रामलीला में अहिल्या उद्धार, फुलवारी और धनुषभंग प्रसंग देख मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के बेलूडीहां गांव के शिव मंदिर परिसर में शारदीय नवरात्र पर्व के अवसर पर चल रही रामलीला के चौथे दिन की लीला में भगवान श्री राम के जनकपुर की ओर जाने, मार्ग में अहिल्या उद्धार, फुलवारी और धनुषभंग प्रसंग की लीला का मंचन किया गया।
गांव में विगत 150 वर्षों से शारदीय नवरात्र में ग्रामवासियों और क्षेत्रीय लोक कलाकारों के द्वारा रामलीला का मंचन किया जाता है। गांव के लोग ही रामलीला के विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाते हैं। अंतिम दिन रावण वध की लीला के अवसर पर भव्य मेला लगता है।
चौथे दिन की लीला में भगवान श्री राम ने गुरू विश्वामित्र से आज्ञा लेकर मार्ग में गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर (शिला) के रूप में पड़ी अहिल्या का उद्धार किया। जनकपुर पहुंचने के बाद गुरू से अनुमति लेकर राम लक्ष्मण पूजा के लिए फूल लेने के लिए फुलवारी की ओर निकले तो भगवान श्री राम और लक्ष्मण की रूप शोभा देखकर नगर की महिलाएं,पुरुष और युवतियां उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो गए और आपस में प्रहसन करने लगे। फुलवारी में भगवान श्री राम और माता जानकी की पहली मुलाकात हुई।
रामलीला में पहुंचे श्रद्धालु दर्शकों ने मनमोहक लीला का श्रद्धा भक्ति के साथ आनंद लिया।
दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की सराहना की,विभिन्न भूमिकाओं में राम के रूप में शिवमणि पांडे लक्ष्मण बने आंशु विश्वामित्र की भूमिका में सूर्यमणि पांडेय ने अभिनय किया। लाल जी पांडेय,अखिलेश पांडेय, राजेश पांडेय,अरुण प्रकाश पांडेय केशव पांडे आदि ग्रामवासियों
सहित लोक कलाकारों ने अभिनय किया।
शैक्षिक सांस्कृतिक प्रचार प्रसार रामलीला समिति बेलुडीहां के तत्वावधान में चल रही रामलीला के चौथे दिन की लीला में बड़ी संख्या में आसपास के गांवों से आए दर्शक और गांव के लोग तथा आयोजक मौजूद रहे। धनुषभंग की लीला के साथ देर रात चौथे दिन की लीला का समापन हुआ।
Oct 22 2023, 19:59