उत्तरप्रदेश के मथुरा में बीती आधी रात को अचानक पटरी से उतरकर प्लेटफॉर्म पर चढ़ गई ट्रेन, गनीमत रही कि कोई नहीं हुआ हताहत
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पिछली रात रेलवे स्टेशन पर एक ट्रेन पर प्लेटफॉर्म पर चढ़ गई। हालांकि गनीमत रही कि इस के चलते कोई चपेट में नहीं आया। जब ये घटना हुई, उस वक़्त सभी सवारियां ट्रेन से उतर चुकी थीं तथा ट्रेन को बंद कर तय जगह पर खड़ा किया जाना था। उस समय ट्रेन की ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दब गया तथा ट्रेन प्लेटफॉर्म पर जा चढ़ी। प्राप्त खबर के मुताबिक, लगभग 10 बजे शटल (लोकल) ट्रेन नई दिल्ली से मथुरा पहुंची थी। यहां सवारियां ट्रेन से उतर चुकी थीं। तत्पश्चात, ट्रेन की शटरिंग (बंद) कर खड़ा करना था। कहा जा रहा है कि चालक को ट्रेन रोकने के लिए ब्रेक लगाने थे, किन्तु एक्सीलेटर दब गया। तत्पश्चात, ट्रेन अवरोधक को तोड़कर स्टेशन के ऊपर चढ़ गई।
वही यह मानवीय भूल थी या टेक्निकल मिस्टेक, अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इस घटना में किसी के नुकसान होने की खबर नहीं है। इस घटना को लेकर रेलवे प्रशासन का कोई भी अफसर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने का तैयार नहीं है। हालांकि, इंजन के हटने के पश्चात् ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। मथुरा रेलवे स्टेशन के निदेशक एसके श्रीवास्तव ने कहा कि 'ट्रेन शकूर बस्ती से आ रही थी। सभी यात्री ट्रेन से उतर गए थे। कुछ बैग इंजन के नीचे नजर आ रहे हैं। स्टेशन निदेशक ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर ट्रेन कैसे चढ़ गई, घटना की तहकीकात की जा रही है। घटना के कारण अप-लाइन पर कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। ट्रेन को प्लेटफॉर्म से हटाने का काम चल रहा है। ट्रेन को हटाने के पश्चात् अप लाइन की गाड़ियों को फिर से आरम्भ किया जाएगा।
वही यह घटना प्लेटफार्म नंबर 2 की है। रेलवे की टीम AMU ट्रेन को प्लेटफार्म से हटाने में जुट गई है। घटना के पश्चात् स्टेशन पर लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई। घटना की खबर प्राप्त होते ही रेलवे के अफसर मौके पर पहुंचे तथा जायजा लिया। रेलवे कर्मचारी व पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस मामले को लेकर लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि कोई ट्रेन की चपेट में नहीं आया, अन्यथा जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।





हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था प्रत्येक आदमी को अपना सफाई कर्मी होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आचरण में अपनाया। उन्होंने स्वच्छता को मिशन बनाया। अपने हाथों में झाड़ू उठाई। इंदौर इसका आदर्श उदाहरण है। जब स्वच्छता की भावना गहरे तक पैठ बना लेती है तब कोई शहर इंदौर बनत है।



Sep 27 2023, 17:13
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