*रामलीला में धनुष भंग और परशुराम व लक्ष्मण संवाद का हुआ मंचन*
गोरखपुर। गोला तहसील क्षेत्र के गगहा ब्लॉक अंतर्गत ग्राम सभा भूपगढ़ में रामलीला मंच मेला समिति के तत्वावधान में चल रहे रामलीला मंचन के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को धनुष यज्ञ एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद का विस्तृत मंचन कुशल पात्रों द्वारा किया गया।
प्राप्त बिबरण के अनुसार सीता-स्वयंवर के अवसर पर श्री राम शिव धनुष को तोड़कर सभी के प्रशंसा का पात्र बन जाते हैं।
पर मुनि परशुराम को यह समाचार क्रोधित कर देता है, वह अपने फरसे को चमकाते हुए सभा में पहुंचते हैं और राजा जनक से उस व्यक्ति का नाम बताने को कहते हैं जिसने शिव धनुष तोड़ने का दुस्साहस किया है। श्री राम कहते हैं कि इस धनुष को आपके ही किसी दास ने तोड़ा होगा, वह स्वयं को मुनि का सेवक बताते हैं, तो मुनि बिफर उठते हैं कि सेवक वह होता है, जो सेवा करता है।
जिसने इस धनुष को तोड़ा है वह तो मेरा परम शत्रु है।इस पर लक्ष्मण कहते हैं कि बचपन में हमने बहुत धनुष तोड़ी तब तो आप गुस्सा नहीं किए। इतना सुनते ही परशुराम और क्रोधित हो जाते हैं।परशुराम -लक्ष्मण को अपनी शूरवीरता और महिमा से परिचित कराते हैं तथा स्वयं को बहुत बड़ा योद्धा एवं क्रोधी बताते हैं।
इस पर लक्ष्मण जी हंस कर उत्तर देते हैं कि हम भी कोई कुम्हड़बतिया के समान कोमल नहीं है। हम देवता , ब्राह्मण , गौ आदि पर वार नहीं करते क्योंकि इससे अपकीर्ति होती है। यह सुन कर क्रोध में परशुराम ने लक्ष्मण से कहा कि तुम्हारे बचन वज्र से भी कठोर है। उन्होंने विश्वामित्र से कहा कि वह लक्ष्मण को समझा दे विश्वामित्र ने उन्हें क्षमा करने का अनुरोध किया। लक्ष्मण ने कहा कि सूरवीर तो युद्ध में कुछ करके दिखाते हैं गाल नहीं बजाते हैं।विश्वामित्र ने लक्ष्मण के दोष की ओर ध्यान न देने का परशुराम से आग्रह करते हैं।
व्यवस्थापक के रूप में धर्मेन्द्र सिंह, एच के राय, गोरखनाथ चतुर्वेदी, विपिन सिंह, यसवंत सिंह, प्रभूनाथ यादव आदि सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे.।
Oct 27 2023, 16:27