आजमगढ़ : खपड़ा गांव में मजलिस का हुआ आयोजन,माँ की दुआ सर्वोपरि : मौलाना जकी हसन
आजमगढ़ । फूलपुर तहसील क्षेत्र के खपड़ा गांव में शनिवार को आयोजित मजलिस में कोलकाता से आए मौलाना जकी हसन ने कहा की हजरत अली को मौसमी शिया की जरूरत नही है। वे लोग अली को मानते है अली की नही मानते । आज लोगो को अली की अजमत और उनके कीरदार को जानने की जरूरत है। दुनिया अली को जाने और पहचाने।
हजरत अली को हर चीज में महारत थी ,चाहे वह इल्म का दायरा , बहादुरी आदि रही हो । उन्होंने कहा की अगर किसी की मां मर जाय लेकिन वह हमेशा दुआ करती रहती है। उन्होंने मिसाल देकर कहा की जिस तरह से तालाब का पानी सूख जाता है लेकिन उसके दरार में नमी बरकरार रहती है। उसी तरह मां का दुनिया से गुजर जाने के बाद उसकी दुआओं का असर हमेशा बरकरार रहता हैं ।
मां की दुआ से सभी गुनाह माफ हो जाते है। मां की नेमत बहुत बड़ी नेमत होती है। सबसे बड़ी दुआ मां की कुबूल होती है। उन्होंने कायनात की मां जनाबे फातमा पर जालिमो द्वारा किए गए जुल्म का वाकया पेश किया , तो सभी लोग रो पड़े। शहजादी फातमा दरबार में चार घंटे तक खड़ी रही। जालिमो ने उनके ऊपर जलता हुआ दरवाजा गिराया तो जनाबे फातमा की पसलियां टूट गई।
करबला में बहत्तर मिजाज थे। हर तरह के मिजाज को इमाम हुसैन ने एक मिजाज बनाकर पेश किया था। लेकिन अफसोस है की हम हुसैन के मानने वाले क्या एक मत नहीं हो सकते। निजामत सागर आजमी ने किया। मौलाना हुसैन हैदर वकार ने सभी को शुक्रिया कहा।
Nov 12 2023, 12:39