इजरायल की एयर स्ट्राइक में हमास का शीर्ष कमांडर बिलाल अल-केदरा ढेर, इजरायली डिफेंस फोर्स का दावा

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इजराइल और हमास के बीच बीते 7 अक्टूबर से ही युद्ध जारी है। हमास के हमले के बाद से इजरायल लगातार उसको मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।इस बीच खबर आ रही है कि इजरायली सेना की एयरस्ट्राइक में हमास का टॉप कमांडर ढेर हो गया है। इज़रायली वायु सेना (आईएएफ) ने एक बयान में कहा कि इज़रायल में किबुत्ज़ निरिम नरसंहार के लिए ज़िम्मेदार हमास का एक शीर्ष कमांडर बिलाल अल केदरा आज इज़राइली हवाई हमले में मारा गया।अल-केदरा को मारने का दावा करते हुए डिफेंस फोर्स ने एक वीडियो भी शेयर किया है। 

आईएएफ ने अपने बयान में कहा है कि हमले में अल-केदरा के साथ ही हमास और इस्लामिक जिहाद के अन्य आतंकवादी भी मारे गए हैं। इजरायली एयरफोर्स ने हमले का वीडियो भी एक्स पर जारी किया है। इजरायली सेना ने हमास के ऑपरेशनल कमांड सेंटर और सैन्य परिसरों को निशाना बनाते हुए ज़ायतुन, खान यूनिस और पश्चिमी जबालिया में 100 से अधिक सैन्य ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमले किए। इन हवाई हमलों ने कई टैंक रोधी मिसाइल लॉन्च पैड और अवलोकन चौकियों को भी नष्ट कर दिया गया है।

इजरायल की खुफिया एजेंसी ने गाजा पट्टी के दक्षिणी शहर खान यूनिस में बिलाल अल केदरा के स्थान का पता लगाया था। इसके बाद अब उसे एयर स्ट्राइक में मार गिराया है। बता दें कि अल केदरा नुखबा बल का कमांडर था, जो हमास की इज़्ज़ अद-दीन अल-क़सम ब्रिगेड की विशेष बल इकाई के तहत एक नौसैनिक कमांडो इकाई थी।

इधर, इजरायली सेना ने घोषणा की है कि उसने फिलिस्तीन में में गाजा पट्टी पर एक समन्वित हमले की तैयारी की है, जिसमें हवाई, जमीनी और और नौसेना बल शामिल होंगे। सेना की ओर से जारी ताजा बयान में कहा गया है कि वह आक्रामक योजना की तैयारी कर रहा है। इजराइल कथित तौर पर गाजा शहर पर कब्जा करने के लिए 10,000 सैनिक भेजने की योजना बना रहा है। इजराइल रक्षा बल ने कहा कि हमास ने दुनिया को बार-बार दिखाया है कि वह क्या करने में सक्षम हैं। अब आईडीएफ और भी अधिक ताकत के साथ मुकाबला करने के लिए तैयार है। दुनिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है।

कौन हैं शिवराज के सामने चुनाव लड़ने वाले विक्रम मस्ताल? 3 महीने पहले कांग्रेस में हुए शामिल, बन गए सीएम के खिलाफ उम्मीद्वार

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कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने बुधनी सीट से अभिनेता से नेता बने विक्रम मस्ताल शर्मा को टिकट देकर अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इस सीट से विक्रम मस्ताल का मुकाबला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से होगा।शिवराज के खिलाफ मस्ताल के नाम का ऐलान होते ही वे चर्चा में आ गए। 

बता दें बुधनी विधानसभा सीट मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गढ़ है। बीजेपी ने इस बार भी सीएम शिवराज सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है। सीएम यहां से पांच बार विधायक रहे हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने कांग्रेस ने पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को मैदान में उतारा था, जबकि इस बार कांग्रेस ने युवा विक्रम मस्ताल पर भरोसा जताया है।ऐसे में अब हर कोई अभिनेता विक्रम मास्ताल के बारे में जानना चाहता है।

विक्रम मस्ताल भी शिवराज सिंह चौहान की तरह बुधनी के रहने वाले हैं। उनका घर बुधनी के सलकनपुर में हैं और वे किसान परिवार से आते हैं। बुधनी के बायां स्थित कॉलेज से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। इसके बाद होशांगाबाद के नर्मदा यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रैजुएशन किया। एक्टिंग के अलावा वे राइटर और डायरेक्टर भी हैं।

विक्रम मास्ताल ने टीवी शो और वेब सीरीज में काम किया है। 2008 में आई रामायण में विक्रम मास्ताल ने भगवान हनुमान का किरदार निभाया था। इसके अलावा विक्रम मास्ताल ने टीवी सीरियल रजिय सुल्तान और हाल ही में आई वेब सिरीज आश्रम 3 भी काम किया है।विक्रम मास्ताल ने डिस्कवरी जीत पर 21 सरफरोश नामक एक टेलीविजन शो भी किया था। विक्रम मास्ताल ने वेब सीरीज "अस्सी नब्बे पूरे सौ" में भी अभियन किया है। विक्रम मास्ताल न टॉप गियर (2022), बैटल ऑफ सारागढ़ी (2017) में भी काम किया है।

विक्रम मास्ताल तीन महीने पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। विक्रम मास्ताल ने कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ के सामने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। इससे पहले उन्हें कांग्रेस नर्मदा सेवा सेना संगठन का सह प्रभारी बनाया गया था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें संगठन में भी जिम्मेदारी सौंपी। अब कांग्रेस ने उन्हें पार्टी की तरफ से टिकट भी दे दिया है। कांग्रेस ने विक्रम मस्ताल को बुधनी से अपना उम्मीदवार बनाया है।

पाकिस्तानी खिलाड़ियों के सामने लगे “जय श्री राम” के नारे से भड़के उदयनिधि स्टालिन, भारतीय फैन्स की लगा दी क्लास

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भारत-पाकिस्तान वर्ल्डकप मैच के दौरान शनिवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दर्शकों ने जय श्रीराम के नारे लगाए। ये नारे उस वक्त लगाए गए, जब पाकिस्तानी खिलाड़ी मुहम्मद रिज़वान 49 रन के निजी स्कोर पर आउट होकर ड्रेसिंग रूम में जा रहे थे। इसी दौरान भीड़ ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए। इस पूरे मामले का वीडियो सामने आया है। वीडियो के सामने आने के बाद तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन भड़क गए हैं। उदयनिधि ने इसे नीच हरकत बताया है और इसे लेकर ट्वीट भी किया है।

तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक वीडियो ट्वीट किया। इस वीडियो में लोग जय श्री राम के नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं। उदयनिधि स्टालिन ने वीडियो शेयर कर पोस्ट लिखी।उदयनिधि स्टालिन ने लिखा, भारत अपनी खेल भावना और आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य और एक निम्न स्तर का है। खेलों को देशों के बीच एकजुट करने वाली शक्ति होनी चाहिए, जिससे सच्चे भाईचारे को बढ़ावा मिले। घृणा फैलाने के लिए इसका एक उपकरण के रूप में उपयोग करना निंदनीय है।

बता दें कल के मैच की पहली पारी में पाकिस्तान की टीम 42.5 ओवर में ऑल आउट हो गई थी। बाबर की टीम ने इंडिया को 191 रन का टार्गेट दिया था। टीम इंडिया से सिराज ने पहला विकेट अब्दुल्ला शफीक का लिया। दूसरा विकेट हार्दिक पंड्या ने इमाम-उल-हक का लिया। इसके बाद पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान ने कैप्टन बाबर आजम के साथ मिलकर पारी का जिम्मा संभाला। हालांकि मोहम्मद रिजवान 49 रन बनाकर आउट हो गए। पाकिस्तान के लिए कप्तान बाबर, मोहम्मद रिजवान और इमाम-उल-हक के अलावा कोई भी बल्लेबाज 20 से ज्यादा रन नहीं बना सका। जवाब में भारतीय टीम की शुरुआत बढ़िया रही। ओपनर शुभमन गिल चार चौके लगाकर 16 रन के निजी स्कोर पर आउट हुए। विराट कोहली ने भी 16 रन की पारी खेली। कप्तान रोहित शर्मा ने 63 गेंद पर 86 रन की पारी खेली। रोहित ने 6 चौके और 6 छक्के लगाए। अय्यर और केएल राहुल ने टीम को जीत तक पहुंचाया। वनडे वर्ल्ड कप 2023 में ये इंडिया की लगातारी तीसरी जीत है।

बता दें कि उदयनिधि हाल के दिनों में अपने बयानों को लेकर सिर्खियों में हैं। इससे पहले हाल ही में उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। जिसपर काफी बवाल भी मचा था। दरअसल, उदयनिधि स्टालिन ने भारतीय मुक्ति संग्राम में आरएसएस का योगदान शीर्षक से व्यंग्यचित्रों वाली एक पुस्तक का विमोचन करने पहुंचे थे। यहां उदयनिधि स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा था, इस सम्मेलन का शीर्षक बहुत अच्छा है। आपने 'सनातन विरोधी सम्मेलन' के बजाय 'सनातन उन्मूलन सम्मेलन' का आयोजन किया है। इसके लिए मेरी बधाई। हमें कुछ चीज़ों को ख़त्म करना होगा।हम उसका विरोध नहीं कर सकते। हमें मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना वायरस इत्यादि का विरोध नहीं करना चाहिए।

भारतीय टीम की जीत पर इजरायली राजदूत का पाकिस्तान पर तंज, बोले-हमास के आतंकियों को जीत समर्पित नहीं कर सके

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भारत में खेले जा रहे क्रिकेट विश्व कप के 12वें मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ शानदार जीत हासिल की है।शनिवार को गुजरात के अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से पटखनी देते हुए जीत हासिल की। भारत की शानदार जीत पर इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने ट्वीट कर पाकिस्तान पर तंज कसा है।उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि हार के बाद पाकिस्तान अपनी जीत हमास को समर्पित नहीं कर पाया।

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने ट्वीट करते हुए कहा, हमें खुशी है कि विश्व कप के भारत पाकिस्तान मुकाबले में भारत विजय हुआ और पाकिस्तान अपनी जीत हमास के आतंकवादियों को समर्पित नहीं कर पाया।मैच के दौरान हमारे भारतीय मित्रों ने पोस्टर दिखाकर कर इजरायल के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। इससे हम बेहद भाव विभोर हैं।

पीएम मोदी-नेतन्याहू का पोस्टर किया शेयर

अपनी पोस्ट में उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें एक शख्स को पीएम मोदी और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीर वाला पोस्टर लिए देखा जा सकता है।पोस्टर पर लिखा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जारी जंग में इजरायल के साथ खड़ा है।

मोहम्मद रिजवान के बयान पर तंज

नाओर का यह बयान पाकिस्तानी टीम के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान के उस बयान पर तंज माना जा रहा है।दरअसल, रिजवान ने हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ शतक मारने के बाद गाजा के लोगों पर दिया था।रिजवान ने अपने उस शतक को गाजा के लोगों को समर्पित किया था।इसी पर नाओर ने यह तंज कसा और कहा कि अब पाकिस्तानी टीम हमास के आतंकियों को अपनी जीत समर्पित नहीं कर सकी।

विश्व कप 2023: भारत के हाथों मिली करारी हार पाकिस्तान को नहीं पचा, बौखलाए मिकी आर्थर ने बोले-लगा ICC नहीं BCCI का टूर्नामेंट हो

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वो कहावत तो सुनी ही होगी आप सभी ने “खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे”। ये कहावत पाकिस्तान पर एकदम सटीक बैठती है। दरअसल, शनिवार को वनडे वर्ल्ड कप के एक मुकाबले में भारत और पाकिस्तान की टीमें अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में आमने-सामने थी। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को आसानी से हरा दिया। बाबर आजम की अगुवाई वाली पाकिस्तानी टीम को 7 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।पाकिस्तान इस करारी हार को पचा नहीं पा रही है, और “इस बदहजमी” में बेतुकी बयानबाजी की जा रही है।

भारत के खिलाफ एकतरफा अंदाज में रौंदे जाने के बाद पाकिस्तान के टीम निदेशक मिकी आर्थर ने बड़ा बयान दिया है। पाकिस्तान के टीम निदेशक मिकी आर्थर ने स्वीकार किया कि उनकी टीम ने रक्षात्मक खेल दिखाया और अपना चिर परिचित खेल नहीं दिखा सकी क्योंकि एक लाख भारतीय समर्थकों के सामने यह विश्व कप का मैच नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड द्वारा आयोजित द्विपक्षीय मैच लग रहा था। 

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए, आर्थर ने पाकिस्तान के लिए समर्थन की कमी की ओर इशारा किया और कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं में इसकी भूमिका होती है। ईमानदारी से कहूं तो यह आईसीसी इवेंट जैसा नहीं लग रहा था। यह द्विपक्षीय सीरीज जैसा लग रहा था; यह बीसीसीआई इवेंट जैसा लग रहा था। मैंने इस मैच में माइक्रोफोन पर एक बार भी दिल दिल पाकिस्तान गाना नहीं सुना।उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इसे हार का बहाना नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘इसका असर तो रहा लेकिन इसे बहाना नहीं बनाया जा सकता।इस बयान के जरिए आर्थर का इशारा विश्व कप में अभी तक पाकिस्तानी प्रशंसकों को वीजा नहीं दिए जाने की ओर था।

भारत-पाकिस्तान मुकाबले की बात करें तो रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की। जबकि पाकिस्तानी टीम को वर्ल्ड कप 2023 में पहली हार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान को अहमदाबाद में भारत के हाथों सात विकेट से हार का सामना करना पड़ा। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते पाकिस्तानी टीम 42.5 ओवर में 191 रन पर सिमट गई। कप्तान बाबर आजम ने 50 और मोहम्मद रिजवान ने 49 रन की पारी खेली। जवाब में भारत ने 30.3 ओवर में तीन विकेट गंवाकर लक्ष्य हासिल कर लिया। कप्तान रोहित शर्मा ने 86 रन बनाए।

एमपी-छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की पहली लिस्ट, जानिए किन सीटों पर तय हुए नाम

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इस साल नवंबर में देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसबा चुनाव की तारीकों का एलान भी कर दिया है।इस बीच चुनावी तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इनमें मध्यप्रदेश से 144, छत्तीसगढ़ से 30 और तेलंगाना से 55 उम्मीदवारों के नाम हैं।कांग्रेस ने पहले ही जानकारी दे दी थी कि पार्टी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट नवरात्र के पहले दिन जारी करेगी।

मध्यप्रदेश में कमलनाथ छिंदवाड़ा से लड़ेंगे

मध्यप्रदेश में पार्टी ने कमलनाथ को छिंदवाड़ा से चुनाव मैदान में उतारा है। छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ माना जाता है। वहीं, पार्टी ने जीतू पटवारी को भी टिकट दिया है। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघोगढ़ से टिकट दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष और मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह भिंड की लहार सीट से चुनावी समर में होंगे। इंदौर विधानसभा 1 से कैलाश विजयवर्गीय के सामने संजय शुक्ला पर भरोसा जताया गया है। संजय इस सीट से निवर्तमान विधायक हैं।

छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल, पाटन सीट से लड़ेंगे चुनाव

छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों की पहली सूची में सीएम भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का भी नाम है। भूपेश बघेल पाटन सीट से और सिंहदेव अंबिकापुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। कोरबा से पार्टी जय सिंह अग्रवाल, कवर्धा से मोहम्मद अकबर, खैरागढ़ से यशोदा वर्मा, कांकेर से शंकर ध्रुव, नारायणपुर सीट से चंदन कश्यप, दंतेवाड़ा से के छविंद्र महेंद्र कर्मा और बस्तर से लखेश्वर बघेल को उम्मीदवार बनाया गया है।

तेलंगाना में 55 सीटों पर उम्मीदवार तय

कांग्रेस ने दक्षिणी राज्य तेलंगाना में भी 55 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को कोंडागल सीट से उम्मीदवार बनाया है। वहीं गोशामहल सीट से मोगली सुनीता, चंद्रयानगुट्टा सीट से बोया नागेश, मालकपेट सीट से शेख अकबर और नामपल्ली सीट से मोहम्मद फिरोज खान को टिकट दिया गया है। 

बता दें कि चुनाव आयोग ने 9 अक्टूबर को 5 राज्यों में मतदान के तारीख की घोषणा की थी। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर तो छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में 7 और 17 नवंबर को वोटिंग होगी। राजस्थान में 25 नवंबर, मिजोरम में 7 नवंबर और तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होंगे। पांच राज्यों में 3 दिसंबर को नतीजे आएंगे।

*अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया बड़ा बयान, हमास को अल-कायदा से भी बताया बदतर*

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फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास ने बीते हफ्ते इजराइल पर हमला कर दिया। जिसके बाद से हमास और इजराइल के बीच युद्ध छिड़ गया है।इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने हमास को अलकायदा से भी बदतर बताया है। फिलाडेल्फिया में एक कार्यक्रम के दौरान जो बाइडन ने कहा कि जितना हमें हमास के हमले के बारे में पता चल रहा है, यह उतना ही डरावना होता जा रहा है। हजार से ज्यादा मासूम लोगों की जान चली गई, जिनमें 27 अमेरिकी भी शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा,हमास के मुकाबले तो अलकायदा भी कुछ ठीक लगता है, ये शैतान हैं, जैसा मैं शुरुआत से कहता आ रहा हूं कि अमेरिका इसे लेकर गलती नहीं कर रहा, वह इजराइल के साथ है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इस्राइल के पास अपनी सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई के लिए कोई कमी ना रहे। बाइडन ने कहा, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कल इजराइल में थे और आज रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन वहां हैं।

बाइडन ने कहा कि गाजा पट्टी में मानवीय संकट पर ध्यान देना भी उनकी प्राथमिकता में है। उनकी टीम मध्य पूर्व के हालात पर नजर रख रही है और इस्राइल, मिस्त्र, जॉर्डन और अन्य अरब देशों के साथ लगातार बातचीत कर रही है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हम इस बात की अनदेखी नहीं कर सकते कि फलस्तीन की अच्छी खासी आबादी का हमास से और उसके हमलों से कोई लेना नहीं है।आज मैंने उन सभी अमेरिकी परिवारों से जूम कॉल पर एक घंटे से ज्यादा वक्त तक बात की, जिनके परिवार के सदस्य लापता हैं। वे पीड़ा से गुजर रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि उनके बेटे, बेटी, शौहर, बीवी और बच्चे किस हाल में हैं। आप समझ रहे हैं, यह परेशान करने वाला है. मैंने उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

नवरात्रि के दौरान घर लेकर आएं ये 5 चीजें, बरसेगी माता रानी की कृपा, नकारात्मक वातावरण समाप्त कर जीवन में भर देता उल्लास

साल में 4 बार नवरात्रि पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. आश्विन की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के वातावरण से तमस का अंत होता है, नकारात्मक माहौल की समाप्ति होती है। शारदीय नवरात्रि से मन में उमंग तथा उल्लास की वृद्धि होती है। दुनिया में सारी शक्ति नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है इसलिए नवरात्रि में देवी की आराधना ही की जाती है तथा देवी शक्ति का एक स्वरूप कहलाती है। इसलिए इसे शक्ति नवरात्रि भी कहा जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों में देवी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिसे नवदुर्गा का स्वरूप कहा जाता है। इस बार शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से आरंभ होने जा रही है तथा समापन 24 अक्टूबर को होगा और 10वें दिन दशहरा मनाया जाता है। ऐसे में ज्योतिषों का मानना है कि नवरात्रि के दौरान खरीदी गई कुछ चीज जीवन की तमाम समस्याओं को खत्म कर सकती है। 

जानिए, कौन-कौन सी चीजें नवरात्रि के दौरान जरूर खरीदी जानी चाहिए

मौली

मौली खरीदना शुभ माना जाता है। दरअसल मां दुर्गा को मौली अर्पित करने से जीवन की सभी दुख तकलीफ दूर हो जाती है। इतना ही नहीं आर्थिक तंगी से यदि कोई व्यक्ति जूझ रहा है तो वह भी मां दुर्गा को लाल रंग की मौली अर्पित कर सकता है। उसके जीवन की तमाम समस्याओं तथा आर्थिक तंगी चुटकियों में दूर हो जाएगी।

कलश

नवरात्रि में हमेशा अपने घर में कलश अवश्य खरीद कर लाना चाहिए। आप कलश किसी भी प्रकार का ला सकते हैं जैसे – मिट्टी, सोना, चांदी, पीतल आदि यह शुभ माना जाता है। नवरात्रि के चलते कलश घर में लाने से घर में सुख समृद्धि और बरकत बनी रहती है और खुशियों का आगमन होता है। वहीं मां दुर्गा का आशीर्वाद भी हमेशा बना रहता है।

पद चिन्ह

 माता रानी के पद चिन्ह खरीद कर हमेशा लाना चाहिए तथा उसे अपने घर के पूजा स्थान के पास लगाना चाहिए। ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और आशीर्वाद अपने भक्तों पर बनाए रखती है। मगर आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना है कि पद चिन्ह को फर्श पर नहीं लगाना है। अक्सर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर माता रानी के पद चिन्ह लगा देते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए।

मां दुर्गा की प्रतिमा

नवरात्रि के चलते मां दुर्गा की प्रतिमा अवश्य खरीद कर अपने घर में लानी चाहिए। ऐसा करने से माता रानी का आशीर्वाद हमेशा अपने भक्तों पर बना रहता है। वहीं उसके जीवन में आई सभी तरह की समस्या समाप्त होने लगती है और जीवन खुशहाल बनने लगता है।

चांदी की खरीदारी

ज्योतिषों के अनुसार, नवरात्रि के चलते चांदी की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है तथा धन हानि भी नहीं होती है। यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो आप इस नवरात्रि चांदी खरीदे आपको बेहद लाभ देखने को मिलेगा।

बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को भारत के फर्जी पासपोर्ट बनाकर देने का मामला ! बंगाल और सिक्किम के 50 ठिकानों पर CBI की रेड

 केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 50 से अधिक स्थानों पर व्यापक छापेमारी की, जिसमें कोलकाता, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग और गंगटोक जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। ये छापे फर्जी पासपोर्ट घोटाले से संबंधित एक व्यापक ऑपरेशन का हिस्सा थे। इन ऑपरेशनों के दौरान, अपराध जांच एजेंसी ने गंगटोक पासपोर्ट सेवा केंद्र में कार्यरत एक वरिष्ठ अधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान गौतम कुमार साहा के रूप में हुई। 

इसके अतिरिक्त, एक होटल एजेंट को 1,90,000 रुपये की महत्वपूर्ण राशि के साथ पकड़ा गया। उनकी गिरफ़्तारियाँ क्षेत्र में सक्रिय बिचौलियों की मिलीभगत से जाली और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके अवैध रूप से पासपोर्ट जारी करने से जुड़ी थीं। इसके अलावा, अधिकारियों ने 16 सरकारी अधिकारियों सहित 24 व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की है, जो कथित तौर पर अयोग्य आवेदकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने में शामिल थे, जिनमें से कुछ गैर-निवासी थे। रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं को ये फर्जी पासपोर्ट बनाकर दिए गए थे। ये सेवाएँ कथित तौर पर रिश्वत के बदले में दी गई थीं।

तलाशी अभियान कोलकाता, सिलीगुड़ी, गंगटोक और अन्य संबंधित क्षेत्रों सहित विभिन्न स्थानों पर चलाया गया। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य फर्जी पासपोर्ट योजना की सीमा को उजागर करना और इसमें शामिल व्यक्तियों को न्याय के कटघरे में लाना था। इस संबंध में CBI के प्रयास पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखने और कानून के शासन को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।

'मंदिरों में मुस्लिमों को दूकान लगाने दी जाए..', नवरात्री से पहले कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से व्यापारी कमिटी की मांग

भारत के महत्वपूर्ण पर्व 'नवरात्रि' के प्रारंभ होने से पहले, दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिला धार्मिक मेला व्यवसायियों की समन्वय समिति ने मांग की है कि मुस्लिम विक्रेताओं को त्योहार के दिनों में मंदिर परिसर में व्यापार करने की अनुमति दी जाए, भले ही मंदिर अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से प्रतिबंधित कर दिया हो। समिति के सदस्यों ने दक्षिण कन्नड़ जिले के मंगलुरु में प्रसिद्ध मंगलादेवी मंदिर में नवरात्रि समारोह के दौरान मुस्लिम विक्रेताओं के बहिष्कार पर दक्षिण कन्नड़ के जिला आयुक्त के पास शिकायत दर्ज की थी। समिति के मानद अध्यक्ष डीके इम्तियाज और सुनील कुमार बाजल ने दावा किया है कि मंदिर परिसर में दुकानें आवंटित करने के लिए की गई नीलामी प्रक्रिया के दौरान मुस्लिम विक्रेताओं को बाहर रखा गया था।

वहीं, इम्तियाज और बजाल के दावों के विपरीत, मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि मुस्लिम विक्रेताओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है और मंदिर प्रांगण में 94 दुकानों की नीलामी प्रक्रिया सभी के लिए खुली थी, हालांकि, किसी भी गैर-हिंदू व्यापारी ने नीलामी में भाग नहीं लिया। मंदिर प्रबंधन ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की गई थी। बता दें कि मंगलादेवी मंदिर राज्य सरकार के मुजराई (हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती) विभाग के अंतर्गत आता है। देवी शक्ति को समर्पित इस मंदिर में हर साल नवरात्रि मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार मेला 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर के बीच लगेगा। 

कमाई के हिसाब से कांग्रेस ने मंदिरों को तीन श्रेणी में बांटा 

पहले मंदिर प्रबंधन ने मुस्लिम व्यापारियों को मेले में भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था और रथबीडी स्ट्रीट पर व्यापारियों को स्टॉल आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, जिसका स्वामित्व मंगलुरु सिटी कॉर्पोरेशन के पास है। हालाँकि, मंदिर प्रशासन कई वर्षों से यहाँ अपने मेले आयोजित करता आ रहा है। यह ध्यान रखना उचित है कि राज्य में लगभग 34,563 मंदिरों को उनके राजस्व सृजन के आधार पर मुजराई (हिंदू धार्मिक बंदोबस्ती) ग्रेड ए, बी या सी के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 

कुल मिलाकर, 25 लाख रुपये से अधिक वार्षिक राजस्व वाले कुल 207 मंदिर श्रेणी ए में आते हैं, 5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये के बीच वार्षिक राजस्व वाले 139 मंदिर श्रेणी बी में आते हैं, और 5 लाख रुपये से कम वार्षिक राजस्व वाले 34,217 मंदिर श्रेणी सी में आते हैं। यह वर्गीकरण 2019 में कांग्रेस सरकार द्वारा पेश किया गया था। पिछले साल गैर-हिंदू विशेषकर मुस्लिम व्यापारियों को हिंदू मंदिरों के पास स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं देने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया था। इसकी मांग बजरंग दल समेत हिंदू अधिकार संगठनों ने भी उठाई थी। 

हिंदू अधिकार संगठन के अनुसार, कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 2002 के नियम 12 का उद्देश्य गैर-हिंदू व्यापारियों को प्रतिबंधित करना है। कानून कहता है कि "परिसर के पास स्थित भूमि, भवन या स्थलों सहित कोई भी संपत्ति गैर-हिंदुओं को पट्टे पर नहीं दी जाएगी।" कुछ हिन्दू संगठनों का ये भी कहना है कि, जब मुस्लिम समुदाय के लोग हिन्दू देवी-देवताओं में आस्था ही नहीं रखते, तो वे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ कैसे न्याय कर सकेंगे, केवल कारोबार के लिए और आमदनी करने के लिए वे मंदिरों में आना चाहते हैं, जबकि वे मूर्तिपूजा के सख्त खिलाफ हैं, तो उन्हें कैसे अनुमति दी जाए। उनका एक तर्क यह भी है कि, फूल-माला, प्रसाद आदि का काम करने वाले दलित-पिछड़े यहाँ दूकान लगाते हैं, तो फिर उन्हें हटाकर कहाँ भेजा जाएगा ? क्योंकि मंदिर परिसर में दुकानें तो सीमित हैं।

धर्मान्तरण कानून रद्द कर चुकी है कांग्रेस सरकार

बता दें कि, राज्य की कांग्रेस सरकार पहले ही धर्मान्तरण कानून रद्द कर चुकी है, वो भी ऐसे समय में जब देश के विभिन्न हिस्सों से डरा-धमकाकर, लालच देकर, ब्रेनवाश करके, प्रेम जाल में फंसाकर लोगों का धर्मांतरण करने की घटनाएं लगातार सामने आ रहीं हैं। यहाँ तक कि, गेमिंग एप के जरिए छोटे-छोटे बच्चों का भी ब्रेनवाश कर उनका धर्मान्तरण किया जा रहा है, लेकिन उससे रक्षा करने का कानून अब कर्नाटक में हट चुका है। यानी एक तरह से अब कर्नाटक में धर्मान्तरण की खुली छूट है। वहीं, राज्य के पशुपालन मंत्री वेंकटेश ने गौहत्या रोकने वाले कानून की भी समीक्षा करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि, 'जब भैंस काटी जा सकती है, तो गाय क्यों नहीं।' उन्होंने कहा था कि, हम चर्चा करेंगे और इस पर फैसला लेंगे। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, क्या अब राज्य सरकार गौहत्या की भी छूट देने जा रही है ?