इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण पर बिल ला सकती है सरकार, जानें राज्यसभा से पास होने के बावजूद क्यों अटक गया था ये बिल?

#modigovernmentmaybringwomensreservationbill

संसद के विशेष सत्र शुरू के साथ ही एक बार फिर महिला आरक्षण पर सुगबुगाहट तेज हो गई है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल ला सकती है। संसद के विशेष सत्र में बुधवार को बिल पेश हो सकता है। सरकार की ओर से इस सत्र में चार बिलों को सूचीबद्ध किया गया है।हालांकि विपक्ष की ओर से महिला आरक्षण विधेयक पर जोर दिया जा रहा है।मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि इन्‍हीं पांच दिनों में महिला आरक्षण बिल को पास करा लिया जाए। इसे लेकर, हैदराबाद में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में बकायदा प्रस्ताव पारित किया गया है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

दरअसल, सोमवार से शुरू हुए सत्र से ठीक एक दिन पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इसमें विपक्षी गठबंधन INDIA समेत एनडीए के नेताओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हुई, जिसे पास कराने को लेकर न सिर्फ इंडिया नेताओं ने हामी भरी, बल्कि एनडीए नेता भी इसके समर्थन में नजर आए। इससे ही साफ हो गया था कि इस बिल को बेहद ही आसानी से संसद से पास करवाया जा सकेगा।

27 साल से अटका है महिला आरक्षण विधेयक

बता दें कि करीब 27 साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक अटका पड़ा है। महिलाओं को सदन में 33 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा बिल आखिरी बार मई 2008 को संसद में पेश किया गया था। तब की यूपीए सरकार ने अपने न्यूनतम साझा कार्यक्रम में महिला बिल को शामिल किया था और इसी वादे को पूरा करते हुए राज्यसभा में 6 मई 2008 को बिल पेश किया गया। फिर 9 मई 2008 को इसे कानून और न्याय से संबंधित स्थायी समिति के पास भेज दिया गया।स्थायी समिति ने लंबी चर्चा के बाद 17 दिसंबर 2009 को अपनी रिपोर्ट संसद में पेश की और इसे पास करने की सिफारिश की। 2 महीने बाद फरवरी 2010 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस सिफारिश को अपनी मंजूरी दे दी। हालांकि संसद में समाजवादी पार्टी, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इसका जमकर विरोध किया। जिसके बाद यह बिल अटकता चला गया।

लोकसभा से नहीं हो सका था पास

आखिरकार बिल पेश होने के करीब 2 साल बाद संसद की ऊपरी सदन ने 9 मई 2010 को अपने यहां पास कर दिया। लेकिन राज्यसभा के बाद जब यह बिल लोकसभा पहुंचा तो कभी यह बिल यहां पास ही नहीं हो सका।दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस की ओर से इस बिल का समर्थन किया जाता रहा है लेकिन अन्य क्षेत्रीय दलों के भारी विरोध और पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिए भी आरक्षण की मांग समेत कुछ चीजों पर विरोध के चलते इस पर आम सहमति कभी नहीं बन सकी। साथ ही महिला आरक्षण बिल का विरोध करने वाले दलों की ओर से कहा गया कि इस आरक्षण का फायला सिर्फ शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ही मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की फायदा नहीं होगा और उनकी हिस्सेदारी नहीं हो पाएगी।

विधायी सदनों में महिलाओं की स्थिती

वर्तमान लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गईं, जो कुल संख्या 543 के 15 प्रतिशत से भी कम हैं। बीते साल दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 14 प्रतिशत है। इसके अलावा 10 राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है, इनमें आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, गोवा, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा और पुडुचेरी शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा महिला विधायक

पिछले साल दिसंबर में जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में है जहां पर 14.44 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 13.7 फीसदी और झारखंड में 12.35 फीसदी महिला विधायकों के साथ देश में सबसे आगे चल रहे हैं।

विशेष सत्र में पीएम मोदी ने किया नेहरू, शास्त्री, इंदिरा से लेकर नरसिम्हा राव तक का जिक्र, बताया संसद ने 75 साल में क्या-क्या देखा

#pmmodipraisepanditnehru

Image 2Image 3Image 4Image 5

आज से संसद का विशेष सत्र शुरू हो गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन को संबोधित किया।पीएम मोदी ने नए सदन में जाने से पहले उन प्रेरक पलों, इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ियों का स्मरण किया।अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री से लेकर इंदिरा गांधी और नरसिम्हा राव की सरकार को याद किया और उनकी जमकर तारीफ की।पुरानी संसद में अपने आखिरी भाषण में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बातों का जिक्र किया। पीएम मोदी पुराने संसद भवन को विदा देते हुए देश के भविष्य का जिक्र करते हुए कहा कि इस सदन ने देश को आगे बढ़ाने वाले फैसले किए। 

पीएम मोदी ने कहा कि नई संसद में सबके विश्वास को लेकर जाने का समय है। उन्होंने कहा कि जो नया विश्वास पाया है उसको लेकर जाने का है। बहुत सी ऐसी बाते हैं जो सदन में हर किसी की ताली की हकदार है लेकिन शायद राजनीति उसमें भी आड़े आ गई। नेहरू के योगदान का गौरवगान इस सदन में होता है तो कौन सदस्य होगा जिसको ताली बजाने का मन नहीं करेगा। लेकिन उसके बावजूद भी देश के लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है कि हम सब अपने आंसुओं को देखें।पीएम मोदी ने पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू की तारीफ में कहा कि इस सदन में पूर्व पीएम की 'स्ट्रोक ऑफ मिड नाईट की गूंज' सभी को प्रेरित करती रहेगी। पीएम ने कहा कि नेहरू जी ने बाबा साहब आंबेडकर को अपनी सरकार में मंत्री के रूप में शामिल किया था। वह देश में बेस्ट प्रैक्टिसेज लाने पर जोर दिया करते थे। फैक्ट्री कानून में अंतरराष्ट्रीय सुझावों को शामिल करने का फायदा आज तक देश को मिल रहा है। पीएम ने कहा कि नेहरू जी की सरकार में ही बाबा आंबेडकर वॉटर पॉलिसी भी लाए थे।

शास्त्री जी और इंदिरा गांधी का जिक्र

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सन 1965 की जंग में लाल बहादुर शास्त्री जी ने इसी संसद से देश और देश के वीर जवानों को प्रेरित किया था। पीएम ने कहा कि इसी संसद से शास्त्री जी ने देश में हरित क्रांति की नींव रखी थी।बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन और उसका समर्थन भी इसी सदन में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में किया गया। इसी सदन में देश के लोकतंत्र पर आपातकाल के रूप में हुआ हमला भी देखा था।

नरसिम्हा राव की सरकार के पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़ने का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि नरसिम्हा राव की सरकार ने हिम्मत के साथ पुरानी आर्थिक नीतियों को छोड़कर नई राह पकड़ने का फैसला किया था, जिसका आज देश को परिणाम मिल रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने इसी सदन में देखा सर्व शिक्षा अभियान, आदिवासी कार्यलय मंत्रालय, नॉर्थ ईस्ट का मंत्रालय अटल जी ने बनाया। परमाणु परीक्षण भारत की ताकत का परिचायक बन गया। 

तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं इस सदन ने-पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं और ये सदन, लोकतंत्र की ताकत हैं और लोकतंत्र का साक्षी है। इसी सदन में चार सांसदों वाली पार्टी सत्ता में होती थी और 100 सांसदों वाली पार्टी विपक्ष में होती थी। इसी सदन में एक वोट से सरकार गिरी थी। जब नरसिम्हा राव घर जाने की तैयारी कर रहे थे लेकिन इसी सदन की ताकत से वह अगले पांच साल के लिए देश के प्रधानमंत्री बने। 2000 की अटल जी की सरकार में तीन राज्यों का गठन हुआ। जिसका हर किसी ने उत्सव मनाया, लेकिन एक राज्य तेलंगाना के गठन के समय खून-खराबा भी देखा।

अगर किसी ने महिला उत्पीड़न का अपराध किया, तो यमराज उसका इंतज़ार कर रहे होंगे..', यहां पढ़िए, किस मामले पर भड़के सीएम योगी

Image 2Image 3Image 4Image 5

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार (17 सितंबर) को कहा कि अगर राज्य में कोई महिला उत्पीड़न जैसा अपराध करेगा, तो 'यमराज' उसका इंतजार कर रहे होंगे। सीएम योगी की यह टिप्पणी उस मामले को लेकर आई है, जिसमे एक छात्रा की जान चली गई, जब दो मोटरसाइकिल सवार व्यक्तियों ने छेड़छाड़ के प्रयास में उसका 'दुपट्टा' खींच लिया, जिसके कारण वह अपनी साइकिल से गिर गई और अंबेडकरनगर में एक अन्य मोटरसाइकिल चालक ने उसे कुचल दिया।

घटना शुक्रवार को हुई और तीनों आरोपियों को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दावा किया कि रविवार को हिरासत से भागने की कोशिश के दौरान दो आरोपियों को गोली लगी, जबकि एक का पैर फ्रैक्चर हो गया। घटना के CCTV फुटेज में, पीड़िता, जो 11वीं कक्षा की छात्रा थी, और एक अन्य लड़की को अपनी साइकिल पर चलते हुए देखा जाता है, तभी एक तेज रफ्तार बाइक पीछे से उसके पास आती है और उसके पास से गुजरते समय पीछे बैठा व्यक्ति उसका दुपट्टा खींच लेता है। लड़की संतुलन खोने के बाद जमीन पर गिर जाती है और पीछे से आ रहा दूसरा मोटर चालक उसे कुचल देता है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुपट्टा खींचने वाले शाहबाज़ और उसके भाई अरबाज के रूप में हुई। तीसरे आरोपी फैसल ने लड़की पर गाड़ी चढ़ा दी थी। अधिकारियों ने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आरोपी भाइयों और फैसल के बीच कोई संबंध है या नहीं। अंबेडकरनगर के पुलिस अधीक्षक (SP) अजीत सिन्हा ने रविवार को मीडिया को बताया कि, "तीनों आरोपियों को रविवार को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था। तीनों वाहन से कूद गए। उन्होंने पुलिस राइफल भी छीन ली और हमारी टीम पर गोलीबारी की।" उन्होंने कहा, "जवाबी गोलीबारी में दो आरोपियों के पैर में गोली लगी, जबकि तीसरे का पैर फ्रैक्चर हो गया। तीनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।" आरोपियों पर IPC की धारा 302 (हत्या) और 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए हमला) के साथ-साथ POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

वहीं, अम्बेडकरनगर में 343 करोड़ रुपये की 76 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद यहां एक कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि अगर कोई राज्य में महिलाओं को परेशान करने जैसा अपराध करता है, तो मृत्यु के देवता 'यमराज' उसका इंतजार कर रहे होंगे। मुख्यमंत्री ने कानून और व्यवस्था की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कानूनी प्रणाली के महत्व पर प्रकाश डाला और जोर दिया कि किसी को भी व्यवस्था को बाधित करने के लिए कानून का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा अक्सर राज्य में कानून-व्यवस्था को संभालने में आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धि के रूप में पेश करती है।

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, पूरे यूपी में 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करेगी योगी सरकार

Image 2Image 3Image 4Image 5

उत्तर प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा विकल्प पर विशेष ध्यान देने के साथ, राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, पीएम कुसुम योजना के तहत 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। एक आधिकारिक बयान में इस बारे में जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 'उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएम योगी की मंशा के अनुरूप पीएम कुसुम योजना के तहत 434 करोड़ रुपये खर्च करके 30,000 से अधिक सौर फोटोवोल्टिक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी क्रमशः 217.84 करोड़ रुपये और 217.09 करोड़ रुपये होगी।'

बयान में कहा गया है कि, इस कार्ययोजना को प्रदेश में क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा अभिकरण (UPNEDA) को दी गई है, जिसके जरिए 75 जिलों के किसानों को सतही एवं सबमर्सिबल पम्प स्थापना के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली उपलब्ध करायी जायेगी। योगी सरकार ने परियोजना के तहत 30,000 सौर फोटो वोल्टाइक सिंचाई पंप स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार 7.5 एचपी तक के विभिन्न क्षमताओं के स्टैंडअलोन सोलर पंपों की स्थापना पर बेंचमार्क लागत का 60 प्रतिशत, प्रत्येक का 30 प्रतिशत अनुदान के रूप में प्रदान किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि इसका खर्च केंद्र और राज्य द्वारा वहन किया जाएगा।

जो किसान कृषि अवसंरचना निधि के जरिए स्टैंडअलोन सौर पंप स्थापित करने में रुचि रखते हैं, वे उसी समय बैंक से ऋण प्राप्त करके आवश्यक किसान हिस्सेदारी जमा कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य और केंद्र सरकार इस पर कुल 6 प्रतिशत ब्याज छूट में से 3 प्रतिशत का योगदान करेंगी। बयान में आगे कहा गया है कि इन पंपों की स्थापना से किसानों को सौर ऊर्जा से सिंचाई अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे उन्हें एक किफायती और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा स्रोत मिलेगा। यह कदम पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के खतरे को कम करने और क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में महत्वपूर्ण योगदान का प्रतिनिधित्व करता है।

इससे सिंचाई लागत में भी कमी आएगी, क्योंकि किसान अपने कार्यों के लिए बिजली और डीजल पर कम निर्भर होंगे। इसमें कहा गया है कि इसका चयन, पहले आओ, पहले पाओ के दृष्टिकोण पर आधारित होगा। नई स्वीकृत योजना के तहत, यूपीनेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी) विभिन्न प्रकार के सौर ऊर्जा संचालित जल पंप स्थापित करने में मदद करेगी। इन पंपों में 2 एचपी, 3 एचपी, 5 एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी जैसी बिजली क्षमता वाले पंप शामिल होंगे। इन पंपों का उपयोग पानी से संबंधित विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को कृषि विभाग की वेबसाइट www.upagriculture.com पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के बाद, किसानों को उन पंप विनिर्देशों और श्रेणियों का चयन करना चाहिए जिनके लिए वे पात्रता के लिए आवेदन करना चाहते हैं। इसके बाद, किसानों को टोकन का आवंटन शुरू हो जाएगा और यह आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगा। आवेदन प्रक्रिया के दौरान, किसानों को टोकन जमा के रूप में 5000 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करना होगा। बयान में कहा गया है कि सभी जिलों के लिए आवंटित लक्ष्य के अनुसार किसानों को सौर पंपों की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

मध्यप्रदेश में हाकफोर्स और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़, विस्फोटक सामग्री हुई बरामद

Image 2Image 3Image 4Image 5

मध्य प्रदेश से एक बड़ी घटना सामने आ रही है यहाँ 6 सितंबर को लांजी के चौरिया-चिलोदा के जंगल में भारी मात्रा में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप प्राप्त होने के 11 दिन पश्चात लांजी के देवरबेली क्षेत्र के मलकुआ जंगल में रविवार को हॉकफोर्स एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मलकुआ एवं राशिमेटा गांव के बीच घने जंगल में हाकफोर्स के जवान सर्चिंग कर रहे थे, तभी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इस मामले में नक्सली या सुरक्षा जवानों को किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। जवानों को देखकर नक्सलियों ने गोलीबारी आरम्भ कर दी। गोलीबारी में दोनों तरफ से 8 से 10 राउंड फायर हुए। तत्पश्चात, नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए। जंगल में मलाजखंड दलम के 10 से 12 नक्सली थे। एक्सचेंज आफ फायर की इस घटना के पश्चात् क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है।

मुठभेड़ के पश्चात् हॉकफोर्स ने घटनास्थल से नक्सलियों का दैनिक इस्तेमाल का बड़ी मात्रा में सामान बरामद किया है। जवानों ने नक्सल टेंट, तिरपाल, खाना पकाने के बर्तन, यूएसबी चार्जर, बैटरी क्लिप, 12 वाट बैटरी, मल्टीमीटर समेत अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एक्सचेंज ऑफ फायर की इस घटना के बाद क्षेत्र में सर्चिंग तेज कर दी गई है, जो आगे भी जारी रहेगी।

गौरतलब है कि इससे पहले अक्टूबर 2022 में लांजी के सुलसुली चौकी के ग्राम बोदालझाेला के जंगल में सर्चिंग कर रहे हाकफोर्स एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हाकफोर्स एवं CRPF के सैनिकों ने एक महीने के भीतर नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक डंप बरामद कर नक्सलियों के मंसूबों को असफल किया है। इस वर्ष 23 अगस्त को लांजी में नरपी के जंगल एवं 6 सितंबर को चौरिया चिलोदा के जंगल में सर्चिंग के चलते बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री समेत नक्सली साहित्य एवं अन्य रोजमर्रा के सामान बरामद किए थे।

सर्वदलीय बैठक में 'हिंदी' देखकर आगबबूला हुए DMK सांसद तिरुचि शिवा, ध्वजारोहण कार्यक्रम का शेड्यूल फाड़ा

Image 2Image 3Image 4Image 5

केवल हिंदी में छपे ध्वजारोहण कार्यक्रम पत्र पर आपत्ति जताते हुए DMK सांसद तिरुचि शिवा ने रविवार (17 सितंबर) को केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान यात्रा कार्यक्रम को फाड़ दिया। बैठक की अध्यक्षता लोकसभा के उपनेता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी। यह घटना दिन की शुरुआत में एक सर्वदलीय बैठक के दौरान हुई, जिसमें कई विपक्षी नेताओं ने इसी तरह की आवाज उठाई। सूत्रों ने बताया है कि उन्होंने बैठने की गलत व्यवस्था के मुद्दे को भी उठाया, दावा किया कि कुर्सियां ​​केवल मंत्रियों के लिए उपलब्ध थीं।

सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी DMK के सांसद तिरुचि शिवा ने रविवार सुबह ध्वजारोहण कार्यक्रम में भाग लिया, जहां कार्यक्रम कार्यक्रम प्रसारित किया गया और "केवल हिंदी में" प्रदान किया गया। हालांकि, सूत्र ने कहा कि बैठक की अध्यक्षता करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DMK के राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा को आश्वासन दिया कि अब से अंग्रेजी संस्करण भी प्रसारित किए जाएंगे। रविवार को नए संसद भवन में ध्वजारोहण समारोह को लेकर DMK की शिकायतें आईं। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन के "गज द्वार" पर झंडा फहराया, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।

हिंदी को लेकर केंद्र से फिर भिड़ी DMK :-

कथित तौर पर एक भाषा में कार्यक्रम के प्रति DMK के राज्यसभा सांसद के विरोध ने उनकी पार्टी के नेता उदयनिधि स्टालिन की धारणाओं का समर्थन किया, जिन्होंने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर "हिंदी थोपने" का आरोप लगाया था। उदयनिधि ने कहा था कि हिंदी भाषा केवल देश के 4-5 राज्यों में ही बोली जाती है और ये देश को एकजुट नहीं करती है। दरअसल, गुरुवार को "हिंदी दिवस" के अवसर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हिंदी भारत में भाषाओं की विविधता को एकजुट करती है और इसने विभिन्न भारतीय और वैश्विक भाषाओं और बोलियों का सम्मान किया है।

अमित शाह की टिप्पणी की आलोचना करते हुए, उदयनिधि स्टालिन ने एक्स पर तमिल और अंग्रेजी में एक पोस्ट करते हुए कहा था कि 'हिंदी देश के लोगों को एकजुट करती है - क्षेत्रीय भाषाओं को सशक्त बनाती है', केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने हमेशा की तरह हिंदी भाषा के प्रति अपना प्यार दिखाते हुए कहा। यह विचार यह चिल्लाने का एक वैकल्पिक रूप है कि यदि आप हिंदी पढ़ेंगे, तो आप प्रगति कर सकते हैं। तमिलनाडु में तमिल - केरल में मलयालम। हिंदी इन दोनों राज्यों को कहां जोड़ती है? सशक्तिकरण कहां आता है?' उदयनिधि ने आगे कहा कि यह कहना बेतुका है कि केवल चार या पांच राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी पूरे देश को एकजुट करती है।

लोकसभा में बोले पीएम मोदी, पुराने भवन विदा लेना भावुक, इसके निर्माण में हमारे देश के लोगों का पसीना, परिश्रम और पैसे लगा

#pmmodiinloksabha

Image 2Image 3Image 4Image 5

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जी-20 के सफल आयोजन की बधाई दी है।उन्होंने कहा दुनिया में भारत का मान बढ़ा है। जी-20 में लिए गए निर्णय परिवर्तनकारी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर अफ्रीकी संघ को स्थाई सदस्य बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। जी-20 से दुनिया ने भारत की ताकत देखी है।इसके बाद पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, संसदीय यात्रा उसका एक बार फिर स्मरण करने के लिए और नए सदन में जाने से पहले इतिहास की महत्वपूर्ण घड़ी को याद करते हुए आगे बढ़ने का अवसर है। आजादी के पहले ये सदन का स्थान हुआ करता था। आजादी के बाद इस संसद को पहचान मिली। इस इमारत के निर्माण का फैसला विदेशी सांसदों का था लेकिन ये हम बात हम ना कभी भूल सकते हैं कि इसके निर्माण में पसीना देशवासियों का लगा है, परिश्रम और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे हैं। पीएम ने कहा आजाद भारत से जुड़ी हुई अनेक घटनाएं बीते 75 साल में इसी सदन में हुई। 600 महिला सांसदों ने भी सदन की गरिमा को बढ़ाया है। पहली बार जब मैं एक सांसद के तौर पर इस भवन में प्रवेश किया था तो लोकतंत्र के इस मंदिर को शीर्ष झुकाकर नमन किया था।

चारों तरफ भारत की हो रही है चर्चा-पीएम

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, चारों तरफ भारत की चर्चा हो रही है। चंद्रयान-3 सफलता से पूरा देश अभिभूत है। इसमें भारत के सामर्थ्य का एक नया रूप विज्ञान से जुड़ा है। हमारे वैज्ञानिकों के सामर्थ्य से जुड़ा है। ये देश और दुनिया में नया प्रभाव डालेगा। 

जी20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता-पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जी20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। आज जी 20 की सफलता को आपने सर्वसम्मति से सराहा है, मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। जी 20 की सफलता पूरे देश की सफलता है, ये किसी दल की नहीं बल्कि पूरे भारत और 140 करोड़ भारतीयों की है। देश की अलग-अलग सरकारों ने जी20 की बैठकें भले भव्य तरीके से आयोजित की, जिसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ा है। भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जिस समय भारत जी 20 का अध्यक्ष बना तो उस समय अफ्रीकन यूनियन जी20 का सदस्य बना, यह ऐतिहासिक है।

पूरी दुनिया आज भारत में अपना मित्र ढूंढ रही-पीएम

पीएम ने कहा कि पूरी दुनिया आज भारत में अपना मित्र ढूंढ रही है। सबका साथ, सबका विकास का मंत्र सबको जोड़ रहा है। ये संसद हम सबकी साझी विरासत है। पुरानी संसद से विदा लेना भावुक पल है। पीएम ने कहा कि लोकतंत्र की ताकत बहुत बड़ी है। रेलवे स्टेशन पर गुजारा करने वाला संसद पहुंच गया।

संसद के विशेष सत्र पर पी मोदी की टिप्पणी, कहा- सत्र छोटा, लेकिन लिए जाएंगे ऐतिहासिक निर्णय

#pmaddressesmediaaheadofspecialsessionofparliament

मोदी सरकार ने आज से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है।सत्र में भाग लेने के लिए पीएम मोदी संसद पहुंचे। यहां उन्होंने प्रेस से बातचीत के दौरान चंद्रयान-3 मिशन पर बात की। पीम ने कहा कि चंद्रयान-3 मिशन भारत के लिए गौरव का विषय है। चंद्रयान-3 मिशन नई प्रेरणा का स्रोत बना। भारत चांद पर भी तिरंगा फहरा रहा है। शिव शक्ति पॉइंट भारत के लिए प्रेरणा का केंद्र बना है। 

Image 2Image 3Image 4Image 5

जी-20 आयोजन को बताया गौरव का क्षण

पीएम मोदी ने जी-20 के आयोजन पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जी20 में हम ग्लोबल साउथ की आवाज बने। जी-20 की अभूतपूर्व सफलता देश के लिए गर्व का विषय है। जी20 की सफलता भारत की विविधता का सेलिब्रेशन बन गया है. देश के उज्ज्वल भविष्य का संकेत दे रही है. भारत के गौरव को बढ़ाने वाला माहौल बन रहा है।

सत्र छोटा जरूर, लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा-पीएम मोदी

इस दौरान पीएम मोदी ने किसी का नाम लिए बिना विपक्ष पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा, ये सत्र छोटा जरूर है, लेकिन समय के हिसाब से बहुत बड़ा है।ऐतिहासिक निर्णयों का ये सत्र है।75 साल की यात्रा नए मुकाम से आरंभ हो रही है। ये ऐतिहासिक निर्णयों का सत्र होगा।

पुरानी बुराइयों को छोड़ नए संसद में अच्छाइयों को लेकर चलें-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि नए स्थान पर संसद की यात्रा को बढ़ाते हुए 2047 में इस देश को विकसित राष्ट्र बनाकर रहना है। ये सत्र अनेक प्रकार से महत्वपूर्ण है। मैं आग्रह करता हूं कि सभी सांसदों को ज्यादा से ज्यादा समय मिले। जीवन में कुछ ऐसे पल होते हैं जो उतासह और उमंग से भर देते हैं। पुरानी बुराइयों को छोड़ नए संसद में अच्छाइयों को लेकर चलें।

पश्चिमी देश बुरे हैं"इस सिन्ड्रोम से बाहर निकलने की जरूरत, जानें विदेशमंत्री एस जयशंकर ने ऐसा क्यों कहा

#jaishankar_on_west_not_a_bad_guy

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सलाह दी है कि हमें ‘पश्चिम बुरा है’ वाले ‘सिंड्रोम’ से बाहर आने की जरूरत है।विदेश मंत्री जयशंकर का कहना है कि पश्चिमी देशों को लेकर बेहद नकारात्मक धारणा बनी हुई है।पश्चिमी देशों को नकारात्मक रूप से देखने के सिंड्रोम से बाहर निकलने की जरूरत है।प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के उद्घाटन के सिलसिले में तिरुअनंतपुरम पहुंचे जयशंकर ने मलयालम न्यूज़ चैनल 'एशियानेट' को रविवार को दिए इंटरव्यू के दौरान ये बात कही। उन्होंने इंटरव्यू में यह भी साफ़ किया कि वह पश्चिमी देशों की वकालत नहीं कर रहे हैं।

Image 2Image 3Image 4Image 5

विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को केरल पहुंचे। वह राज्य की राजधानी तिरुवनंतपुरम में 'पीएम विश्वकर्मा' योजना के लॉन्च के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने एक मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट को इंटरव्यू दिया।विदेशमंत्री ने कहा, पश्चिम देश एशिया और अफ़्रीका में बड़े पैमाने पर सामान नहीं भर रहे हैं। मेरे खयाल से हमें अतीत के इस सिन्ड्रोम से उबरने की ज़रूरत है कि पश्चिमी देश बुरे हैं, और विकासशील देशों के ख़िलाफ़ हैं।दुनिया बहुत जटिल है, और दिक्कतें उससे भी ज़्यादा जटिल हैं। इस दौरान विदेश मंत्री का निशाना चीन पर था, जहां उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि हमें इस सोच को पीछे छोड़ देना चाहिए जहां पश्चिम को बुरा और दूसरी तरफ अन्य देशों को विकासशील मानते हैं। उन्होंने साफ किया कि वह ऐसा कहकर पश्चिम के लिए बैटिंग नहीं कर रहे हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस वजह से नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए, क्योंकि वह भारत को ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में नहीं देखना चाहते थे, जयशंकर ने कहा कि अटकलें तो बहुत लग रही थीं। उन्होंने कहा कि आज मुद्दा ये है कि कैसे एक मजबूत भावना की शुरुआत हो, जहां वैश्वीकरण में पिछले 15-20 सालों में असमानताएं देखी गई हैं। वैश्वीकरण में विनिर्माण का केंद्रीकरण हो गया है, जिसका फायदा भी हो रहा है और सब्सिडी दी जा रही है और इससे विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने ग्लोबल साउथ को लेकर सवाल पर कहा कि आज जिस तरह से भारत ने भारत ने विनिर्माण, कृषि, चंद्रयान-3 मिशन जैसी उब्लब्धियां हासिल की है, ग्लोबल साउथ का भारत में विश्वास जगा है।

विदेश मंत्री ने जी 20 के सफल आयोजन पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन की उपलब्धियों और कनाडा द्वारा खालिस्तान समूह शह देने को लेकर खुले तौर पर बात हुई। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में प्रभावशाली समूहों को जी20 से जोड़ा गया और ग्लोबल साउथ पहल पर अपना ध्यान केंद्रित किया। जयशंकर ने कहा कि जी20 के जरिए भारत ने एक अलग कूटनीति अपनाने की कोशिश की और सम्मेलन की मदद से बाल्टिक के बारे में देश में और ज्यादा दिलचस्पी पैदा हुई। जयशंकर ने कहा कि भारत अब अलग स्तर का आत्मविश्वास और अलग नेतृत्व वाला एक अलग देश है और जिस तरह से जी20 आयोजित किया गया उससे देश को फायदा ही हुआ है।

आज से शुरू हो रहा संसद का विशेष सत्र, विपक्ष तैयार, इन मुद्दों पर होगा प्रहार

#special_session_of_parliament

आज से संसद का 5 दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है। संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत चार विधेयकों पर चर्चा होगी।ऐसी संभावना है कि मोदी सरकार इस विशेष सत्र में कई अहम बिलों को हरी झंडी दे सकती है।विशेष सत्र का पहला दिन पुराने संसद भवन में ही आयोजित होगा, लेकिन दूसरे दिन से सत्र की कार्यवाही नए संसद भवन में की जाएगी। संसद भवन की बिल्डिंग भले ही नई हो, लेकिन मुद्दे वही पुराने रहने वाले हैं।

Image 2Image 3Image 4Image 5

सरकार ने विशेष सत्र का एजेंडा भी जारी कर दिया है। सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में 75 सालों में संसद की यात्रा पर होगी चर्चा। इस दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसदीय यात्रा पर चर्चा होगी।इसके अलावा प्रिविलेज कमेटी की तरफ से छह रिपोर्ट रखी जाएगी। पीएम मोदी लोकसभा में और पीयूष गोयल राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं।

18 से 22 सितंबर यानी पांच दिन के इस विशेष सत्र के पहले 17 सितंबर को नए संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रध्वज फहराया गया। यह संसद की नई इमारत में पहला और औपचारिक ध्वजारोहण था। इससे पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संसदीय ड्यूटी ग्रुप ने उपराष्ट्रपति धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया।

विशेष सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया। वहीं, विपक्षी की ओर से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस प्रमुख एचडी देवेगौड़ा, डीएमके सांसद कनिमोझी, टीडीपी नेता राम मोहन नायडू, टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, आप से संजय सिंह, बीजेडी के सस्मित पात्रा, बीआरएस नेता के केशव राव, वाईएसआर कांग्रेस से केवी विजयसाई रेड्डी, आरजेडी के मनोज झा और सपा के रामगोपाल यादव ने शिरकत की थी।

31 अगस्त को केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की। केंद्रीय संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर पोस्ट में ये जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि संसद के विशेष सत्र में पांच बैठकें होंगी। इसके बाद एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण, समान नागरिक संहिता सहित कई अहम विधेयकों को लेकर अटकलें शुरू हो गईं। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बयान में कहा कि अमृत काल के समय में होने वाले इस सत्र में संसद में सार्थक चर्चा और बहस होने को लेकर आशान्वित हूं। 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में पहले दिन को छोड़कर बाकी दिन की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी। गणेश चतुर्थी के दिन यानी 19 सितंबर को नए भवन में कार्यवाही की शुरुआत होगी।