इजराइल-हमास जंग के बीच अमेरिका की बड़ी कार्रवाई, सीरिया में बड़ा हवाई हमला, ईरान समर्थित संगठनों को बनाया निशाना

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इजराइल हमास जंग के बीच अमेरिका ने सीरिया में बड़ा हवाई हमला किया है।अमेरिका ने पूर्वी सीरिया में स्थित ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) और उससे जुड़े समूहों के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। अमेरिका का कहना है कि इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी बेस पर ड्रोन और मिसाइल से किए गए हमलों के मद्देनजर जह जवाबी कार्रवाई की गई है।रॉयटर के मुताबिक हमले का आदेश राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दिया था।

अमेरिका ने यह कदम इराक और सीरिया में अमेरिकी सेना के खिलाफ किए हमलों के जवाब में उठाया है। अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड जे. ऑस्टिन ने इस संबंध में आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, अमेरिकी सेना ने सीरिया में दो मिलिशिया ठिकानों पर कार्रवाई की है, ये संगठन ईरान के इस्लामिक इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) की मदद करते है।

पेंटागन ने कहा कि इराक में यूएस एयरबेस पर फिर से हमला किया गया। इरबिल एयरबेस पर हमले की कोशिश की गई। लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ और केवल मामूली नुकसान हुआ।

पेंटागन के मुताबिक 17 अक्टूबर को इराक और सीरिया में अमेरिकी बेस पर कम से कम 12 हमले किये गए। इन हमलों में 21 अमेरिकी नागरिक घायल हुए। इराक में अमेरिका के बेस अल असद और सीरिया में अल-तनफ गैरिसन में ईरान से जुड़े संगठनों ने यह हमला किया था। अमेरिका का कहना है कि आज किया गया हमला उसी का जवाब है।

अफगानिस्तान में फिर भूकंप के झटके, केंद्र जमीन से 10 किोलमीटर की गहराई पर था, दो दिन पहले ही भूकम्प से 4000 लोगों की हुई थी मौत

अफगानिस्तान में बुधवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज के मुताबिक भूकंप के झटके अफगानिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में यह कंपन महसूस की गई है। भूकंप की तीव्रता 6.3 बताई गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किोलमीटर की गहराई पर था।

 बता दें कि बीते शनिवार को ही अफगानिस्तान में बड़े स्तर पर भूकंप आने के चलते जानमान का नुकसान हुआ था। शनिवार को अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में भूकंप के तेज झटके लगे थे। जिसमें 4000 लोगों की मौत हो गई। हालांकि अब तक तालिबान ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

जंग और तेज होगीःहथियारों के जखीरे से लदा अमेरिकी विमान इजराइल पहुंचा

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इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध और तेज होने वाला है।दरअसल, अमेरिका इजरायल के समर्थन में खुलकर सामने आ गया है। अमेरिकी हथियारों से लदा पहला विमान मंगलवार की शाम दक्षिणी इजराइल में उतरा। इजराइल के रक्षा बल (आईडीएफ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी।इस विमान ने ऐसे समय में लैंडिंग की है जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल को पूरा समर्थन देने की बात दोहराई है।बता दें कि गाजा में हमास के खतरनाक हमले में 14 अमेरिकी नागरिक भी मारे गए हैं। 

इजराइल के रक्षा बल (आईडीएफ) ने एक्‍स पर पोस्‍ट कर अमेरिकी मदद मिलने की बात बताई है। उन्होंने लिखा, 'यूएस हथियारों से लदा हुआ पहला विमान दक्षिणी इस्राइल के नेवाटिम एयरबेस में शाम को पहुंचा।' हालांकि, आईडीएफ ने हथियारों के प्रकार या सैन्य उपकरणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। इससे पहले अब तक अमेरिका इस जंग में इजरायल के लिए पूरा समर्थन तो जारी कर रहा था, लेकिन गोला-बारूद की सप्लाई शुरू नहीं की गई थी। अब माना जा रहा है कि इसके बाद भी कई अमेरिकी विमान गोला-बारूद लेकर इजरायल पहुंच सकते हैं।जो युद्ध के नजरिए से निर्णायक साबित हो सकते हैं।

नेतन्याहू ने दी है जंग खत्म करने की धमकी

इससे पहले इजराइल के पीएम नेतन्याहू ने हमास को धमकी देते हुए कहा, 'इस्राइल ने यह युद्ध शुरू नहीं किया है, लेकिन इस्राइल इसे खत्म करेगा। नेतन्याहू ने कहा कि ‘इजरायल जंग में है। हम यह जंग नहीं चाहते थे। इसे सबसे क्रूर और बर्बर तरीके से हम पर थोपा गया। हालांकि इजरायल ने इस जंग को शुरू नहीं किया, लेकिन इजरायल इसे खत्म करेगा।

बाइडन ने की नेतन्‍याहू की बात

इस बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अमेरिकी बाइडेन से तीसरी बार टेलीफोन पर बात की। बातचीत के बाद नेतन्याहू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, 'मैंने उन्‍हें बताया कि हमास आईएसआईएस से भी बदतर है और उनके साथ उसी तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।' वहीं बाइडन ने दोहराया है कि अमेरिका इजरायल के साथ खड़ा है और अपनी रक्षा के उसके अधिकार का पूरी तरह से समर्थन करता है। इजरायल के पीएम ने बिना शर्त समर्थन के लिए बाइडन को धन्यवाद भी दिया।

इजराइल ने हमास के 1500 से ज्यादा आतंकियों को किया ढेर, कहा- 72 घंटे में ही बदला पूरा

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आतंकी संगठन हमास ने अचानक इज़रायल पर हजारों रॉकटों से हमला कर दिया था।हमास ने शनिवार को इजराइल पर रॉकेट दागे। इजराइल ने भी पलटवार करते हुए हमास पर बमबारी कर दी। इज़राइल, गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले कर रहा है।अब इजराइल ने दावा किया है कि हमलों के 72 घंटों के भीतर ही उसने हमास से बदला ले लिया है। इजराइल की सेना ने कहा है कि हमने हमास के 1500 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया है और अब हमारा बॉर्डर पूरी तरह से सुरक्षित है।

हमास के 1500 आतंकियों के मिले शव

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इजरायली सेना ने दक्षिण में बड़े पैमाने पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और सीमा पर पूर्ण नियंत्रण भी बहाल हो गई है। प्रवक्ता रिचर्ड हेचट ने कहा कि इजरायली क्षेत्र में हमास आतंकवादियों के 1500 शव मिले हैं और सोमवार रात से कोई भी हमास लड़ाका इजरायल में नहीं घुसा है।हालांकि रिचर्ड हेक्ट ने घुसपैठ रुकने की संभावनाओं से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि घुसपैठ अभी भी हो सकती है।

इजरायली सेना ने 200 से अधिक ठिकानों पर किए हमले

उधर इजराइली डिफेन्स फोर्स ने सीजफायर की किसी भी संभावना इनकार कर दिया है। जंग के बीच इजरायली विमानों ने गाजा पट्टी में हमास के 200 से ज्यादा ठिकानों पर हमले किए हैं। इजरायली सेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि उसने गाजा पट्टी में रात भर में 1200 से अधिक स्थानों पर हमले किए, जिनमें गाजा शहर के रिमल पड़ोस के साथ-साथ खान यूनिस शहर भी शामिल है। सेना ने कहा कि जिन स्थानों पर हमला किया गया उनमें एक मस्जिद के अंदर हथियार भंडारण स्थल के साथ-साथ हमास के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल बलों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपार्टमेंट भी शामिल है।

इजरायल ने हमास को दी धमकी

इजराइल के विदेश मंत्री अली कोहेन ने हमास को किसी भी बंधक को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘इस युद्ध अपराध को भुलाया नहीं जाएगा।इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर दिए संबोधन में कहा, ‘हमने हमास पर हमला करना अभी तो शुरू ही किया है। हम आने वाले दिनों में अपने दुश्मनों के साथ जो करेंगे, उसकी गूंज कई पीढ़ियों तक सुनाई देगी।

इजरायली सैनिकों को एयरलिफ्ट किया

इजरायली वायु सेना ने गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी समूह के खिलाफ चल रहे युद्ध में लड़ने के लिए पिछले दिनों यूरोप में मौजूद सैकड़ों इजरायली सैनिकों को एयरलिफ्ट किया है. इजरायली सेना का कहना है कि सी-130 और सी-130जे भारी परिवहन विमानों ने ऑफ-ड्यूटी सैनिकों को इजरायल वापस लाने के लिए यूरोप के विभिन्न देशों के लिए उड़ान भरी है.

नौसेना की ताकत बढ़ाने आ रहा है 'महेंद्रगिरी', चीन-पाकिस्तान का बढ़ेगा खौफ, जानें कब होगा लॉन्च

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समंदर में भी बारत की शक्तियों में इजाफा होने वाला है। भारतीय नौसेना के बेड़े में युद्धपोत 'महेंद्रगिरी' को शामिल करने की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं।रक्षा मंत्रालय ने बताया कि एक सितंबर को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा विकसित भारतीय नौसेना का नया युद्धपोत महेंद्रगिरि मुंबई में लॉन्च किया जाएगा।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मौजूदगी में उनकी पत्नी इस आधुनिक युद्धपोत को लॉन्च करेंगी।

उपराष्ट्रपति के सचिवालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी सुदेश के साथ एक सितंबर को मुंबई का दौरा करेंगे।इस मौके पर राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ चीफ गेस्ट होंगे जबकि उनकी पत्नी इसे लॉन्च करेंगी।इसके साथ ही उपराष्ट्रपति एमडीएल के हेरिटेज म्यूजियम 'धरोहर' का भी दौरा करेंगे। 

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे नीलगिरि श्रेणी के चौथे और अंतिम जहाज, 'महेंद्रगिरि' को भारतीय नौसेना के ब्यूरो ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा डिजाइन किया गया है।उन्नत स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों, सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों से लैस है। महेंद्रगिरि तकनीकी रूप से उन्नत है और यह स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने के भारत के दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में खड़ा है।भारतीय सुरक्षा बेड़े में इसके शामिल होने से चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ने वाली है।

महेंद्रगिरि के बारे में

नौसेना का युद्धपोत, महेंद्रगिरि, प्रोजेक्ट 17ए के तहत सातवां और आखिरी स्टील्थ फ्रिगेट है। इसे मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएसएल) में विकसित किया गया है।जबकि परियोजना 17ए के तहत चार युद्धपोत मुंबई के मझगांव में बनाए गए थे, शेष तीन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) में विकसित किए गए थे।प्रोजेक्ट 17ए के तहत पहले छह जहाज 2019 और 2023 के बीच लॉन्च किए गए हैं।प्रोजेक्ट 17ए के तहत सभी सात युद्धपोतों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है।'महेंद्रगिरि' युद्धपोत को बेहतर स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत हथियारों और सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणालियों के साथ शामिल किया गया है

देश में डिजाइन किए गए 'महेंद्रगिरि' में अत्याधुनिक हथियार, सेंसर, उन्नत कार्रवाई सूचना प्रणाली, एकीकृत मंच प्रबंधन प्रणाली, विश्व स्तरीय मॉड्यूलर रहने की जगह, परिष्कृत बिजली वितरण प्रणाली और अन्य आधुनिक विशेषताएं होंगी। यह एक सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली से लैस है, और इसकी वायु रक्षा क्षमता दुश्मन के विमान खतरों और एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए डिज़ाइन की गई है जो ऊर्ध्वाधर प्रक्षेपण और लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के चारों ओर घूमेगी।

इमरान खान की मुश्किलें बढ़ी, अभी जेल में ही रहेंगे, 13 सितंबर तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

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पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं।तोशाखाना मामले में इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट से मिली राहत के बावजूद इमरान खान जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। दरअसल, पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में इमरान खान की न्यायिक हिरासत 13 सितंबर तक बढ़ा दी है। अदालत के इस आदेश से इमरान खान की जल्द जेल से बाहर आने की उम्मीदों को झटका लगा है।

बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में बड़ी राहत मिली थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए इमरान को मिली सजा पर रोक लगा दी।अदालत ने इमरान को जेल से रिहा करने का भी आदेश दिया था। हालांकि उन्हें साइफर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।आज साइफर केस में कोर्ट में उनकी पेशी के बाद दो हफ़्ते की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

जियो न्‍यूज की खबर के मुताबिक बुधवार को ऑफिशियल सीक्रेट एक्‍ट की विशेष अदालत ने इमरान खान की न्‍यायिक हिरासत की अवधि को 13 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि इमरान खान के जल्‍द सलाखों के पीछे से बाहर आने की उम्‍मीद कम ही है।

न्यायाधीश अबुअल हसनत जुल्करनैन सिफर मामले की सुनवाई के लिए जेल पहुंचे। आंतरिक मंत्रालय द्वारा इमरान खान की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद कानून मंत्रालय ने जेल से ही न्‍यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया। यही वजह है कि जेल परिसर में ही इस मामले की सुनवाई हुई। कानूनी प्रक्रियाओं के बाद न्‍यायाधीश ने इमरान खान की न्‍यायिक हिरासत की अवधि को 14 दिन के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया।

क्या है साइफर मामला?

बता दें कि साइफर एक डिप्‍लोमेटिक दस्‍तावेज है जो सरकारी कागजों से गायब है। आरोप है कि बीते साल पाकिस्‍तान के पीएम पद से हटाए जाने के बाद इमरान खान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए यह दस्‍तावेज हवा में लहराए थे। यही वजह है कि उनपर ऑफिशियर सिक्रेट एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच एजेंसियों इस संबंध में उनसे पूछताछ कर रही हैं। हालांकि पूछताछ के दौरान इमरान खान ने जांच एजेंसियों के सामने कबूला है कि उनसे वह दस्तावेज गुम हो गया है। 

5 अगस्त से जेल में बंद हैं इमरान

तोशाखाना मामले में इमरान खान बीती 5 अगस्त से पंजाब की अटक जेल में बंद हैं। मंगलवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यी पीठ ने इमरान खान की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि आदेश के बावजूद इमरान खान की रिहाई नहीं हो सकी क्योंकि गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में अदालत ने इमरान खान को जेल में ही रखने और बुधवार को सुनवाई के दौरान पेश करने का आदेश दिया था।

जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद चीन का अमेरिका पर ट्रेड स्ट्राइक, अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी के बनाए चि

 दुनिया की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के बीच जारी ट्रेड वार में चीन ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोलते हुए अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोन टेक्नोलॉजी द्वारा बनाए गए चिप को 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा'बताया है। ड्रैगन ने चीन के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में माइक्रोन टेक्नोलॉजी के चिप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

साइबरस्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना (CAC) ने रविवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यूएस चिप निर्माता कंपनी साइबर सुरक्षा के मापदंडों में खरा नहीं उतर सकी। चीन का यह कदम जापान के हिरोशिमा में जी-7 शिखर सम्मेलन के समापन के तुरंत बाद आया है। जी-7 की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत कई प्रमुख नेताओं ने चीन की महत्वाकांक्षी भू-राजनीतिक विस्तार पर चिंता जताई थी और ताइवान समेत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा और शांत की चिंताओं पर एक स्वर में बात की थी।

चीनी नियामक ने एक बयान में कहा है, "समीक्षा में पाया गया कि माइक्रोन के उत्पादों में अपेक्षाकृत गंभीर साइबर सुरक्षा जोखिम हैं, जो चीन की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना आपूर्ति श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं और ये राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं।"

चीनी प्रतिबंध के बाद सोमवार को प्रीमार्केट ट्रेडिंग में माइक्रोन टेक्नोलॉजी के शेयर लगभग 6% लुढ़क गए, जबकि इसके एशियाई प्रतिद्वंद्वियों ने दिन में बड़ी उछाल दर्ज की। चीनी मेमोरी चिप निर्माता इंजेनिक सेमीकंडक्टर के शेयर आज 2.8% उछले। शेन्ज़ेन Techwinsemi प्रौद्योगिकी के शेयरों में 6.3% की उछाल दर्ज की गई, जबकि,Toyou Feiji Electronics के शेयर 14% चढ़ गए। सियोल में, दुनिया के सबसे बड़े मेमोरी चिप निर्माताओं में से एक, एसके हाइनिक्स ने दक्षिण कोरियाई बाजार से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 0.9% की बढ़त हासिल की।

राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप को झटका, यौन शोषण मामले में दोषी करार, 50 लाख डॉलर का लगा जुर्माना

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत ने यौनाचार के मामले में दोषी करार दिया है। अमेरिकी ज्यूरी ने मंगलवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अमेरिका की एक पत्रकार का यौन शोषण और मानहानि करने के लिए उत्तरदायी पाया और उनको हर्जाने में 5 मिलियन डॉलर (भारतीय रुपए में करीब 41 करोड़) का भुगतान करने का आदेश दिया।हालांकि, सुनवाई के दौरान नौ ज्यूरी सदस्यों ने ई. जीन कैरल के बलात्कार के आरोप को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ट्रंप 1990 के दशक में एक मैगजीन की लेखिका ई. जीन कैरल का यौन शोषण करने के दोषी हैं।ट्रंप ने कैरल को कई मौकों पर झूठा बताकर उन्हें बदनाम करने की भी कोशिश की है।कोर्ट ने ट्रंप को दोषी ठहराते हुए कैरल को हर्जाने के तौर पर 50 लाख डॉलर देने का फैसला सुनाया है। हालांकि, कोर्ट ने ट्रंप को डिपार्टमेंटल स्टोर में कैरल का रेप करने का दोषी नहीं पाया।ज्यूरी ने कैरल के रेप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला क्रिमिनल कोर्ट में नहीं बल्कि सिविल कोर्ट के समक्ष लाया गया था।

यह पहली बार है जब ट्रम्प के खिलाफ मुकदमे में फैसला सुनाया गया है।ट्रम्प ने दशकों पुराने यौन दुराचार के आरोपों और एक दर्जन महिलाओं से जुड़े कानूनी मामलों का सामना किया है. कैरल ने मामले में हर्जाने की मांग को लेकर ट्रंप के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। वह पूर्व राष्ट्रपति से इस बयान को वापस लेने की भी मांग कर रही हैं कि कैरल द्वारा लगाए गए आरोप मानहानिकारक हैं।.

अमेरिका पत्रकार, लेखिका और स्तंभकार ई जीन कैरोल (79) ने पिछले साल अप्रैल में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अदालत में सुनवाई के दौरान आरोप लगाया था कि देश के पूर्व राष्ट्रपति ने एक लग्जरी डिपार्टमेंट स्टोर में उनसे बलात्कार किया था। कैरोल ने कहा था कि वह 1996 में बर्गडोर्फ गुडमैन में ट्रंप से मिली थीं, जहां ट्रंप न उन्होंने कपड़े बदलने के कमरे में उनसे बलात्कार किया।

दुनिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है उत्तर कोरिया, तानाशाह किम-जोंग-उन ने स्पाई सैटेलाइट लॉन्च करने के दिए आदेश

#kim_jong_un_will_spy_on_the_world

अमेरिका की कड़ी हिदायत के बाद भी उत्तर कोरिया लगातार बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है। लेकिन इस बार वह कुछ ऐसा करने जा रहे हैं, जिसने दुनिया को एक गंभीर चिंता में डाल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, किम जल्द ही एक जासूस उपग्रह लॉन्च कर सकता हैं। इसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं।

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने अधिकारियों को अपने पहले स्पाई सेटेलाइट को लॉन्च करने का आदेश दे दिया है। इसकी पुष्टि आज (बुधवार) को नार्थ कोरिया की सरकारी न्यूज मीडिया एजेंसी ने की। एजेंसी ने स्पाई सेटेलाइट को नॉर्थ कोरिया के लिए देश की सैन्य क्षमता को बढ़ाने और अमेरिका, साउथ कोरिया से होने वाले खतरे से निपटने के लिए जरूरी बताया।

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, किम ने मंगलवार को नेशनल एयरोस्पेस डेवलपमेंट एडमिनिस्ट्रेशन का दौरा किया और इस योजना को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। न्यूज एजेंसी की ओर से उनके इस दौरे की तस्वीरें भी जारी की गई हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया की जासूस सैटेलाइट आधुनिक तकनीक से लैस है। इस सैटेलाइट में कैमरा ऑपरेटिंग तकनीक, संचार उपकरणों की डेटा प्रोसेसिंग, ट्रांसमिशन क्षमता, ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम की ट्रैकिंग जैसी क्षमताएं हैं। कहा जा रहा है कि इस मिसाइल परीक्षण के जरिए उत्तर कोरिया अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को गति देना चाह रहा है। यह सैटेलाइट बैलिस्टिक मिसाइलों के तेज और मोबाइल लॉन्च की भी सुविधा प्रदान करेगी। बता दें, यह सैटेलाइट दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गिरफ्तारी के बाद हुए रिहा, बोले-बोले- नर्क में जा रहा है अमेरिका

#trump_facing_legal_proceedings_said_our_country_is_going_to_hell

एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स केस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आरोपों का सामना कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप एडल्ट फिल्मों की एक्ट्रेस को मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने के आरोपों से जुड़े केस की सुनवाई के लिए मैनहट्टन की कोर्ट पहुंचे थे। पेशी से पहले मैनहैटन जिला अटॉर्नी के कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।हालांकि, करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अब इस मामले में ट्रंप की व्यक्तिगत पेशी के साथ अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

कोर्ट में पेशी के दौरान ट्रंप ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खुद को बेकसूर बताया।ट्रंप ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने के संबंध में कुछ भी गलत करने से इंकार किया है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद ट्रंप को करीब 1.22 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया। 

अदालती कार्यवाही का सामना करने के बाद वो फ्लोरिडा में अपने समर्थकों के सामने पेश हुए और कहा कि वास्तव में हमारा देश नर्क की ओर जा रहा है। पूरी दुनिया हम पर हंस रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका में ऐसा कुछ हो सकता है। मैंने अपने देश की निडरता से रक्षा करने के लिए एकमात्र अपराध किया है। उन्होंने अभियोजक अल्विन ब्रैग की कड़ी आलोचना की। 

ट्रंप न्यूयॉर्क के मैनहट्टन कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए थे। न्यूयॉर्क की सड़कों पर 35 हजार से ज्यादा पुलिस वाले और सीक्रेट सर्विस के एजेंट तैयार थे। हालांकि उन्हें आरोप बताने के बाद छोड़ दिया गया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप 8 कारों के काफिले से अदालत पहुंचे और सीधे कोर्ट के अंदर चले गए।

बता दें कि अमेरिका के इतिहास में, 234 सालों में पहली बार ऐसा हो हुआ है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया गया है।डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्टर पूरे देश में सड़कों पर उतर आए हैं और उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियोग का विरोध कर रहे हैं।

वहीं, अदालत में पेश होने से पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों के नाम एक ईमेल जारी करते हुए कहा कि आज मेरी गिरफ्तारी से पहले यह मेरा आखिरी संदेश है। ट्रंप ने अपने संदेश में लिखा कि आज हम अमेरिका में न्याय के खत्म होने का शोक मनाते हैं। आज वह दिन है जब एक सत्तारूढ़ राजनीतिक दल अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को कोई अपराध नहीं करने के लिए गिरफ्तार करता है। ट्रंप ने आगे लिखते हुए कहा कि हमारा देश एक थर्ड वल्र्ड कम्युनिस्ट देश बनता जा रहा है, जो असहमति को अपराधी बना देता है और अपने राजनीतिक विरोध को जेल में डाल देता है।