*आजमगढ़:जनकपुर में विवाह के बाद अयोध्या ससुराल गयीं सीता*
फूलपुर(आजमगढ़)। फूलपुर तहसील क्षेत्र के पलियामाफी की चर्चित रामलीला का मंचन बाबा दौलत दास रामलीला समिति के कलाकारों के द्वारा तीसरे दिन ,प्रभु श्रीराम और सीता की जनकपुर की फुलवारी में भेंट , परशुराम - लक्ष्मण संवाद ,धनुष यज्ञ और सीता की जनकपुर से विदाई का मंचन बड़े ही मार्मिक ढंग प्रस्तुत किया गया । वही गंगा जमुनी तहजीब की मिशाल कायम करने वाले युशूफ हाशिमी के द्वारा राजा जनक का अभिनय देख दर्शकों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया । बीच बीच ने जय श्रीराम के जयकारे से पूरा क्षेत्र गूंजता रहा ।
ऋषि विश्वामित्र की पूजा के लिए राम और लक्ष्मण जनकपुर की फुलवारी में फूल लेने के आते है ,उसी दौरान सीता भी माता गौरी की पूजा करने के लिए मंदिर में आती है । प्रभु श्रीराम और माता सीता दोनो एक दूसरे को फुलवारी में देखते है । प्रभु श्रीराम को पाने की इच्छा को लेकर माता सीता गौरी जी की पूजा में लीन हो जाती है ,माता गौरी जी सीता को आशीष देती है सुन सिय आशीष हमारी ,पूजहि मन कामना तुम्हारी । माता गौरी का आशीर्वाद पाकर सीता जनकपुर अपने महल में चली जाती है ।
धनुष यज्ञ में भूपति के बड़े बड़े राजा धनुष तोड़ने का प्रयास करते है ,लेकिन धनुष को कोई डिगा नही पाता का मंचन बड़े ही मार्मिक ढंग से सधे हुए कलाकारो ने किया । राजा जनक का संताप को दूर करने के लिए ऋषि विश्वमित्र ने शुभमहुर्त जानकर प्रभु श्रीराम को शिव धनुष को तोड़ने का आदेश पाकर धनुष को छड़ भर में तोड़ दिया । शिव धनुष टूटते ही पूरे भूपति में भूचाल आ गया ,और लोगों में हाहाकार मच गया । शिव धनुष के टूटने की जानकारी होने पर परशुराम जी जनकपुर पहुँचने और परशुराम - लक्ष्मण संवाद को मंचन देख दर्शक रोमांचित हो गए । इसके बाद सीता विवाह एवं सीता की विदाई का मंचन किया गया ।
सुनैना और राजा जनक के सीता का विलाप देख दर्शकों के आँखों से अश्रु छलक पड़े । मथुरा वृंदावन से पधारे व्यास जी द्वारा कथा के माध्यम से राम के चरित्र के बारे में संपूर्ण जानकारी बीच बीच मे दी जाती रही । युशूफ़ हाशिमी के द्वारा जनक की भूमिका के अभिनय को देख दर्शक भाव विभोर हो गए ।इस अवसर पर सूरज शर्मा ,गंगा मिश्र , प्रधान संजीव मिश्रा,आनन्द कुमार शर्मा ,सत्यम शर्मा ,सिपाही यादव,अशोक कुमार यादव,सूबेदार शर्मा,राजकपूर शर्मा, राजेश ,राकेश ,मंजेश,धीरज,राजीव मिश्र,राजपति रहे।
Oct 29 2023, 17:58