नीतीश की पीएम पद की दावेदारी पर क्या बोले अरविंद केजरीवाल?

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देश की राजनीति में इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चर्चा कुछ ज्यादा हो रही है। विपक्षी गठबंधन बनाने की कवायद से लेकर “इंडिया” के बन जाने के बाद भी नीतीश लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। इन सब के बीच विपक्ष की ओर से पीएम उम्मीदवार को लेकर भी सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। दरअसल, इंडिया का गठन हो गया है, लेकिन इंडिया गठबंधन का चेहरा कौन होगा? इस बात पर जहां गठबंधन के नेता खुद चुप्पी साध लेते हैं तो वहीं बिहार में राजद और जदयू उन्हें प्रधानमंत्री मैटेरियल बताने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि फिलहाल पीएम फेस के लिए व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए।

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वह नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के बिल्कुल खिलाफ हैं. कहते हैं कि, हमें देश में ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिसमें सभी 140 करोड़ लोग प्रधानमंत्री हों। हमें किसी व्यक्ति विशेष की बात नहीं करनी चाहिए। 

बता दें कि पीएम उम्मीदवार को लेकर बिहार की राजनीति में अक्सर सीएम नीतीश कुमार के नाम की चर्चा होती रहती है। कुछ दिन पहले ही जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने खुले मंच से सीएम नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बताया था। इनके अलावा भी कई जेडीयू के कई नेता नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बता चुके हैं। वहीं, इसमें आरजेडी भी शामिल है। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी नीतीश कुमार का समर्थन कर चुके हैं। हालांकि नीतीश कुमार साफ कर चुके हैं कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए।

उज्जैन दुष्कर्म मामले में बार एसोसिएशन ने उठाया बड़ा कदम, कोई वकील नहीं लड़ेगा आरोपियों का केस

मध्य प्रदेश के उज्जैन दुष्कर्म मामले में बड़ी खबर आई है। कोई भी वकील 12 वर्षीय बच्ची के बलात्कार के दोनों आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा। बार एसोसिएशन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए ये बड़ा फैसला किया है। उज्जैन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले पर कार्रवाई हो। बार एसोसिएशन का कोई भी सदस्य अपराधी की पैरवी नहीं करेगा। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए पुलिस से भी मांग की है कि अपराधी के खिलाफ मजबूत केस बनाकर सख्त सजा दिलवाए। ऐसे लोगों को फांसी की सजा हो, जिससे समाज में एक संदेश जाए तथा आने वाले वक़्त में कोई भी इस प्रकार की घटना करने की हिम्मत न करे।

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वही इस दुष्कर्म मामले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। पुलिस ने इस मामले के अपराधी भरत सोनी और राकेश मालवीय को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इसमें राकेश मालवीय को सह आरोपी बनाया है।

 बता दें, पुलिस जब भरत को घटना स्थल ले जा रही थी, तब उसने गिरफ्त से भागने का प्रयास किया। इस प्रयास में वह घायल हो गया। उसे पकड़ने के प्रयास में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। आरोपी को पुलिस ने हॉस्पिटल में भर्ती कराया है। गौरतलब है कि शहर में महाकाल थाना क्षेत्र के मुरलीपुरा में 27 सितंबर को दुष्कर्म पीड़ित एक नाबालिग बच्ची बेसुध हालत में मिली थी। बच्ची बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी।

कहा जा रहा है कि उसके कपड़े से खून टपक रहा था। उज्जैन के सांवराखेड़ी कॉलोनी में बच्ची खून से सनी ढाई घंटे तक सड़क पर भटकती रही। मगर कोई व्यक्ति उसकी सहायता को आगे नहीं आया। बच्ची ने कॉलोनी के एक घर के बाहर खड़े युवक से सहायता भी मांगी, मगर युवक ने मदद नहीं की। महाकाल थाना पुलिस को बच्ची के जो फुटेज प्राप्त हुए हैं, उसमें वह अर्धनग्न अवस्था में सड़क पर मदद मांगती नजर आई थी। वही अब पुलिस द्वारा मामले की सख्त कार्यवाही की जा रही है।

दिल्ली आ रहा हूं, रोक सको तो रोक लो..', ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने दी ED को खुली चुनौती, भर्ती घोटाले में भेजा था समन

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तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि वह शिक्षक भर्ती घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 3 अक्टूबर के लिए जारी किए गए समन को छोड़कर दिल्ली में पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। उन्होंने जांच एजेंसियों के अधिकारियों को चुनौती देते हुए कहा कि, 'अगर रोक सकते हो तो मुझे रोक लो।' बता दें कि, कोलकाता हाई कोर्ट ने बीते दिनों ही जाँच एजेंसियों को निर्देश देते हुए कहा था कि, वे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेंगे, इसके बाद अब ममता के भतीजे ने अधिकारीयों को खुली चुनौती दी है। 

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अभिषेक ने आरोप लगाया कि ED उन्हें उन दिनों समन जारी करेगी, जब उनकी कुछ महत्वपूर्ण व्यस्तताएं होंगी। TMC सांसद ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत बंगाल के लोगों के लिए लड़ने के उनके समर्पण में बाधा नहीं बन सकती है और वह 2 और 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। अभिषेक ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "पश्चिम बंगाल और उसके उचित देय से वंचित होने के खिलाफ लड़ाई बाधाओं के बावजूद जारी रहेगी। विश्व की कोई भी ताकत पश्चिम बंगाल के लोगों और उनके मौलिक अधिकारों के लिए लड़ने के मेरे समर्पण में बाधा नहीं बन सकती। मैं 2 और 3 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली में रहूंगा। यदि रोक सकते हो तो मुझे रोको।" 

गुरुवार को, उन्होंने ED के समन की तस्वीर साझा की और कहा कि जांच एजेंसी ने पहले उनसे दिल्ली में भारत की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन खुद को पेश होने के लिए कहा था, जिसका उन्होंने पालन किया। अभिषेक ने केंद्र पर परोक्ष रूप से कटाक्ष करते हुए कहा कि नियोजित विरोध प्रदर्शन के दिन मौजूदा समन "उन लोगों को उजागर करता है जो वास्तव में परेशान, घबराए हुए और डरे हुए हैं!" उन्होंने कहा कि, "इस महीने की शुरुआत में, ED ने मुझे दिल्ली में INDIA (विपक्षी गठबंधन) की एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक के दिन बुलाया था। मैं कर्तव्यनिष्ठा से उपस्थित हुआ और दिए गए समन का पालन किया।" ममता बनर्जी के भतीजे ने कहा कि, 'अब, आज एक बार फिर उन्होंने मुझे उस दिन उनके सामने पेश होने के लिए एक और समन भेजा है, जब पश्चिम बंगाल के वाजिब बकाए के लिए 3 अक्टूबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन होना है। यह स्पष्ट रहस्योद्घाटन स्पष्ट रूप से उन लोगों को उजागर करता है जो वास्तव में परेशान, डरे हुए और डरे हुए हैं।' 

'देश में सांप्रदायिक शक्तियों का बोलबाला, संविधान बदलने की काफी कोशिशें हो रहीं..', केंद्र पर लालू यादव का हमला

दिल्ली से लंदन तक उत्तराखंड की धामी सरकार ने जुटाया 19600 करोड़ का निवेश, लक्ष्य की ओर बढ़ते कदम, लिथियम बैट्री भी राज्य में बनेगी

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वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए दिल्ली से लंदन तक धामी सरकार ने अब तक 19600 करोड़ का निवेश जुटा दिया है। सरकार ने सम्मेलन से पहले लगभग 30 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। वहीं लिथियम बैट्री के भी राज्य में निर्माण का रास्ता खुल गया है। दो हजार करोड़ रुपए के निवेश पर बात बन गई है।

शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ब्रिटेन के तीन दिवसीय दौरे से लाैटेंगे। दिसंबर माह में आने वालेे वैश्विक निवेश सम्मेलन के लिए दिल्ली में 14 सितंबर को करटेन रेजर में 7600 करोड़ के निवेश पर एमओयू किया गया। इसके अलावा ब्रिटेन के लंदन और बर्मिंघम में पहले अंतरराष्ट्रीय रोड शो में 1200 करोड़ का निवेश जुटाया गया।

अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में दुबई, सिंगापुर और कनाडा में अंतरराष्ट्रीय रोड शो आयोजित होने है। साथ ही दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़, बंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई में रोड शो के माध्यम से निवेशकों को राज्य में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों के 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक में बृजभूषण शरण सिंह व केपीएस गिल का नाम लेकर भी युवाओं को बरगलाया

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खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों से बुलाए गए 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक हुई थी।

खालिस्तान को लेकर जिस बड़ी बैठक को अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में आयोजित किया गया था उसमें कई तरह की खतरनाक साजिशों का खुलासा हुआ है। वाशिंगटन में आयोजित इस टॉप सीक्रेट मीटिंग में खालिस्तानी आतंकियों और चरमपंथियों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का नाम लेकर न सिर्फ अपने एजेंडे को जोड़कर उससे आगे बढ़ाने की साजिश को अंजाम दिया। बल्कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और भारतीय हॉकी संघ के अध्यक्ष रहे केपीएस गिल का जिक्र कर सिख युवाओं और कम्युनिटी को अपने साथ जोड़ने की बड़ी साजिश रची गई।इनके नाम लेकर भी युवाओं को बरगलाने की।कोशिश की गई थी।

केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में वाशिंगटन में दुनिया के 14 मुल्कों से बुलाए गए 40 खालिस्तान चरमपंथी और आतंकियों की बैठक हुई थी। इस बैठक में सिखों को भावनात्मक तौर पर अपने साथ जोड़ने और खालिस्तान की मांग को बुलंद करने के लिए न सिर्फ भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह का नाम लिया गया बल्कि पंजाब के युवाओं में खेलकूद के नाम पर भी जहर बोने की योजना बनाई गई।

खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बैठक के दौरान खालिस्तानी चरमपंथियों और कुछ आतंकियों ने मिलकर बाकायदा इस बात का प्रोपेगेंडा फैलाना शुरू किया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के खिलाड़ियों खास तौर से कुश्ती और हॉकी में पीछे करने के लिए हिंदूवादी नेताओं को आगे कर दिया है। इस वजह से अपने पुश्तैनी खेलों में हमारे खिलाड़ी न सिर्फ पिछड़ते रहे बल्कि उनको पूरी तरह से खत्म करने की साजिश भी की गई। इस बैठक के दौरान दुनिया के 14 अलग-अलग देश से पहुंचे खालिस्तानी चरमपंथियों ने केंद्र सरकार को खिलाड़ियों के नाम पर मतभेद किए जाने का भी मुद्दा उठाकर माहौल को खराब करने की कोशिश की।

उत्तराखंड के जोशीमठ में भूधंसाव से ही आई थीं घरों में दरारें, सीबीआरआई रुड़की के वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में खुलासा

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 सीबीआरआई रुड़की की रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में सैकड़ों भवनों में आईं दरारों के पीछे मूल कारण जमीन का धंसना था। यही नहीं जोशीमठ में जिस जगह जमीनों में लंबी दरारें आई हैं, वहीं ज्यादातर कमजोर इमारतें बनाई गई थीं। यही नहीं भूमि धंसने के बाद जोशीमठ की पहाड़ियों पर संवेदनशीलता और भी बढ़ गई है। अतिसंवेदनशील भवनों में दरारों की चौड़ाई पांच मिलीमीटर से अधिक थी। जबकि मध्यम रूप से संवेदनशील भवनों में आई दरारें दो से पांच मिलीमीटर तक चौड़ी थीं।

सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो बताते हैं कि जनवरी में भूधंसाव के दौरान 300 मिलीमीटर तक चौड़ाई और तीन से चार मीटर गहराई की करीब 40 दरारें आई हैं। नुकसान इन्हीं दरारों के आसपास बने भवनों को हुआ है। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. अजय चौरसिया का कहना है कि रिपोर्ट में प्रत्येक तथ्य को बारीकी से अध्ययन में शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट के आधार पर उपाय किए जाने जरूरी हैंै।

सबसे जरूरी है जोशीमठ की पहाड़ी में इमारतों की मैपिंग, खतरनाक क्षेत्रों के आकलन और उनके कारणों की पहचान करना, हिमालयी क्षेत्र में निर्माण कार्यों का मैनुअल तैयार करना और सख्ती से पालन कराना, पहाड़ों पर भूवैज्ञानिक आधार पर सुरक्षित भूमि का मानचित्र तैयार करना, पूर्व चेतावनी प्रणाली के जरिए सतत निगरानी और आपदा का पूर्वानुमान जारी करना आदि। उन्होंने कहा कि भविष्य के खतरे और चुनौतियों को देखते हुए सभी वैज्ञानिक पहलुओं पर काम जरूरी है।

मोटे दाने की चट्टानों पर निर्माण करना पड़ा भारी

वैज्ञानिक डॉ.अजय चौरसिया के अनुसार जोशीमठ हिमालय में 890 मीटर की ऊंचाई पर अलकनंदा नदी के बाएं किनारे पर उत्तरी ऊपरी-मध्य ढलान पर मे सेंट्रल थ्रस्ट (एमसीटी) पर स्थित है। जोशीमठ में उत्तर की ओर झुकने वाली चट्टानों के चलते ढलान बना है। पुराने भूस्खलन मोटे दाने वाले मलबे की सामग्री के जमा होने से बनी विशाल चट्टानें और उस पर निर्माण कार्यों का भारी दबाव भवनों में दरार का बड़ा कारण है। इसके अलावा समय-समय पर पानी की सही निकासी नहीं होने और हिमनदी के कटाव के कारण पुराने भूस्खलन फिर से सक्रिय हो गए। जो स्थिति को और भी खतरनाक बना रहे हैं।

क्या दिल्ली में बंद हो गया अफगानिस्तान का दूतावास?जानें क्या है पूरा मामला

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भारत में अफगानिस्तान के दूतावास को बंद किए जाने की खबर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत में अफगानिस्तान का दूतावास नई दिल्ली में अपना कामकाज बंद कर रहा है। दावा यह भी किया गया है कि अफगान एजेंसी ने इस संबंध में जानकारी दी है। दावा है कि अफगानिस्तान के दूतावास ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया है।अफगान दूतावास के इस कथित पत्र की जांच की जा रही है।

पिछले कुछ दिनों से यह खबरें मिल रही हैं कि भारत में अफगानिस्तान अपना दूतावास बंद करने जा रहा है। अफगान दूतावास द्वारा अपना परिचालन बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस संबंध में एक संचार पत्र जारी किया है। संचार पत्र की प्रामाणिकता और इसकी सामग्री की जांच की जा रही है।

फ़रीद मामुंडज़े भारत में अफगानिस्तान के राजदूत के रूप में काम कर रहे थे। फिलहाल वह लंदन में हैं। तालिबानी टेकओवर से पहले गनी सरकार ने उन्हें दिल्ली में नियुक्त किया था। अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी वह भारत में अफगान राजदूत के रूप में काम कर रहे हैं।

अप्रैल-मई में अफगान दूतावास में अंतर-कलह की खबरें सामने आई थी। पता चला कि तालिबान अपनी तरफ से यहां दूत नियुक्त करने वाला है। तालिबान द्वारा ममुंदजई की जगह नई दिल्ली में मिशन का नेतृत्व करने के लिए प्रभारी राजदूत की नियुक्ति की रिपोर्ट के बाद दूतावास में आंतरिक कलह शुरू हो गई थी। हालांकि बाद में दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा था कि मिशन के नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं हुआ है।अफगान दूतावास में 2020 से व्यापार पार्षद के रूप में काम कर रहे कादिर शाह ने इसी साल अप्रैल के अंत में विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर दावा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा दूतावास में चार्जे डी अफेयर्स (प्रभारी राजदूत) के रूप में नियुक्त किया गया है।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानियों की सरकार आने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध विच्छेद हो चुके हैं। मगर अफगान के दूतावास को भारत ने अभी तक बंद नहीं किया है। भारत ने अभी तक तालिबान की आंतरिक सरकार को मान्यता नहीं दी है। भारत अफगानिस्तान में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है। साथ ही इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

खालिस्तानी आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- निज्जर की मौत का लेंगे बदला, भारत में आतंक का वर्ल्ड कप होगा

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खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत में शुरू हो रहे क्रिकेट विश्वकप में हमला करने की धमकी दी है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने ऑडियो क्लिप जारी कर क्रिकेट वर्ल्ड कप को लेकर धमकी दी है।बता दें कि भारत 5 में अक्टूबर से 13वें वनडे वर्ल्ड कप की शुरुआत हो रही हैष पहली बार पूरा टूर्नामेंट भारत में खेला जा रहा है। 10 टीमों वाले इस वर्ल्ड कप के लिए लगभग सभी टीमें भारत पहुंच गई हैं, जिसमें पड़ोसी देश पाकिस्तान भी शामिल है।

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पिछले कुछ दिनों से खालिस्तान को लेकर भारत और कनाडा के रिश्ते तल्ख हो रखे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर अपने ‘एजेंट्स’ के जरिये कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था।तनाव भरे इस माहौल के बीच कनाडा में बने ‘सिख फॉर जस्टिस’ नाम के खालिस्तानी आतंकी संगठन के प्रमुख पन्नू लगातार भारत को धमका रहा है। अब एक बार फिर वर्ल्ड कप के बहाने पन्नू ने धमकी दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पन्नू ने एक मैसेज में भारत में होने जा रहे वर्ल्ड कप को निशाना बनाने की धमकी दी है। पन्नू ने इस मैसेज में कहा है कि भारत में 5 अक्टूबर से वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है लेकिन 5 अक्टूबर से उनका संगठन वर्ल्ड टेरर कप यानी आतंक का वर्ल्ड कप शुरू करेगा।

वर्ल्ड कप पर हमला करने की धमकी देने वाले पन्नू की एक कॉल रिकॉर्डिंग पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओटावा में भारतीय राजदूत संजय कुमार वर्मा पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का अपमान करने का आरोप लगाया है। वायरल हुए ऑडियो में पन्नू ने कहा,शहीद निज्जर की हत्या पर, हम आपकी गोली के खिलाफ मतपत्र का उपयोग करने जा रहे हैं। हम आपकी हिंसा के खिलाफ वोट का इस्तेमाल करने जा रहे हैं। याद रखें, इस अक्टूबर में वर्ल्ड क्रिकेट कप नहीं होगा। यह वर्ल्ड आतंक कप की शुरुआत होगी। यह संदेश एसएफजे जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू का है।

गुरपतवंत सिंह पन्नू वे आगे कहा, "भारत और मोदी शासन ने प्रधानमंत्री ट्रूडो का अपमान किया है। मोदी शासन, यह सलाह दी जाती है कि आप ओटावा में अपना दूतावास बंद करें और अपने राजदूत वर्मा को वापस लाएं। यह सलाह कनाडाई लोगों की है और यह सलाह एसएफजे जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नू की है। हम प्रधानमंत्री ट्रूडो का अनादर करने के लिए मोदी और राजदूत वर्मा को जिम्मेदार ठहराएंगे।

भारत से सख्त तेवर के आगे झुके कनाडा के पीएम ट्रूडो, कहा-भारत आर्थिक ताकत, संबंध मजबूत करने को लेकर गंभीर

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“ऊंट पहाड़ के नीचे आना” ये कहावत तो सही ने सुनी होगी। जो कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर बड़ी ही सटीक बैठ रही है। दरअसल, भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यू-टर्न ले लिया है। आरोप के बाद भारत की सख्ती के बाद कनाडा के सुर बदलते दिख रहे हैं। अब ट्रूडो ने भारत को उभरती ताकत बता कर उसके साथ घनिष्ठ संबंध बनाने की इच्छा जाहिर की है।

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कनाडा के अखबार नेशनल पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ट्रूडो ने कहा है कि वह अभी भी भारत के साथ मजबूत और घनिष्‍ठ संबंधों को कायम रखने पर प्रतिबद्ध हैं। ट्रूडो के मुताबिक वो भारत के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं। उनकी मानें तो दुनिया भर में भारत का कद और उसका प्रभाव बढ़ रहा है। ऐसे में यह 'बेहद महत्वपूर्ण' है कि कनाडा और उसके सहयोगी भारत के साथ जुड़े रहें।कनाडाई प्रधानमंत्री ने कहा, भारत एक बढ़ती आर्थिक शक्ति और महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक खिलाड़ी है और जैसा कि हमने पिछले साल अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति प्रस्तुत की थी, हम भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने को लेकर बहुत गंभीर हैं। 

हालांकि ट्रूडो ने निज्‍जर मामले में फिर वही पुरानी बात भी दोहराई। ट्रूडो ने कहा, उसी समय हमें जाहिर तौर पर, कानून के शासन वाले देश के रूप में, हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि हमें इस मामले के पूरे तथ्य मिलें। ट्रूडो ने कहा, यह कुछ ऐसा है जिसे सभी लोकतांत्रिक देशों, कानून के शासन का सम्मान करने वाले सभी देशों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।हम भारत सरकार के प्रति अपने दृष्टिकोण सहित अपने सभी साझेदारों के साथ कानून के शासन में रहते हुए एक विचारशील, जिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत और कनाडा के रिश्ते बेहद नाजुक दौर में हैं। साथ ही दोनों देशों के बीच मचे कूटनीतिक घमासान के बीच भारत-अमेरिका के विदेश मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक हुई है। हालांकि, वॉशिंगटन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात के दौरान खालिस्तानी आतंकी निज्जर के मारे जाने का मुद्दा उठा या नहीं ये साफ नहीं हो पाया विदेश विभाग में इस भेंटवार्ता से पहले ब्लिंकन के साथ मीडिया के सामने जयशंकर ने कहा, यहां आकर अच्छा लगा, जी20 सम्मेलन के लिए सभी तरह की सहयोग के लिए अमेरिका को धन्यवाद।

लहीं, ब्लिंकन ने कहा कि जी20 और न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र समेत पिछले कुछ सप्ताह में विभिन्न मौकों पर उनकी अच्छी चर्चा रही है। उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के साथ चर्चा को लेकर आशान्वित हैं। वैसे दोनों नेताओं ने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, इंफाल घाटी में सीएम के पैतृक आवास पर हमला

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मणिपुर में हालात फिर बिगड़ते दिख रहे हैं. जातीय हिंसा की वजह से पिछले चार महीने से अधिक वक्त से राज्य में अशांति है। गुरुवार की रात हिंसा और उपद्रव ने उस वक़्त नया मोड़ ले लिया जब कुछ लोगों के एक समूह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के हिंगेंग स्थित घर में घुसने की कोशिश की। हालांकि मुख्यमंत्री और उनके परिवार का कोई शख़्स वहां मौजूद नहीं था।पुलिस ने बताया कि भीड़ ने सीएम के परिवार के खाली घर पर हमला करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने भीड़ को रोक लिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से बताया कि इंफाल पूर्व के हिंगिंग इलाके में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे। पुलिस ने बताया कि भीड़ ने एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे विफल कर दिया गया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को आवासा से सौ मीटर पहले ही रोक दिया गया।एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक लगभग 500-600 लोगों ने शुरुआत में हमले में शामिल थे। हालांकि रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने इस हमले के नाकाम कर दिया। उनका कहना है कि उपद्रवी मकान में घुस पाते इससे पहले ही उन्हें वहां से तितर-बितर कर दिया गया।

इससे पहले भीड़ ने गुरुवार तड़के इंफाल पश्चिम जिले में उपायुक्त कार्यालय में भी जमकर तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने दो चार पहिया वाहनों को आग लगा दी।साथ ही गुरुवार को उग्र भीड़ ने थौबल जिले में बीजेपी मंडल कार्यालय को आग के हवाले कर दिया।आग लगाने से पहले बीजेपी कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की गई। लोगों ने मंडल कार्यालय के गेट, खिड़कियों को तोड़कर नष्ट कर दिया। इसके साथ ही कार्यालय परिसर में खड़ी एक महिंद्रा स्कॉर्पियो की विंडशील्ड भी तोड़ डाली।

दो मैतेई छात्रों का शव मिलने के बाद फिर भड़की हिंसा

दो मैतेई छात्रों के शव मिलने के बाद एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। ये दोनों छात्र, 20 साल के फिजाम हेमजी और 17 साल की हिजाम लुआनथो इनगाम्बी, जुलाई में बिष्णुपुर के पास से लापता हो गए थे लेकिन मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट बहाल होने के बाद इन दोनों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई। बाद में दोनों के शव चूराचांदपुर के पास लमदान में मिले और ये आशंका जताई गई कि इन्हें अगवा कर उनकी हत्या की गई है।इसके बाद मणिपुर में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है।

कश्मीर के इस जांबाज अधिकारी को बुलाया गया

राज्य में फिर भड़की हिंसा के बीच जम्मू- कश्मीर के श्रीनगर में तैनात एसएसपी राकेश बलवाल को मणिपुर बुलाया गया है। राकेश बलवाल को आतंकियों से निपटने के मामले में विशेषज्ञता है। वर्ष 2012 बैच के इस आईपीएस अधिकारी के मणिपुर पहुंचने पर उन्हें नई पोस्टिंग दी जाएगी। वहीं सीबीआई की एक टीम वर्तमान में इस पूर्वोत्तर राज्य में हुई हत्याओं की जांच कर रही है, जहां पर पिछले करीब 5 महीने से जातीय तनाव चल रहा है।