बीजेपी में क्या होगा शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे और रमण सिंह का भविष्य?
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मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन तीनों राज्य में चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली है। बीजेपी ने मध्यप्रदेश में प्रत्याशियों की दो सूची जारी कर दी है। वहीं, छत्तीसगढ़ में 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है। अब दूसरी लिस्ट जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि राजस्थान में भी जल्द ही 50 सीटों की लिस्ट जारी हो सकती है। बीजेपी की चुनावी तैयारियों के बीच तीन दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और रमन सिंह के भविष्य पर सवालिया निशान लगने लगे है। ये तीनों दिग्गज लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे हैं।शिवराज जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं, तो वहीं वसुंधरा राजे राजस्थान और रमन सिंह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
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दरअसल, हिंदी हार्टलैंड के मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करेगी। दो दशक में पहली बार है, जब इन राज्यों के चुनाव में बिना सीएम फेस बीजेपी मैदान में उतर रही है। तीन में से 2 राज्यों में अभी बीजेपी सत्ता से बाहर है। बीजेपी ने इस बार तीनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।माना जा रहा है कि बीजेपी इन तीनों ही राज्यों में उनके उत्तराधिकारियों की तलाश कर रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह के चुनाव लड़ने पर सस्पेंस है। वहीं, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा को टिकट तो मिल सकता है लेकिन सीएम के चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा।
शिवराज सिंह चौहान का भविष्य अस्थिर
मध्य प्रदेश चुनावों के लिए बीजेपी ने अपनी दूसरी लिस्ट जब जारी की, तो उसमें कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों का नाम देखकर सबको हैरत हुई। बीजेपी ने एमपी चुनावों की दूसरी लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत चार सांसदों को विधायकी का टिकट दिया है। कहा जा रहा है कि पार्टी ने मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनाव मैदान में उतारकर सीएम का विकल्प खुला रखा गया है। वहीं, अब तक बीजेपी ने जो दो लिस्ट जारी की हैं, उसमें शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है।ऐसे में शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक भविष्य को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भेजने के भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के फैसले ने आडवाणी-युग के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भविष्य अस्थिर कर दिया है।
वसुंधरा राजे सिंधिया को भी भेजा संकेत
माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अपने आश्चर्यजनक कदम के साथ, वर्तमान भाजपा सरकार ने वसुंधरा राजे सिंधिया को भी संकेत भेज दिया है, जो पड़ोसी राज्य राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा रखती हैं। चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज की तरह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा दो दशकों से अधिक समय से राजस्थान भाजपा की निर्विवाद नेता हैं, लेकिन वर्तमान सरकार अब उनका प्रभुत्व खत्म करना चाहती है।
भाजपा ने अब तक राजस्थान के लिए किसी मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा नहीं की है और शीर्ष पद की दौड़ को खुला रखने के लिए केंद्रीय मंत्रियों सहित कई प्रमुख नेताओं को मैदान में उतारने के मध्य प्रदेश मॉडल का अनुसरण करने की संभावना है।
रमन सिंह की स्थिति भी ठीक नहीं
शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे के अलावा एक और दिग्गज का भविष्य संकट में है।छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी चुनावी साल में एक्टिव हैं, लेकिन उनकी भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है। रमन सिंह के नेतृत्व में बीजेपी 2018 में बुरी तरह चुनाव हारी थी। इसके बाद पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उनके बेटे का भी टिकट काट दिया था। रमन सिंह कहने को अभी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर हैं, लेकिन उनके पास भी कोई बड़ा काम नहीं है। वसुंधरा राजे की तरह ही उन्हें भी किसी राज्य का प्रभार नहीं दिया गया है। छत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव रमन सिंह के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, पार्टी उन्हें ज्यादा तवज्जो देते नहीं दिख रही है। समाचार एजेंसी आईएएनएस ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से बताया कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी आलाकमान बदलाव का फैसला काफी पहले ही कर चुका है, इसलिए रमन सिंह की बजाय अन्य नेताओं को ज्यादा आगे किया जा रहा है।







Sep 28 2023, 20:00
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