पीएम मोदी की तारीफ करना छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को पड़ा भारी, खड़गे ने लगाई क्लास, मांगनी पड़ी माफी

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14 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचे थे। मंच पर प्रदेश सरकार की ओर से डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव भी थे। इस सरकारी कार्यक्रम में मंच साझा करते हुए अपने सम्बोधन में सिंहदेव प्रधानमंत्री की तारीफ कर गए। इसके बाद प्रदेश में सियासी बवाल शुरू हो गया।टीएस सिंहदेव को पीएम मोदी की तारीफ़ करना भारी पड़ गया। इसके लिए टीएस सिंह देव को हैदराबाद में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की विस्तारित बैठक माफी मांगनी पड़ी।सूत्रों के मुताबिक सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने टीएस सिंह देव की क्लास लगा दी। इस दौरान सिंहदेव ने अपनी गलती मानीं और आगे से ऐसा नहीं करने का वचन दिया।

अंग्रेजी अखबार द हिंदू में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य के नाते आमंत्रित किया गया था।बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने टीएस सिंह देव को फटकार लगाने के अंदाज में पूछा कि आपने उनकी तारीफ की क्या वो लोग हमारे किसी काम की सराहना करते हैं? खरगे ने कहा, ‘‘यह ध्यान रखें कि अपनी वाहवाही के लिए ऐसा कुछ न करें, जिससे पार्टी का नुकसान हो। अनुशासन के बगैर कोई नेता नहीं बनता। हम खुद अनुशासन में रहेंगे, तभी लोग हमारा अनुकरण करेंगे, हमारी बात मानेंगे।

सूत्रों के मुताबिक खरगे की नाराजगी भांपते हुए टीएस सिंह देव ने खेद जताते हुए माफी मांगी। इसपर खड़गे ने कहा माफी तो ठीक है, लेकिन डैमेज तो हो ही गया है। उप मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता होने के नाते आपकी बात को लोगों ने गंभीरता से लेंगे।इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने अन्य नेताओं को सिंहदेव का उदाहरण देते हुए चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा अन्य नेता भी इस बात का ध्यान रखें।

इससे पहले विवाद बढ़ता देख और लगातार आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच अब शनिवार को सिंहदेव की सफाई सामने आई, उन्होंने अपना पक्ष ट्वीट किया।टीएस सिंहदेव ने लिखा- हमारे प्रदेश, पूरे देश में सदा अतिथि सत्कार की परंपरा रही है। एक शासकीय मंच पर, प्रधानमंत्री जी की गरिमा को ध्यान में रखते हुए कुछ बातें कही गईं थी। मंच के माध्यम से मैं आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में नहीं पड़ना चाहता था। और, मेरा वक्तव्य केवल अपने विभाग की माँगों से संबंधित था।

ये मामला गुरुवार का है, जब रायगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के लिए कई विकास योजनाओं की घोषणा की थी।इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में टीएस सिंहदेव शामिल थे। उन्होंने "छत्तीसगढ़ को बहुत सारी चीजें देने" के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया था। उन्होंने कहा था, "हमने हमेशा केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में काम किया है और मैं यह कहने से नहीं चूकना चाहता कि मेरे अनुभव में मुझे कोई भेदभाव महसूस नहीं हुआ… राज्य में, जब हमने केंद्र सरकार से कुछ मांगा तो केंद्र ने कभी भी मदद से इनकार नहीं किया। मेरा मानना है कि आगे चलकर, राज्य सरकार और केंद्र सरकार सभी क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगी और देश और राज्य को आगे ले जाएंगी।

संसद के विशेष सत्र के बीच मोदी कैबिनेट की बैठक, हो सकता है बड़ा ऐलान, टिकी देशभर की निगाहें

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केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का आज से आगाज हो गया है। वहीं, संसद के विशेष सत्र के बीच आज शाम 6:30 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। हालांकि, इस बैठक के उद्देश्य बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंत्रियों के साथ एक बैठक कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के कमरे में यह बैठक जारी है। इस मीटिंग से पहले प्रह्लाद जोशी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बारी-बारी से मुलाकात की। प्रह्लाद जोशी के कमरे में धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, अनुराग ठाकुर, अर्जुन राम मेघवाल और वी मुरलीधरन बैठक में मौजूद हैं।

संसद के विशेष सत्र के लिए सरकार ने अब तक जिन एजेंडों को सार्वजनिक किया था, उनको लेकर राजनीतिक गलियारों में कोई विशेष उत्सुकता नहीं देखी जा रही थी। विपक्ष का संदेह था कि डाक विधेयक और प्रेस और पत्र-पत्रिका विधेयक जैसे मुद्दे इतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं कि इसके लिए सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाती। उसे लगता है कि सरकार अपने किसी छिपे एजेंडे को लेकर सामने आ सकती है। ऐसे में आज शाम होने वाली कैबिनेट की बैठक में सबकी निगाहें लगी हुई हैं।दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सत्र की शुरुआत के पहले मीडिया को दिए संबोधन में ऐतिहासिक निर्णय लेने की बात कहने से यह चर्चा और तेज हो गई है कि आखिर सरकार कौन से ऐतिहासिक विधेयक सामने ला सकती है।

बता दें कि संसद के विशेष सत्र के पहले दिन पीएम मोदी ने कहा कि आज से आरंभ हो रहा संसद का सत्र छोटा है लेकिन समय के हिसाब से ‘बहुत बड़ा’, ‘मूल्यवान’ और ‘ऐतिहासिक निर्णयों’ का है। सत्र के पहले दिन संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस सत्र की एक विशेषता ये है कि 75 साल की यात्रा अब नये मुकाम से शुरू हो रही है। सदन में विभिन्न दलों की ओर से हंगामा किए जाने की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, रोने धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए लेकिन जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जो उमंग से भर देते हैं, विश्वास से भर देते हैं। मैं छोटे सत्र को इसी रूप में देखता हूं।

'मनमोहन सिंह मौन नहीं थे, बात कम और काम ज्यादा करते थे, लोकसभा में बोले अधीर रंजन चौधरी

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यूपीए के दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। उनकी हमेशा शांत रहने वाली छवि ने कहीं न कहीं उन्हें एक कमजोर प्रधानमंत्री के तौर पर खड़ा कर दिया। गंभीर से गंभीर राजनीतिक मसले पर चुप्‍पी साधे रहने के चलते मनमोहन सिंह को असफल प्रधानमंत्री करार दिया गया। जहां कम बोलने के कारण उन्हें ‘मौनी बाबा’ की उपाधि मिली तो वहीं अपने रोबोटिक शैली वाली चाल के लिए उन्‍हें स्‍टेच्‍यू भी कहा गया। आज एक बार फिर संसद के विशेष सत्र के दौरान मनमोहन सिंह की चुप्पी का जिक्र हुआ। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए पांच दिवसीय विशेष सत्र की आज से शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद कांग्रेस पार्टी के सासंद अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन की पुरानी यादों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने भी पंडित जवाह लाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनोमहन सिंह तक कई पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।

मनमोहन सिंह पर बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा,'हमारे मनमोहन सिंहजी को कहा जाता था कि वह मौन रहते हैं, वह मौन नहीं रहते थे। बल्कि काम ज्यादा और बात कम करते थे। जब जी-20 का सम्मेलन हुआ करता था, उस समय भी उन्होंने कहा था कि यह हमारे देश के लिए अच्छा है।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा, चंद्रयान को लेकर चर्चा चल रही थी, मैं कहना चाहता हूं कि 1946 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में परमाणु अनुसंधान समिति का गठन किया गया था। वहीं से हम आगे बढ़े और 1964 में इसरो का विकास किया।

उन्होंने आगे कहा,'जब यह खबर मिल रही है कि आज इस सदन का अंतिम दिवस है तो सही मायनों में भावुक होना तो स्वाभाविक है। ना जाने कितने दिग्गजों और देशप्रेमियों ने देश के लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए यहां योगदान दिया है। बहुत सारे हमारे पूर्वज इस दुनिया को छोड़कर चले गए। उनकी याद हम करते रहेंगे।यह सदन जरूर कहेगा। जिंदगी में कितने दोस्त आए और कितने बिखर गए। कोई दो रोज के लिए आया तो किसी ने चलते ही सांस भर ली।लेकिन जिंदगी का नाम दरिया है। वह तो बस बहती रहेगी। चाहे रास्ते में फूल गिरे या पत्थर। उसी तरह हमारी यह सदन की कार्यवाही है, जो चलती आ रही है।

इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण पर बिल ला सकती है सरकार, जानें राज्यसभा से पास होने के बावजूद क्यों अटक गया था ये बिल?

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संसद के विशेष सत्र शुरू के साथ ही एक बार फिर महिला आरक्षण पर सुगबुगाहट तेज हो गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल ला सकती है। संसद के विशेष सत्र में बुधवार को बिल पेश हो सकता है। सरकार की ओर से इस सत्र में चार बिलों को सूचीबद्ध किया गया है।हालांकि विपक्ष की ओर से महिला आरक्षण विधेयक पर जोर दिया जा रहा है।मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि इन्‍हीं पांच दिनों में महिला आरक्षण बिल को पास करा लिया जाए। इसे लेकर, हैदराबाद में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया है।

दरअसल, सोमवार से शुरू हुए सत्र से ठीक एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इसमें विपक्षी गठबंधन INDIA समेत एनडीए के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई, जिसे पास कराने को लेकर न सिर्फ इंडिया नेताओं ने हामी भरी, बल्कि एनडीए नेता भी इसके समर्थन में नजर आए। इससे ही साफ हो गया था कि इस बिल को बेहद ही आसानी से संसद से पास करवाया जा सकेगा।

27 साल से अटका है महिला आरक्षण विधेयक

बता दें कि करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अटका पड़ा है। महिलाओं को सदन में 33 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा बिल आखिरी बार मई 2008 को संसद में पेश किया गया था। तब की यूपीए सरकार ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में महिला बिल को शामिल किया था और इसी वादे को पूरा करते हुए राज्यसभा में 6 मई 2008 को बिल पेश किया गया। फिर 9 मई 2008 को इसे कानून और न्याय से संबंधित स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।स्थायी समिति ने लंबी चर्चा के बाद 17 दिसंबर 2009 को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की और इसे पास करने की सिफारिश की। 2 महीने बाद फरवरी 2010 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सिफारिश को अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि संसद में समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इसका जमकर विरोध किया। जिसके बाद यह बिल अटकता चला गया।

लोकसभा से नहीं हो सका था पास

आखिरकार बिल पेश होने के करीब 2 साल बाद संसद की ऊपरी सदन ने 9 मई 2010 को अपने यहां पास कर दिया। लेकिन राज्यसभा के बाद जब यह बिल लोकसभा पहुंचा तो कभी यह बिल यहां पास ही नहीं हो सका।दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस की ओर से इस बिल का समर्थन किया जाता रहा है लेकिन अन्य क्षेत्रीय दलों के भारी विरोध और पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग समेत कुछ चीजों पर विरोध के चलते इस पर आम सहमति कभी नहीं बन सकी। साथ ही महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले दलों की ओर से कहा गया कि इस आरक्षण का फायला सिर्फ शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ही मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की फायदा नहीं होगा और उनकी हिस्सेदारी नहीं हो पाएगी।

विधायी सदनों में महिलाओं की स्थिती

वर्तमान लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला विधायक

पिछले साल दिसंबर में जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में है जहां पर 14.44 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 13.7 फीसदी और झारखंड में 12.35 फीसदी महिला विधायकों के साथ देश में सबसे आगे चल रहे हैं।

विशेष सत्र में पीएम मोदी ने किया नेहरू, शास्त्री, इंदिरा से लेकर नरसिम्हा राव तक का जिक्र, बताया संसद ने 75 साल में क्या-क्या देखा

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आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन को संबोधित किया।पीएम मोदी ने नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण किया।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार को याद किया और उनकी जमकर तारीफ की।पुरानी संसद में अपने आखिरी भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बातों का जिक्र किया। पीएम मोदी पुराने संसद भवन को विदा देते हुए देश के भविष्य का जिक्र करते हुए कहा कि इस सदन ने देश को आगे बढ़ाने वाले फैसले किए। 

पीएम मोदी ने कहा कि नई संसद में सबके विश्वास को लेकर जाने का समय है। उन्होंने कहा कि जो नया विश्वास पाया है उसको लेकर जाने का है। बहुत सी ऐसी बाते हैं जो सदन में हर किसी की ताली की हकदार है लेकिन शायद राजनीति उसमें भी आड़े आ गई। नेहरू के योगदान का गौरवगान इस सदन में होता है तो कौन सदस्य होगा जिसको ताली बजाने का मन नहीं करेगा। लेकिन उसके बावजूद भी देश के लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है कि हम सब अपने आंसुओं को देखें।पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की तारीफ में कहा कि इस सदन में पूर्व पीएम की 'स्ट्रोक ऑफ मिड नाईट की गूंज' सभी को प्रेरित करती रहेगी। पीएम ने कहा कि नेहरू जी ने बाबा साहब आंबेडकर को अपनी सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया था। वह देश में बेस्ट प्रैक्टिसेज लाने पर जोर दिया करते थे। फैक्ट्री कानून में अंतरराष्ट्रीय सुझावों को शामिल करने का फायदा आज तक देश को मिल रहा है। पीएम ने कहा कि नेहरू जी की सरकार में ही बाबा आंबेडकर वॉटर पॉलिसी भी लाए थे।

शास्त्री जी और इंदिरा गांधी का जिक्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सन 1965 की जंग में लाल बहादुर शास्त्री जी ने इसी संसद से देश और देश के वीर जवानों को प्रेरित किया था। पीएम ने कहा कि इसी संसद से शास्त्री जी ने देश में हरित क्रांति की नींव रखी थी।बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया। इसी सदन में देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हुआ हमला भी देखा था।

नरसिम्हा राव की सरकार के पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़ने का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि नरसिम्हा राव की सरकार ने हिम्मत के साथ पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई राह पकड़ने का फैसला किया था, जिसका आज देश को परिणाम मिल रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसी सदन में देखा सर्व शिक्षा अभियान, आदिवासी कार्यलय मंत्रालय, नॉर्थ ईस्ट का मंत्रालय अटल जी ने बनाया। परमाणु परीक्षण भारत की ताकत का परिचायक बन गया। 

तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं इस सदन ने-पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और ये सदन, लोकतंत्र की ताकत हैं और लोकतंत्र का साक्षी है। इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी। जब नरसिम्हा राव घर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन इसी सदन की ताकत से वह अगले पांच साल के लिए देश के प्रधानमंत्री बने। 2000 की अटल जी की सरकार में तीन राज्यों का गठन हुआ। जिसका हर किसी ने उत्सव मनाया, लेकिन एक राज्य तेलंगाना के गठन के समय खून-खराबा भी देखा।

अगर किसी ने महिला उत्पीड़न का अपराध किया, तो यमराज उसका इंतज़ार कर रहे होंगे..', यहां पढ़िए, किस मामले पर भड़के सीएम योगी

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (17 सितंबर) को कहा कि अगर राज्य में कोई महिला उत्पीड़न जैसा अपराध करेगा, तो 'यमराज' उसका इंतजार कर रहे होंगे। सीएम योगी की यह टिप्पणी उस मामले को लेकर आई है, जिसमे एक छात्रा की जान चली गई, जब दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने छेड़छाड़ के प्रयास में उसका 'दुपट्टा' खींच लिया, जिसके कारण वह अपनी साइकिल से गिर गई और अंबेडकरनगर में एक अन्य मोटरसाइकिल चालक ने उसे कुचल दिया।

घटना शुक्रवार को हुई और तीनों आरोपियों को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दावा किया कि रविवार को हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान दो आरोपियों को गोली लगी, जबकि एक का पैर फ्रैक्चर हो गया। घटना के CCTV फुटेज में, पीड़िता, जो 11वीं कक्षा की छात्रा थी, और एक अन्य लड़की को अपनी साइकिल पर चलते हुए देखा जाता है, तभी एक तेज रफ्तार बाइक पीछे से उसके पास आती है और उसके पास से गुजरते समय पीछे बैठा व्यक्ति उसका दुपट्टा खींच लेता है। लड़की संतुलन खोने के बाद जमीन पर गिर जाती है और पीछे से आ रहा दूसरा मोटर चालक उसे कुचल देता है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुपट्टा खींचने वाले शाहबाज़ और उसके भाई अरबाज के रूप में हुई। तीसरे आरोपी फैसल ने लड़की पर गाड़ी चढ़ा दी थी। अधिकारियों ने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आरोपी भाइयों और फैसल के बीच कोई संबंध है या नहीं। अंबेडकरनगर के पुलिस अधीक्षक (SP) अजीत सिन्हा ने रविवार को मीडिया को बताया कि, "तीनों आरोपियों को रविवार को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। तीनों वाहन से कूद गए। उन्होंने पुलिस राइफल भी छीन ली और हमारी टीम पर गोलीबारी की।" उन्होंने कहा, "जवाबी गोलीबारी में दो आरोपियों के पैर में गोली लगी, जबकि तीसरे का पैर फ्रैक्चर हो गया। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" आरोपियों पर IPC की धारा 302 (हत्या) और 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए हमला) के साथ-साथ POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं, अम्बेडकरनगर में 343 करोड़ रुपये की 76 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद यहां एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि अगर कोई राज्य में महिलाओं को परेशान करने जैसा अपराध करता है, तो मृत्यु के देवता 'यमराज' उसका इंतजार कर रहे होंगे। मुख्यमंत्री ने कानून और व्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला और जोर दिया कि किसी को भी व्यवस्था को बाधित करने के लिए कानून का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अक्सर राज्य में कानून-व्यवस्था को संभालने में आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश करती है।

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, पूरे यूपी में 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करेगी योगी सरकार

उत्तर प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा विकल्प पर विशेष ध्यान देने के साथ, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, पीएम कुसुम योजना के तहत 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। एक आधिकारिक बयान में इस बारे में जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएम योगी की मंशा के अनुरूप पीएम कुसुम योजना के तहत 434 करोड़ रुपये खर्च करके 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी क्रमशः 217.84 करोड़ रुपये और 217.09 करोड़ रुपये होगी।'

बयान में कहा गया है कि, इस कार्ययोजना को प्रदेश में क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा अभिकरण (UPNEDA) को दी गई है, जिसके जरिए 75 जिलों के किसानों को सतही एवं सबमर्सिबल पम्प स्थापना के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। योगी सरकार ने परियोजना के तहत 30,000 सौर फोटो वोल्टाइक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार 7.5 एचपी तक के विभिन्न क्षमताओं के स्टैंडअलोन सोलर पंपों की स्थापना पर बेंचमार्क लागत का 60 प्रतिशत, प्रत्येक का 30 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इसका खर्च केंद्र और राज्य द्वारा वहन किया जाएगा।

जो किसान कृषि अवसंरचना निधि के जरिए स्टैंडअलोन सौर पंप स्थापित करने में रुचि रखते हैं, वे उसी समय बैंक से ऋण प्राप्त करके आवश्यक किसान हिस्सेदारी जमा कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकार इस पर कुल 6 प्रतिशत ब्याज छूट में से 3 प्रतिशत का योगदान करेंगी। बयान में आगे कहा गया है कि इन पंपों की स्थापना से किसानों को सौर ऊर्जा से सिंचाई अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें एक किफायती और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत मिलेगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने और क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में महत्वपूर्ण योगदान का प्रतिनिधित्व करता है।

इससे सिंचाई लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि किसान अपने कार्यों के लिए बिजली और डीजल पर कम निर्भर होंगे। इसमें कहा गया है कि इसका चयन, पहले आओ, पहले पाओ के दृष्टिकोण पर आधारित होगा। नई स्वीकृत योजना के तहत, यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) विभिन्न प्रकार के सौर ऊर्जा संचालित जल पंप स्थापित करने में मदद करेगी। इन पंपों में 2 एचपी, 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी जैसी बिजली क्षमता वाले पंप शामिल होंगे। इन पंपों का उपयोग पानी से संबंधित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को कृषि विभाग की वेबसाइट www.upagriculture.com पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद, किसानों को उन पंप विनिर्देशों और श्रेणियों का चयन करना चाहिए जिनके लिए वे पात्रता के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके बाद, किसानों को टोकन का आवंटन शुरू हो जाएगा और यह आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान, किसानों को टोकन जमा के रूप में 5000 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। बयान में कहा गया है कि सभी जिलों के लिए आवंटित लक्ष्य के अनुसार किसानों को सौर पंपों की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

मध्यप्रदेश में हाकफोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, विस्फोटक सामग्री हुई बरामद

मध्य प्रदेश से एक बड़ी घटना सामने आ रही है यहाँ 6 सितंबर को लांजी के चौरिया-चिलोदा के जंगल में भारी मात्रा में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप प्राप्त होने के 11 दिन पश्चात लांजी के देवरबेली क्षेत्र के मलकुआ जंगल में रविवार को हॉकफोर्स एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मलकुआ एवं राशिमेटा गांव के बीच घने जंगल में हाकफोर्स के जवान सर्चिंग कर रहे थे, तभी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मामले में नक्सली या सुरक्षा जवानों को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। जवानों को देखकर नक्सलियों ने गोलीबारी आरम्भ कर दी। गोलीबारी में दोनों तरफ से 8 से 10 राउंड फायर हुए। तत्पश्चात, नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए। जंगल में मलाजखंड दलम के 10 से 12 नक्सली थे। एक्सचेंज आफ फायर की इस घटना के पश्चात् क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

मुठभेड़ के पश्चात् हॉकफोर्स ने घटनास्थल से नक्सलियों का दैनिक इस्तेमाल का बड़ी मात्रा में सामान बरामद किया है। जवानों ने नक्सल टेंट, तिरपाल, खाना पकाने के बर्तन, यूएसबी चार्जर, बैटरी क्लिप, 12 वाट बैटरी, मल्टीमीटर समेत अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक्सचेंज ऑफ फायर की इस घटना के बाद क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।

गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में लांजी के सुलसुली चौकी के ग्राम बोदालझाेला के जंगल में सर्चिंग कर रहे हाकफोर्स एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हाकफोर्स एवं CRPF के सैनिकों ने एक महीने के भीतर नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप बरामद कर नक्सलियों के मंसूबों को असफल किया है। इस वर्ष 23 अगस्त को लांजी में नरपी के जंगल एवं 6 सितंबर को चौरिया चिलोदा के जंगल में सर्चिंग के चलते बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री समेत नक्सली साहित्य एवं अन्य रोजमर्रा के सामान बरामद किए थे।

सर्वदलीय बैठक में 'हिंदी' देखकर आगबबूला हुए DMK सांसद तिरुचि शिवा, ध्वजारोहण कार्यक्रम का शेड्यूल फाड़ा

केवल हिंदी में छपे ध्वजारोहण कार्यक्रम पत्र पर आपत्ति जताते हुए DMK सांसद तिरुचि शिवा ने रविवार (17 सितंबर) को केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान यात्रा कार्यक्रम को फाड़ दिया। बैठक की अध्यक्षता लोकसभा के उपनेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। यह घटना दिन की शुरुआत में एक सर्वदलीय बैठक के दौरान हुई, जिसमें कई विपक्षी नेताओं ने इसी तरह की आवाज उठाई। सूत्रों ने बताया है कि उन्होंने बैठने की गलत व्यवस्था के मुद्दे को भी उठाया, दावा किया कि कुर्सियां ​​केवल मंत्रियों के लिए उपलब्ध थीं।

सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK के सांसद तिरुचि शिवा ने रविवार सुबह ध्वजारोहण कार्यक्रम में भाग लिया, जहां कार्यक्रम कार्यक्रम प्रसारित किया गया और "केवल हिंदी में" प्रदान किया गया। हालांकि, सूत्र ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DMK के राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा को आश्वासन दिया कि अब से अंग्रेजी संस्करण भी प्रसारित किए जाएंगे। रविवार को नए संसद भवन में ध्वजारोहण समारोह को लेकर DMK की शिकायतें आईं। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन के "गज द्वार" पर झंडा फहराया, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

हिंदी को लेकर केंद्र से फिर भिड़ी DMK :-

कथित तौर पर एक भाषा में कार्यक्रम के प्रति DMK के राज्यसभा सांसद के विरोध ने उनकी पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन की धारणाओं का समर्थन किया, जिन्होंने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर "हिंदी थोपने" का आरोप लगाया था। उदयनिधि ने कहा था कि हिंदी भाषा केवल देश के 4-5 राज्यों में ही बोली जाती है और ये देश को एकजुट नहीं करती है। दरअसल, गुरुवार को "हिंदी दिवस" के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंदी भारत में भाषाओं की विविधता को एकजुट करती है और इसने विभिन्न भारतीय और वैश्विक भाषाओं और बोलियों का सम्मान किया है।

अमित शाह की टिप्पणी की आलोचना करते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने एक्स पर तमिल और अंग्रेजी में एक पोस्ट करते हुए कहा था कि 'हिंदी देश के लोगों को एकजुट करती है - क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त बनाती है', केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हमेशा की तरह हिंदी भाषा के प्रति अपना प्यार दिखाते हुए कहा। यह विचार यह चिल्लाने का एक वैकल्पिक रूप है कि यदि आप हिंदी पढ़ेंगे, तो आप प्रगति कर सकते हैं। तमिलनाडु में तमिल - केरल में मलयालम। हिंदी इन दोनों राज्यों को कहां जोड़ती है? सशक्तिकरण कहां आता है?' उदयनिधि ने आगे कहा कि यह कहना बेतुका है कि केवल चार या पांच राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी पूरे देश को एकजुट करती है।

लोकसभा में बोले पीएम मोदी, पुराने भवन विदा लेना भावुक, इसके निर्माण में हमारे देश के लोगों का पसीना, परिश्रम और पैसे लगा

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लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जी-20 के सफल आयोजन की बधाई दी है।उन्होंने कहा दुनिया में भारत का मान बढ़ा है। जी-20 में लिए गए निर्णय परिवर्तनकारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अफ्रीकी संघ को स्थाई सदस्य बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। जी-20 से दुनिया ने भारत की ताकत देखी है।इसके बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, संसदीय यात्रा उसका एक बार फिर स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का अवसर है। आजादी के पहले ये सदन का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद इस संसद को पहचान मिली। इस इमारत के निर्माण का फैसला विदेशी सांसदों का था लेकिन ये हम बात हम ना कभी भूल सकते हैं कि इसके निर्माण में पसीना देशवासियों का लगा है, परिश्रम और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे हैं। पीएम ने कहा आजाद भारत से जुड़ी हुई अनेक घटनाएं बीते 75 साल में इसी सदन में हुई। 600 महिला सांसदों ने भी सदन की गरिमा को बढ़ाया है। पहली बार जब मैं एक सांसद के तौर पर इस भवन में प्रवेश किया था तो लोकतंत्र के इस मंदिर को शीर्ष झुकाकर नमन किया था।

चारों तरफ भारत की हो रही है चर्चा-पीएम

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चारों तरफ भारत की चर्चा हो रही है। चंद्रयान-3 सफलता से पूरा देश अभिभूत है। इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप विज्ञान से जुड़ा है। हमारे वैज्ञानिकों के सामर्थ्य से जुड़ा है। ये देश और दुनिया में नया प्रभाव डालेगा। 

जी20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता-पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जी20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। आज जी 20 की सफलता को आपने सर्वसम्मति से सराहा है, मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी 20 की सफलता पूरे देश की सफलता है, ये किसी दल की नहीं बल्कि पूरे भारत और 140 करोड़ भारतीयों की है। देश की अलग-अलग सरकारों ने जी20 की बैठकें भले भव्य तरीके से आयोजित की, जिसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ा है। भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जिस समय भारत जी 20 का अध्यक्ष बना तो उस समय अफ्रीकन यूनियन जी20 का सदस्य बना, यह ऐतिहासिक है।

पूरी दुनिया आज भारत में अपना मित्र ढूंढ रही-पीएम

पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत में अपना मित्र ढूंढ रही है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र सबको जोड़ रहा है। ये संसद हम सबकी साझी विरासत है। पुरानी संसद से विदा लेना भावुक पल है। पीएम ने कहा कि लोकतंत्र की ताकत बहुत बड़ी है। रेलवे स्टेशन पर गुजारा करने वाला संसद पहुंच गया।