आंकड़े साझा कर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाएं थोक दवा विक्रेता:सीएमओ
गोरखपुर, परिवार नियोजन के अस्थायी साधन कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों की सेवा प्रदान करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी कहीं ज्यादा है, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग नहीं होती है । अगर थोक दवा विक्रेताओं के माध्यम से आंकड़े मिलेंगे तो उनका विश्लेषण कर प्रभावी कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी । यह पता चल सकेगा कि वास्तविक असेवित लाभार्थी कितने हैं, जो साधन तो अपनाना चाहते हैं लेकिन साधनों की पहुंच नहीं है । ऐसे में सभी थोक दवा विक्रेता अपने यहां से बेचे गये साधनों के आंकड़े विभाग से साझा कर इस कार्य में मदद करें।
यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने थोक दवा विक्रेताओं के अभिमुखीकरण कार्यक्रम के दौरान एक निजी होटल में बतौर मुख्य अतिथि कहीं । स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के सहयोग से यह कार्यक्रम बुधवार को देर रात तक आयोजित किया गया । इस अभिमुखीकरण के जरिये जिले के करीब 700 थोक दवा विक्रेताओं से आंकड़े लेने की पहल की गयी है । इनके संगठन से जुड़े 44 प्रमुख प्रतिनिधियों का अभिमुखीकरण किया गया है जो बाकी थोक विक्रेताओं की मदद से विभाग के साथ आंकड़े साझा करेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि थोक दवा विक्रेताओं से मिलने वाले आंकड़े सुरक्षित रखे जाएंगे और इनका उपयोग सिर्फ अध्ययन व विश्लेषण में होगा । इनसे निकलने वाले निष्कर्षों से समुदाय को गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी । इस मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने सभी दवा विक्रेताओं से कहा कि जो फार्मेट दिये जा रहे हैं उन पर प्रति माह रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित किया जाए ।
पीएसआई इंडिया संस्था की राज्य पदाधिकारी शुभ्रा ने प्रदेश और जनपद में परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों की उपलब्धता में निजी क्षेत्र की भागीदारी के बारे में जानकारी दिया । एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी और जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद ने आश्वस्त किया कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल सकारात्मक उद्देश्य से ही किया जाएगा ।
थोका दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारी योगेंद्र दूबे और आलोक चौरसिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व संस्था के इन प्रयासों को पूरा सहयोग मिलेगा। सभी दवा विक्रेताओं से वाट्सएप पर आंकड़े एकत्रित कर साझा किये जाएंगे। देश की तरक्की में परिवार नियोजन की अहम भूमिका है । अनचाहे गर्भ से होने वाली मौतों और मातृ शिशु स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचाव के लिए गर्भनिरोधक उपायों की काफी महत्ता है । भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है । देश की तरक्की तभी हो सकेगी जबकि जनसंख्या स्थिरीकरण के मजबूत प्रयास किये जाएं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वित्त नियंत्रक राजीव वर्मा, डॉ एके वर्मा, पीएसआई इंडिया संस्था की प्रतिनिधि कृति पाठक, प्रियंका सिंह व स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी आदिल फखर समेत थोक दवा विक्रेता प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।
65 फीसदी दंपति को दे सकते हैं साधन
सीएमओ ने बताया कि अभिमुखकरण कार्यक्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 65 फीसदी दंपति ऐसे हैं जिन तक परिवार नियोजन की सेवाएं पहुंचाई जाएं और प्रेरित किया जाए तो वह कोई न कोई साधन अवश्य चुन लेंगे। सर्वे के अनुसार गर्भनिरोधक के साधनों को उपलब्ध करवाने में 46 फीसदी भागीदारी निजी दवा विक्रेताओं की है । शहरी क्षेत्रों में यह हिस्सेदारी 44.9 फीसदी है। विभाग के पास सर्वे के आंकड़े तो हैं, लेकिन वास्तवित आंकड़ों की दरकार अभी भी है।
Sep 28 2023, 18:34