*आजमगढ़:- नारद के अहंकार को देख भगवान विष्णु ने रचायी थी मायानगरी*
वी कुमार यदुवंशी
फूलपुर(आजमगढ़) : फूलपुर तहसील के ओरिल बाजार की रामलीला मंगलवार को शुरू हो गयी। इसके पहले सोमवार को मुकुट पूजा किया गया था। पहले दिन कलाकारों द्वारा नारदमोह का भवपूर्ण मंचन किया गया। नारद के अहंकार को खत्म करने के लिए मायानगरी का भगवान विष्णु ने कराया था निर्माण।
ओरिल की रामलीला 1947 से अनवरत हो रही है।
युवक रामलीला समिति के द्वारा ओरिल बाजार की रामलीला 17 अक्टूबर की रात प्रथम दिन रामलीला मंचन में नारद मोह भवपूर्ण मंचन किया गया। जब कामदेव के क्षमा याचना करने के बाद नारद अंहकार में कैलाश पर्वत पर महादेव के पास गए। फिर अपने पिता ब्रह्मा जी के पास ब्रह्मलोक में गये।
दोनों लोगों ने कहा कि आप क्षीरसागर में विष्णु जी के पास जाकर यह बात मत कहना। होनी प्रबल थी जो होना था वही हुआ। नारद जी जाकर विष्णु जी से वही बात दोहराई कि मैने कामदेव पर विजय प्राप्त कर लिया। विष्णु जी अहंकार देख माया को बुलाया और कहा तुम मृत्यु लोक में जाकर माया नगरी बनाओ। श्रीनगर और वहाँ के राजा शीलनिधि और लक्ष्मी आप शीलनिधि की बेटी के रूप में विश्वमोहनी के रूप जन्म लो। वहीं पर मैं आप से मिलूँगा क्योंकि ऋषिराज को घमण्ड हो गया है।
ऋषियों को अंहकार नहीं होना चाहिए। मायानगरी में नारद का बंदर रूप देख दर्शक हसते हसते लोट पोट हो गए। समिति के प्रबंधक अशोक जायसवाल ने विष्णु, उप प्रबन्ध बलराम गुप्त ने नारद, रामअचल गुप्त ने शीलनिधि का किरदार बड़ी बखूबी से निभाया।गुलाब चन्द गुप्त, अध्यक्ष रमेश गुप्ता, रामआसरे गुप्त, सूरज अग्रहरि , उपाध्यक्ष बलराम गुप्त, महामंत्री फूलचन्द राजभर, सियाराम गुप्ता , विनोद गुप्त, सुनील गुप्त ब्रह्मदेव यादव, रामचन्द्र यादव, रामअचल गुप्त, चन्द्रकेश यादव, अनिल गुप्त तथा अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्त उपस्थित थे।
Oct 19 2023, 16:54