फरीदाबाद:सूरजकुंड रोड स्थित द पैलेस मैरिज हाल में शादी समारोह के दौरान लगी आग,मची भगदड़,कोई हताहत नहीं


फरीदाबाद : शादी समारोह के दौरान मैरिज पैलेस में आग लग गई, जिससे सूरजकुंड रोड स्थित द पैलेस मैरिल हाल पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया। मैरिज पैलेस में आग लगने से वहां हड़़कम्प मच गया, जिसके बाद आनन-फानन में फायर बिग्रेड बुलाकर आग पर काबू पाया गया।

इसमें किसी तरह के जानी नुकसान से बचाव रहा।

इस दौरान कुछ बाराती आग का वीडियो बनाने लगे, जिसको लेकर वहां बारातियों में आपस में भी बहस होती रही। जानकारी के मुताबिक गुरुवार रात करीब 11 बजे मैरिल पैलेस में शादी चल रही थी, इस दौरान अंदर खाना भी चल रहा था और बाराती डांस कर रहे थे, इसी दौरान कुछ लोगों ने खुशी में पटाखे जलाने शुरू कर दिए और इन्हीं में से किसी पटाखे की चिंगारी निकली और मैरिज हॉल में जा पहुंची, जिससे मैरिज हॉल में आग लग गई। 

यह मैरिज पैलेस आर्टिफिशियल तरीके से बनवाया गया था, इसमें ज्यादा सीमेंट या ईटें आदि का इस्तेमाल नहीं हुआ है, जिस वजह से आग तेजी से फैली और चंद मिनटों में पूरा पैलेस जल गया। 

हालांकि फायर बिग्रेड के मौके पर पहुंचने के बाद आग पर काबू पाने से किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ। इस मामले में अंखीर चौकी इंचार्ज ओमप्रकाश ने बताया कि जैसे ही उन्हें आग लगने की सूचना मिली उन्होंने इसकी सूचना तुरंत दमकल विभाग को दी और अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिसके बाद आग बुझाई गई। मामले की जांच की जा रही है।

कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की रिमांड 10 तक बढ़ाई, पत्रकारों से बोले- सत्ता के खिलाफ जारी रहेगा संघर्ष*


नई दिल्ली:- आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। संजय सिंह को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है।

राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकारों से जब संजय सिंह की मुलाकात हुई, तो उन्होंने कहा कि सत्ता के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा। कोर्ट ने संजय की रिमांड को 10 नवंबर तक बढ़ा दिया है।

शौक़ : 26 साल की रूसी महिला क्रिस्टीना बनी 22 बच्चों की मां ,शतक लगाने का है इरादा!


नयी दिल्ली :- महंगाई के इस जमाने में हर कोई छोटा परिवार चाहता है लेकिन एक महिला इसका उल्टा 26 बच्चों को बनी मां,हर महिला के लिए मां बनना बेहद खास अनुभव होता है. पर ये सफर आसान नहीं होता. मानसिक से लेकर शारीरिक रूप से भी औरतें प्रेग्नेंसी के दौरान काफी समस्याओं से गुजरती हैं. प्रेग्नेंसी के बाद मां के तौर पर उनकी जिम्मेदारियां और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।

इस वजह से आजकल औरतें एक से ज्यादा बच्चे नहीं चाहतीं. पर आपको जानकर हैरानी होगी कि एक रूसी महिला, एक-दो नहीं, 22 बच्चों की मां है, और वो सिर्फ 26 साल की है!

26 साल की रूसी महिला क्रिस्टीना ऑजटर्क जॉर्जिया में रहती हैं. उनके 22 बच्चे हैं, पर वो इस संख्या को 3 अंकों में ले जाना चाहती हैं, यानी वो बच्चों के मामले में शतक लगाना चाहती हैं।

आप अगर इस बात से हैरान हो रहे हैं कि सिर्फ 26 साल की महिला के 22 बच्चे कैसे हो सकते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि पूरा मामला क्या है. आपको बता दें कि क्रिस्टीना की सबसे बड़ी बेटी, 8 साल की विक्टोरिया नेचुरल तरीके से कंसीव हुई थी. पर उसके बाद के सारे 21 बच्चे सरोगेसी से पैदा हुए थे।इन 21 में से 20 बच्चे साल 2020 में पैदा हुए थे. वो उस सभी से बेहद प्यार करती हैं।

105 बच्चे चाहती है महिला

साल 2021 में उन्होंने अपनी सबसे छोटी बेटी ओलीविया का स्वागत किया था. महिला ने बताया कि वो अपने करोड़पति पति से 105 बच्चे चाहती हैं. आपको बता दें कि उनके पति उनसे 32 साल बड़े हैं. 58 साल के गैलिप ऑजटर्क होटल के मालिक हैं. इसी साल की शुरुआत में उन्हें 8 साल की जेल हो गई थी. उनके ऊपर गैरकानूनी ड्रग्स खरीदने और रखने का आरोप लगा था। 

कपल सरोगेसी की मदद से अपने बच्चों का स्वागत इस दुनिया में कर रहे हैं, इस वजह से गैलिप, जेल में रहते हुए भी पिता बन जाएंगे.

अकेले कर रहीं बच्चों की देखभाल

क्रिस्टीना, जॉर्जिया के बाटुमी शहर में छुट्टियां मना रही थीं, तब उनकी मुलाकात गैलिप से हुई थी. इस साल फरवरी में क्रिस्टीना ने एक किताब लॉन्च की थी, जिसमें उन्होंने मेगा-मॉम होने का अपना अनुभव साझा किया था. क्रिस्टीना ने बताया कि जब से उनके पति गिरफ्तार हुए हैं, तब से बच्चों की देखभाल उन्हें अकेले ही करनी पड़ रही है।

उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर के बताया था कि पति के न होने की वजह से उन्हें अकेलापन काफी ज्यादा सताता था. द सन वेबसाइट की फैबुलस मैग्जीन से बात करते हुए उन्होंने बताया था कि मार्च 2020 से जुलाई 2021 के बीच उन्होंने सरोगेट्स को 1.4 करोड़ रुपये दिए थे. एक वक्त बीच में ऐसा भी था कि घर में एक साथ 16 दाइयां काम करती थीं, जिन्हें सैलरी के तौर पर कुल 68 लाख रुपये से ज्यादा दिए जाते थे।

क़तर में भारत के 8 पूर्व नौसेना अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई गई ,इजरायल के लिए जासूसी का है झूठा आरोप


दिल्ली:- क़तर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर, 2023 को भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई. ये अधिकारी कतर की एक कंपनी में काम करते थे. कतर की इस्लामी सरकार ने इन पर जासूसी का आरोप लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. ये गिरफ्तारी 30 अगस्त, 2022 को हुई थी।

ये सभी पूर्व अधिकारी वहाँ की अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज (ADGTCS) नाम की कंपनी के लिए काम कर रहे थे। कतर सरकार ने इन भारतीयों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया था। हालाँकि, इन अधिकारियों का साफ कहना है कि इस्लामी सरकार द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह मनगढंत है।

कतर की अदालत के इस फैसले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर के इस फैसले से भारत हैरान है और वो पीड़ितों को हरसंभव कानूनी मदद देने के साथ इस फैसले को चुनौती देंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा, “मौत की सजा के फैसले से हम गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”

मंत्रालय ने आगे कहा गया है, “हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर करीब से नजर रख रहे हैं। हम सभी को कांसुलर और कानूनी मदद देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के सामने भी उठाएँगे। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं। हम सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं।”

गौरतलब है कि कतर में आठ महीने पहले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अगस्त 2022 से पनडुब्बी कार्यक्रम को लेकर कथित जासूसी के आरोप में ये सभी कतर की जेल में है। 

हालाँकि, कतर की तरफ से इन लोगों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें जेल में भी अकेला रखा गया है।

इन लोगों को कांसुलर पहुँच दी गई है। भारत सरकार उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। इन का पहला ट्रायल मार्च में शुरू हुआ था। हिरासत में लिए गए पूर्व अधिकारियों में से एक की बहन मीतू भार्गव ने अपने भाई को वापस लाने के लिए सरकार से मदद माँगी थी।

8 जून को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की अपील की थी। उन्होंने लिखा था, “ये पूर्व नौसेना अधिकारी देश का गौरव हैं और मैं फिर से हमारे माननीय प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर अनुरोध करती हूँ कि अब वक्त आ गया है कि उन सभी को बगैर किसी देरी के तुरंत भारत वापस लाया जाए।”

इसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया गया था। गौरतलब है कि नौसेना में अहम भारतीय युद्धपोतों की कमान संभाल चुके ये सभी सम्मानित आठ पूर्व अधिकारी कतर निजी फर्म ADGTCS काम करते थे। यह कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को ट्रेनिंग और उससे जुड़ी सेवाएँ देती है।

कतर में इन पूर्व अधिकारियों की जमानत याचिकाएँ कई बार खारिज कर दी गईं। सजा पाने वालों में नौसेना के पूर्व अधिकारियों में कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।

हिरासत में लिए में लिए गए रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अल दहरा कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे। उन्होंने भारतीय नौसेना में सर्विस करते हुए कई युद्धपोतों की कमान संभाली थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में एक भारतीय पत्रकार और उसकी पत्नी को इस मामले में रिपोर्टिंग करने के कारण कतर छोड़ने का आदेश दिया गया था।

जोरदार धमाके से दहला गुरुग्राम, घरों के टूटे शीशे; चपेट में आए पशु की मौत


गुरुग्राम : सेक्टर 57 में गुरुवार को एक जोरदार धमाका हुआ। मलबे के ढेर के पास हुए धमाके से आसपास के कई घरों के शीशे टूट गए और एक पशु की मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में गयी है।

पता लगाया जा रहा है कि वहां इतना बारूद कैसे आया और किस तरह इसमें विस्फोट हुआ।

गुरुग्राम के सेक्टर 57 में सुबह के समय यह धमाका हुआ। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में पड़े मलबे के पास हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों के शीशे टूट गए। धमाके की चपेट में आकर एक कटिया (भैंस का बच्चा) की मौत हो गई।

कटिया का एक पैर करीब 200 मीटर दूर जाकर गिरा। स्थानीय लोगों का कहना है कि काफी दूर तक इसकी आवाज सुनी गई।

बताया जा रहा है कि जिस वक्त धमाका हुआ कुछ बच्चे और लोग घर से बाहर थे, जो बाल-बाल बच गए। तेज धमाके की वजह से काफी दूर तक लोग सहम गए। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने मौके पर पहुंचकर जांच की है। खोजी कुत्तों की मदद से इलाके में तलाशी अभियान भी चलाया गया। इसके पीछे किसी तरह की कोई साजिश है या फिर किसी की शरारत है, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में जुटी है।

मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा श्रीलंका में सीता मंदिर निर्माण को लेकर चुनावी दाव खेलने से वहां के सीता अम्मन कोविले मंदिर

नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा श्रीलंका में सीता मंदिर के निर्माण का चुनावी दांव खेलने के बाद एक बार फिर से श्रीलंका का सीता मंदिर सुर्खियों में छा गया है।

राम मंदिर के तर्ज पर श्रीलंका के उस क्षेत्र, जहां पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रावण ने माता सीता को बंदी बनाकर रखा था, वहां सीता के भव्य मंदिर का निर्माण करने की घोषणा मध्य प्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की थी।

श्रीलंका में उस स्थान को 'सीता एलिया' के नाम से जाना जाता है। क्या आपको पता है कि यहां पहले से ही माता सीता का एक मंदिर स्थित है, जिसे 'सीता अम्मन कोविले' के नाम से जाना जाता है। सीता एलिया वह जगह है, जहां आज भी पवनपुत्र हनुमान द्वारा किये गये लंका दहन के निशान मिलते हैं। बता दें, सिंहली में एलिया का अर्थ ज्योति होता है।

मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार गिर जाने की वजह से वह परियोजना बंद पड़ गयी थी। लेकिन अब एक बार फिर से कमलनाथ ने घोषणा की है कि अगर चुनावों के बाद उनकी सरकार बनती है तो वह श्रीलंका में सीता का भव्य मंदिर बनाने की परियोजना को फिर से शुरू करेंगे। उससे पहले हम आपको सीता एलिया के विषय में विस्तार से बताते हैं।

कहां है यह मंदिर

सीता एलिया श्रीलंका के नोवारेलिया जिले में मौजूद एक स्थान है, जिसे सीता एलिया के नाम से जाना जाता है। सीता एलिया में मौजूद है माता सीता का मंदिर जो पूरी दुनिया में सीता अम्मन कोविले के नाम से विख्यात है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सीता एलिया ही वह स्थान है, जहां सीता-हरण के बाद रावण ने माता सीता को बंदी बनाकर रखा था। इस क्षेत्र में लाखों की संख्या में अशोक के पेड़ मौजूद हैं, जिससे इस क्षेत्र के ही अशोक वाटिका होने के दावे को और भी बल मिलता है। सीता एलिया से होकर एक नदी बहती है, जिसे सीता के नाम से ही जाना जाता है। यह जगह भारत के तमिलनाडू के धनुषकोडी से महज कुछ किमी की दूरी पर ही मौजूद है।

यहीं है अशोक वाटिका जहां बहे थे माता सीता के आंसू

दावा किया जाता है कि सीता एलिया ही वह जगह है, जिसको हिंदू पुराण में अशोक वाटिका कहा गया है। कहा जाता है कि माता सीता की खोज करते हुए इसी जगह पर भगवान हनुमान ने पहली बार श्रीलंका की धरती पर अपने कदम रखे थे। इसके बाद उन्होंने माता सीता को भगवान श्रीराम की अंगूठी दिखाई थी। माता सीता की अनुमति से हनुमान ने अपनी भूख मिटाने के लिए अशोक वाटिका में मौजूद फलों के पेड़ों को तहस-नहस कर दिया था।

इसके बाद रावण से मिलने के उद्देश्य से जब उन्होंने खुद को राक्षशों से पकड़वाया तो रावण के पुत्र मेघनाथ ने उनकी पूंछ में आग लगा दी थी। इसके बाद तो उन्होंने जो लंका कांड किया उसे आज के समय भी बच्चा-बच्चा जानता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, सीता एलिया में आपको उस लंका कांड के निशान आज भी मिल जाएंगे।

लंका कांड के कौन से हैं निशान?

श्रीलंका का सीता एलिया ही वह क्षेत्र है, जहां लंका पहुंचने के बाद हनुमान के कदम सबसे पहले पड़े थे। कहा जाता है कि यहां के सीता अम्मन कोविले मंदिर के ठीक पीछे चट्टानों पर हनुमान के पैरों के निशान मिलते हैं। सीता एलिया से होकर बहने वाली सीता नदी के एक किनारे की मिट्टी (जो अशोक वाटिका की तरफ है) पीली और दूसरे किनारे की मिट्टी काली है।

कहा जाता है कि जब हनुमान ने लंका कांड किया था, तब अशोक वाटिका उस भयानक अग्निकांड से अछुता रह गया था। इसलिए नदी के उस तरफ की मिट्टी पीली है लेकिन दूसरी तरफ की मिट्टी जल जाने की वजह से काली पड़ गयी जो आज भी काली ही है।

सीता एलिया से भेजा गया पत्थर

अयोध्या में राम जन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में श्रीलंका में मौजूद माता सीता के मंदिर से भी पत्थर भेजा गया था। इस पत्थर का इस्तेमाल मंदिर के निर्माण कार्य में किया गया है। इस पत्थर को मयूरपाथी अम्मान मंदिर में भारतीय दूतावास के अधिकारियों को सौंपा गया। इस मौके पर श्रीलंका में भारत के राजदूत और भारत में श्रीलंका के राजदूत दोनों उपस्थित रहे।

कैसा होगा श्रीलंका में माता सीता का नया मंदिर

मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार सीता एलिया में जो मंदिर है, उसके पूनर्निर्माण किया जाएगा। इसके बाद नये मंदिर का निर्माण कार्य शुरू होगा जिसमें सिर्फ माता सीता की प्रतिमा को तैयार करने में ही 15 से 20 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके बाद मंदिर के बाकी निर्माण कार्य में कुल मिलाकर करोड़ों रुपये खर्च होने की संभावना है।

मंदिर का डिजाइन ऐसे तैयार किया जा रहा है जिसमें अशोक वाटिका में माता सीता द्वारा बिताएं ऐतिहासिक क्षणों का विवरण होगा। हर जगह लैंडस्केपिंग की जाएगी। बताया जाता है कि मंदिर का निर्माण लगभग 12.8 हेक्टेयर जगह पर की जाएगी। इस मंदिर का निर्माण पूरा हो जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार टूरिज्म के तहत इसका प्रचार-प्रसार करेगी।

काम की बातें : कचरे में फेंकने के बजाए लहसुन के छिलके से निपटाएं सारा काम, मेहनत भी है कम

नयी दिल्ली : यदि आप भी लहसुन के छिलकों को कचरा समझकर डस्टबिन में फेंक देते हैं, तो यह लेख आपके लिए हैं। यहां हम आपको गार्लिक पिल्स के कुछ ऐसे जबरदस्त फायदे बता रहे हैं, जो आपके घर के काम को मजेदार बना देंगे।

अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि आप लहसुन को छीलने के बाद उसके छिलकों का क्या करते हैं? तो आपका जवाब यही होगा कि कचरे में फेंक देते हैं। पर क्या आप जानते हैं आप कितनी काम की चीज को कचरा समझने की गलती कर रहे हैं। जी, हां लहसुन के छिलकों से आप अपने घर के कई जरूरी कामों को निपटा सकते हैं, वो भी बिना ज्यादा मेहनत।

बर्तनों की सफाई

बर्तनों को धोने के लिए भी लहसुन के छिलकों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए पहले छिलकों को अच्छी तरह से सुखा लें। फिर इससे बर्तनों को स्क्रब करके साफ करें।

कपड़ों से बदबू की छुट्टी

लहसुन के सूखे छिलके को एक सूती कपड़े की थैली में रखकर कबर्ड या उन कपड़ों के पास रख दें, जिसमें से बदबू आ रही हो। ऐसा करने से छिलके सारी दुर्गंध सोख लेते हैं, जिससे कपड़ों से फ्रेश सुगंध आने लगती है।

खाद की क्वालिटी बढ़ाएं

यदि आपके पास खाद है, तो उसमें लहसुन के छिलके मिलाए जा सकते हैं। ऐसा करने से छिलके में मौजूद पोषक तत्व इसमें मिलकर इसकी क्वालिटी को दोगुना बढ़ा देते हैं।

कूकिंग में ऐसे करें यूज

लहसुन के छिलकों से आप अपने कुकिंग में स्वाद का तड़का लगा सकते हैं। इसके लिए आप विनेगर में इन छिलको डालकर सलाद की ड्रेसिंग के लिए यूज कर सकते हैं। या इसे नमक में पीसकर मिला सकते हैं.

अयोध्या में बन रहे श्री राम की मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी 22 जनवरी को,पी एम मोदी होंगे मुख्य यजमान

पीएम से आज मिले ट्रस्ट के पदाधिकारी,उन्होंने किया आमंत्रण स्वीकार

नई दिल्ली । मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की पावन नगरी में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को मौजूद रहेंगे.

ट्रस्ट के पदाधिकारी ने प्रधानमंत्री को दिया न्योता

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्यों में पेजावर मठ के स्वामी विश्वेश प्रसन्न तीर्थ मध्वाचार्य महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी महाराज और भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें अयोध्या आगमन के लिए आमंत्रित किया.

पीएम मोदी ने ट्वीटर पर यह जानकारी दी है।

उलेखनीय है कि 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में देशभर से गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है. हालांकि, 22 जनवरी को आयोजित इस कार्यक्रम में सामान्य जनमानस को शामिल नहीं किया गया है.

ट्रस्ट द्वारा आमंत्रित सदस्य ही प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे. सुरक्षा की दृष्टि से भी ट्रस्ट पहले ही आम राम भक्तों से निवेदन कर चुका है कि 26 जनवरी के बाद वह दर्शन-पूजन के लिए राम मंदिर पहुंचें. इससे पूर्व सुरक्षा कारणों से उन्हें असुविधा हो सकती है.

मालूम हो कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही भगवान राम के मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी. इसके लगभग साढ़े तीन वर्ष बाद अब पीएम मोदी भगवान राम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में यजमान की भूमिका में होंगे.

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा जारी की गई सूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान के रूप में आने के लिए निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.

पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में ' वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर हुई दूसरी बैठक

नई दिल्ली :पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में ' वन नेशन वन इलेक्शन' पर समिति की दूसरी बैठक बुधवार को हुई. बैठक में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विधि आयोग के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे मौजूद रहे.

सूत्रों के मुताबिक दूसरी बैठक में विधि आयोग को बुलाया गया और 'वन नेशन वन इलेक्शन' को लेकर कानूनी और संवैधानिक पहलुओं पर प्रेजेंटेशन दिया गया. बैठक के दौरान वन नेशन, वन इलेक्शन के क्रियान्वयन को लेकर सभी कानूनी और संवैधानिक संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई. इस दौरान विधि आयोग ने बताया कि फिलहाल 2024 के चुनाव में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू किया जाना मुश्किल है.

हालांकि 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. लेकिन उससे पहले संविधान में करना होगा.

बता दें कि केंद्र सरकार ने इससे पहले सितंबर में ' वन नेशन वन इलेक्शन' के मुद्दे की जांच करने और देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए सिफारिशें करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था. वहीं कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, जिन्हें उच्च-स्तरीय समिति का सदस्य भी नामित किया गया था, ने पैनल में काम करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि इसके संदर्भ की शर्तें इसके निष्कर्षों की गारंटी देने के लिए तैयार की गई हैं. वन नेशन वन इलेक्शन के पीछे पूरे देश में चुनावों की आवृत्ति को कम करने के लिए सभी राज्यों में लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के समय को समकालिक करना है.यह अवधारणा 1967 तक प्रचलित थी, लेकिन दलबदल, बर्खास्तगी और सरकार के विघटन जैसे विभिन्न कारणों से यह बाधित हो गई.

फिल्मों में विलेन बनते-बनते असलियत में कर डाला क्राइम, गिरफ्तार हुआ 600 करोड़ कमाने वाला ये एक्टर


नयी दिल्ली : फिल्मों में खूंखार विलेन का रोल निभाने वाले कई एक्टर्स असलियत में बेहतरीन इंसान होते हैं. हालांकि, हाल ही में एक सबसे सक्सेसफुल फिल्मी विलेन ने रियल लाइफ में ऐसी हरकत की है, जिसकी वजह से फिल्म इंडस्ट्री में हलचल मच गई है.

ये एक्टर रियल लाइफ में विलेन बनने की वजह से गिरफ्तार हो गया है लेकिन हैरानी की बात ये है उन्हें अपना क्राइम ही याद नहीं है. हम बात कर रहे हैं रजनीकांत की 600 करोड़ कमाने वाली फिल्म 'जेलर' में दिखाई दिए खूंखार विलेन 'वर्मन' की. ये किरदार एक्टर विनायकन ने निभाया था, जिन्हें हाल ही में पुलिस ने अरेस्ट किया है.

पुलिस स्टेशन में ही करने लगे हंगामा

दरअसल, गिरफ्तार होने वाले एक्टर और कोई नहीं बल्कि रजनीकांत की फिल्म 'जेलर' में खूंखार विलेन यानी एक्टर विनायक हैं. साउथ से सबसे मशहूर एक्टर्स में गिने जाने वाले विनायकन ने हाल ही में शराब के नशे में धुत होकर कांड कर डाला है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विनायकन नशे की हालत में एक पुलिस स्टेशन पर पहुंच गए. वो इस कदर धुत थे कि उन्होंने पुलिसकर्मियों के सामने ही हंगामा करना शुरू कर दिया।

एक्टर को कई लोगों ने संभालने की कोशिश की लेकिन वो कंट्रोल से बाहर होते चले गए. वो स्टेशन पर ही पीते गए और सिगरेट फूंकने लगे.

याद नहीं अपनी हरकत

इस हरकत के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. हैरानी की बात ये है कि जब सारा हंगामा खत्म होने के बाद एक्टर से पूछा गया कि उन्होंने ये सब क्यों किया तो एक्टर को कुछ याद ही नहीं था।

विनायकन ने कहा कि वो नहीं जानते कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों किया है. एक्टर की इस हरकत के बाद फैंस काफी निराश हैं. बता दें कि इससे पहले भी एक्टर कई बार अपनी हरकतों की वजह से विवादों में रह चुके हैं।

उन्होंने मी टू मूवमेंट के दौरान गलत कमेंट कर डाला था. उनका कहना था कि 'महिलाओं से संबंध बनाने के लिए पूछना अगर मीटू है तो मैं हमेशा ये करता रहूंगा।