जिला कारागार में बंदियों को आचार्य श्री ने बताए जीवन सुधारने के सूत्र
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ललितपुर। जीवन की जरा सी मूल जब हमें अपराधी बनाती है तो इससे हम ही नहीं हमारे प्रिय जन कितने दुखी होते हैं यदि इसका पछतावा हो जाए और अपनी मूल को सुधार लें तो अपराधी से इंसान बनकर अपना जीवन संवर जाएगा।
उक्त विचार अहिंसा दिवस पर जिलाकारागार में बंदीजनों के मध्य रखते हुए उच्चारणाचार्य विनम्र सागर महाराज ने अपनी मूल सुधारने का केन्द्र जिला कारागार बताते हुए कहा हम अपना जीवन को सुधार सकते हैं उन्होंने कहा यदि हम अपने जीवन से चोरी जुआ हिंसा झूठी को यदि छोड़ दे तो कभी आपको जीवन में कभी यहां न आना पड़े।
उन्होंने कहा गलती कर नहीं सुधरे उसे हैवान कहते हैं और जो गलती पर करे गलती उसे शैतान और जो गलती सुधार ले उसे इंसान कहा जाता है अच्छे विचार जीवन में आए और ऐसा संकल्प कर लें कि हमें कभी ऐसी गलती न करना आचार्य श्री ने जीवन सुधार के लिए वदीजनों को प्रभु भक्ति का सूत्र देते हुए कहा प्रभु के चरणों में जुड़कर आराधना करके जीवन में परिवर्तन कर सकते हैं।
अहिंसा दिवस पर कार्यक्रम का शुभारंभ कारागार अधीक्षक लाल रत्नाकर समाज श्रेष्ठी शीलचंद अनौरा, अखिलेश गदयाना, मीडिया प्रभारी अक्षय अलया, मनोज जैन (ललितपुर लाइव टीवी) ने गणाचार्य श्री विरागसागर महाराज के चित्र सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर किया।
मंगलाचरण प्रबंधक जितेन्द्र जैन राजू ने करते हुए गुरुचरणों में वंदना की कारागार अधीक्षक लाल रत्नाकर ने बंदीजनों की ओर से श्रीफल अर्पित कर धर्मोपदेश के लिए आचार्यश्री से आग्रह किया। धर्मसभा का संचालन करते हुए निवर्तमान जैन पंचायत अध्यक्ष अनिल जैन अंचल ने कहा जैन संत साक्षात त्याग तपस्या की मूर्ति है उनको देखने मात्र से जीवन में परिवर्तन होता है उनका विश्वास है कि जिलाकारागार के बंदीजनों का निश्चय ही अपना जीवन सुधारने के लिए यह कारण बनेगा।
श्रमण मुनि श्री विवसागर महाराज ने वदीजनों को सम्बोधित करते हुए कहा यदि अपने किए गए अपराध के प्रति पछतावा हो जाए और मन में ऐसा विचार आए कि अपने जो किया है उससे अपने माता पिता हमारे प्रति क्या सोचते होगे निश्चय ही भविष्य को संवार सकते हैं और अच्छे इन्सान बन सकते है आचार्य श्री ने बंदीजनों को ध्यान के माध्यम से प्रभु का स्मरण करने के लिए सूत्र बताए जिसको सभी बंदीजनों ने मनोयोग से ग्रहण किया और भविष्य में अपराध न करने का संकल्प लिया। इस मौके पर समस्त श्रमण मुनि मौजूद रहे.
Oct 03 2023, 18:34