अपने वक्तव्य दिये एवं मंच का भी संचालन उन्ही के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम को हजारों दर्शकों को लाभान्वित करने के लिए ऑनलाइन स्ट्रीम भी किया गया।

*पाक खूफिया एजेंसी के लिए काम करने वाले दो गिरफ्तार ,एटीएस को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुछ लोगों को संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त हो रहा पैसा*

लखनऊ । पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने एवं संदिग्ध टेरर फाईनेसिंग के आरोप में दो अभियुक्तों को यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। एटीएस को सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ लोगो को संदिग्ध स्रोतों से पैसा प्राप्त हो रहा है, जिसका प्रयोग आतंकी गतिविधियों व जासूसी में किया जा रहा है। साथ ही पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में आकर, पैसों के लालच मे जासूसी कर, गोपनीय तथा संवेदनशील सूचनाएं भी भेजी जा रही हैं। प्राप्त जानकारी को विकसित किया गया, जिसमें आसूचना के तथ्यों की पुष्टि हुई। पुष्टि उपरान्त इस संबंध में थाना-एटीएस, लखनऊ में विभिन्न धाराओं में रियाजुद्दीन, इजहारुल व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया।

उक्त अभियोग की गहन विवेचना करते हुए साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गयी। साक्ष्य संकलन के दौरान रियाजुद्दीन के बैंक खातों का विश्लेषण किया गया तो ज्ञात हुआ कि इसके एक खाते में अज्ञात स्रोतो से मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच लगभग 70 लाख रुपए आये। जिसे भिन्न- भिन्न खातों में भेजा गया। इसी क्रम में करक को सूचना भेजने वाले आॅटो चालक अमृत गिल को भी आर्थिक सहयोग बैंक ट्रान्सफर के माध्यम से किया गया। अमृत गिल द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी को भारतीय आर्मी टैंक इत्यादि की संवेदनशील सूचनाएं साझा की गयी।

रियाजुद्दीन एवं इजहारूल की मुलाकात वेल्डिगं का कार्य करते समय राजस्थान में हुई थी, तब से दोनो एक दूसरे के सम्पर्क में रह कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिये कार्य कर रहे है। उपरोक्त दोनो द्वारा संचालित बैंक खातों में पैसा भेजने वाले एवं प्राप्त पैसे को इनके द्वारा अन्य बैंक खातों में ट्रान्सफर किये जाने वाले, खाता धारकों की जांच की जा रही है। जिससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान कर उनके विरूद्ध आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा सके।

विवेचना से प्रकाश में आए अभियुक्त अमृत गिल उर्फ अमृत पाल सिंह उर्फ अमृत उर्फ मंत्री पुत्र परमजीत सिंह, मूल निवासी ग्राम दुल्लेवाल थाना-फूल, जिला-भटिंडा, पंजाब को 23नवंबर को देर रात तलवंडी साबो, भटिंडा, पंजाब, से गिरफ्तार कर, ट्रांजिट रिमाण्ड पर लाया गया एवं नामजद अभियुक्त रियाजुद्दीन पुत्र अनवर, निवासी अंसारिमान, फरीदनगर, थाना-भोजपुर, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश को विस्तृत पूछताछ के लिए तलब किया गया था, जिसे रविवार को उक्त अभियोग में गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ और प्रारम्भिक साक्ष्य संकलन से ज्ञात हुआ कि अमृत गिल पाकिस्तानी करक एजेंट्स के संपर्क में था और भारतीय सेना से जुड़ी संवेदनशील एवं प्रतिबंधित जानकारियां करक को भेजा करता था। इस कार्य के बदले अमृत गिल को करक पाकिस्तानी हँडलर द्वारा रियाजुद्दीन व इजहारुल की मदद से आर्थिक सहयोग पहुंचाया जाता था। अभियोग उपरोक्त में नामजद एक अन्य अभियुक्त इजहारुल पूर्व से ही बिहार की बेतिया जेल मे बन्द है। जिसे वारंट-बी दाखिल कर लखनऊ लाकर, टेरर फन्डिग के स्रोतो के सम्बंध में पूछताछ कर, इस नेटवर्क से जुडे अन्य व्यक्तियों को चिन्हित कर, उनके विरूद्ध विधिक कार्रवाई की जायेगी।

*शाहून गैंग का सक्रिय सदस्य व पचीस हजार का इनामियां गिरफ्तार ,हाईवे पर आने-जाने वाली गाड़ियों में करते थे लूटपाट*

लखनऊ।शाहून गैंग का सक्रिय सदस्य एवं हाईवे पर सामान के साथ लूट करने वाला थाना कोसीकलां मथुरा से गैंगस्टर के अभियोग में वांछित 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी राहुल मेव मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। इसके कब्जे से एक तमंचा, एक जिंदा कारतूस व एक ट्रक बरामद किया है। एसटीएफ, यूपी को विगत काफी दिनों से फरार व पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर अपराध करने एवं अन्य अपराधों में लिप्त होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयो व टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में राजीज कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, नोएडा के निर्देशन में निरीक्षक विनोद कुमार, एसटीएफ फील्ड इकाई, नोएडा द्वारा टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।अभिसूचना संकलन के दौरान 25 नवंबर को सूचना प्राप्त हुई कि थाना कोसीकलां जनपद मथुरा के गैंगस्टर में वांछित 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी राहुल मेव उर्फ मैंगो अपने गैंग के सदस्यों के साथ औद्योगिक क्षेत्र मथुरा में घटना करने की फिराक में है। इस सूचना को प्र.नि. कोसीकलां जनपद मथुरा से साझा किया गया और सूचना को विकसित करते हुए एसटीएफ नोएडा एवं थाना कोसीकलां द्वारा संयुक्त रूप से त्वरित कार्रवाई करते हुए अभियुक्त राहुल उपरोक्त को यूपी एसआईडीसी फेस 2 के कट के पास से बाद मुठभेड़ में मथुरा से गिरफ्तार कर लिया गया तथा घायल अभियुक्त को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया ।

गिरफ्तार अभियुक्त राहुल मेवाती उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 25 साल है, पढ़ा-लिखा नहीं है। वह मूल रूप से विशम्भरा थाना शेरगढ मथुरा का रहने वाला है। बताया कि वर्तमान मे फतेहपुर तगा, फरीदाबाद, हरियाणा में रह रहा है। राहुल कुख्यात अपराधी शाहून के गांव विश्मभरा का रहने वाला है तथा प्रारम्भ से ही शेरखान व शाहून से जुड़ा हुआ है। शाहून व शेराखान शुरू से ही आपराधिक प्रवृत्ति के रहे हैं तथा गाड़ियों को सामान सहित लूट की घटनाएं कारित करते हैं। इसने कई घटनाएं शाहून व शेरखान के साथ मिलकर की हैं। वर्ष 2019 में उसने शाहून, शेरखान, जुबैर, वसीम व मुनफैद राजस्थान के साथ मिलकर हैदराबाद से आगरा आ रही टायरों से भरी गाड़ी को आगरा में लूटा था।

जिसको इन्होने मेरठ मे बेचा था। इसी प्रकार पूना, महाराष्ट्र से पानीपत जा रही टायरों की गाड़ी को घाटी गांव ग्वालियर, मध्य प्रदेश मे लूटा था। वर्ष 2019 में पानीपत से पूना जा रही चाकलेट से भरी गाड़ी को शिरडी, महाराष्ट्र में लूटा था। वर्ष 2021 मे इसने ग्रेटर नोएडा ओपीपीओ कम्पनी से 9000 मोबाइलों से भरे ट्रक (कीमत लगभग 7 करोड़) जो बैंगलोर जा रहा था, को थाना फरह क्षेत्र में ड्राइवर को घायल करके बंधक बनाकर लूटा तथा ट्रक को ड्राईवर के साथ जयपुर ले गये व समस्त मोबाइल उतारकर ड्राईवर व ट्रक को मध्य प्रदेश मे छोड दिया था। इस घटना का अनावरण यूपी एसटीएफ की नोएडा ईकाई के द्वारा चार नवंबर 2021 को किया गया था, जिसमें राहुल के साथ शाहिद एवं अजहरुद्दीन को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 1525 मोबाइल बरामद किये गये थे।

वर्ष 2022 में सलमान कंजा, जुबैर, मुज्जी मुजाहिद व शाहिद विश्मभरा के साथ मिलकर फ्रीज से भरा ट्रक थाना कोसी क्षेत्र से लूट लिया था व थाना कोसी से ही इस गैंग के ऊपर गैंगस्टर एक्ट थाना कोसी कलां पर पंजीकृत हुआ था। जिसमें अभियुक्त उपरोक्त वांछित चल रहा था तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा द्वारा 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था। इसने अपने गैंग के साथ इसी प्रकार की हाईवे पर लूट, डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इस गैंग द्वारा की गयी अन्य आपराधिक घटनाओं के सम्बन्ध मे छानबीन की जा रही है ।गिरफ्तार उपरोक्त अभियुक्त के विरुद्ध थाना कोसीकलां, जनपद मथुरा में अभियोग दर्ज किया जा रहा है।

*सात करोड़ का गबन करने वाले पीडब्ल्यूडी के जेई को ईओडब्ल्यू की टीम ने किया गिरफ्तार*

लखनऊ । वर्ष 2013 में जनपद गाजीपुर के ब्लाक गदौरा में स्थित परेगन शाह का तालाब, सेवराई चीर पोखरा, मां कामाख्याधाम गहमर, देवकली स्थल एवं कीनाराम स्थल, देवल के पर्यटन विकास एवं सौन्दर्गीकरण के लिये यूपी शासन ने द्वारा अवगुक्त धनराशि 817.06 लाख रुपये के सापेक्ष पर्यटन विकारा एवं सौन्दर्गीकरण की योजनाओं में गानक के अनुरूप कार्य पूर्ण न कराकर मात्र 117.60 लाख रुपए का कार्य कराकर उप्र. राजकीय निर्माण निगम यूनिट वाराणसी के अधिकारियों, कर्मचारियों, संबन्धित उप ठेक्केदार व फर्म द्वारा 699.48 लाख रुपये का शासकीय धन का आपराधिक दुर्विनियोग एवं गबन करके राजकोष को क्षति पहुचांयी गयी है।

मानक के अनुरूप कार्य न होने और शासकीय धन की बंदरबाट किये जाने पर अविनाश चंद्र मिश्र, संयुक्ता निदेशक पर्यटन, विंध्याचल मंडल वाराणासी के द्वारा वर्ष 2017 में कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदारों के विरुद्ध शासकीय धन का दुरूपयोग, गबन और क्षति कारित करने के सम्बन्ध में थाना गहमर, जनपद गाजीपुर पर मुकदमा पंजीकृत कराया था। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वर्ष 2018 में शासन ने इस अभियोग की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन, वाराणासी को आबंटित किया।

ईओडब्ल्यू ने विवेचना में कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड के तत्कालीन परियोजना प्रबंधक सहित अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों सहित ठेकेदारों को भी दोषी पाया।यूपी शासन की प्राथमिकता में शामिल इस प्रकरण में संलिप्त अभियुक्तों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिये मुख्यालय, ईओडब्लू, उत्तर प्रदेश लखनऊ के निर्देशन में ईओडब्लू्. सेक्टर वाराणसी के पुलिस अधीक्षक, डी प्रदीप कुमार ने अभियुक्तो की तलाश व गिरफ्तारी के लिये एक टीम का गठन किया गया था। 25 नवंबर की रात्रि कानपुर से ईओडब्लू की गिरफ्तारी टीम द्वारा इस घटना में संलिप्त अभियुक्त गोपाल सिंह कुशवाहा, वर्तमान जेई पीडब्लूडी को कानुपर उसे गिरफ्तार किया गया है।

अभियुक्त गोपाल सिंह कुशवाहा जेई पीडब्लूडी तत्कालीन समय में प्रतिनियुक्ति पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड में उप अभियन्ता के पद पर नियुक्त थे। अभियुक्त की गिरफ्तारी का मुकदमा थाना-गहमर जनपद गाजीपुर अन्तर्गत की गयी है। गिरफ्तार अभियुक्त को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट वाराणसी में पेश कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जायेगी। प्रकरण में शामिल अन्य दोषियों के विरूद्र भी लगातार धर-पकड़ की कार्रवाई चलेगी। गिरफ्तारी टीम-निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा, उपनि. जटाशंकर पाण्डेय, मुख्य आरक्षी विनोद,मुख्य आरक्षी रामाश्रय सिंह एवं आरक्षी राजकिशोर सभी ईओडब्लू वाराणसी शामिल रहे।

हमीरपुर में ट्रिपल मर्डर से सनसनी, पत्नी को जिंदा जलाया, ससुर का सिर कूचा, फिर खुद को गोली से उड़ाया

लखनऊ । हमीरपुर जिले में मुस्कुरा थाना क्षेत्र में ट्रिपल मर्डर से सनसनी फैल गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस जांच पड़ताल में जुटी है। जानकारी के अनुसार, पहाड़ी भिटारी गांव निवासी ओमप्रकाश राजपूत (42) करीब छह माह से कस्बे में परिवार सहित रहते था। उसका अभी लीलावती नगर में मकान का निर्माण चल रहा है। बड़ी पुत्री केबीसी ने बताया कि पिता ओमप्रकाश आए दिन मां अनुसुइया (39) के साथ मारपीट करता था। इस पर अनुसुइया ने आठ अक्तूबर को पति व सास के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। इससे वो और आक्रोशित हो गए और अपने गांव चले गए थे।

शनिवार रात को अनुसुइया अपने पिता सरीला के लोधीपुरा निवासी पिता नंदकिशोर राजपूत पुत्री केबीसी (17) जूली (12) पुत्र प्रिंस (10) के साथ खाना खाकर अपने निर्माणाधीन मकान में सो गए थे। तभी रविवार रात करीब ढाई बजे ओमप्रकाश आया और दीवार फांदकर घर के अंदर घुस गया।पुत्री केबीसी ने बताया कि पिता ने मां को मारकर आग के हवाले कर दिया। नाना नंदकिशोर को पत्थर से कुचलने लगा, तभी उसकी आंख खुल गई और बचाने दौड़ी लेकिन आरोपी पत्थर से कुचलता रहा। पुत्री ने तुरंत डायल 112 पुलिस को सूचना दी। तभी आरोपी ने 315 बोर तमंचे से सीने में गोली मार ली।

सूचना पर 112 पुलिस ने तड़प रहे नंदकिशोर को सीएचसी में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर एसडीएम बिपिन कुमार शिवहरे, सीओ पीके सिंह, प्रभारी तहसीलदार बीपी सिंह, कोतवाल विनोद कुमार भारी पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं, पहाड़ी निवासी रतन लाल वर्मा ने बताया कि गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात है। ओम प्रकाश ने शनिवार शाम उन्हें पत्नी को समझने के लिए रात कस्बा भेजा था।

घटना के समय वह उनके घर के अंदर ही ससुर के साथ लेटे हुए थे। बताया कि अनुसुइया को आग के हवाले कर दिया। तब उनकी नींद खुली, तो उन्होंने बचाने का प्रयास किया, जिसमें वह गंभीर रूप से झुलस गए। फिर ओमप्रकाश का उग्र रूप देखकर मौके से भाग निकले। घटना के दो घंटे बाद आग से झुलसा शिक्षक इलाज के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचा, जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया ।

मुम्बई में किशोरी से दुष्कर्म की घटना में वांछित अभियुक्त गिरफ्तार

लखनऊ। एसटीएफ यूपी व मीरा भाईंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च यूनिट पुलिस कमिश्नरेट महाराष्ट्र पुलिस के संयुक्त टीम द्वारा थाना मीरा भाईंदर वसई विरार पर 15 नवंबर को पंजीकृत मुकदमा में पॉक्सो एक्ट में वांछित अभियुक्त विशाल कन्नौजिया को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। 14 नवंबर को थाना मीरा भाईंदर वसई विरार क्षेत्रान्तर्गत नौ वर्षीय बालिका से हुए जघन्य दुष्कर्म की घटना के सम्बन्ध में थाना मीरा भाईंदर वसई विरार पर 15 नवंबर को मुकदमा पॉक्सो एक्ट पंजीकृत हुआ था।

स्थानीय पुलिस की विवेचना के क्रम में सीसीटीवी फुटेज व साक्ष्यों के आधार पर विशाल कन्नौजिया पुत्र रामकुमार कन्नौजिया निवासी ग्राम बारीपुर बरेनी थाना कंछवा मिजार्पुर द्वारा घटना कारित करने की बात प्रकाश में आयी, जो घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। उक्त अभियुक्त के अपने गांव जनपद मिजार्पुर व आसपास के जनपदों में छिपे होने की सूचना प्राप्त होने पर मीरा भाईंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च यूनिट द्वारा अभिसूचना को साझा करते हुए एसटीएफ यूपी से आवश्यक सहयोग मांगा गया था। इस सम्बन्ध में एसटीएफ फील्ड इकाई वाराणसी के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम व मीरा भाईंदर वसई विरार क्राइम ब्रान्च यूनिट की टीम द्वारा स्थानीय स्तर पर अभिसूचना संकलन की कार्रवई की जा रही थी।

इस दौरान विश्वस्त सूत्र से प्राप्त सूचना के आधार पर शनिवार को अभियुक्त विशाल कन्नौजिया को वाराणसी के थाना कैण्ट क्षेत्रान्तर्गत रेलवे स्टेशन कैण्ट के प्लेट फार्म नंबर 9 के तरफ जाने वाले रास्ते के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर बताया कि वह अपने भाई व पिता के साथ काफी समय से मुम्बई में रहता था तथा कम्प्यूटर पार्ट्स के डीलवरी का कार्य करता था। 14 नवंबर को रास्ते में सुनसान जगह पर नौ वर्षीय नाबालिग बालिका को अकेला पाकर इसने दुस्साहसिक ढंग से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।

घटना के बाद से ही यह लगातार फरार चल रहा था और लुकछिप कर अपने गांव जनपद मिजार्पुर व वाराणसी के आसपास में रहता था।गिरफ्तार उक्त अभियुक्त को थाना कैण्ट वाराणसी में दाखिल करते हुये न्यायालय वाराणसी के समक्ष प्रस्तुत कर ट्रांजिट रिमाण्ड प्राप्त करने की विधिक कार्रवाईमीरा भइंदर वसई विरार पुलिस कमिश्नरेट (महाराष्ट्र) द्वारा की जा रही है।

सरकारी आवास में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़,एसटीएफ ने कानपुर से चार अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

लखनऊ । एसटीएफ यूपी को प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य सरकारी आवास सम्बन्धित योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर छल व ठगी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को कानपुर नगर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम अनिरूद्ध सिंह पुत्र स्व. हरिमोहन सिंह , संतोष कुमार सिंह पुत्र स्व. रजीत, अजीत सिंह पुत्र स्व. कृष्ण कुमार सिंह, दिलीप सिंह पुत्र रामबाबू है। उसके कब्जे से चार मोबाइल फोन, चार फर्जी कूटरचित आधार कार्ड और 230 रुपये नकद बरामद किया है।

एसटीएफ लखनऊ द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य सरकारी आवास सम्बन्धित योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों पर अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया। एसटीएफ मुखबिर से ज्ञात हुआ कि कुछ लोग संगठित गिरोह बनाकर विभिन्न माध्यमों से आम जनता का विवरण प्राप्त कर विभिन्न मोबाइल नम्बरों से आम जनता को फोन करके बताते हैं कि आपने प्रधानमंत्री आवास योजना का फार्म भरा है और उनके पारिवारिक सदस्यों का विवरण बताकर उस व्यक्ति को विश्वास में लेते हैं और उनको आवास दिलाने के नाम पर उनसे दो हजार रुपए से दस हजार रुपए तक की ठगी करते हैं।

प्रतिदिन 15-20 व्यक्तियों को वे ठगी का शिकार बनाते हैं। इसी क्रम में 24 नवंबर को निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई गोरखपुर व लखनऊ की टीम कानपुर नगर गयी। वहां पर स्थानीय पुलिस को साथ लेकर ग्राम रेवरी पोस्ट पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी कानपुर नगर में कैंधा जाने वाली सड़क के किनारे से उपरोक्त चार व्यक्तियों को आवश्यक बल प्रयोग कर घेरमारकर गिरफ्तार कर लिया गया जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।

पूछताछ में अनिरूद्ध ने बताया कि हम लोग कई वर्षों से काम करते हैं मुझे मेरे ही गांव के आशीष सिंह पुत्र गुलाब सिंह ग्राम रेवरी पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी कानपुर नगर ने यह काम करना सिखाया था। किसी भी मोबाइल नम्बर का अंतिम के 4-5 अंक बदलकर हम लोग कॉल करते हैं और बताते हैं कि हम प्रधानमंत्री आवास योजना कार्यालय आफिस से बोल रहे हैं आपका कालोनी में आवास का पैसा आया है। कुछ खर्चा लगेगा भेज दो तो आपका काम हो जायेगा और पैसा आपके खाते में चला जायेगा।

इसके बाद हम लोग आशीष के नम्बर पर गुगल पे, फोन पे, पेटीएम पर आदि के माध्यम से पैसा जमा करा लेते हैं। इससे पहले उसका आधार नम्बर मांग लेते हैं । जिसे आशीष को भेजकर उसके परिवार का पूरा विवरण प्राप्त करते हैं जब कभी फोन पे, गुगल पे, पेटिएम ब्लाक होता है तो आशीष खाता खुलवाता था फिर एक दो दिन में नया फोन पे, गुगल पे, पेटिएम बना देता था और वो नम्बर हम लोगों को देता था तो फिर नया कस्टमर हम लोगों के झांसे में आता है तो उसको नया वाला फोन पे, गूगल पे, पेटिएम नम्बर देकर पैसा मंगा लेते थे। जिस नम्बर से हम लोग कस्टमर को काल करते थे वो सारा नम्बर आशीष लाकर देता था। एक नम्बर हम लोग 15-20 दिन उपयोग करते है। फिर बंद कर देते हैं या झाड़ी में छिपा देते हैं फिर बाद में उसे झाड़ी से निकालकर उपयोग करते है।

यही काम मेरे गांव के अजीत सिंह पुत्र स्व. कृष्ण कुमार सिंह निवासी रेवरी थाना सचण्डी भी करते हैं। संतोष पुत्र रंजीत ग्राम व पोस्ट भौसाना थाना चौबेपुर कानपुर नगर भी यही काम करता है। जो भी पैसा खाते में आता था उसमें से आधा आशीष ले लेता था। हम लोगों के गांव जितने भी लड़के आशीष के माध्यम से काम करते थे उसमें से आधा पैसा आशीष उपरोक्त काट कर के पैसा देता था क्योंकि आशीष उपरोक्त ही खाते और नये सिम की व्यवस्था करता था। हम लोग कस्टमर का नम्बर आशीष को देते हैं फिर आशीष उनसे बात करके फोन पे, गुगल पे, पेटिएम आदि नम्बर या क्यूआर कोड कस्टमर के व्हाट्सएप नम्बर पर भेज देता था और पैसा मंगा लेता था।

संतोष पुत्र स्व. रंजीत ने पूछताछ पर बताया कि मेरी मौसेरी बहन की शादी मंगल सिंह ग्राम रेवरी पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी कानपुर नगर के साथ हुई है मैं रेवरी आता जाता रहता हूं आने-जाने में मेरी जान-पहचान अनिरूद्ध सिंह उपरोक्त तथा अतीत सिंह पुत्र रामबाबू ग्राम साकेतनगर रेवरी पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी कानपुर नगर से हुई और इन्ही के साथ मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना दिलाने के नाम पर लोगों का फर्जी पंजीकरण कराकर विभिन्न गुगल पे, फोन पे और पेटीएम खातों में पैसा मंगवाते हैं।

वर्ष 2022 में मैं भी जेल गया था। अजीत सिंह पुत्र स्व. कृष्ण कुमार सिंह साकिन रेवरी पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी जनपद कानपुरनगर का रहने वाला है। इसकी जान पहचान अनिरूद्ध सिंह उपरोक्त तथा अतीत सिंह पुत्र रामबाबू ग्राम रेवरी पोस्ट रामपुर भीमसेन, थाना सचेण्डी कानपुर नगर से हुई और इन्ही के साथ मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना दिलाने के नाम पर लोगों का फर्जी पंजीकरण कराकर विभिन्न गूगल पे, फोन पे और पेटीएम खातों में पैसा मंगवाते हैं।

उपरोक्त गांव के अन्य कई व्यक्ति भी अन्य प्रदेशों के जहां पर साईबर क्राइम पूरे देश से होता है उसी तर्ज पर इस तरह के फर्जीवाड़ा,छल,धोखाधड़ी के अपराध में संलिप्त हैं। जिनके बारे में अभिसूचना संकलन किया जा रहा है तथा स्थानीय पुलिस से सूचना को साझा कर साक्ष्य एकत्र कर कार्रवाई की जायेगी। उपरोक्त अभियुक्तों को थाना सचेण्डी कमिश्नरेट कानपुर नगर में दाखिल किया गया। अग्रिम विधिक कार्रवाई थाना सचेण्डी कमिश्नरेट कानपुर नगर द्वारा किया जा रहा है।

गैंग बनाकर बंद घरों से चोरी करने वाले गिरफ्तार ,पीजीआई थानाक्षेत्र में बंद घरों को इनके द्वारा बनाया जाता था निशाना

लखनऊ । राजधानी के थाना पीजीआई पुलिस टीम द्वारा तीन शातिर चोरों को गिरफ्तार किया गया। साथ ही जिनके कब्जे से चोरी का सामान बरामद। पूछताछ में बताया कि इनके द्वारा तालाबंद मकानों में रात के समय चोरी करना और चोरी के सामान को बेचकर अपना शौक पूरा करते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से चोरी के जेवरात व नकदी बरामद किया है।

डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मुखबिर सूचना मिली कि साहब आपके क्षेत्र में घर में चोरी करने वालो की जो फुटेज आपके द्वारा दिखायी गयी थी। उस हुलिया के मिलते जुलते तीन लड़के एक कार में शहीद पथ के किनारे खुले मैदान में कार के अन्दर बैठे हैं। इस सूचना पर हम पुलिस वाले मुखबिर द्वारा बतायी गयी गाड़ी के नजदीक पहुंच कर गाड़ी को चारों तरफ से घेर कर गाड़ी के अन्दर बैठे तीनों व्यक्तियों को बाहर निकलने पर नाम पता पूछा गया। इसमें से एक ने अपना नाम मोहम्मद फहीम हाशमी उर्फ गाजी, दूसरे अपना नाम दीपक शर्मा व तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम मोहम्मद आमिर बताया।

जिनको मुखबिर की सूचना पर चिरैयाबाग नहर के पास से गिरफ्तार कर आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है। डीसीपी ने बताया कि इनके द्वारा गैंग बनाकर बंद घरों में चोरी करने का काम करते थे। इन्हें पकड़ने की लिए क्राइम ब्रांच की टीम और पीजीआई की पुलिस लगी थी। इसमें गैंग का सरगना गाजी है। जिसके ऊपर एक दर्जन से अधिक मुकदमे पंजीकृत है। ये सभी जेल से छूटकर आने के बाद चार घटना कारित किया।

इसमें तीन घटना पीजीआई थानाक्षेत्र में औरएक मड़ियाव में किया। पकड़े गए अभियुक्त खासकर बंद घरों को अपना निशाना बनाते थे। इनके कब्जे से 18 जोड़ी पायल, पांच अंगूठी, तीन चेन, दो जोड़ी कान का बाला, दो नथिया, एक जोड़ी कान का टप्स, एक माथ बेदी, एक सफेद मछली, एक बिछिया, एक कार व तीन हजार 150 रुपये नकद बरामद किया गया है।

हादसे के बाद ट्रक में फंसे चालक व क्लीनर का सकुशल निकाला

लखनऊ । राजधानी के पॉलीटेक्निक चौराहे पर शनिवार तड़के एक ट्रक अनियंत्रित होकर दूसरे ट्रक में जा घुसा। इस घटना से पीछे वाले ट्रक की बॉडी चिपक गई। बॉडी चिपकने से ड्राइवर और क्लीनर उसे में बुरी तरह से दब गए। सूचना पर पहुंची फायर बिग्रेड की टीम ने रेस्क्यू करके किसी तरह से ट्रक में फंसे ड्राइवर और क्लीनर को सकुशल निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं आगे वाले ट्रक मौका पाकर मौके से भाग निकला।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी मंगेश कुमार ने बताया कि शनिवार की तड़के सूचना मिली कि पॉलीटेक्निक चौराहे के पास एक ट्रक दूसरे ट्रक में भिड़ गये। जिसमें एक ट्रक का चालक संजय वर्मा और क्लीनर नरेंद्र बुरी तरह से फंस गया। फायर बिग्रेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर गैस कटर से काटकर किसी तरह से उन्हें निकाला जा सका। निकालने के बाद उन्हें गंभीर हालत में लोहिया भेजा गया।