*नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिर में उमड़ी भीड़,शक्तिपीठ की उपासना का पर्व नवरात्र आज से शुरू*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले में शारदीय नवरात्र के पहले दिन रविवार को देवी मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालुुओं ने मत्था टेका, प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना कर मां से मांगी उनकी कृपा मांगी। सुबह होते ही घंटा घड़ियाल की आवाज लोगों की कानों में गूंजने लगे। सीतामढ़ी, गोपीगंज, ज्ञानपुर, भदोही, अभोली, सुरियावां, मोढ, ऊंज आदि देवी मंदिरों पर रविवार तड़के से दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की भीड़ लगने लगी।
हर वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा उपासना की जाती है। धर्मग्रंथों के अनुसार नवरात्रि माता भगवती की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। यह तन-मन को निरोग रखने का अवसर भी है। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी मां के विशेष रुप में समर्पित है। मां की उपासना करने से कई प्रकार के मनोरथ पूर्ण होते हैं। शास्त्रों में नवरात्र पर्व मनाए जाने की दो पौराणिक कथाएं हैं।
बताया कि पहली पौराणिक कथा के अनुसार महिषासुर नाम का एक राक्षस था जो ब्रह्माजी का बड़ा भक्त था। उसने अपने तप से ब्रह्माजी को प्रसन्न करके एक वरदान प्राप्त कर लिया। वरदान में उसे कोई देव, दानव या पृथ्वी पर रहने वाला कोई मनुष्य मार ना पाए। वरदान प्राप्त करते ही वह बहुत निर्दयी हो गया और तीनों लोकों में आतंक मचाने लगा। उसके आतंक से परेशान होकर देवी देवताओं ने ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के साथ मिलकर मां शक्ति के रुप में दुर्गा को जन्म दिया। मां दुर्गा और महिषासुर के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध हुआ और दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया।
इस दिन को अच्छाई पर बुराई की जीत के रुप में मनाया जाता है। दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका पर आक्रमण करने से पहले और रावण के साथ होने वाले युद्ध में जीत के लिए शक्ति की देवी मां भगवती की आराधना की थी।
Oct 15 2023, 14:47