9100 सौ ऑटो रिक्शा यूनिट आईडी हुआ जारी,सफर होगा सुरक्षित

गोरखपुर शहर में ऑटो रिक्शा से सफर करना अब लोगों के लिए सुरक्षित होगा।क्योंकि,परिवहन विभाग के पास सभी ऑटो रिक्शा का ब्यौरा होगा।इसके लिए परिवहन विभाग चालकों का सत्यापन कर उन्हें यूनिक आईडी जारी कर रहा है।इस दौरान करीब 9100 सौ आॅटो रिक्शा यूनिक आईडी कोड जारी किया गया।

आॅटो रिक्शा के यूनियन मेंबर्स के साथ पैसेंजर्स और महिला पैसेंजर्स के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिले में रजिस्टर्ड आॅटो रिक्शा के सत्यापन वाहन मालिक, ड्राइवर, ईंधन और परमिट विवरण अंकित करते हुए आॅटो पर यूनिक आईडी कोड जारी दिशा निर्देश दिए गए। आॅटो रिक्शा मलिक व चालक से अपील किया जा रहा है।की जल्द से जल्द वह अपना यूनिक आईडी रजिस्टर करा लें।आरटीओ प्रवर्तन संजय कुमार झा ने बताया कि सभी वाहन स्वामी अपने-अपने वाहन पर जल्द से जल्द यूनिक नंबर एलाट करवा लें।इसकी समीक्षा अधिकारियों द्वारा प्रत्येक पांच दिन पर की जाएगी।इस दौरान यदि आॅटो मालिक या चालक आॅटो का सत्यापन नहीं करता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य केंद्रों से लाभार्थी तक सुनिश्चित की जा रही है टीकों की गुणवत्ता

गोरखपुर, बच्चों को तेरह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । इन सभी प्रमुख टीकों की उपलब्धता स्वास्थ्य केंद्रों से लाभार्थी तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से सुनिश्चित की जा रही है । टीके की आपूर्ति के सभी स्तरों पर कोल्ड चेन के कारण भी सरकारी अस्पताल का टीका अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित और असरकारक होता है । इस संबंध में जिले के 84 कोल्ड चेन हैंडलर्स को तकनीकी जानकारियां देकर उनका क्षमता संवर्धन किया गया है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा के पर्यवेक्षण में क्षमता संवर्धन कार्यक्रम चलाया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया है । कोल्ड चेन हैंडलर्स की भूमिका टीके की गुणवत्ता बनाये रखने में अहम होती है । यह लोग सुनिश्चित करते हैं कि स्वास्थ्य केंद्र पर बने कोल्ड चेन में टीके को दो से आठ डिग्री तापमान के बीच बरकरार रखा जाए । अवकाश के दिनों में भी कोल्ड चेन के तापमान पर नजर रखी जाती है । हैंडलर्स को दिशा निर्देश है कि वह वैक्सीन का स्टॉक आॅनलाइन अपडेट रखें । साथ ही जहां किसी प्रकार के टीके की कमी है वहां आसपास के कोल्ड चेन से भी टीके उपलब्ध कराए जाते हैं।

डॉ दूबे ने बताया कि कोल्ड चेन हैंडलर्स को यूनिसेफ के डीएमसी डॉ हसन फहीम और यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि राजीव रंजन व पवन कुमार सिंह की मदद से तकनीकी जानकारियां दिलवाई गई हैं । उन्हें खासतौर पर बताया गया कि मुख्य स्टोर से स्वास्थ्य केंद्र और वहां से सत्र स्थल तक टीका ले जाने में तापमान को बनाये रखना है । कोल्ड चेन पर लॉगबुक को हमेशा मेंटेन रखना है और समय समय पर अपने केंद्र के उच्चाधिकारी से कोल्ड चेन का पर्यवेक्षण भी करवाना है । इस अवसर पर गौरव राय, देवेंद्र सिंह, विशाल सिंह और शिव धनी प्रसाद प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

कोल्ड चेन पर रखना है ध्यान

चरगांवा ब्लॉक की कोल्ड चेन हैंडलर प्रतिभा ने बताया कि प्रशिक्षण में इस बात पर जोर दिया गया कि कोल्ड चेन पर अगर कोई टीका खुलने के कारण खराब हो चुका है तो उसे अलग रखा जाए । उसे कोल्ड चेन सिस्टम से बाहर कर दिया जाए ताकि वह गलती से भी सत्र पर न जा सके । टीकाकरण में ओपेन वायल का प्राथमिकता के आधार पर इस्तेमाल करना है ताकि वह बर्बाद न हो। प्रयास होना चाहिए कि टीके का कोल्ड चेन कभी टूटने न पाए। अगर कोई तकनीकी बाधा आती है तो कोल्ड चेन बाक्स या आवश्यकता पड़ने पर टीकों का ट्रांसफर कर उनकी गुणवत्ता बनाए रखना है ।

*बैठक में शिक्षा गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, समाज परिवर्तन आदि विषयों पर हुई चर्चा*

गोरखपुर। विद्या भारती की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक सरस्वती शिशु मंदिर, (10+2) पक्कीबाग, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में प्रारम्भ हुई। 22 से 24 सितंबर तक चलने वाली इस बैठक में देशभर से 160 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में मा. डॉ. कृष्ण गोपाल जी सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विशेष सान्निध्य प्राप्त होगा। बैठक में विद्या भारती की कार्य स्थिति, कार्य का सशक्तिकरण, शिक्षा गुणवत्ता, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, समाज परिवर्तन आदि विषयों पर चर्चा होगी।

इस अवसर पर उपस्थित कार्यकतार्ओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री यतींद्र शर्मा ने अखिल भारतीय कार्यकारिणी की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि माननीय नाना जी देशमुख, कृष्ण चंद गांधी के सम्मिलित प्रयासों से शिक्षा की जो ज्ञान धारा बाबा गोरखनाथ की पावन धरा पर सरस्वती शिशु मंदिर पक्कीबाग के रूप में प्रवाहित की गई उसे नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि गोरखपुर की यह पावन भूमि सरस्वती शिशु मंदिर योजना के 70 वर्षों की साक्षी है। 1952 में 50 बच्चों और पांच आचार्य से यह विद्यालय प्रारंभ हुआ। शिक्षा के द्वारा समाज में वैचारिक परिवर्तन हो इस उद्देश्य से विद्या भारती के विद्यालयों का श्रीगणेश हुआ देश में संस्कारक्षम वातावरण का निर्माण हो, संस्कृति आधारित शिक्षा का प्रसार हो इस उद्देश्य को लेकर कार्य प्रारंभ हुआ।

आज शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन का प्रारंभ हो चुका है पुरातन संस्कार एवं नवीन ज्ञान से परिपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन प्रारंभ हो चुका है। देश के कोने-कोने में इसका प्रचार प्रसार हो। उन्होंने बताया देश में अनेक चुनौतियों का सामना करने के लिए कुछ क्षेत्रों का चयन किया गया है जैसे जम्मू कश्मीर, लेह, लद्दाख पूर्वोत्तर का क्षेत्र, इन क्षेत्रों में कार्य विस्तार की योजना है। उन्होंने कहा कि आज हमारी विचारधारा को मूर्त रूप देने के लिए अनुकूल अवसर प्राप्त हुआ है। भौगोलिक सामाजिक एवं वैचारिक दृष्टि से कार्य क्षेत्र चिह्नित कर कार्य विस्तार की योजना का निर्माण करना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पूर्णत: क्रियान्वयन का दायित्व विद्या भारती के कार्यकतार्ओं को दिया गया है। शिक्षा समाज तथा देश की दशा एवं दिशा निर्धारित करती है देश में शिक्षा के द्वारा ही सुधार संभव है। शिक्षा द्वारा ही समग्र विकास की कल्पना को साकार किया जा सकता है। एक स्वस्थ एवं सर्वांगीण विकास युक्त बालक का निर्माण, विद्यालय की स्थिति, संख्या, गुणवत्ता का विकास कर समर्थ भारत का निर्माण शिक्षा का उद्देश्य है। ई.सी.सी.ई. द्वारा खेल-खेल में दी जाने वाली शिक्षा एन.सी.ई.आर.टी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति की परीक्षा प्रणाली आदि की रूपरेखा एवं उसके क्रियान्वयन की समीक्षा भी बैठक में की जाएगी।

संस्कार केंद्र, बालक विद्यालय सेवा क्षेत्र के कार्य विस्तार द्वारा छुआछूत जैसी विसंगतियों से भारत को मुक्त कराकर समरस समाज का निर्माण किया जाएगा। हम आधारभूत विषयों, पंचकोशात्मक विकास के सुव्यवस्थित कार्य की योजना का निर्माण करेंगे। हमारे पूर्व छात्र एक बहुत बड़ी शक्ति है वह समाज परिवर्तन में हमारे सहयोगी बने एक सकारात्मक समाज की भूमिका निर्माण में पूर्व छात्र सहयोग करें।

आज विद्या भारती के विद्यालयों का समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। दशम एवं द्वादश की बोर्ड परीक्षाओं में प्रदेशों की प्रवीण श्रेष्ठता सूची में हमारे छात्र अपनी मेधा का परचम लहरा रहे हैं, उन्हें समय-समय पर प्रस्तुत किया जा रहा है। विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से महत्वपूर्ण वैचारिक विमर्श तैयार करने का भी प्रयास कर रही है।

हिंदुत्व का विचार केवल भारत का विचार नहीं वरन् यह समस्त विश्व को शांति के निर्माण का मूल मंत्र प्रदान करता है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व माँ सरस्वती की वंदना के साथ हुआ। तत्पश्चात समाज तथा राष्ट्र जीवन में अपना अमूल्य योगदान देने वाले दिवंगतजनों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिसमें श्री मदनदास जी देवी, माननीय जयंत जी उमाकांत वीरेश्वर जी, वी. पी. मुकुन्दन , मदन मोहन व्यास जी, श्री रामलाल शर्मा, प्रेमलाल शर्मा , डॉक्टर देवेंद्र भटनागर तथा सेना के अनेक जवान व रेल दुर्घटना में दिवंगत ज्ञात- अज्ञात बंधु भगनी सम्मिलित हैं। बैठक का प्रारंभ गत वर्ष की कार्यकारिणी में लिए गए निर्णय पत्रक के वाचन से शुरू हुआ। इसके पश्चात संस्कृति ज्ञान परियोजना विभाग द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों हिंदुत्व के सूर्य छत्रपति शिवाजी, सत्य के प्रकाशक स्वामी दयानंद सरस्वती जी, तीर्थंकर महावीर का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर माननीय अतिथियों द्वारा शिशु वाटिका की 12 व्यस्थाओं का भी अवलोकन किया गया।

मंचासीन अतिथियों में अखिल भारतीय अध्यक्ष विद्या भारती डी. रामकृष्ण राव, अखिल भारतीय महामंत्री अवनीश भटनागर , अखिल भारतीय मंत्री डॉक्टर मधुश्री उपस्थित रहे। इस अवसर पर अखिल भारतीय संगठन मंत्री गोविन्द चन्द्र महन्त , अखिल भारतीय मंत्री शिवकुमार जी प्रांत संघचालक गोरक्ष डॉक्टर पृथ्वीराज सिंह, प्रांत प्रचारक सुभाष आदि प्रमुख लोग उपस्थित रहे।

*उत्कृष्ट मानवीय दक्षता की कार्यशाला है एनसीसी:-कर्नल ए.के.दीक्षित*


खजनी गोरखपुर।एनसीसी देश का सबसे बड़ा युवा संगठन है। आज इस संगठन से जुड़े लगभग 17 लाख युवा हैं। एनसीसी का मूल उद्देश्य है देश के लिए श्रेष्ठ एवं दक्ष मानव संसाधन विकसित करना और श्रेष्ठ तथा दक्ष कार्यकुशल मानव संसाधन ही देश को विकसित राष्ट्र बना सकता है।

उक्त बातें 45 यूपी बटालियन के सीओ व कैंप कमांडर कर्नल ए.के. दीक्षित ने कहीं। वे श्रीमती द्रौपदी देवी पीजी कालेज रूद्रपुर खजनी में आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 167 के उद्घाटन अवसर पर कैडेटों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कैंप का उद्देश्य कम समय में कैडेट्स का चतुर्दिक विकास करना होता है। जिसमें शारीरिक व्यायाम,योग, मॉक ड्रिल हथियार चलाना,मैप रीडिंग,शस्त्र प्रशिक्षण,खेलकूद, राष्ट्रीय एकता,चरित्र निर्माण, स्वच्छता आदि विविध विषयों की जानकारी के साथ ही व्यक्तित्व विकास के कार्यक्रमों पर बल दिया जाएगा।

दिन में प्रशिक्षण और पढ़ाई कराई जाएगी। सायंकाल विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिससे कैडेटों को नए प्लेटफार्म मिल सकें और जो उनके जीवनपर्यंत काम आए। हमारा प्रयास होगा कि आप सभी कैंप से वापस घर लौटे तो आप मानसिक और चारित्रिक रूप से मजबूत होने के साथ ही अनुशासन प्रिय बनें। कैंप एड्रजूटेंट कैप्टन मोहित कुमार,कैप्टन शशिमौलि त्रिपाठी, कैप्टन डा. प्रभात चतुवेर्दी, लेफ्टिनेंट रेणुका,ले. सुरेश कुमार चीफ आॅफिसर अजय कुमार शुक्ल,केयरटेकर ममता तिवारी, एस.एम.मानबहादुर खामचा,टीओ रूद्रबहादुर,शिवेंद्र त्रिपाठी,संजय प्रजापति, दयानंद,मनोरंजन तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

*सीओ पेशकार की पदोन्नति और स्थानांतरण पर भावभीनी विदाई*

खजनी गोरखपुर। क्षेत्राधिकारी खजनी अंजनी कुमार पांडेय के पेशकार (सीओ पेशी) रहे राकेश कुमार की विदाई।

खजनी क्षेत्राधिकारी कार्यालय में विगत 6 वर्षों से पेशकार रहे राकेश कुमार की पदोन्नति और स्थानांतरण थाना कैंट गोरखपुर के लिए कर दिया गया।

आज क्षेत्राधिकारी खजनी कार्यालय में उनके स्थानांतरण और पदोन्नति पर क्षेत्राधिकारी खजनी अंजनी कुमार पांडेय समेत खजनी थाने के स्टाॅफ और क्षेत्राधिकारी कार्यालय के सहकर्मियों के द्वारा राकेश कुमार को भावभीनी विदाई दी गई।

क्षेत्राधिकारी अंजनी कुमार पांडेय ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उनकी कार्यशैली की तारीफ की और पदोन्नति के लिए बधाई दी। इस अवसर पर फूल माला पहनाकर अंगवस्त्र, स्मृति चिह्न और उपहार देकर राकेश कुमार को सम्मानित किया गया।

बता दें कि खजनी क्षेत्राधिकारी कार्यालय में विगत वर्ष 2018 के जुलाई माह से कार्यरत रहे राकेश कुमार ने अपनी सेवा कार्यकाल का 6 वर्ष और 2 माह का कार्यकाल सफलता पूर्वक निर्विवाद रूप से पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 6 क्षेत्राधिकारियों को अपनी सेवाएं देने का अवसर मिला। राकेश कुमार ने बताया कि सभी अधिकारियों से उन्हें बेहतर अनुभव प्राप्त हुआ और क्षेत्राधिकारियों की कार्यशैली से उन्हें विभागीय जानकारियां और काम करने के बेहतरीन अनुभव प्राप्त हुए।

विदाई के दौरान आलोक तिवारी एसआई विवेक चतुर्वेदी अजय कुमार यादव सुरेश शुक्ला समेत दर्जनों पुलिसकर्मी मौजूद रहे। सभी ने फूल माला पहनाकर अंगवस्त्र स्मृति चिह्न भेंट देकर पदोन्नति और स्थानांतरण पर शुभकामनाएं दीं।

*पैग़ंबरे इस्लाम ने दिलाया महिलाओं को फख्र से जीने का हक़ : मुफ्ती मेराज*

गोरखपुर। मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में महफिल-ए-मिलादुन्नबी के तहत मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि जो साहिबे ईमान इस दुनिया में बच्चियों की खुशी-खुशी सही तालीमो तरबियत और सही ढंग से परवरिश करेगा उसे मैं जन्नत में लेकर जाऊंगा।

पैग़ंबरे इस्लाम ने चौदह सौ साल पहले पूरी दुनिया को तालीम हासिल करने, बेटी बचाओ व स्वच्छता का पैग़ाम दिया। इसी वजह से दीन-ए-इस्लाम में पाकी को आधा ईमान करार दिया गया है।

क़ुरआन की पहली आयत का नुज़ूल लफ्ज़े ‘इक़रा’ से हुआ हैं यानी पढ़ो। मजदूरों के हक की आवाज़ सबसे पहले पैग़ंबरे इस्लाम ने उठाई और पसीना सूखने से पहले मजदूरी देने का हुक्म दिया। विधवा से शादी करके महिलाओं का सम्मान बढ़ाया। महिलाओं को संपत्ति में अधिकार दिया। पत्थर खाकर, जुल्म सहकर भी दुआएं दी और अहिंसा का पैग़ाम दिया। पैग़ंबरे इस्लाम ने महिलाओं को फख्र से जीने का हक़ दिलाया।

ग्यारह दिवसीय महफिल-ए-मिलादुन्नबी के चौथे दिन अक्सा मस्जिद शाहिदाबाद हुमायूंपुर उत्तरी में हाफिज अजीम अहमद ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम और तमाम पैग़ंबर ज़िन्दा हैं। पैग़ंबरे इस्लाम ने फरमाया है कि अल्लाह ने ज़मीन पर पैग़ंबरों के जिस्मों को खाना हराम फरमा दिया है, तो अल्लाह के पैग़ंबर ज़िन्दा हैं।

उन्हें रिज्क़ दिया जाता है। सारी मखलूक अल्लाह की रज़ा चाहती है और अल्लाह पैग़ंबरे इस्लाम की रज़ा चाहता है। पैग़ंबरे इस्लाम की फरमाबरदारी अल्लाह की फरमाबरदारी है। पैग़ंबरे इस्लाम अल्लाह की अता से अपने चाहने वालों का दरूदो सलाम सुनते हैं। फरियादियों की फरियाद भी सुनते हैं और अल्लाह की दी हुई ताकत से उनके दुख-दर्द दूर करते हैं।

पैग़ंबरे इस्लाम कयामत में गुनाहगार उम्मतियों की शफ़ाअत करेंगे। हमें पैग़ंबरे इस्लाम पर कसरत से दरूदो सलाम का नज़राना पेश करना चाहिए। दावते इस्लामी इंडिया की ओर से काजी जी की मस्जिद इस्माइलपुर में 'मिलाद की बरकतें' नाम से महफिल हुई।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई। महफ़िल में हाफिज जुनैद, मो. कैफ़, हाफ़िज़ मो. आरिफ, बरकत हुसैन, हामिद रजा, मो. सिद्दीक, मो. शाहरुख, मो. हुसैन आदि लोग मौजूद रहे।

*श्रीमद्भागवत कथा में कृष्णजन्म, गोवर्धन लीला और बाललीलाओं का प्रसंग सुनाया*

खजनी/गोरखपुर। क्षेत्र के रामपुर पांडेय मार्ग पर स्थित खजनी क्लब बसडीला गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित सत्यम कृष्ण शास्त्री ने गोवर्धन पूजा के पावन प्रसंग और भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया। इस दौरान भगवान के जन्मोत्सव,उनके नामकरण और पूतना वध के साथ माखनचोरी की लीलाओं का वर्णन सुनकर उपस्थित श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।

आचार्य अभिषेक कृष्ण ने बताया भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाओं से जहां कंस द्वारा भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया वहीं ब्रज के लोगों को अनन्य भक्ति व प्रेम माधुर्य का अद्भुत पारलौकिक आनंद भी प्रदान किया।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग कथा में शामिल हुए। गोवर्धन लीला की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति का अभिमान हो गया था। उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद करा दी और गोवर्धन पर्वत की पूजा शुरू करा दी। इससे क्रोधित इंद्र ने ब्रज में भारी बरसात कराई।

प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ। इसी प्रकार उन्होंने ब्रह्मा जी द्वारा ब्रज के ग्वाल बालों का अपहरण करने और भगवान कृष्ण द्वारा वर्ष पर्यन्त सभी ग्वाल बाल को ब्रज में ही स्थापित रखने के अद्भुत प्रसंग का भी विस्तार पूर्वक वर्णन किया। इस मौके पर गोवर्धन लीला की मनमोहक झांकी भी सजाई गई।

श्रीकृष्ण जन्म उत्सव पर 'नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की' भजन प्रस्तुत किया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को खिलौने और मिठाईयां बांटकर श्रीकृष्ण जन्म की बधाईयां दीं,कथा में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजन प्रस्तुत कर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाई।

कथा में मुख्य रुप से यजमान आत्मा नारायण शर्मा,प्रदीप शर्मा ग्राम प्रधान बसडीला आद्या शर्मा परशुराम शर्मा राजेंद्र शर्मा डीके शर्मा,श्ररवन शर्मा,प्रभात शर्मा रमेश शर्मा,अविनाश शर्मा, राजबहादुर शर्मा,छोटु शर्मा,उत्सव शर्मा एवं भागवत कथा के विशेष सहयोगी अभय शर्मा खजनी क्लब के प्रोपराइटर सहित गांव और क्षेत्र के महिलाओं पुरुषों भागवत कथा प्रेमियों ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव में जयकारे लगाए।

संगीतमय कथा में भक्ति भजनों की धुनों पर लोग देर रात तक झूमते रहे।

*बूथ सशक्तिकरण अभियान की जिला कार्यशाला सम्पन्न*

गोरखपुर। रानीडीहा स्थित क्षेत्रीय भाजपा कार्यालय पर भाजपा जिला इकाई द्वारा बूथ सशक्तिकरण अभियान की जिला कार्यशाला का आयोजन जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जहाँ पर मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय उपस्थित थे।

कार्यशाला की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर वन्दे मातरम गीत के साथ की गयी।

क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय ने कहा की संगठन में बूथ सबसे महत्वपूर्ण इकाई है,हमे बूथ कमेटी की संरचना को मजबूत करना है। संगठन से सरकार तक का सफर तय करने में बूथ के कार्यकर्ताओं का अहम रोल होता है। आज हम कार्यकर्ताओं के कारण ही विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बने हैं। अनुच्छेद 370 खत्म खत्म हुआ, राममंदिर बन रहा है देश-प्रदेश में चौमुखा विकास हो रहा है ये सब बूथ कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से बूथ विजय के कारण ही सम्भव है। भाजपा सरकार है। उन्होंने कहा हम सभी को एक-एक बूथ अध्यक्षों को अभी से उनकी शक्ति का एहसास कराने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जामवंत ने हनुमान की शक्ति स्मरण करायी तो उन्होंने लंका को तहस नहस कर दिया था उसी प्रकार हमारे बूथ अध्यक्ष भी हनुमान की तरह शक्तिशाली हैं एक बार फिर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में सभी बूथ अध्यक्ष अपनी कमेटी को सक्रिय करते हुए एक एक बूथों पर विजय पताका लहराते हुए उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को जीत कर पुनः प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार देश की बागडौर सौंपेंगे।

जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने कहा कि बूथ सशक्तिकरण अभियान के तहत हम जिले की कुल 2862 बूथों पर बूथ अध्यक्ष के साथ 11 कार्यकर्ताओं की मजबूत टीम की संरचना को मजबूत करते हुए आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में सभी संसदीय क्षेत्रों में कमल खिलायेंगे।

संचालन भाजपा जिला महामन्त्री व बूथ सशक्तिकरण अभियान संयोजक ब्रह्मानन्द शुक्ल में किया।

कार्यशाला में वरिष्ठ भाजपा नेता राधेश्याम सिंह, चिरंजीव चौरसिया, मार्कण्डेय राय, गुलाब रध्वज सिंह, राहुल श्रीवास्तव, सिद्धार्थ पाण्डेय, चंद्रबाला श्रीवास्तव, संजय सिंह, जगदीश चौरसिया, मनोज कुमार शुक्ल, डॉ आरडी सिंह, राजाराम कन्नौजिया, सबल सिंह पालीवाल, स्वतन्त्र सिंह, राम उजगिर शुक्ल, ओमप्रकाश धर द्विवेदी, नरेन्द्र सिंह, रामानन्द यादव शत्रुध्न कसौधन, जनार्दन श्रीवास्तव, के एम मझवार, इन्द्र कुमार निगम सहित जिला पदाधिकारी, मण्डल प्रभारी, प्रवासी व मण्डल अध्यक्ष गण उपस्थित थे।

*विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान के महामंत्री ने कहा नित नए कीर्तिमान स्थापित करना लक्ष्य*

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 1952 में प्रारम्भ हुए पहले सरस्वती शिशु मन्दिर योजना की सुदीर्घ या़त्रा अब 12294 औपचारिक विद्यालयों तथा लगभग 9 हजार अनौपचारिक शिक्षण केन्द्रों के माध्यम से भारत के कोने-कोने में 35 लाख विद्यार्थियों और उनका जीवन निर्माण कर रहे 1.5 लाख आचार्यों के साथ, जिनमें दूरस्थ क्षेत्रों में एकल-शिक्षक विद्यालय भी सम्मिलित हैं, शिक्षा का प्रकाश फैला रही है। नए विद्यालयों की स्थापना की निरन्तर माँग के साथ विद्या भारती प्रतिवर्ष संख्यात्मक एवं गुणात्मक वृद्धि के नए कीर्तिमान रच रही है। संस्था को अखिल भारतीय स्वरूप 1977 में प्राप्त हुआ, जिससे सभी शिक्षण संस्थान प्रान्तीय इकाइयों के माध्यम से सम्बद्ध हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में भूमिका

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं का स्वागत करने के सााथ समुचित रूप से इसको क्रियान्वयन करना विद्या भारती की प्राथमिकता है। प्रसन्नता की बात है कि इस भारत-केन्द्रित शिक्षा नीति में मनुष्य-निर्माण की गतिविधियों पर बल दिया गया है जो कि प्रारम्भ काल से विद्या भारती के 28 व्यक्तित्व विकास के विषयों के रूप में हमारे दृष्टिकोण का भाग था। विद्या भारती द्वारा किए गए प्रयोगों, जैसे विद्यालय सामाजिक चेतना का केन्द्र बने, सर्वांगीण विकास, समग्र विकास पंचकोशात्मक विकास तथा अधिगम की पंचपदी पद्धति आदि को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या (ठउऋ)- 2023 में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। विद्या भारती के विषय विशेषज्ञों ने बाल्यावस्था शिक्षा एवं देखभाल ;म्ब्ब्म्द्ध स्तर के लिए पुस्तकों की रचना करने में एन.सी.ई.आर.टी. की सहायता की है।

समाज की सेवा में विद्या भारती के पूर्व छात्रों की भूमिका

विद्या भारती के अनुमानित 40 लाख पूर्व छात्रों में से 9.5 लाख की जानकारी हमारे पोर्टल पर उपलब्ध है तथा शेष से सम्पर्क का प्रयास जारी है। ये पूर्व छात्र समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों - केन्द्र तथा राज्यों की प्रशासनिक सेवाओं, न्यायपालिका, खेल, रक्षा सेवा, इसरो जैसे संस्थानों तथा विविध क्षेत्रों में प्रतिष्ठापूर्ण स्थानों पर कार्य करतें हुए सामाजिक दायित्वबोध के उच्च स्तर के साथ समाज की सेवा में लगे हैं। विश्व के 68 देशों में रह रहे विद्या भारती के पूर्व छात्र भारत के सांस्कृतिक दूत के रूप में उन देशों की प्रगति में भी योगदान कर रहे हैं।

दूरस्थ, सीमावर्ती, जनजातीय तथा संवेदनशील क्षेत्रों में विद्या भारती विद्यालय

पूर्वोत्तर राज्यों, झारखण्ड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान एवं गुजरात के जनजातीय क्षेत्रों में विद्या भारती के 1000 से अधिक विद्यालय चल रहे हैं जिनमें से अधिकांश में छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है। इनके अतिरिक्त, देशभर में नगरीय क्षेत्रों में चलने वाले विद्यालयों में जनजातीय क्षेत्रों के प्रतिभावान 2000 से अधिक विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है। सीमावर्ती 167 विकासखण्डों में विद्या भारती 211 विद्यालय चलाती है। राष्ट्रहित तथा उन स्थानों के राष्ट्रीय सुरक्षा में महत्व को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही शेष 153 विकास खण्डों में विद्यालय प्रारम्भ करने की योजना है।

भारत सरकार की योजना के अनुसार, विद्या भारती के माध्यम से 11 स्थानों - बिहार के पटना, समस्तीपुर और भागलपुरय केरल के मल्लपरम्ब एवं मावेलिक्काराय मध्यप्रदेश के मन्दसौर तथा नर्मदापुरम्य पंजाब के नाभाय दादरा-नगर हवेली के सिलवासा तथा उत्तर प्रदेश के शिकारपुर में सैनिक विद्यालय भी संचालित हैं।

उच्च शिक्षा में विद्या भारती

स्कूली शिक्षा के साथ विद्या भारती का काम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रारम्भ हुआ है। गुवाहाटी में एक विश्वविद्यालय तथा देशभर में 53 महाविद्यालयों, जिनमें अधिकांश शिक्षा महाविद्यालय हैं, के साथ विद्या भारती की उपस्थिति है।

व्यावसायिक शिक्षा केन्द्र

हिमाचल प्रदेश के शिमला और मण्डी, लद्दाख के कारगिल तथा नागालैण्ड के किफरे में 4 जनशिक्षण संस्थान संचालित हैं। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (कळक) एवं 899 ए.टी.एल. आदि व्यावसायिक शिक्षा के केन्द्र चल रहे हैंय जिनकी संख्या बढ़ाने की योजना है।

आयाम एवं अनुसंधान संस्थान

लखनऊ स्थित भारतीय शिक्षा शोध संस्थान मौलिक तथा क्रियाशोध के कार्यक्रम संचालित करता है। गाँधीधाम, गुजरात में 0 से 8 वर्ष आयुवर्ग के शिशुओं की विशेष शिक्षा पर अनुसंधान के लिए समर्थ भारत अनुसंधान केन्द्र संचालित है। शिक्षकों के सतत व्यावसायिक विकास के उद्देश्य से प्रशिक्षण की सशक्त व्यवस्था केन्द्रीय तथा राज्यों के स्तर पर खड़ी की गई है। भोपाल में मुख्यालय के साथ विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता विकास की दृष्टि से मानक परिषद की रचना है। विद्या भारती संस्कृति शिक्षा संस्थान, कुरुक्षेत्र द्वारा भारतीय संस्कृति से नई पीढ़ी को परिचित कराने के लिए संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन अखिल भारतीय स्तर पर किया जाता है जिसमें प्रतिवर्ष 25 लाख से अधिक विद्यार्थी, अभिभावक तथा आचार्यगण सम्मिलित होते हैं।

बोर्ड परीक्षा परिणामों में विद्या भारती का कीर्तिमान

राज्यों के बोर्डों द्वारा आयोजित परीक्षाओं में विद्या भारती विद्यालयों के अनेक छात्र प्रतिवर्ष प्रावीण्य सूची में स्थान प्राप्त करते हैं। वर्ष 2023 में 11 राज्यों - उत्तर प्रदेश, ओडिशा, झारखण्ड, उत्तराखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब तथा असम में विद्या भारती विद्यालयों के 306 छात्रों ने प्रावीण्य सूची में स्थान अर्जित किया। असम, ओडिशा, झाारखण्ड तथा उत्तर प्रदेश प्रदेश के राज्य बोर्डों में मेधावी छात्र सूची में सर्वोच्च स्थान पर विद्या भारती विद्यालयों के विद्यार्थियों ने कीर्तिमान स्थापित किया।

*नाथपंथ के जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित हो महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ: कुलपति*

गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने महाराणा प्रताप परिसर स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ भवन का निरीक्षण किया। इसके बाद कुलपति ने शोधपीठ के उपनिदेशक, सहायक निदेशक तथा शोधकतार्ओं के साथ बैठक करते हुए शोधपीठ को नाथपंथ पर मौलिक शोध करने पर जोर दिया। प्रो टंडन ने कहा कि गोरखपुर शहर नाथपंथ का प्रमुख केंद्र है ऐसे में शोधपीठ नाथपंथ पर आधारित सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों को आयोजित करें। शोधपीठ को नाथपंथ के जीवंत केंद्र के रूप में विकसित करें। कुलपति ने कहा कि शोधपीठ को धर्म, नैतिकता एवं दर्शन की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित करे। उन्होंने शोध अध्येताओं को स्कोपस इनडेक्स में शोधपत्र प्रकाशित करने को कहा।

प्रो टंडन ने कहा कि शोधपीठ में संसाधनों की कमी को शीघ्र ही पूरा किया जायेगा।बैठक में कुलपति के समक्ष 2018 में शोधपीठ की स्थापना के बाद सम्पन्न हुये कार्यों तथा आगामी वर्षों में सम्पन्न होने वाले कार्यों की रूपरेखा पावर पॉइंट प्रजेंटेसन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

भारत-नेपाल मे चल रहे नाथ पंथ से संबंधित कार्यों का संकलन करने, नाथ पंथ पर आधारित इनसाइक्लोपीडिया पर कार्य करने के साथ ही विभिन्न अवधि के प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ किया जाएगा।

बैठक में कुलसचिव प्रो. शान्तनु रस्तोगी, शोधपीठ के उपनिदेशक डॉ कुशल नाथ मिश्रा, डा. सोनल सिंह सहायक निदेशक, डॉ. मनोज द्विवेदी, सहायक ग्रन्थालयी, डा. पी. पी. सिंह, श्री चिन्मायानंद, डॉ. सुनील सिंह, हर्षिता, प्रिया, हर्षवर्धन आदि ने सहभागिता की।