शख्शियत : शमसुद्दीन जो अपने हुनर व मेहनत के बल पर गढ़ रहे हैं बेहतर कल, इनकी प्रतिभा देख आप भी हो जाएंगे कायल
धनबाद : आज करोड़ों लोग सृजन के कार्य में लगे हैं और अपने हुनर से देश-दुनिया को खुशहाल बना रहे हैं, उसे बेहतरी की तरफ ले जा रहे हैं. बड़ी-बड़ी फैक्टरियों से लेकर छोटे-छोटे कल-कारखानों और यहां तक कि गांव-शहर की पगडंडियों और दुकानों में 'आज के विश्वकर्मा' परंपरागत और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के दम पर निर्माण और मरम्मत के कार्य में लगे हैं. विकास का रास्ता इनके श्रम से होकर ही गुजरता है.
करोड़ों लोग सृजन के कार्य में लगे हैं और अपने हुनर से देश-दुनिया को खुशहाल बना रहे हैं, उसे बेहतरी की तरफ ले जा रहे हैं. बड़ी-बड़ी फैक्टरियों से लेकर छोटे-छोटे कल-कारखानों और यहां तक कि गांव-शहर की पगडंडियों और दुकानों में 'आज के विश्वकर्मा' परंपरागत और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के दम पर निर्माण और मरम्मत के कार्य में लगे हैं.
विकास का रास्ता इनके श्रम से होकर ही गुजरता है. प्रभात खबर इस पावन अवसर पर 'आज के विश्वकर्मा' के योगदान को रेखांकित करने का प्रयास कर रहा है.
खराब ट्रांसफॉर्मरों में नयी जान डालकर इलाके का अंधेरा दूर करते हैं शमसुद्दीन
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के ट्रांसफॉर्मर रिपयेर वर्कशॉप (टीआरडब्ल्यू) में एक ऐसे शख्स हैं, जो हर मौसम पूरे जिले में खराब ट्रांसफॉर्मर के मरम्मत की जिम्मेदारी निभाते हैं. ये ट्रांसफॉर्मरों में नयी जान डालकर इलाके के अंधेरे को दूर करने में अहम योगदान देते हैं. टीआरडब्ल्यू में कई एजेंसिया बदली, लेकिन शमसुद्दीन को हटाने की कभी किसी ने नहीं सोचा. वह 18 वर्षों से सेवा दे रहे हैं. जेबीवीएनएल के अधिकारी खुद टीआरडब्यू में बहाल एजेंसी के प्रतिनिधियों के पहुंचने पर शमसुद्दीन को रखने की सिफारिश करते है.
ट्रांसफॉर्मर चाहे कितनी भी बुरी स्थिति में हो, शमसुद्दीन उसे कुछ घंटों में ही दुरुस्त कर देते है.
आज तक कितने ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत की है, यह शमसुद्दीन को खुद याद नहीं
हालांकि, जेबीवीएनएल के अधिकारियों की माने तो अनुमानित तौर पर उन्होंने 15 हजार से ज्यादा खराब ट्रांसफॉर्मरों को दुरुस्त किया है. सबसे खास बात यह है कि 12 घंटों के अंदर ही वह अकेले एक ट्रांसफॉर्मर को पूरी तरह खोल कर दुरुस्त करने के बाद उसे इंस्टॉल कर देते हैं. आरा के रहने वाले शमसुद्दीन बताते हैं कि ट्रांसफॉर्मर रिपयेरिंग की ऐसी जिम्मेवारी उन्हें मिली है कि कई बार जरूरी होने पर भी अपने घर नहीं जा पाते हैं.
Sep 17 2023, 18:16