'मनमोहन सिंह मौन नहीं थे, बात कम और काम ज्यादा करते थे, लोकसभा में बोले अधीर रंजन चौधरी
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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को यूपीए के दस वर्षों के कार्यकाल के दौरान काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। उनकी हमेशा शांत रहने वाली छवि ने कहीं न कहीं उन्हें एक कमजोर प्रधानमंत्री के तौर पर खड़ा कर दिया। गंभीर से गंभीर राजनीतिक मसले पर चुप्पी साधे रहने के चलते मनमोहन सिंह को असफल प्रधानमंत्री करार दिया गया। जहां कम बोलने के कारण उन्हें ‘मौनी बाबा’ की उपाधि मिली तो वहीं अपने रोबोटिक शैली वाली चाल के लिए उन्हें स्टेच्यू भी कहा गया। आज एक बार फिर संसद के विशेष सत्र के दौरान मनमोहन सिंह की चुप्पी का जिक्र हुआ। केंद्र सरकार द्वारा बुलाए गए पांच दिवसीय विशेष सत्र की आज से शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद कांग्रेस पार्टी के सासंद अधीर रंजन चौधरी ने संसद भवन की पुरानी यादों का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने भी पंडित जवाह लाल नेहरू से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी और मनोमहन सिंह तक कई पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद किया।
मनमोहन सिंह पर बात करते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा,'हमारे मनमोहन सिंहजी को कहा जाता था कि वह मौन रहते हैं, वह मौन नहीं रहते थे। बल्कि काम ज्यादा और बात कम करते थे। जब जी-20 का सम्मेलन हुआ करता था, उस समय भी उन्होंने कहा था कि यह हमारे देश के लिए अच्छा है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा, चंद्रयान को लेकर चर्चा चल रही थी, मैं कहना चाहता हूं कि 1946 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में परमाणु अनुसंधान समिति का गठन किया गया था। वहीं से हम आगे बढ़े और 1964 में इसरो का विकास किया।
उन्होंने आगे कहा,'जब यह खबर मिल रही है कि आज इस सदन का अंतिम दिवस है तो सही मायनों में भावुक होना तो स्वाभाविक है। ना जाने कितने दिग्गजों और देशप्रेमियों ने देश के लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए यहां योगदान दिया है। बहुत सारे हमारे पूर्वज इस दुनिया को छोड़कर चले गए। उनकी याद हम करते रहेंगे।यह सदन जरूर कहेगा। जिंदगी में कितने दोस्त आए और कितने बिखर गए। कोई दो रोज के लिए आया तो किसी ने चलते ही सांस भर ली।लेकिन जिंदगी का नाम दरिया है। वह तो बस बहती रहेगी। चाहे रास्ते में फूल गिरे या पत्थर। उसी तरह हमारी यह सदन की कार्यवाही है, जो चलती आ रही है।
Sep 18 2023, 16:22