एशियन गेम्स 2023: भारत की झोली में आया एक और सोना, 41 साल बाद इस खेल में पहली बार जीता गोल्ड मेडल

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एशियन गेम्स 2023 के तीसरे दिन भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। भारत ने तीसरे दिन तीसरा गोल्ड मेडल जीता। भारत की घुड़सवारी टीम ने 41 सालों बाद गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय घुड़सवार सुदीप्ति हजेला, दिव्यकीर्ति सिंह, अनुश अग्रवाल और हृदय छेडा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इवेंट में सोना अपने नाम किया।

भारत की घुड़सवार अनुश, सुदीप्ति, दिव्यकीर्ति, और हृदय ने ड्रेसेज इवेंट के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने 209.205 पॉइंट हासिल किए। दीव्यकीर्ति को 68.176, हृदय को 69.941 और अनुश को 71.088 पॉइंट्स मिले। भारतीय टीम चीन से 4.5 पॉइंट्स आगे रही।चीन को कुल 204.882 पॉइंट्स मिले। हॉन्ग कॉन्ग को 204.852 पॉइंट्स मिले। यह टीम तीसरे नंबर पर रही। इसी तरह चीने ताइपे की टीम चौथे और यूएई की टीम पांचवें स्थान पर रही।

भारत ने जीता तीसरा गोल्ड

भारत का एशियन गेम्स 2023 में ये तीसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले भारत ने शूटिंग और महिला क्रिकेट में गोल्ड मेडल जीता है। अब टीम इंडिया के पास कुल 14 मेडल्स हो गए हैं। भारत के पास 3 गोल्ड, 4 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल हैं। आज घुड़सवारी से पहले भारत ने सेलिंग में दो मेडल जीते थे। भारत के लिए सेलिंग में नेहा ठाकुर ने सिल्वर मेडल और इबाद अली ने ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारतीय प्लेयर्स एशियन गेम्स 2023 में बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। आज एशियन गेम्स 2023 में भारतीय हॉकी टीम ने सिंगापुर को 16-1 से हराया था। भारत की ग्रुप-स्टेज में ये लगातार दूसरा मैच जीता है। इससे पहले भारत ने उज्बेकिस्तान को मात दी थी। वहीं, शूटिंग में दिव्यांश सिंह पंवार और रमिता 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया से (18-20) से हार गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे।

एनआईए की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, खालिस्तानी और गैंगस्टर्स में गठजोड़ का पर्दाफाश, भारत से उगाही कर कनाडा में पैसा निवेश

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कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बड़ा खुलासा किया है।एनआईए की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था। निज्जर की आतंकी गतिविधियों में उसकी मदद कनाडा में पनाह लिए हुए अर्शदीप उर्फ अर्श ढल्ला करता था। अर्शदीप और निज्जर मिलकर कनाडा से 'टेरर कंपनी' चला रहे थे।ये लोग गैंग के बाकी सदस्यों को दहशत फैलाने का टास्क देते थे।

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि डल्ला हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर हत्या, टारगेट किलिंग, टेरर फाइनेंसिंग और बड़े पैमाने पर बॉर्डर पार से ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग कर रहा था। ये दोनों आतंकी कनाडा का वीजा दिलाकर अच्छी नौकरी और मोटी रकम देने का लालच देकर शूटर्स को रिक्रूट करते थे।

पंजाब में दहशत फैलाने का देते थे टास्क

एनआईए की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि ग्लोबल आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श ढल्ला ने टेररिस्ट गैंग बनाया। इसके बाद लवप्रीत सिंह उर्फ रवि, राम सिंह उर्फ सोना , गगनदीप सिंह उर्फ गग्गा और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल को कनाडा का वीजा दिलाकर वहां नौकरी का लालच दिया। एक बार जब वे उसके झांसे में आ गए, तो उन्हें शूटर के तौर पर नियुक्त कर पंजाब में दहशत फैलाने का टास्क सौंपा

जबरन वसूली और तस्करी के पैसे का ऐसा हुआ इस्तेमाल

इन खालिस्तानी सरगनाओं ने भारत में जबरन वसूली और तस्करी से हासिल पैसे को न केवल भारत और कनाडा में हिंसक वारदातों को फंड करने में लगाया, बल्कि महंगी नौकाओं, फिल्में और यहाँ तक कि कैनेडियन प्रीमियर लीग में भी निवेश किया है।एनआईए ने दावा करते हुए कि कनाडा में गलत तरीके से कमाए गए धन का प्रबंधन करने वाले शख्स की पहचान सतबीर सिंह उर्फ सैम के रूप में की गई है। एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि सैम ने इस पैसे का एक हिस्सा कनाडा में महंगी नौकाएं खरीदने, फिल्मों को फाइन्स करने और कनाडाई प्रीमियर लीग के आयोजन में निवेश किया। इस समय जेल में बंद विश्नोई ने कबूल किया कि उसे कई मौकों पर सैम से धन भी मिला था।

इसके अलावा गैंगस्टरों के वसूले गए पैसे को थाईलैंड के क्लबों और बर में भी निवेश किया गया। एनआईए ने 2019 से 2021 तक 13 मामलों की लिस्ट तैयार की है, जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला के जरिए 5 लाख से 60 लाख रुपए तक की रकम कनाडा और थाईलैंड में भेजी।जांच में सामने आया था कि दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, पंजाब हरियाणा से बिश्नोई गैंग जो पैसे जमा करता है वो थाईलैंड में मौजूद मनीष भंडारी नाम के शख्स के पास भेजा जाता है और मनीष भंडारी वो पैसा हवाले के जरिए कनाडा भेजता है।

आतंकियों को भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश

एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनैशनल के सरगना धावा सिंह और हरविंदर सिंह रिदा भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश कर रहे थे। इसी मौके पर लेरिस बिश्नोई गिरोह उनकी योजना में फिट साबित हुआ। उसका सिंडिकेट कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जिसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड शामिल हैं।

एमपी के लिए बीजेपी ने चला बड़ा दांव, दूसरी लिस्ट में 3 केन्द्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों और एक पार्टी महासचिव का नाम

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बीजेपी ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में पहली सूची के ही तरह 39 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। दो लिस्टों में बीजेपी ने अभी तक 78 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इनमें से अधिकांश सीट वह हैं, जहां भाजपा पिछले चुनाव हारी थी। 

तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट

बीजेपी की ओर से जारी लिस्ट में खास बात ये है कि इस लिस्ट में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया गया है। केंद्रीय मंत्रियों में मुरैना की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल और निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से टिकट दिया गया है।इसके अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम से विधायकी का टिकट, सीधी की सांसद रीति पाठक को सीधी से उम्मीदवार बनाया गया है। सतना के सांसद गणेश सिंह, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उतार दिया है।

7 पूर्व विधायकों को मिला टिकट

भाजपा की दूसरी लिस्ट में 7 पूर्व विधायकों के नाम हैं। इनमें श्योपुर से दुर्गालाल विजय, मुरैना से रघुराज कंसाना, सेंवढ़ा से प्रदीप अग्रवाल, डबरा से इमरती देवी, करैरा से रमेश खटीक, कोतमा से दिलीप जायसवाल, सिहावल विश्वामित्र पाठक, जुन्नारदेव से नत्थन शाह, खिलचीपुर से हजारी लाल दांगी, थांदला से कल सिंह भाबर, देपालपुर से मनोज पटेल और सैलाना से संगीता चारेल का नाम है।

इन नेताओं को उतारने के क्या मायने?

जिन तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों को पार्टी ने मध्य प्रदेश के चुनावी समर में उतारा हैं, उसके पीछे कई कारण हैं।एक तो ये कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत जमीनी पकड़ रखते हैं. जैसे नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर, गुना और मुरैना में प्रभावी हैं।गणेश सिंह सतना, राकेश सिंह अपने क्षेत्र जबलपुर, उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद, रीति पाठक सीधी क्षेत्र में प्रभावशाली नेता हैं।जो अपनी विधानसभा के अलावा आसपास की कई विधानसभा सीटो को प्रभावित कर पार्टी की झोली में सीटो की संख्या को बढ़ा सकती हैं।

बता दें कि भाजपा ने जिन 39 सीटों के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 39 में से 35 सीटों पर शिकस्त मिली थी।सियासी जानकार बताते हैं कि कमजोर सीटों पर पार्टी ने दिग्गजों को उतारने की जो रणनीति अख्तियार की है, वह मास्टरस्ट्रोक हो सकता है।

बीजेपी की दूसरी लिस्ट पर कांग्रेस का तंज

बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ विवादित ट्वीट किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, 'हार को सामने देख कर रावण ने कुंभकर्ण, अहिरावण, मेघनाद सबको उतार दिया था…बस यही दूसरी लिस्ट में हुआ है।

वहीं, कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने कहा, भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि वह न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न ही 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि भाजपा ये मान चुकी है, एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है और चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।

नई सियासी उलझन में फंसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, हाथ से निकल सकती है 'वायनाड लोकसभा सीट', पढ़िए, पूरी खबर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सियासी उलझन का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी, जो लगातार तीन बार अमेठी से सांसद रहे थे, उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में उस समय एक एक बड़ा झटका लगा, जब वह कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए। ईरानी ने इस ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सीट पर 55,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, जो कभी पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के पास थी। अमेठी से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी ने कई बार जीत दर्ज की है, राहुल गांधी भी 3 बार इस सीट से सांसद रहे। इतनी हाई प्रोफाइल सीट होने के बाद भी अमेठी विकास के मामले में काफी पीछे रहा। 2019 में पीएम मोदी ने यहा राइफल फैक्ट्री का उद्घाटन किया था, जिससे लोगों को रोज़गार मिला, इसके अलावा उसी समय प्रधानमंत्री ने जिले में 538 करोड़ रुपये की 17 विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। जिसके बाद हुए चुनाव में जनता ने भाजपा की झोली में ये सीट डाल दी।

हालांकि, राहुल गांधी अमेठी में हार का सामना करने के बाद केरल के वायनाड से जीत हासिल कर अपना राजनीतिक सम्मान बचाने में कामयाब रहे थे। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में हार के बाद वायनाड ने उन्हें बहुत जरूरी समर्थन प्रदान किया। फिर भी, हालिया समाचारों से पता चलता है कि I.N.D.I. गठबंधन के घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी को वैकल्पिक निर्वाचन क्षेत्र तलाशने की सलाह दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने सिफारिश की है कि राहुल गांधी को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। हाल ही में पार्टी की एक बैठक के दौरान, वामपंथी पार्टी के राज्यसभा सांसद पी. संदोष कुमार ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस को राहुल से अपने सहयोगियों (वामपंथी दलों) के बजाय सीधे भाजपा से मुकाबला करना चाहिए। यानी, ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जिसमे उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार से हो। इस घटनाक्रम ने राहुल गांधी की भविष्य की चुनावी पसंद और वह आगामी चुनाव किस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने का फैसला कर सकते हैं, को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह बहस सोशल मीडिया तक भी पहुंच गई है, कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि राहुल गांधी को अपना अगला निर्वाचन क्षेत्र चुनने में दुविधा का सामना करना पड़ सकता है। बात दें कि, इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि वायनाड में राहुल गांधी इसलिए जीते, क्योंकि वहां 'मुस्लिम लीग' है और मुस्लिम वोटों के कारण ही कांग्रेस वो सीट जीतने में कामयाब रही, जबकि जहाँ मुस्लिम नहीं थे उस अमेठी में राहुल की करारी हार हुई। इससे इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या राहुल गांधी एक बार फिर किसी मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर दोबारा अमेठी से ही दावेदारी पेश करेंगे। बहरहाल, इस मामले पर अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को मिलेगा दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया ऐलान

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दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान को इस साल के दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने लिखा है, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

अनुराग ठाकुर ने आगे लिखा, 'ऐसे वक्त में जब ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद से पारित किया गया है, तब वहीदा रहमान को इस लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाना गर्व की बात है। दिग्गज अदाकारा को यह सम्मान दिया जाना वास्तव में हिंदी सिनेमा की महिलाओं के लिए एक ट्रिब्यूट सरीखा है। इसके लिए वहीदा जी को बहुत बहुत बधाई'।

वहीदा रहमान ने तेलुगू फिल्मों से एक्टिंग के करियर की शुरुआत की थी। वहीदा रहमान ने करियर की शुरुआत साउथ सिनेमा की फिल्म 'रोजुलू मराई' से की। वो फिल्मों में आइटम नंबर ज्यादा किया करती थीं। एक दिन गुरदत्त की नज़र वहीदा रहमान पर पड़ी और उनकी किस्मत बदल गई। वहीदा रहमान को हिंदी फिल्मों में लाने वाले गुरदत्त ही थे।

60- 70 के दशक में वहीदा रहमान ने सिनेमा पर राज किया। उनकी शानदार एक्टिंग, डांस-एक्टिंग और खूबसूरती के लाखों दीवाने हैं. वहीदा रहमान और देव आनंद की जोड़ी को फैंस खूब पसंद करते थे। ‘सीआईडी’ से लेकर ‘गाइड’ तक दोनों ने साथ में कई शानदार फिल्में की हैं।प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, साहब बीवी और गुलाम, गाइड और खामोशी जैसी कई चर्चित फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का कमाल दिखाया है। अपने पांच दशक से अधिक की अभिनय यात्रा में पद्मश्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित वहीदा जी ने एक भारतीय नारी के समर्पण और सामर्थ्य का उदाहरण पेश किया है'।

अशोक गहलोत सरकार के मंत्री पर कसा शिकंजा, राजेंद्र यादव के घर ईडी की रेड

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राजस्थान सरकार में गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव और उनके नजदीकियों के ठिकानों पर दिल्ली से आई ईडी की टीम ने छापा मारा। मंगलवार अल सुबह ईडी की टीमें राजेंद्र यादव के ठिकाने पर पहुंची और रेड की कार्रवाई शुरू की। ईडी ने यह कार्रवाई मिड डे मिल में घोटाले को लेकर की है। इसको लेकर ईडी ने सूबे के गृह राज्यमंत्री यादव के जयपुर, कोटपूतली, बहरोड़ और विराटनगर सहित 10 ठिकानों पर दबिश दी है।

मंत्री राजेन्द्र यादव का कारोबार काफी बड़ा है। एजुकेशन से जुड़े कामकाज के साथ कई तरह के प्रोडेक्ट बनाने की फैक्ट्रियां है। इन फैक्ट्रियों और फैक्ट्रियों के दफ्तरों में अल सुबह ही ईडी की टीमें पहुंच गई। कोटपूतली इलाके में पोषाहार बनाने की एक फैक्ट्री है। उनके खिलाफ पोषाहार वितरण में धांधली करने के आरोप पूर्व में लगे थे। करीब सालभर पहले यहां आयकर विभाग की टीमों ने भी कार्रवाई की थी। अब इन्हीं ठिकानों पर ईडी की रेड हुई है।

बता दें कि पिछले साल मिड डे मील घोटाले को लेकर इनकम टैक्स ने मंत्री राजेंद्र यादव के जयपुर और कोटपूतली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। 7 सितंबर 2022 को इनकम टैक्स विभाग ने भी मंत्री यादव के 53 ठिकानों पर छापा मारा था। अब इन्हीं ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है।

दिल्ली में चोरी की बड़ी वारदात, 25 करोड़ की ज्वेलरी पर हाथ साफ, शोरूम की छत काटकर घुसे थे चोर

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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चोरों ने बड़ा हाथ साफ किया है। दिल्ली के भोगल इलाके में चोरों ने एक ज्वेलरी शोरूम में दीवार तोड़कर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने 25 करोड़ से ज्यादा की लूट को अंजाम दिया है। पुलिस शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है।

शोरूम के मालिक के मुताबिक, करीब 20 से 25 करोड़ की चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। वह रविवार को दुकान बंद करके गए थे तब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं था। शोरूम की सोमवार को छुट्टी रखी जाती है। मंगलवार की सुबह जब शोरूम खोला गया तो सभी हक्के-बक्के रह गए। शोरूम में रखी पूरी ज्वेलरी गायब है। शोरूम की दीवार में स्ट्रॉन्ग रूम के पास बड़ा छेद दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि चोर दीवार में छेद कर शोरूम में स्ट्रांग रूम तक पहुंचे होंगे।

पुलिस फिलहाल शोरूम में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में लगी हुई है. साथ ही आस-पास के लोगों और शोरूम के स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।

मणिपुर में इंटरनेट सेवा बहाल होते ही दो लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल, राज्य सरकार ने की संयम बरतने की अपील

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मणिपुर में फैली हिंसा के बाद स्थिति में सुधर को दिखते हुए इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया गया है। हालांकि इंटरनेट सेवा शुरू होने के साथ ऐसा कुछ हो गया है, जिसके बाद फिर हिंसा भड़कने की आशंका जताई जा रही है। जिसके बाद राज्य सरकार ने जनता से संयम बरतने और अधिकारियों को जांच करने देने की अपील की है।

जुलाई से मणिपुर के दो छात्र लापता थे, जिनके शव अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। तस्वीर वायरल होने के कुछ घंटों बाद, मणिपुर सरकार ने लोगों से संयम बरतने और अधिकारियों को दोनों छात्रों के अपहरण और हत्या की जांच करने की अनुमति देने को कहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मामले की जांच पहले ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई है। दोनों छात्रों की पहचान 17 साल के हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 साल के फिजाम हेमजीत के रूप में की गई है। सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, राज्य सरकार के संज्ञान में आया है कि जुलाई, 2023 से लापता दो छात्रों, फिजाम हेमजीत (20 वर्ष) और हिजाम लिन्थोइनगांबी (17 वर्ष) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं। पता हो कि राज्य के लोगों की इच्छा के अनुसार यह मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है।

अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू

बयान में आगे कहा गया, मणिपुर पुलिस केंद्रीय जांच एजेंसियों के सहयोग से दोनों छात्रों के लापता होने की परिस्थितियों का पता लगाने और हत्या करने वाले अपराधियों की पहचान करने के लिए सक्रिय रूप से चांच कर रही है।साथ ही सुरक्षाबलों ने अपराधियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान भी शुरू कर दिया है।

जुलाई के पहले हफ्ते से लापता थे दोनों छात्र

बता दें कि वायरल हो रही दो तस्वीरों में से एक में कथित तौर पर छात्रों को दो हथियारबंद लोगों के साथ दिखाया गया था और दूसरे में दो शव थे। दोनों छात्र 6 जुलाई को लापता हो गए थे। पुलिस ने पहले कहा था कि दोनों का पता नहीं चल पाया है और उनके मोबाइल फोन बंद पाए गए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि छात्रों के फोन की आखिरी लोकेशन चुराचांदपुर जिले में शीतकालीन फूल पर्यटन स्थल के पास लमदान में पाई गई थी।

यह है मामला

गौरतलब है, मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं। राज्य में तब से अब तक कम से कम 170 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा में सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।

मूडीज के दावे पर मोदी सरकार का जवाब, आधार को बताया दुन‍िया की सबसे भरोसेमंद ड‍िजि‍टल आईडी

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आधारकार्ड दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी है।भारत सरकार ने मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस की रिपोर्ट सामने आने के बाद ये बात कही है।दरअसल, मूडीज की एक रिपोर्ट में भारत के आधार कार्ड की व‍िश्‍वसनीयता पर सवाल उठाए गए थे। जिसके बाद भारत सरकार ने इसका जवाब दिया है। 

दावों को आधारहीन और सबूतों की कमी करार दिया

केंद्र ने सोमवार को मूडीज के इन दावों को आधारहीन और सबूतों की कमी करार दिया है। सरकार ने एक बयान में कहा, एक इन्वेस्टर्स सर्विस ने बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिए हुए दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी आधार के खिलाफ कई दावे किए हैं। सरकार की तरफ से कहा गया, पिछले एक दशक में एक अरब से अधिक भारतीयों ने खुद की प्रमाणिकता के लिए 100 अरब से ज्यादा बार आधार कार्ड का इस्तेमाल किया है।लोगों को आधार कार्ड पर भरोसा है। इतने लोगों की पसंद को नजरअंदाज करने का मतलब है कि एजेंसी यह करने की कोशिश कर रही है कि लोग यह जानते कि किस चीज के इस्तेमाल से उन्हें फायदा होगा।  

आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने आधार की सराहना की

बयान में कहा गया है कि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक जैसे वैश्विक निकायों ने आधार की सराहना की है। कई देशों ने समान डिजिटल आईडी सिस्टम को लागू करने के तरीके को समझने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से संपर्क किया है। मूडीज की रिपोर्ट में किसी भी रिपोर्ट या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गयाा है। मिनिस्ट्री की ओर से यह भी कहा गया है कि इस रिपोर्ट में फैक्ट का पता लगाने की भी कोशिश नहीं हुई है।आईटी मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि आधार नंबर की जानकारी भी फेक है। रिपोर्ट में सिर्फ यूआईडीएआई की वेबसाइट का रेफ्रेंस दिया गया है।

मूडीज का दावा-आधार औसत से ज्यादा गर्म मौसम में काम नहीं करता

वास्तव में मूडीज इंवेस्टर्स ने आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम की रिलायबिलिटी पर चिंता जताई है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि आधार के सिस्टम में काफी गड़बड़ी है। जिसकी वजह से आधार का बॉयोमेट्रिक उन इलाकों में काम नहीं करता है, जहां पर मौसम औसत से ज्यादा गर्म है। मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि बायोमेट्रिक तकनीक के यूज के कारण भारत की गर्म, आर्द्र जलवायु की वजह से कामगारों को उन सेवाओं से महरूम रखा जाता है,जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत मिलती है।

मूडीज ने मनरेगा को लेकर भी किया दावा

सरकार ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह से बेसलेस बताया है। मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि मनरेगा डाटाबेस में आधार की सीडिंग कामगारों को उनके बायोमेट्रिक्स का यूज कर बिना वेरिफिकेशन के की गई है। सरकार की ओर दी गई जानकारी के अनुसार कामगारों को उनका भूगदात सीधे उनके अकाउंट में डिपॉजिट किया जाता है। इसके लिए उनके बायोमैट्रिक का यूज कर वेरिफिकेशन नहीं किया जाता।

कनाडा के आरोपों के बीच भारत को मिला इस पड़ोसी देश का साथ, ट्रूडो को बताया आतंकियों का समर्थक

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भारत और कनाडा के बीच जारी राजनीतिक तनाव के बीच श्रीलंका भी मैदान में कूद गया है। श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने भी भारत-कनाडा विवाद में भारत का साथ दिया और कनाडा को लताड़ा है। भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कनाडा को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगार तक बता दिया है।

समाचार एजेंसी एनएनआई ने अली साबरी ने कहा, "कुछ आतंकवादियों को कनाडा में सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। कनाडाई प्रधानमंत्री के पास बिना किसी सबूत के कुछ अपमानजनक आरोप लगाने का यही तरीका है। यही बात उन्होंने श्रीलंका के लिए भी की, यह कहना कि श्रीलंका में नरसंहार हुआ था, एक भयानक, सरासर झूठ था। सभी जानते हैं कि हमारे देश में कोई नरसंहार नहीं हुआ।साबरी ने कहा कि कनाडा और श्रीलंका के रिश्ते ट्रूडो की 'नरसंहार' वाली टिप्पणी के कारण प्रभावित हुए हैं।

एक संप्रभु देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की सलाह

अली साबरी ने कनाडाई पीएम को एक संप्रभु देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी। साबरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी को दूसरे देशों में घुसकर यह बताना चाहिए कि हमें अपने देश पर कैसे शासन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम अपने देश को किसी और से ज्यादा प्यार करते हैं। इसीलिए तो हम अपने देश में हैं। हमें किसी और के द्वारा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए कि हमें अपने मामलों का संचालन कैसे करना चाहिए। 

पूर्व नाजी सैनिक को सम्मानित करने पर भी कसा तंज

श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कनाडा की संसद में एक पूर्व नाजी सैनिक को सम्मानित करने के लिए भी जस्टिन ट्रूडो पर कटाक्ष किया। अली साबरी ने कहा कि ‘मैंने कल देखा कि वह गए थे और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नाजियों से जुड़े किसी शख्स का जोरदार स्वागत किया था। इसलिए यह आरोप संदिग्ध है और हमने अतीत में इससे निपटा है। मुझे अचरज नहीं है कि कभी-कभी पीएम ट्रूडो अपमानजनक और बिना प्रमाण के आरोपों के साथ सामने आते हैं।

बता दें कि जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के सरगना हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हुई हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया।जिसके बाद भारत-कनाडा संबंधों में नया तनाव पैदा हो गया। भारत में नामित आतंकवादी निज्जर की 18 जून को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी। बहरहाल भारत सरकार ने इन आरोपों को ‘बेतुका और प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था।