एशियन गेम्स 2023: शूटिंग में सोने पर निशाना, भारत ने ऐसे तोड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड

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एशियन गेम्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल मिल चुका है।एशियन गेम्स के पहले दिन भारत ने 5 मेडल जीते थे लेकिन इसमें एक भी गोल्ड नहीं था। अब दूसरे दिन भारत को पहला मेडल ही गोल्ड के रूप में मिला है। यह मेडल आया है 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में। दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और रुद्रांक्ष पाटिल की तिकड़ी ने देश को यह गोल्ड दिलाया।

एशियन गेम्स में पहला गोल्ड मेडल आने के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोशल मीडिया मंच X पर रिएक्ट किया और भारतीय निशानेबाजों को बधाई दी।अनुराग ठाकुर जी ने लिखा, "हमारी तिकड़ी का शानदार प्रयास, रुद्रांक्ष पाटिल, ओलंपियन दिव्यांश पंवार और ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने 10 मीटर एयर राइफल पुरुष टीम स्पर्धा में भारत के लिए खेलों में पहला गोल्ड मेडल जीत लिया। हमारे निशानेबाजों ने टीम स्पर्धा में नया एशियाई खेल और विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए 1893.7 का अभूतपूर्व कुल स्कोर दिया है। असाधारण परिशुद्धता और स्थिरता..."

शूटिंग टीम ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

भारत को एशियन गेम्स का यह पहला गोल्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ मिला है। दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और रुद्रांक्ष पाटिल ने 1893.7 पॉइंट स्कोर किए। भारतीय तिकड़ी ने चीन के वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा। पिछले महीने ही चीन ने बाकू में 1893.3 पॉइंट स्कोर किए थे। अब वर्ल्ड रिकॉर्ड भारतीय शूटर्स के नाम हो गया है। इस इवेंट में साउथ कोरिया ने सिल्वर और चीन ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।

शूटिंग में भारत को अब तक 4 मेडल

सुबह सबसे पहले 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट हुआ। इसमें दिव्यांश सिंह पंवार, ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर और रुद्राक्ष पाटिल ने शूटिंग टीम इवेंट में भारत के लिए गोल्ड जीता है। 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में भारतीय तिकड़ी ने 1893.7 पॉइंट स्कोर किए। कोरिया गणराज्य 1890.1 स्कोर के साथ दूसरे और चीन 1888.2 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर ने 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत इवेंट में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह भारत का 9वां और दूसरे दिन चौथा मेडल है। फाइनल में रुद्रांश पाटिल चौथे नंबर पर रहे और मेडल जीतने से चूक गए। इस इवेंट में चीन को गोल्ड और साउथ कोरिया को सिल्वर मेडल मिला। इस तरह शूटिंग इवेंट्स में भारत को अब तक 4 मेडल मिल चुके हैं। इसमें एक गोल्ड, एक सिल्वर, दो ब्रॉन्ज।

कनाडा की संसद में ट्रूडो और जेलेंस्की की मौजूदगी में हिटलर के सैनिक को सम्मान, स्पीकर ने मांगी माफ़ी

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भारत को कटघरे में खड़े करकने की कोशिशों में लगे कनाडा पहले ही सुर्खियों में हैं। इसी बीच कनाडा की संसद ने ऐसा कुछ कर दिया जिससे पूरी दुनिया में किरकिरी हो रही है।दरअसल, कनाडा की संसद में तानाशाह एडोल्फ हिटलर की सेना में शामिल 98 वर्षीय यारोस्लाव हुंका, एक नाजी और एक युद्ध अपराधी का सम्मान किया गया।कनाडा की संसद में नाजी समर्थक सैनिक की सम्मान में सांसदों ने खड़े होकर ताली बजाई और उसे सम्मान दिया। इस घटना के समय यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी वहां मौजूद थे।

बता दें कि 22 सितंबर को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने कनाडा की संसद में भाषण दिया। जेलेंस्की रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के युद्ध के लिए पश्चिमी सहयोगियों से समर्थन बढ़ाने के लिए ओटावा में थे। इस भाषण के फ़ौरन बाद दूसरे विश्व युद्ध में रूस के ख़िलाफ़ लड़ने वाले यारोस्लाव हुंका का सम्मान किया गया। हाउस ऑफ कॉमन्स में स्पीकर के ध्यान दिलाने के बाद सांसदों ने खड़े होकर हुंका का सम्मान किया।स्पीकर एंथनी रोटा ने हुंका को वॉर हीरो बताया और कहा कि फर्स्ट यूक्रेनियन डिविजन से थे।

स्पीकर ने मांगी माफी

हालांकि, बाद में हुंका के बारे में ज़्यादा जानकारियां सामने आईं तो पता चला कि हुंका हिटलर की फौज में थे और नाजियों की तरफ़ से दूसरे विश्व युद्ध में लड़े थे। अब कनाडा की संसद के स्पीकर रोटा ने हुंका के सम्मान करवाए जाने को लेकर माफ़ी मांगी है।रोटा ने कहा, यूक्रेन के राष्ट्रपति के भाषण के बाद मैंने गैलरी में मौजूद एक व्यक्ति को पहचाना और उनका सम्मान करवाया। इसके बाद मुझे कुछ और जानकारियां मिलीं, जिससे मुझे अपने फ़ैसले का अफ़सोस है।

स्पीकर ने कहा- कार्रवाई के लिए पूरी जिम्मेदारी मेरी

स्पीकर एंथनी रोटा ने कहा कि जब मुझे हुंका के बारे में और जानकारी मिली तो मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ। रोटा ने कहा कि हुंका उनके जिले से हैं। उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से कनाडा और दुनिया भर में यहूदी समुदायों से माफी मांगना चाहता हूं। मैं अपनी कार्रवाई के लिए पूरी जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं।मैंने जो किया, उसके बारे में कनाडाई सांसदों या यूक्रेन के प्रतिनिधिमंडल को कुछ नहीं पता था।

पीएमओ ने कहा- हुंका को मिले निमंत्रण की नहीं थी जिम्मेदारी

वहीं, इस बवाल पर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि स्पीकर रोटा ने हुंका को सम्मानित करने के लिए माफी मांग ली है। उन्होंने हुंका को निमंत्रण जारी करने और संसद में मान्यता के लिए पूरी जिम्मेदारी स्वीकार की है। पीएम कार्यालय ने कहा कि हुंका को मिले निमंत्रण या मान्यता के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय या यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को कोई अग्रिम सूचना नहीं दी गई थी।

'मुझे रोज मिल रहीं हैं धमकियां, ये मेरी हत्या कराना चाहते हैं', बीजेपी के आरोपों पर बोले दानिश अली



डेस्क: रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनक बयान के बाद मामला अब और भी बिगड़ता जा रहा है। पहले जहां दानिश अली बीजेपी पर हमलावर थे, वहीं अब बीजेपी उनपर जवाबी हमले बोल रही है। हमलों का जवाब देते हुए दानिश अली ने कहा कि मुझे रोज धमकियां मिल रही हैं। ये लोग मेरी हत्या कराना चाहते हैं।

बीजेपी अपने सांसद पर कार्रवाई करने के बजाए उसको बचा रही है। दानिश अली ने कहा कि मैंने मीडिया में देखा कि किस तरफ से बीजेपी एक नैरेटिव बनाने की कोशिश हो रही है। मुझपर आधारहीन आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैंने कुछ ऐसी टिपण्णी की जिसपर रमेश बिधूड़ी भड़क उठे। यह बिलकुल गलत आरोप हैं।

सब कुछ रिकॉर्ड पर है। जो लोग मुझपर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि ऐसी मेरी भाषा नहीं है। यह आपकी और आपकी पार्टी बीजेपी की भाषा है। 

निशिकांत दुबे ने लगाए हैं गलत आरोप- दानिश अली 

बसपा सांसद ने कहा कि मुझपर बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाए हैं। मैं लोकसभा स्पीकर से अनुरोध करूंगा कि आप उनके भी आरोपों की जांच करा लीजिये। लेकिन मैं साफ़ कर देता हूं कि मैंने कोई अपराध नहीं किया है।

यह सब आपकी शाखाओं में सिखाया जाता होगा। आप आरोप लगा रहे हैं कि दानिश अली ने पीएम के बारे में गलत बात कही। अगर मैं ऐसा कुछ कहता तो क्या बीजेपी के सांसद चुप रहते? आप 48 घंटे बाद यह आरोप लगा रहे हैं। यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है, जिससे अपने सांसद की गलती को ढका जा सके। 

यह लोग मेरी हत्या कराना चाहते हैं- दानिश अली 

दानिश अली ने कहा कि अभी तो मेरी मौखिक रूप से लिंचिंग की जा रही है। असल में यह लोग मेरी हत्या कराना चाहते हैं। उन्होंने निशिकांत दुबे पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका आचरण ऐसा ही है। इन्होने एक ओबीसी व्यक्ति से अपने पैर धुलवाकर वह पानी उसे पिलाया था। उन्होंने कहा कि जो आरोप निशिकांत दुबे ने लगाए हैं, वो विशेषाधीकार हनन का मामला बनता है। मैं स्पीकर से अपील करूंगा कि वो इस मामले को देखें और सच को बाहर लाएं।

हादसाग्रस्त होने से बची 100 की स्पीड से जा रही राजधानी एक्सप्रेस, भैंसा को बचाने के लिए अचानक ब्रेक लगाने से इंजन का कैपलर पाइप फटा

नई दिल्ली से गुवाहाटी जा रही 20504 राजधानी एक्सप्रेस रविवार को समस्तीपुर- रोसड़ा रेलखंड पर दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर हादसा होने से बचा लिया। हालांकि अचानक ब्रेक लगाए जाने से इंजन का कैपलर पाइप फट गया, जिससे ट्रेन मौके पर ही रुक गई। बाद में ट्रेन को स्लो स्पीड से रोसड़ा स्टेशन तक ले जाया गया जहां इंजन के कैपलर पाइप को ठीक किया गया और फिर ट्रेन को कटिहार के लिए रवाना किया जा सका। इस दौरान ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक रोसड़ा स्टेशन पर रुकी रही।

रेलवे के द्वारा दी गई जानमारी के अनुसार 20504 राजधानी एक्सप्रेस रविवार को सुबह करीब एक घंटा लेट से समस्तीपुर 6.44 बजे पहुंची थी और 6.49 बजे कटिहार के लिए खुली थी। ट्रेन करीब 7.10 बजे समस्तीपुर- रोसड़ा स्टेशन के बीच अंगारघाट स्टेशन से आगे गुमटी नंबर 27 के पास से गुजर रही थी इसी दौरान समस्तीपुर से 100 की स्पीड से जा रही राजधानी एक्सप्रेस के सामने अचानक एक भैंसा आ गया। इस दौरान चालक द्वारा इंमरजेंसी ब्रेक लगाया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया। लेकिन इंजन का कैपलर पाइप फट गया। कैपलर पाइप फटते ही ट्रेन रूक गई। इस दौरान रेलवे कंट्रोल को सूचना दिए जाने के बाद चालक ने ट्रेन को धीमी गति से रोसड़ा स्टेशन तक लाया।

डेढ़ घंटे तक रुकी रही ट्रेन 

रोसड़ा स्टेशन पर राजधानी एक्सप्रेस के कैपलर पाइप को ठीक किया गया। तब जाकर ट्रेन को कटिहार के लिए रवाना किया जा सका। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन रोसड़ा स्टेशन पर रुकी रही। ट्रेन को 8.40 में रोसड़ा से रवाना किया गया।

समस्तीपुर रेलवे मंडल के डीआरएम विनय श्रीवास्तव ने बताया कि चालक की सूझबूझ के कारण बड़ा हादसा टल गया। हालांकि इंजन का कैपलर पाइप फट गया था। इस वजह से सिंगल पाइप से ट्रेन को चला कर रोसड़ा तक लाया गया, जहां इंजन को ठीक कर फिर कटिहार के लिए रवाना किया गया। इस दौरान करीब डेढ़ घंटे तक ट्रेन रुकी रही। विनय श्रीवास्तव ने बताया कि इस हादसे में जान माल का नुकसान नहीं हुआ।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष किए नियुक्त, शशिकांत सेंथिल बने राजस्थान के नए अध्यक

मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज यानी रविवार को राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सेंट्रल वॉर रूम के अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए शशिकांत सेंथिल को अध्यक्ष के रूप में चुना गया। कैप्टन अरविंद कुमार लोकेश शर्मा और जसवन्त गुजर को सह-अध्यक्ष के रूप में चुना गया है।

अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष की नियुक्ती

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अध्यक्ष और सह-अध्यक्ष पदों की नियुक्ती कर ली हैं। अध्यक्ष पद के लिए शशिकांत सेंथिल और सह-अध्यक्ष पद के लिए लोकेश शर्मा, जसवन्त गुजर और कैप्टन अरविंद कुमार को नियुक्त किया गया है।

राहुल गांधी का भाजपा पार्टी पर आरोप

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में राजस्थान में कार्यकर्ता सम्मेलन से चुनाव अभियान की शुरुआत की है। बीतें शनिवार राहुल गांधी ने शनिवार को दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी विवाद पैदा करने वाली पार्टी है। भाजपा पार्टी इंडिया और भारत के मुद्दे को लेकर विवाद पैदा करना चाहती थी, इसी वजह से जब विशेष सत्र बुलाया गया, तो महिला आरक्षण विधेयक की कोई बात नहीं की गई।

पीएम मोदी की परिवर्तन संकल्प महासभा

जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर के दादिया गांव में 25 सितंबर को परिवर्तन संकल्प महासभा को संबोधित करेंगे।

भाजपा पार्टी का परिवर्तन संकल्प यात्रा

अभी पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी ने जयपुर में ‘परिवर्तन संकल्प यात्रा’ शुरू की थी। इस यात्रा से जयपुर में 200 विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचा और 9000 किलोमीटर से अधिक की दूरी को तय किया जा सकता है, यात्रा को 1 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचना का लक्ष्य रखा गया है।

भोपाल में 25 सितम्बर को भाजपा कार्यकर्ताओं का होगा महाकुंभ, इसमें करीब 10 लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने का लक्ष्य, तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय जनता पार्टी महाकुंभ का आयोजन कर रही है। यह महाकुंभ कोई धार्मिक महाकुंभ नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं का महाकुंभ है। भोपाल में लाखों की संख्या में कार्यकर्ताओं के जमा होने का लक्ष्य तय किया गया है। 25 सितंबर को भाजपा इसका आयोजन कर रही है, जिसमें करीब 10 लाख कार्यकर्ताओं को लाने का लक्ष्य तय किया गया है। भोपाल के जंबूरी मैदान में इस महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ताओं के इस महाकुंभ के जरिए कई रिकॉर्ड तोड़ने वाली है। भाजपा इसकी तैयारियों में जुट चुकी है और इसकी तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। 

भाजपा कार्यकर्ताओं का महाकुंभ

राजधानी भोपाल में हर जगह भाजपा के झंडे लगाए गए हैं। झंडों के साथ धन्यवाद प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार की योजनाओं के पोस्टर लगाए गए हैं। बता दें कि राज्यभर के बूथों से करीब 10 लाख कार्यकर्ताओं के भोपाल आने की उम्मीद है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव जीतने का मंत्र देंगे। इस कार्यकर्ता महाकुंभ में केवल रजिस्टर्ड कार्यकर्ता ही शामिल होंगे। बिना रजिस्ट्रेशन के इस कार्यक्रम में कोई कार्यकर्ता शामिल नहीं हो सकेगा। इसके लिए बूथ लेवल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है। 

लाडली बहनों को सीएम शिवराज देंगे तोहफा

जानकारी के मुताबिक भाजपा हर पांच साल पर बूथ लेवल कार्यकर्ताओं के जमावड़े के लिए इस तरह का आयोजन करती है। हर 5 साल बाद 25 सितंबर के दिन ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। पिछले साल भी भोपाल में इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें अबतक के सबसे अधिक कार्यकर्ता महाकुंभ में भाग लेने आए थे। पिछली बार 3 लाख 70 हजार कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहनों से भी जल्दी ही मुलाकात कर उन्हें तोहफा देने वाले हैं। सीएम शिवरा 3 अक्टूबर को शहडोल में लाडली बहनों से मुलाकात करें। इस बार 10 की जगह 3 अक्टूबर को ही लडली बहन योजना की किश्त को वे ट्रांसफर करेंगे। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि इस बार किश्त को बढ़ाकर 1500 रुपये किया जा सकता है।

अमेरिका में बना दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा मंदिर, 183 एकड़ में फैले स्वामीनरायण अक्षरधाम में हैं 10 हजार मूर्तियां

डेस्क: आधुनिक युग में भारत के बाहर अमेरिका के न्यूजर्सी में दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इसे बनाने में करीब 14 वर्ष लगे। यह 183 एकड़ में फैला हुआ है। भारत के बाहर निर्मित दुनिया के दूसरे सबसे बड़े हिंदू मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर को न्यू जर्सी में होगा। न्यूयॉर्क स्थित टाइम्स स्क्वायर से लगभग 60 मील दक्षिण में और वाशिंगटन डीसी से लगभग 180 मील उत्तर में स्थित न्यूजर्सी के रॉबिन्सविले टाउनशिप में बीएपीएस (बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण 2011 में शुरू हुआ था और इसके निर्माण में 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने मदद की। मंदिर के औपचारिक उद्घाटन से पहले ही यहां दर्शन के लिए रोजाना हजारों लोग आते हैं।

अधरधाम के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर 183 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है। इस मंदिर को प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार बनाया गया है और इसमें 10,000 मूर्तियों एवं प्रतिमाओं, भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों और नृत्य रूपों की नक्काशी सहित प्राचीन भारतीय संस्कृति को दर्शाया गया है। यह मंदिर कंबोडिया स्थित अंकोरवाट के बाद संभवत: दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। बारहवीं सदी में निर्मित अंकोरवाट मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, जो 500 एकड़ में फैला है। यह यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन) का विश्व धरोहर स्थल है।

नई दिल्ली का अक्षरधाम मंदिर 100 एकड़ में बनाया गया है

नयी दिल्ली स्थित अक्षरधाम मंदिर 100 एकड़ में बना है। इसे 2005 में आम लोगों के लिए खोला गया था। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के अक्षरवत्सलदास स्वामी ने कहा, ‘‘हमारे आध्यात्मिक नेता (प्रमुख स्वामी महाराज) की सोच थी कि पश्चिमी गोलार्ध में एक ऐसा स्थान होना चाहिए जो केवल हिंदुओं, केवल भारतीयों या केवल कुछ लोगों के समूहों का न होकर दुनिया के सभी लोगों के लिए हो। यह स्थान पूरी दुनिया के लिए होना चाहिए, जहां लोग आ सकें और हिंदू परंपरा के कुछ मूल्यों, सार्वभौमिक मूल्यों को सीख सकें। ’’

 बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था के वरिष्ठ धार्मिक नेता मीडिया को आमतौर पर साक्षात्कार नहीं देते। अक्षरवत्सलदास स्वामी ने कहा, ‘‘यह उनकी (प्रमुख स्वामी महाराज की) इच्छा थी और यह उनका संकल्प था। उनके संकल्प के अनुसार, यह अक्षरधाम पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला के अनुरूप बनाया गया है।’’ इस मंदिर का औपचारिक रूप से उद्घाटन आठ अक्टूबर को किया जाएगा और इसे 18 अक्टूबर से आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।

मणिपुर में फिर उग्रवादी समूहों की गतिविधियों से बढ़ी असम राइफल्स की चिंता, राज्य की पुलिस को पत्र लिखकर किया आगाह

3 मई को मणिपुर में खूब दंगा फसाद हुआ। इसके बाद प्रदेश में कुछ महीनों तक शांति रही। अब स्थिति सामान्य होती दिख रही है। यहां के लोगों की दिनचर्या धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है। ऐसे में राज्य में भी सरकारी प्रतिबंधों में छूट दी जा रही है। ऐसे में यहां उग्रवादी समूहों द्वारा कुछ गतिविधियां की जा रही हैं, जिससे असम राइफल्स की चिंता बढ़ गई है।

इस बीच असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को एक लेटर लिखा है। पत्र में असम राइफल्स ने कहा कि ऐसे ट्रकों का इस्तेमाल विद्रोही समूहों द्वारा किया जा रहा है, जिन पर अर्धसैनिक चिन्ह लगा हुआ है। असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस को लेटर लिखकर कहा है कि काकचिंग जिले में ऐसे कई ट्रकों का उपयोग किया जा रहा है। इस ट्रक को पैरामिलिट्री ट्रक की तरह मॉडिफाई किया गया है।

पत्र में कहा गया है कि इस ट्रक को संशोधित कर असम राइफल्स की छवि खराब करने का इरादा था। साथ ही इसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में भी किया जा सकता है. असम राइफल्स ने चुराचांदपुर पुलिस से काकचिंग जिले के एसपी और उच्च अधिकारियों को सूचित करने की अपील की है। वहीं, मणिपुर राज्य सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए कई महीनों से बंद पड़ी इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने का ऐलान किया है।

भारत ने आधिकारिक तौर पर कनाडा को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी अभयारण्य किया घोषित, पाक के बाद अब कनाडा को कहा 'आतंकियों की जन्नत'

डेस्क: Safe Haven for terror...। सरल शब्दों में कहें तो आतंकियों की जन्नत। भारत ने पहली बार पाकिस्तान के बाद यह शब्द किसी दूसरे देश के लिए इस्तेमाल किया है। यह देश है कनाडा। कुछ बरस पहले तक भारत के अच्छे दोस्तों में शुमार रहे कनाडा ने वह दर्द दिया है, जिससे रिश्तों में अब बड़ी गांठ पड़ गई है।

 भारत के बार-बार कहने के बावजूद देश को तोड़ने की कोशिश करने वाले खालिस्तानी आतंकियों पर कनाडा सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। हाल में जो लिस्ट सामने आई हैं उससे पता चलता है कि कैसे करीब एक दर्जन गैंगस्टर जाकर वहां पनाह लिए बैठे हैं। लोकतंत्र और मानवाधिकार के नाम पर कनाडा धीरे-धीरे वो करने लग गया जो पाकिस्तान 1947 से करता आ रहा है। भारत के खिलाफ नफरत फैलाने वाले और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का अड्डा बन गया। 

अब एक खालिस्तानी आतंकी की आपसी रंजिश में हत्या हुई तो अलगाववादियों को खुश करने के लिए पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत से संबंधों को भी बेपटरी कर दिया। एक्सपर्ट, वहां की मीडिया और विपक्ष भी पूछ रहा है कि प्रूफ कहां है। इतना बड़ा संगीन आरोप लगाने से पहले सबूत तो सामने रखा होता। कुछ घंटे पहले उन्होंने आरोप दोहराया लेकिन सबूत नहीं दिया। दूसरी तरफ वहां खालिस्तानी भारतीय हिंदुओं को धमका रहे हैं, मिशनों पर हमले की धमकी दे रहे हैं और पीएम ट्रूडो इस बात पर मौनव्रत में चले जाते हैं।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘कनाडा में अलगाववादियों को पनाह दी जा रही है। हम चाहते हैं कि कनाडा की सरकार ऐसा ना करे। वह आतंकवाद के आरोपों का सामना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे या फिर उन्हें अदालत के कठघरे में खड़ा करने के लिए भारत भेजे।’ उन्होंने बताया है कि भारत ने कुछ वर्षों में कम से कम 20 से 25 लोगों से संबंधित प्रत्यर्पण अनुरोध या अन्य सहायता के लिए कनाडा से अनुरोध किया लेकिन कोई उपयुक्त प्रतिक्रिया नहीं मिली।

अब ऐक्शन तो होना ही था। दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा तो भारत ने कनाडा से दिल्ली में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को कह दिया। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि भारत में कनाडाई राजनयिक कर्मचारियों की संख्या वहां मौजूदा भारतीय राजनयिक कर्मचारियों की तुलना में ज्यादा है। इसमें समानता होनी चाहिए। भारत ने पहले ही कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ और निजी हितों से प्रेरित बताकर सिरे से खारिज कर चुका है। एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया गया।

 खालिस्तानी अलगाववादी निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया में दो नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। भारत ने निज्जर को 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। दिलचस्प है कि एक दिन पहले भी वहां एक पंजाबी गैंगस्टर की दूसरे गैंग ने हत्या कर दी।

जी हां, हरदीप सिंह निज्जर कोई पहला कट्टरपंथी नहीं है जिसे बचाने के लिए कनाडा सरकार आगे आई है। खुफिया अधिकारियों की मानें तो एयर इंडिया के कनिष्क प्लेन बम धमाके के गुनहगार तलविंदर सिंह परमार को भी कनाडा सरकार ने इसी तरह से संरक्षण दिया था। उस समय जस्टिन ट्रूडो के पिताजी पियरे ट्रूडो पीएम थे। इस तरह से देखें तो वह अपने पिता के ही नक्शेकदम पर चल रहे हैं।

यह बड़ी बात है कि भारत ने सीधे तौर पर कनाडा को आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बताया है। इस उत्तर अमेरिकी देश के लिए वीजा सेवाओं को यह कहते हुए निलंबित कर दिया गया कि भारतीय राजनयिक खालिस्तानी तत्वों से पैदा हुए खतरों के कारण अपना काम करने में असमर्थ हैं। भारत ने यह भी कहा है कि कनाडा के राजनयिक भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, ऐसे में दिल्ली में वह अपनी राजनयिक मौजूदगी घटाए।

 कनाडाई नागरिकों के लिए ई-वीजा सुविधा को भी निलंबित किया गया है। उन्हें तीसरे देशों से भी भारतीय वीजा के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। गौर करने वाली बात यह है कि कनाडा ने अभी तक भारत से हत्या का कनेक्शन साबित करने वाला कोई सबूत या जानकारी नहीं दी है। भारत ने कनाडा को 20 खालिस्तान उग्रवादियों की सूची सौंपी है जिस पर कनाडा को ऐक्शन लेना अभी बाकी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि कनाडा में आतंकवाद को फंडिंग और समर्थन दिया जा रहा है और वहां सुरक्षित पनाह मिल रही है। भारतीय अधिकारी ने कहा, 'आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा बढ़ रही है।' उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा आतंकवाद है और कनाडा से खालिस्तान समर्थक ताकतों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया।

मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बस एक कॉल से मच गया हड़कंप, पुलिस जांच में जुटी, ये है मामला

डेस्क: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक कॉलर ने कॉल करके कहा कि एयरपोर्ट पर नीले रंग के बैग में बम है। मुंबई के टी-2 पर एक अज्ञात शख़्स ने ये कॉल की थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस जानकारी के मिलने के बाद एयरपोर्ट ने मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को इस बात की सूचना दी और फिर सारे बड़े अधिकारी अज्ञात कॉलर से मिली जानकारी पर काम करने लगे। 

पुलिस हुई अलर्ट

एक अधिकारी ने बताया कि सहार पुलिस स्टेशन के अधिकारी तुरंत ही एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए और SOP के मुताबिक जांच शुरू कर दी गई। मुंबई पुलिस की जोन 8 के डीसीपी दीक्षित कुमार गेदाम ने बताया कि हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। फिलहाल कॉलर ने जो दावा किया था, वैसा कुछ नहीं मिला है। प्राथमिक जांच के मुताबिक, यह एक फेक कॉल लग रही है। 

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर कॉलर ने ऐसा कॉल क्यों किया और उसका मकसद क्या था?