*आजमगढ़:-व्यास जी के अनुरोध पर भगवान शिव का गुस्सा हुआ था शांत*
वी कुमार यदुवंशी
फूलपुर(आजमगढ़): फूलपुर के अतरडीहा गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन सोमवार को कथावाचक प्रशांतानंद जी महाराज ने सुखदेव जी के जन्म का वर्णन किया। प्रशांतानंद जी ने बताया कि सुखदेव जी का जन्म भी एक रहस्यमय तरीके से हुआ था।
उन्होंने कहा की जब भगवान शिव पार्वती को अमर होने की कथा सुनाने लगे तो पार्वती माता को हुंकारे भरते भरते उन्हें नींद आ गई। जब शिव अमरत्व की कथा पूरी हुई तो शिव जी ने देखा कि पार्वती माता तो सो रही है, फिर ये हुंकार कौन भर रहा था।
उसके बाद भगवान शिव ने देखा की एक तोता वहां बैठा है, जो हुंकारे भर रहा रहा था। भगवान शिव को क्रोध आ गया और बोले की तूने मेरी बिना आज्ञा के अमर कथा का पान किया है, मैं तुझे जीवित नहीं छोडूंगा। भगवान शिव त्रिशूल लेकर उसके पीछे दौड़े। शुक यानि तोता अपनी जान बचाने के लिए तीनों लोकों में भागता रहा।
वह वेदव्यास के आश्रम पहुंचा। वहां पर वेदव्यास की पत्नी बाहर कपड़े सूखा रही थीं। उन्हें जभाई आ गई तो तोता सूक्ष्म बनकर उनकी पत्नी के मुख में घुस गया। वह उनके गर्भ में रह गया। भगवान शिव वहां आए और बोले कि मैं इस शुक को जीवित नहीं छोडूंगा। व्यास जी के पूछने पर सारी बात शिव ने बताई। व्यास जी बोले वह अब अमर हो चुका है, आप उसे कैसे मार सकते हैं।
आप दयावान हैं। आप उसे क्षमा कीजिए। व्यास जी के अनुरोध पर भगवान शिव का गुस्सा शांत हुआ। व्यास जी की पत्नी के गर्भ में शुकदेव जी को 12 वर्ष हो गए, लेकिन बाहर नहीं निकले। क्योंकि उन्हें डर था अगर मैं संसार में आया तो भगवान की माया के चपेट में आ जाऊंगया।
सुजीत जायसवाल आंसू, डॉ रोहित दुबे ,राहुल दुबे ,चन्द्रप्रताप पंडेय, रुद्र प्रताप पाण्डेय राजेश दुबे, आशुतोष पाण्डेय ,अमरनाथ प्रजापति आदर्श पांण्डेय,गुड़लक पाण्डेय मनोज प्रजापति ,अशीष पाण्डेय,अंकित उपध्याय,।
Oct 17 2023, 17:51