अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषकों को वितरित किए गए गेहूं की बिभिन्न किस्में
कानपुर।चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर द्वारा आज अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत कृषको को गेहूं की विभिन्न प्रजातियां वितरित की गई। इस अवसर पर गृह वैज्ञानिक डॉक्टर निमिषा अवस्थी ने बताया कि गेहूं को प्रोटीन, खनिज, बी-समूह के विटामिन और आहार फाइबर का एक उत्तम स्रोत माना जाता है,जो एक उत्कृष्ट स्वास्थ्य-निर्माण का कारक है। इसका उपयोग, अन्य अनाजों की तुलना में, रोटी बनाने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है। इसके साथ-साथ गेहूँ में कई औषधीय गुण होते हैं ।
भारत में धान के बाद गेहुँ सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है जिसका देश के खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 35 प्रतिशत का योगदान है। गेहूँ के दाने में 12 प्रतिशत नमी, 12 प्रतिशत प्रोटीन, 2.7 प्रतिशत रेशा, 1.7 प्रतिशत वसा, 2.7 प्रतिशत खनिज पदार्थ व 70 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। शोधों द्वारा सिद्ध हो चुका है लो, बीज पुराना प्रयोग करने से उत्पादन प्रभावित होता है।
जिससे कृषको की आय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसी समस्या के निदान हेतु कृषि विज्ञान केंद्र, दलीप नगर, कानपुर देहात द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत आज ग्राम रुदापुर, सहतावन पुरवा व औरंगाबाद इत्यादि के 100 कृषकों/ कृषक महिलाओं को चंद्र शेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित उन्नत प्रजातियाँ k-1006 जो कि लौह व जिंक से भरपूर है व जिसकी उत्पादकता 55-60 कुंतल/ हेक्टेयर है, का आधारीय बीज का वितरण किया गया । k-1006 प्रजाति सिंचित दशा की समय से बोने वाली प्रजाति है, जो 120-125 दिन में परिपक्वता को पा लेती है, और इसका दाना सफेद व बोल्ड होता है ।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ शशिकांत, डॉ अरुण कुमार सिंह, डॉ राजेश राय, डॉ निमिषा अवस्थी के साथ चंद्रकांति, उषा, छोटेलाल, पवन, कोमल इत्यादि कृषक मौजूद रहे ।
Nov 18 2023, 13:44