*इमरान खान के बाद पाक के इस पूर्व पीएम ने की भारत की तारीफ, बोले- पाकिस्तान भीख मांग रहा और भारत चांद पर पहुंच गया*

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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बाद अब नवाज शरीफ ने भारत की तारीफ की है।पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश के आर्थिक संकट के लिए पूर्व जनरल और न्यायाधीशों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया के सामने भीख मांगता फिर रहा है, जबकि भारत ने चांद पर पहुंचने के अलावा जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।

नवाज बोले- पाकिस्तानी पीएम भीख मांग रहे

नवाज शरीफ ने सोमवार शाम को वीडियो लिंक के जरिए लंदन से लाहौर में पार्टी की एक बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए सवाल किया, ''आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पैसे की भीख मांगने के लिए एक देश से दूसरे देश जा रहे हैं, जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी-20 की बैठकें भी आयोजित की। भारत ने जो कमाल किया वो पाकिस्तान क्यों नहीं कर पाया। 

शरीफ ने पाक की इस हालत के लिए इन्हें ठहराया जिम्मेदार

पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कहा, वो कौन लोग हैं, जिन्होंने आज पाकिस्तान का यह हाल कर दिया है।जो मैं और आप देख रहे हैं। वो कौन लोग हैं, जिन्होंने मुल्क को यहां तक पहुंचाया है।आज गरीब रोटी को तरसता है। वाकई आज गरीब रोटी को तरस रहा है। मैं वीडियो देख रहा था।कई बार देखता हूं। दो चार दिन पहले की बात है। आठ-आठ रोटियां एक पैकेट में लेकर एक शख्स बांट रहा है।यकीन मानिए मैंने उस भीड़ की गिनती की। करीब 100 से ज्यादा लोग खड़े होंगे।इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ये लोग रोटी पाने के लिए लाइन में खड़े थे। आज आम आदमी रोटी भी नहीं जुटा सकता है। यहां तक किसने पहुंचाया? 

भारत की तारीफ में कही ये बात

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थशक्ति बनने पर भी तारीफ की है। शरीफ ने कहा कि भारत ने 1990 में सरकार द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का पालन किया है। उन्होंने कहा कि जब भारत रत्न पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेई पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने थे तो हिंदुस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 1 अरब अमेरिकी डॉलर था। मगर अब मोदी राज में यह बढ़कर अप्रत्याशित रूप से 600 अरब डॉलर तक पहुंच गया। नवाज ने कहा कि भारत की अत्याधुनिक नीतियों और मजबूत नेतृत्व का नतीजा है। जबकि पाकिस्तान को पूर्व न्यायाधीशों और पूर्व जनरलों ने कंगाल बना डाला है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो चुकी है। उन्होंने अपने देश के पूर्व प्रमुख न्यायाधीश साकिब निसार और पूर्व सेना प्रमुख आसिफ सईद खोस का जुर्म पाकिस्तान को इस हालत तक पहुंचाने के लिए हत्या से ज्यादा है। इन्हें पाकिस्तान कभी माफ नहीं कर सकता।

पाकिस्तान वापस लौट रहे नवाज शरीफ

शरीफ ने आगामी आम चुनाव में पार्टी के राजनीतिक अभियान का नेतृत्व करने के लिए 21 अक्टूबर को देश लौटने की घोषणा की है, जिससे ब्रिटेन में उनका चार साल से अधिक का स्व-निर्वासन समाप्त हो जाएगा। नवंबर 2019 में, अलअजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा काट रहे शरीफ को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने चिकित्सा आधार पर देश छोड़ने में मदद की थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने कहा है कि वह अगले महीने शरीफ के लाहौर पहुंचने से पहले उनके लिए अग्रिम जमानत हासिल कर लेगी।

रेलवे के अदूरदर्शी फैसले से यात्रियों को हुई भारी परेशानी, पहले सूचना जारीकर 19 ट्रेनों को रद्द व 44 के मार्ग में बदलाव किया, चार घंटे बाद अपने आदेश को वापस लिया

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रेलवे के अदूरदर्शी फैसले से यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी है। झारखंड में कुर्मी समाज द्वारा किए जा रहे रेल रोको आंदोलन के चलते रेलवे ने मंगलवार शाम को सूचना जारी कर 19 ट्रेनों को रद्द और 44 के मार्ग में बदलाव किया था, लेकिन चार घंटे बाद ही अपने आदेश को वापस ले लिया। इससे यात्री कंफ्यूज हो गए। रेलवे अधिकारियों में भी अफरातफरी का माहौल रहा। रेलयात्री पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से यात्रा करने के लिए ही नहीं पहुंचे।

रेलवे ने मंगलवार को 4 बजे शाम सूचना जारी कर बताया कि झारखंड के गोमो और पारसनाथ स्टेशनों के बीच कुछ संगठनों द्वारा बुधवार को रेल रोको आंदोलन किया जा रहा है। इसी कारण 20 सितंबर को चलने वाली 8 और 19 को खुलने वाली 11 ट्रेनों के परिचालन को एक दिन के लिए रद्द किया गया है। वहीं 18 और 19 को खुलने वाली 23 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है। साथ ही 20 सितंबर को खुलने वाली 21 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है। 

लेकिन, अचानक मंगलवार की रात 8 बजे सूचना जारी कर बताया कि ट्रेन रद्द और मार्ग परिवर्तन की घोषणा को वापस लिया जाता है। इस दौरान परिवर्तन मार्ग में चल रही ट्रेन को पहले वाले मार्ग में लाने का देर रात तक प्रयास जारी रहा। हालांकि, कई ट्रेनें पुनः बहल की घोषणा के बावजूद मंगलवार को रद्द रहीं।

खाली ही रवाना हुई ट्रेन 

रेलवे के इस फैसले से पटना जंक्शन पर ट्रेन पकड़ने वाली यात्रियों के बीच अफरातफरी की स्थिति रही। रेल कर्मी ने बताया कि आंदोलन के मद्देनजर इस्लामपुर से हटिया के बीच चलने वाली इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस को पहले रद्द कर दिया गया था। बाद में दोबारा से उसे चलाने का निर्णय लिया गया। इसकी वजह से काफी कम संख्या में यात्री इस ट्रेन में सफर करने पहुंचे। करीब 9.15 बजे खुली यह ट्रेन लगभग खाली थी। हालांकि रेलवे की ओर से यह जानकारी नहीं मिल पाई कि ट्रेन में कितने यात्री सवार हुए थे। 

इन ट्रेनों का मार्ग बदला गया था

12281 भुवनेश्वर-नई दिल्ली दुरंतो एक्सप्रेस 

12301 हावड़ा-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 

12313 सियालदह-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 

12319 कोलकाता-आगरा कैंट एक्सप्रेस 

12365 व 12366 पटना-रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस 

12381 हावड़ा-नई दिल्ली पूर्वा एक्सप्रेस 

12815 पुरी-आनंद विहार नंदन कानन एक्सप्रेस 

13151 कोलकाता-जम्मूतवी एक्सप्रेस 

13307 धनबाद-फिरोजपुर कैंट गंगा सतलूज एक्सप्रेस 

13319 दुमका-रांची एक्सप्रेस 

18624 हटिया-इसलामपुर एक्सप्रेस 

18625 व 18626 पूर्णिया कोर्ट-हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस 

20839 रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस 

22811 भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस

महिला आरक्षण बिल पर आज होगी चर्चा, सोनिया से लेकर स्मृति और सीतारमण तक रखेंगी तर्क

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आज नई संसद में कार्यवाही का दूसरा दिन है। लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर चर्चा होगी। मोदी सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया था।कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पेश किया था। इससे पहले पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था और सभी सांसदों से इसका समर्थन करने की अपील की थी।

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7 घंटे चलेगी चर्चा

मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम-2023 दिया है। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के लिए सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक 7 घंटे का समय तय किया गया है। कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी लोकसभा में बोलेंगी। वहीं, बीजेपी की ओर से बोलने वालों में स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और दीया कुमारी के नाम शामिल हैं।

पीएम ने की है सांसदों से समर्थन की अपील

पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर बात करते हुए इसे ऐतिहासिक फैसला बताया था और सभी सांसदों से इसका समर्थन करने की अपील है। हालांकि, बिल पर हंगामा होने के भी आसार हैं। महिला आरक्षण बिल पर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्ष ने केंद्र पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने बिल को मोदी का एक और स्टंट करार दिया, तो एआईएमआईएमचीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए कोटा न होना इसकी बड़ी खामी है।

संसद से इस बिल के पास होने के बाद लोकसभा और विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हो जाएंगी। महिला आरक्षण विधेयक को 50 फीसदी राज्यों की विधानसभाओं से पारित कराने की जरूरत नहीं है। संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये कानून बन जाएगा। इसके बाद जनगणना और परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद लागू होगा।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का बड़ा आरोप, कहा- नए भवन में प्रवेश करते समय मिली संविधान की प्रति से समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष शब्द गायब

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संसद के विशेष सत्र के दौरान आज तीसरे दिन कार्यवाही होनी है और महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर चर्चा भी होगी। इससे पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा आरोप लगाया है। अधीर ने कहा है कि नए संसद भवन में प्रवेश के दौरान जो संविधान की कॉपी उन लोगों को दी गई थी, उसमें से सोशलिस्ट और सेक्युलर शब्द गायब थे।

संशोधन के बाद जोड़े गए थे शब्द

अदीर रंजन चौधरी ने कहा की संविधान की जो नई प्रतियां 19 सितंबर को हमें दी गईं, जिन्हें हमने अपने हाथों में पकड़कर नए संसद भवन में प्रवेश किया, उसकी प्रस्तावना में 'सोशलिस्ट सेक्युलर यानी समाजवादी-धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि ये शब्द सन् 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह बहुत चिंता का विषय है। 

मंशा संदिग्ध

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, उनकी मंशा संदिग्ध है। ये बड़ी चतुराई से किया गया है। ये मेरे लिए चिंता का विषय है। मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की लेकिन मुझे इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला।अधीर रंजन ने कहा कि उन्होंने ये बात राहुल गांधी को भी बताई है। अधीर ने कहा कि हम कुछ बोलेंगे तो सरकार कहेगी कि शुरू की चीजें ही बताई गई है।

महिला आरक्षण बिलः कांग्रेस ने समझाई विधेयक की क्रोनोलॉजी, आप ने कहा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक

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महिला आरक्षण बिल मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया।सरकार ने इसे 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' बिल के रूप में पेश किया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल को सदन में पेश किया।बिल के लोकसभा में पारित होने की संभावना है, क्योंकि सदन में सरकार के पास बहुमत है और कई विपक्षी दलों ने भी विधेयक का समर्थन किया है।

विधेयक पर वैसे तो विपक्ष सरकार के साथ है, लेकिन बिल में कामियां निकालकर वो हमलावर भी है।दरअसल, विपक्ष नारी शक्ति वंदन विधेयक के मसौदे में दो-तीन शर्तों को लेकर मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहा है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बिल को जुमला बताते हुए कहा कि ये देश की करोड़ों महिलाओं की उम्मीदें के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है।दिल्ली के सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी ने तो सीधा-सीधा आरोप ही मढ़ दिया कि मोदी सरकार दरअसल महिलाओं को आरक्षण नहीं उन्हें धोखा देने के लिए यह बिल लाई है।

कांग्रेस ने समझाई महिला आरक्षण विधेयक की क्रोनोलॉजी

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझाई है। एक्स पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी ने चुनाव से पहले एक जुमला फेंका है और कुछ नहीं।जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सबसे बड़ा जुमला है। यह देश की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। उन्होंने लिखा कि हमने पहले भी बताया है कि मोदी सरकार ने अभी तक 2021 में होने वाली दशकीय जनगणना नहीं की है। भारत जी 20 का एकमात्र देश है जो जनगणना कराने में विफल रहा है। अब कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, जो पहली दशकीय जनगणना होगी, उसके उपरांत ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले जनगणना और परिसीमन हो जाएगा। यह विधेयक आज सिर्फ हेडलाइन बनाने के लिए है, जबकि इसका कार्यान्वयन बहुत बाद में हो सकता है।यह कुछ और नहीं बल्कि EVM- EVent Management है।

सोनिया गांधी और राबड़ी देवी ने क्या कहा

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल को लेकर कहा, ''यह अपना (विधेयक) है।'' बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, महिला आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हों। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। अन्य वर्गों की तीसरी/चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।

आप ने कहा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक

वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने आरोप लगाया कि महिला आरक्षण विधेयक साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले महिलाओं को बेवकूफ बनाने वाला विधेयक है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को महिलाओं की भलाई और कल्याण में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा, 'विधेयक के प्रावधानों को गौर से पढ़ने पर पता चलता है कि यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है।' विधेयक के अनुसार, परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। विधेयक के अनुसार, प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों की अदला-बदली होगी।

यह एक बेहतरीन कदम है- पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर लिखा, ''पुरुष राजनीतिक परिदृश्य के कठिन क्षेत्र को खुद पार करने के बाद मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आखिरकार महिला आरक्षण बिल हकीकत बन जाएगा। आधी आबादी होने के बावजूद हमारा प्रतिनिधित्व बेहद कम है। यह एक बेहतरीन कदम है।'' इसके अलावा पीडीपी प्रमुख ने मीडिया से कहा, ''एनडीए की सरकार को 10 साल होने वाले हैं। अगर उन्होंने यह पहले ही किया होता तो 2024 के चुनाव में महिलाओं को बड़ी तादाद में भाग लेने का मौका मिलता, लेकिन देर आए दुरुस्त आए, अच्छी बात है... देश की तरक्की में यह एक अहम कदम होगा।''

मायावती ने किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन

बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। उन्होंने एक्स पर एक प्रेस नोट जारी किया, जिसमें कहा गया, ''...वैसे देश की महिलाओं को लोकसभा और राज्य की विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत देने की बजाय अगर उनकी आबाधी को भी ध्यान में रखकर 50 प्रतिशत दिया जाता तो इसका हमारी पार्टी पूरे तहे दिल से स्वागत करेगी, जिसके बारे में सरकार को जरूर सोच-विचार करना चाहिए।'' उन्होंने और भी कई मांगे करते हुए आगे लिखा, ''किंतु बीएसपी की इन मांगों पर सरकार की ओर से अमल नहीं किया जाता है तब भी हमारी पार्टी संसद में इस महिला आरक्षण बिल को समर्थन देगी और इसे पास कराने में पूरी मदद करेगी...''

'मुझे इस क्षण का हिस्सा होने पर गर्व है..', पढ़िए, नए संसद भवन में क्या बोलीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ?

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भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज मंगलवार (19 सितंबर) को कहा है कि उन्हें उस पल का हिस्सा बनने पर गर्व है, जब सरकार महिलाओं को ''भारत के भविष्य में बराबर की हिस्सेदारी'' देगी। अतीत में महिला एवं बाल विकास मंत्री रह चुकीं मेनका गांधी ने सरकार के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारे की ताकत और जन धन और उज्ज्वला योजना जैसी सामाजिक योजनाओं के बारे में बात की।

भारतीय संसद की समृद्ध विरासत की स्मृति में सेंट्रल हॉल में आयोजित एक समारोह में मेनका गांधी ने कहा कि, "मुझे इस क्षण का हिस्सा होने पर गर्व है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने गहरी जड़ें जमा चुकी विषमता को सुधारने और हम सभी महिलाओं को भारत के भविष्य में समान हिस्सेदारी देने का काम किया है।" उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लोगों को महज आंकड़ों के तौर पर नहीं, बल्कि उनकी जरूरतों के हिसाब से देखते हैं। उन्होंने कहा कि, "बैंक खाते खोलना, शौचालय के रूप में सम्मान देना, घर में पानी का नल, गरीबों के लिए घर बनाना, गैस सिलेंडर, युवाओं को ऋण देना, उन्हें कौशल प्रदान करना, महामारी के दौरान उनकी रक्षा करना।"

वरिष्ठ सांसद ने कहा कि उन्होंने अपने पति संजय गांधी की मृत्यु के नौ साल बाद, 32 साल की उम्र में संसद में प्रवेश किया और अपना अधिकांश वयस्क जीवन इसी संसद भवन में बिताया है। उन्होंने कहा कि, ''मैंने सात प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार लेते देखा है।'' लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य आज भारतीय संसद की समृद्ध विरासत की स्मृति में एक समारोह के लिए पुराने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में एकत्र हुए थे।

21 सितम्बर को ओमकारेश्वर में सीएम शिवराज करेंगे आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राज्य में भारी बारिश के बाद ओमकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन 21 सितंबर को किया जाएगा। पहले इसका उद्घाटन 18 सितंबर को होना था। बता दें कि, यह प्रतिमा 8वीं शताब्दी के दार्शनिक, हिंदू धर्म में एक प्रभावशाली और प्रतिष्ठित व्यक्ति को समर्पित है, जिसे "एकात्मता की प्रतिमा" (एकता की मूर्ति) नाम दिया गया है। विशेष रूप से, ओंकारेश्वर एक मंदिरों का शहर है, जिसमें भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक मौजूद है।

ओंकारेश्वर में स्थित एकात्म धाम, एकता और एकता के प्रतीक के रूप में कार्य करता है, जो महान आचार्य शंकर या आदि शंकराचार्य द्वारा प्रचारित अद्वैत वेदांत के कालातीत संदेश का जीवंत अवतार है। इस बीच, मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। यह विस्मयकारी बहु-धातु मूर्तिकला 54 फुट ऊंचे आसन पर खड़ी है और इसकी ऊंचाई 108 फुट है। इस मूर्ति का उद्घाटन 21 सितंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया जाएगा।

सीएम चौहान ने पहले कहा था कि प्रतिमा का उद्घाटन बहुत भव्यता और भक्तिभाव से किया जाएगा। सीएम ने कहा कि प्रतिमा के उद्घाटन के लिए आने वाले सभी प्रमुख संतों का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा, उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए, जिला प्रशासन को आयोजन स्थल के संबंध में विशेष रूप से संवेदनशील और सतर्क रहना चाहिए। और यातायात की उचित व्यवस्था करें। चौहान ने भोपाल में अपने निवास-सह-कार्यालय में 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' के अनावरण कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए यह टिप्पणी की।

राज्यसभा में खरगे-सीतारमण के बीच तीखी बहस, जानें किस वजह से आए आमने-सामने

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राज्‍यसभा में मंगलवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच तीखी बहस हो गई। दरअसल, निचले सदन में प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बिल पर अपने विचारों को रखा। हालांकि उनके बयान पर सदन में हंगामा हो गया। राज्यसभा की पहली बैठक के दौरान ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच तीखी नोंकझोंक हो गई। ऐसा दो बार हुआ। पहली बार जब खरगे ने जीएसटी का जिक्र किया और दूसरी बार तब जब उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की महिलाओं की साक्षरता दर कम है। खरगे ने कहा कि राजनीतिक दल की आदत कमजोर महिलाओं को चुनने की है। उनके इस बयान पर सत्तापक्ष के सांसदों ने आपत्ति जताई और हंगामा किया।

कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कहा कि बहुत से राज्‍यों को कमजोर किया जा रहा है। उन्‍हें जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स) का पेमेंट जल्‍दी नहीं होता है। न ही उन्‍हें मनरेगा की राशि समय से पहुंचती है। राज्‍यों के अलग-अलग विभागों को ग्रांट भी समय से नहीं मिलता है। उन्होंने सवाल किया कि इसके पीछे आखिर सरकार की नीयत क्‍या है। क्‍या वह कुछ राज्‍यों को कमजोर तो नहीं करना चाहती है। खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सिर्फ लोकतंत्र की बात करती है। जहां-जहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गईं सरकारें थीं, उन्‍हें गिराने का काम भी उसी ने किया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने खरगे को टोककर विषय से भटकने की बात कही।

इसके बाद सभापति ने आपत्ति दर्ज कराने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बोलने का मौका दिया। वित्त मंत्री सीतारमण ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। केंद्र सरकार ने उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का भुगतान किया है। राज्यों को हर बार एक दो महीने एडवांस में भी जीएसटी का भुगतान किया गया। किसी भी राज्य का कोई भी जीएसटी पैसा केंद्र पर बकाया नहीं है।

कांग्रेस सांसद खरगे ने आगे कहा, अनुसूचित जाति (एससी) की महिलाओं की साक्षरता दर कम है और यही कारण है कि राजनीतिक दलों को कमजोर महिलाओं को चुनने की आदत है और वे उन लोगों को नहीं चुनेंगे जो शिक्षित हैं और लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, मेरा कहना ये है कि कमजोर वर्ग के लोगों को हमें टिकट देते हैं। मैं सब पार्टी के लिए बोल रहा हूं। हिंदुस्तान की हर पार्टी में ऐसा है। इसी वजह से महिलाएं पीछे हैं। आप उनको बात करने नहीं देते, आप उनको कभी भी आगे बढ़ने नहीं देते।

खरगे के इस बयान पर सत्तापक्ष ने पलटवार किया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकार की ओर से मोर्चा संभाला और खरगे की बातों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहना कि पार्टी महिलाओं को तवज्जो नहीं देती है। यह गलत है। पार्टी ने हम सभी को मौका दिया। मैं आपत्ति दर्ज करवाती हूं। आप जनरलाइजेश (सामान्यीकरण) नहीं कर सकते।

इसपर निर्मला सीतारमण ने कहा कि राष्ट्रपति मूर्मु कौन हैं? ऐसे आप नहीं कह सकते हैं। आप कैसे दो महिलाओं में अंतर कर सकते हैं। हम सभी महिलाओं के आरक्षण की बात कर रहे हैं। इसपर सभापति जगदीप धनखड़ ने सुलह की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हम ऐतिहासिक विषय पर चर्चा कर रहे हैं।

अंग्रेजों के बनाए पुराने संसद भवन को ढहा दिया जाएगा या संग्रहालय बनाया जाएगा, नए भवन में इंट्री के बाद से ही उठने लगे सवाल, पढ़िए डिटेल में खबर

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संसद की कार्यवाही मंगलवार से नए भवन में चलेगी। पुराना संसद भवन संविधान को अपनाने के साथ ही कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। यह 1927 में बनकर तैयार हुआ था जो अब 96 साल पुराना हो चुका है। कई बरसों से इसे मौजूदा जरूरतों के हिसाब से अपर्याप्त पाया गया है। लोकसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पुरानी इमारत की 'हर एक ईंट' को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सांसद नई आशा और विश्वास के साथ नई इमारत में एंट्री करने जा रहे हैं। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदस्यों से उम्मीद है कि नए भवन में तख्तियां लाने और नियोजित ढंग से सदन स्थगित कराने का सिलसिला थम जाएगा।

पुराने संसद भवन को ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। यह इमारत न केवल स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का गवाह बनी, बल्कि उसके बाद देश की प्रगति का भी गवाह रही। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने बताया कि इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। संसदीय कामकाज के लिए अधिक जगह मुहैया कराने की खातिर इसे सुसज्जित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा, 'ऐतिहासिक संरचना का संरक्षण किया जाएगा। यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है।'

संग्रहालय में भी तब्दील करने की चर्चा

2021 में तत्कालीन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद को लेकर राज्यसभा को अहम जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि मौजूदा ढांचे की मरम्मत करानी होगी और वैकल्पिक इस्तेमाल के लिए इसे उपलब्ध कराना होगा। उन्होंने कहा कि विरासत के प्रति संवेदनशील पुनर्स्थापना के लिए नेशनल नेशनल आर्काइव को नए संसद भवन में शिफ्ट किया जाएगा। इससे पुराने संसद भवन को और अधिक जगह मिल सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि पुरानी इमारत के एक हिस्से को संग्रहालय में तब्दील किया जा सकता है।

नए संसद भवन की खासियत

बता दें कि पीएम मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन इसी साल मई में किया था। इस विशाल भवन में लोकसभा चैंबर में 888 सदस्य और राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा में 1,280 सांसदों को जगह मुहैया कराई गई है। यह त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत है, जो 64,500 वर्ग मीटर में फैली हुई है। नए संसद के तीन मुख्य द्वार हैं, जो कि ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार हैं। इसके अलावा वीआईपी, सांसदों और मेहमानों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाए गए हैं।

*आईएमएफ से फंडिंग के लिए पाकिस्तान ने किया अपने हथियारों का 'सौदा', अमेरिका के साथ हुई थी गुप्त डील*

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पाकिस्तान कंगाली के दौर से गुजर रहा है।देश चलाने के लिए उसके मजबूरन कर्ज लेना पड़ा रहा है। इसी क्रम में पाकिस्‍तान को इस साल जुलाई में अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से तीन अरब डॉलर का राहत पैकेज मिला था।अमेरिकी मीडिया हाउस द इंटरसेप्ट ने दावा किया है कि इस लोन को दिलाने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई थी।रिपोर्ट की मानें तो उसे यह मदद अमेरिका के साथ हुई एक सीक्रेट डील के तहत मिली थी। 

इंटरसेप्ट की रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ से लोन हासिल करने के लिए पाकिस्तान को अमेरिका के साथ हथियारों की सीक्रेट डील करनी पड़ी थी। अमेरिका ने पाकिस्तान से हथियार लेकर उन्हें रूस से जंग लड़ रहे यूक्रेन को दिया।‘द इंटरसेप्ट’ की खबर के अनुसार इस साल की शुरुआत में अमेरिका को गुप्त रूप से पाकिस्तानी हथियार बेचे गए थे।रिपोर्ट में पाकिस्तान और अमेरिका सरकार के आंतरिक दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया गया है। ऑनलाइन जांच वेबसाइट ‘इंटरसेप्ट’ ने बताया कि ये हथियार यूक्रेन की सेना को आपूर्ति करने के मकसद से बेचे गए थे। 

वेबसाइट द इंटरसेप्‍टर ने पाकिस्तान और अमेरिका के सरकारी दस्तावेजों की पुष्टि करने वाले सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। वेबसाइट का कहना है कि इससे यह पता चलता है कि पाकिस्तान को किस कदर अमेरिका से दबाव का सामना करना पड़ा था। वेबसाइट का कहना है कि इससे यह भी पता लगता है कि कैसे राजनीतिक और फाइनेंस से जुड़ा एलीट वर्ग छिपकर काम करता है। इसके बारे में कभी जनता को कुछ पता नहीं लग पाता है।

पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने रिपोर्ट में किए गए दावों को खारिज कर दिया। जाहरा बलोच ने आरोपों को आधारहीन और मनगढ़ंत बताया। बलोच ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान की नीति सख्त तौर पर निष्पक्ष रहने की है और किसी भी देश को हथियार या गोला बारूद मुहैया नहीं कराए हैं।

वेबसाइट का कहना है कि जब से इमरान खान सत्‍ता से गए हैं तब से ही पाकिस्‍तान, यूक्रेन युद्ध में अमेरिका का सहयोगी बनकर उभरा है। इमरान ने जाने से पहले विदेश मंत्रालय में राजनयिकों के सामने यूक्रेन युद्ध में पाकिस्तान के आक्रामक तटस्थ रुख पर नाराजगी जाहिर की थी। उनके जाने के बाद से यूक्रेन युद्ध में पाकिस्‍तान, अमेरिका और उसके साथियों का समर्थक बन गया है।