अफगानिस्तान में पुरुष भी नहीं पहन सकेंगे तंग और चुस्त कपड़े, तालिबान सरकार का नया फरमान जारी

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डेस्क: अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान महिलाओं पर अब तक कई तरह की सख्त पाबंदियां लगा चुका है। तालिबना सरकार ने अब अपने एक नए फरमान में महिला-पुरुषों के तंग कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने कहा कि इस तरीके के कपड़े पहनना अफगानिस्तान संस्कृति के खिलाफ हैं। ये प्रतिबंध अफगानिस्तान के बामियान में लगाए गए हैं। तालिबान प्रशासन ने वहां के दुकानदारों को तंग और पतले कपड़े हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये शरिया और अफगानी संस्कृति के विपरीत है।

तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश 

सदाचार विभाग ने इसे पश्चिमी संस्कृति की नकल बताते हुए प्रांत के नागरिकों को तंग, पतले और छोटे कपड़े न पहनने का आदेश दिया। अफगानिस्तान के सदाचार विभाग ने कहा कि हम मुस्लिम हैं और हमारी संस्कृति इस्लामी है। हमें ऐसे कपड़े आयात करने चाहिए, जो अफगान संस्कृति और परंपरा के अनुरूप हो। उन्होंने पश्चिमी शैली के कपड़ों के आयात न करने की सलाह दी है। सदाचार विभाग के प्रमुख महमूदुल हसन मंसूरी ने कहा कि इस तरह के कपड़े हमारी संस्कृति के खिलाफ हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। 

"फैसले से खुश, क्योंकि हम सभी मुस्लिम हैं"

विभाग के इस फैसले का कुछ सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत करते हुए कहा कि बामियान में महिलाएं पहले से ही हिजाब का पालन कर रही हैं। सांस्कृतिक कार्यकर्ता ज़ैनब सदात ने कहा, "हम महिलाओं ने हमेशा हिजाब का पालन किया है और यह हमारी इस्लामी ज़िम्मेदारी है।" इस बीच, कुछ दुकानदारों ने कहा कि उन्हें अपनी दुकानों से पतले और चुस्त कपड़े हटाने का आदेश दिया गया है। एक दुकानदार अली रिज़ा ने कहा, "उन्होंने हमें छोटे, तंग और पतले कपड़े आयात न करने का निर्देश दिया है। हम इस फैसले से खुश हैं, क्योंकि हम सभी मुस्लिम हैं।"

पाबंदी में 60,000 महिलाओं ने खो दी नौकरी

बता दें कि कुछ दिनों पहले संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत रिचर्ड बेनेट ने तालिबान से अफगानिस्तान की महिलाओं पर से सख्त पाबंदी हटाने और उन्हें काम करने व बिजनेस चलाने की इजाजत देने को कहा था। 13 सितंबर को मानवाधिकार परिषद के 54वें नियमित सत्र में बोलते हुए बेनेट ने कहा कि अंतरिम अफगान सरकार की हालिया पाबंदियों की वजह से 60,000 महिलाओं ने अपनी नौकरियां खो दी हैं।

जम्मू कश्मीर में आतंकियों को 'जहन्नुम' भेजने का सिलसिला जारी, बारामुल्ला में सेना ने लश्कर के दो दहशतगर्दों को किया ढेर

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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में आज यानि शनिवार (16 सितंबर) की सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है। उरी में नियंत्रण रेखा के पास अभी भी आतंकवाद विरोधी अभियान जारी है। कश्मीर पुलिस ज़ोन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि, "बारामूला जिले के उरी, हथलंगा के आगे के इलाके में आतंकवादियों और सेना और बारामूला पुलिस के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई है।" बाद में बताया गया कि ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए।

पुलिस ने कहा, आगे की जानकारी बाद में दी जाएगी। यह बारामूला जिले में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा होने के एक दिन बाद आया है, जिसमें दो आतंकवादी सहयोगियों की गिरफ्तारी और उनके पास से हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी हुई है। एक पुलिस प्रवक्ता ने दोनों की पहचान मीर साहिब बारामूला के रहने वाले ज़ैद हसन मल्ला और स्टेडियम कॉलोनी बारामूला के मोहम्मद आरिफ चन्ना के रूप में की थी। प्रवक्ता ने कहा कि, "वे पाकिस्तान स्थित आतंकी आकाओं के इशारे पर सीमा पार से हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लश्कर के आतंकवादियों को इसके वितरण में शामिल थे।" इस बीच, अनंतनाग जिले में पहाड़ी इलाके में वन क्षेत्र में मोर्चा संभाले आतंकवादियों को मार गिराने के लिए एक अभियान चल रहा है। सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के स्थान का पता लगाने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं, क्योंकि आतंकियों को बाहर निकालने का अभियान शनिवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कश्मीर) विजय कुमार ने कहा कि ऑपरेशन विशिष्ट इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था और फंसे हुए दो से तीन आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा। उन्होंने सेवानिवृत्त पुलिस और सेना अधिकारियों को भी मीडिया में घात की परिकल्पना को बढ़ावा देने से बचने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा कि, "सेवानिवृत्त पुलिस/सेना अधिकारियों को 'घात परिकल्पना' से बचना चाहिए। यह एक विशिष्ट इनपुट-आधारित ऑपरेशन है। ऑपरेशन प्रगति पर है और सभी 2-3 फंसे हुए आतंकवादियों को मार गिराया जाएगा।" शुक्रवार को एक और सैनिक शहीद हो गया था, जिससे बलिदान होने वालों की संख्या चार हो गई। सेना ने अभी तक ऑपरेशन में चौथे कर्मी की मौत की पुष्टि नहीं की है। बुधवार को 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह, उसी बटालियन के मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट शहीद हो गए थे।

महादेव ऐप केस में ED के रडार पर सनी, कृष्णा, टाइगर समेत बॉलीवुड की कई हस्तियां, गंभीर हैं आरोप

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डेस्क: महादेव ऐप केस कई बॉलीवुड हस्तियां प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच के दायरे में हैं। जिन्हें जल्दी ही समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी में इस्तेमाल हुए महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर की फरवरी में यूएई में शादी हुई थी। फरार आरोपी सौरभ चंद्राकर की शादी में 200 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गए। शादी के कुछ विडियो जांच एजेंसी ईडी को मिले हैं। जिसमें बॉलीवुड और पाकिस्तान फिल्म इंडस्ट्री की कई हस्तियां दिख रही हैं।

भगौड़ा है सौरभ चंद्राकर

FPJ की रिपोर्ट के मुताबिक, सौरभ चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल भारत में मोस्ट वांटेड आरोपी हैं। दोनों के दाऊद इब्राहिम के साथ रिश्ते होने का भी शक है। चंद्राकर पर दुबई से अपना महादेव ऑनलाइन ऐप चलाने के आरोप हैं। सौरभ चंद्राकर ने फरवरी 2023 में दुबई में छत्तीसगढ़ की एक महिला से शादी की। शादी के बाद भव्य रिसेप्शन रखा गया, जिसमें कई मशहूर हस्तियों ने भाग लिया। इन फिल्मी हस्तियों को दिया गया पैसा ईडी की जांच के दायरे में हैं।

दुबई में सौरभ की शादी में विशाल ददलानी, टाइगर श्रॉफ, नेहा कक्कड़, एली अवराम, भारती सिंह, सनी लियोन, भाग्यश्री, पुलकित सम्राट, कृति खबंदा, नुसरत भरुच, कृष्णा अभिषेक, अली असगर के शामिल होने की बात सामने आई है। पाकिस्तान से आतिफ असलम और राहत फतेह अली खान इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। ईडी को शक है कि इन लोगों को कैश में मोटी रकम दी गई। ईडी ने इन हस्तियों को किए गए भुगतान की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि एजेंसी ईडी इन हस्तियों को जल्दी ही पूछताछ के लिए बुला सकती है।

*‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लेकर बनी कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर को, जानें क्या होगा फायदा, कहां आएंगी अड़चने*

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देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर चर्चा लगातार हो रही है।इसी बीच केंद्र सरकार ने देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे को लेकर बीते दिनों पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित कर दी है।ये अमेटी एक साथ चुनाव कराने के लिए रूपरेखा तय करेगी। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावनाओं को लेकर बनाई गई समिति की पहली बैठक 23 सितंबर को होने जा रही है।कमेटी के चेयरमैन और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कहना है कि कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर को होगी। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत के दौरान उन्होंने इसकी पुष्टि की।

इससे पहले तीन सितंबर को समिति के अध्यक्ष को शीर्ष अधिकारियों ने प्रारंभिक जानकारी दी थी। केंद्रीय कानून मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने पूर्व राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। कोविंद लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने की संभावना पर और इस सिलसिले में सिफारिशों के लिए बनाई गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष हैं।कमेटी में अध्यक्ष के अलावा 7 अन्य सदस्यों में अमित शाह, अधीर रंजन चौधरी, गुलाम नबी आज़ाद, एनके सिंह, सुभाष कश्यप, हरीश साल्वे और संजय कोठारी शामिल होंगे।केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आमंत्रित अतिथि के रूप में बैठक में हिस्सा लेंगे। कानूनी मामलों के विभाग के सचिव नितेन चन्द्र उच्च स्तरीय समिति के सचिव के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगे। हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने खत लिखकर समिति का हिस्सा होने से इनकार कर दिया था।

विशेष सत्र में केन्द्र सरकार ला सकती है प्रस्ताव

‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ को लेकर ये अटकले लगाई जा रही हैं कि मोदी सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए विशेष सत्र में इससे जुड़े बिल का प्रस्ताव ला सकती है।गत 11 अगस्त को संसद का मासून सत्र सम्पन्न हो जाने के बावजूद केन्द्र सरकार का अचानक 18 से 22 सितम्बर तक संसद का विशेष-सत्र बुलाना एक बड़े राजनीतिक धमाके का स्पष्ट संकेत है। 

संवैधानिक अड़चनें कम नहीं

लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने में संवैधानिक प्रावधानों की सबसे बड़ी चुनौती है। भारत के संविधान राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक साथ चुनाव का प्रावधान नहीं है। इस विचार को सक्षम करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक सहमति और एक लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता होगी। राज्य विधान सभाओं और लोकसभा के लिए निश्चित शर्तें समकालिक नहीं हैं।इन शर्तों के समन्वय के लिए दोनों स्तरों पर संवैधानिक संशोधन और कानूनी बदलाव की आवश्यकता होगी। संविधान के जानकारों के अनुसार इसके लिए कम से कम संविधान के 5 अनुच्छेदों में संशोधन करना पड़ेगा, जिनमें अनुच्छेद 83, 85, 172, 174 और 175 शामिल हैं।

विधानसभाओं का कार्यकाल घटाना या बढ़ाना पड़ सकता है

साथ ही कुछ राज्यों की विधानसभाओं को भी भंग करना पड़ सकता है या फिर कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल कुछ समय के लिए बढ़ाना पड़ सकता है। किसी भी सदन के भंग होने पर उसका कार्यकाल कम किया जा सकता है, जो तब हो सकता है जब सरकार इस्तीफा दे देती है। जबकि कार्यकाल को बढ़ाने के लिए संविधान में एक महत्वपूर्ण संसोधन की जरूरत होगी। इन प्रावधानों में संशोधन के लिए संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। हालांकि इस संभावित संशोधन के लिए आधे राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं हो सकती है, लेकिन अगर विधानसभाओं को समय से पहले भंग करने पर विचार किया जाता है, तो सभी राज्यों की सहमति जरूरी होगी। संविधान का अनुच्छेद 356 किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का प्रावधान करता है, जो किसी राज्य में चुनाव में देरी का एक दुर्लभ अपवाद है।हालांकि राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग राज्यपाल की सिफारिश पर तभी कर सकते हैं जब राज्य में ‘संवैधानिक मशीनरी खराब’ हो। इसमें भी संशोधन की जरूरत पड़ सकती है।

त्रिशंकु विधानसभा जैसे कई संकट

चुनाव के बाद भी कई गंभीर मुद्दे सामने आ सकते हैं। जब कोई भी पार्टी चुनाव में बहुमत हासिल करने में विफल रहती है, तो त्रिशंकु विधानसभा की संभावना हो सकती है। ऐसे में समय से पहले चुनाव होने की भी संभावना होती है। उदाहरण के लिए दिल्ली में 2015 में समय से पहले चुनाव हुए थे। तब 2014 में कांग्रेस पार्टी के अपना समर्थन वापस लेने के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार अपने कार्यकाल के 49 दिन बाद ही गिर गई थी। दसवीं अनुसूची के तहत दलबदल भी तय समय के बीच चुनाव कराए जाने के प्रमुख कारणों में एक है। जब कोई निर्वाचित सदस्य अपनी पार्टी बदलता है, तो वह नए सिरे से चुनाव लड़ सकता है और फिर से सदन में प्रवेश कर सकता है।

क्या फायदा होगा?

एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में तर्क दिया जा रहा है कि इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी। रिपोर्टों के अनुसार, 2019 के लोकसभा चुनावों में 60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। इस राशि में चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दलों द्वारा खर्च की गई राशि और चुनाव आयोग ऑफ इंडिया (ECI) द्वारा चुनाव कराने में खर्च की गई राशि शामिल है। वहीं, 1951-1952 में हुए लोकसभा चुनाव में 11 करोड़ रुपये खर्च हुए थे। इस संबंध में लॉ कमीशन का कहना था कि अगर 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाते हैं तो 4,500 करोड़ का खर्चा बढ़ेगा। ये खर्चा ईवीएम की खरीद पर होगा लेकिन 2024 में साथ चुनाव कराने पर 1,751 करोड़ का खर्चा बढ़ेगा। इस तरह धीरे-धीरे ये अतिरिक्त खर्च भी कम होता जाएगा।

*कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, खौफ, केरल में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कर्नाटक-तमिलनाडु में भी अलर्ट*

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देश में एक बार फिर वायरस का खतरा पैदा हो गया है।केरल में निपाह वायरस ने फिर से दस्तक दी है। ताजा प्रकोप में छह मरीजों की पहचान हुई और दो मरीजों की मौत हो गई। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट पर है।यहां निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, संक्रमण का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है, सुरक्षात्मक रूप से सभी लोगों को बचाव के लिए प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। वायरस के प्रसार का जिस तरह से अलग-अलग जिलों में भी बढ़ने का जोखिम देखा जा रहा है, इस खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों की भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। 

कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस

निपाह वायरस की पहचान, मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करना और उन्हें आइसोलेट करना, कुछ ऐसे तरीके हैं जिससे इस वायरस को काबू किया जा सकता है। ठीक कोरोना वायरस संक्रमण की तरह। लोगों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस फैलता है। राहत की बात यह है कि निपाह वायरस के संक्रमण की रफ्तार कोरोनावायरस की तुलना में काफी कम होती है और यह केवल तभी फैल सकता है जब आप संक्रमित मरीज के बॉडी फ्लूइड , जैसे कि खून सलाइवा या मल मूत्र के संपर्क में आ जाएं या फिर बहुत लंबे समय तक ऐसे मरीज के बेहद नजदीक रहे हों हालांकि, इसकी मृत्यु दर कोरोना के 2-3 फीसदी के मुकाबले 40-70 फीसदी है। खतरे को ध्यान में रखते हुए बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं हुई। एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस के फैलने का खतरा है।

कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद

निपाह वायरस को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले रविवार यानी 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसमें स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। कोझिकोड जिला प्रशासन के मुताबिक पूरे सप्ताह सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लास करवाई जा सकती है। इस बाबत केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को बताया कि अबतक निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की संख्या बढ़कर 1080 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 130 नए लोगों को शुक्रवार के दिन लिस्ट में शामिल किया गया है। संक्रमितों से संपर्क में आए सभी 1080 लोगों में से 327 लोग हेल्थ वर्कर्स हैं।

पड़ोसी राज्य हुए अलर्ट

केरल में बढ़ते संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए पड़ोसी राज्य भी अलर्ट हो गए हैं। पड़ोसी राज्य में निपाह के प्रकोप के बाद कर्नाटक सरकार ने दिशानिर्देश जारी करके केरल के प्रभावित क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार ने सीमाई जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर के स्वास्थ्य विभाग से सर्विलांस बढ़ाने कहा है। पड़ोसी राज्य से आने वाले लोगों की जांच करने कहा गया है, ताकि राज्य में निपाह की एंट्री को रोका जा सके।

क्या होता है निपाह वायरस

निपाह वायरस चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है। जानवरों से इंसानों में होने वाली बीमारी को ज़ूनोटिक डिजीज कहा जाता है। लिहाजा निपाह वायरस zoonotic disease की कैटेगरी में आता है। निपाह वायरस बुखार की तरह आता है। कई लोगों को शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते, केवल सांस लेने में दिक्कत होती है। सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी भी हो सकती है। लेकिन लंबे समय तक मरीज में ये इंफेक्शन रह जाए तो एन्सेफिलाइटिस यानी दिमागी बुखार में बदल जाता है और जानलेवा हो सकता है।

यूपी के लखनऊ में बड़ा हादसा, मकान की छत गिरने से 3 बच्चों समेत 5 की मौत

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ा हादसा हो गया। यहां एक मकान गिर गया। मकान के मलबे में दबने से पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 बच्चे भी हैं।बताया जा रहा है कि इस घटना में रेलवे कर्मचारी सतीश चन्द्र, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चों की मौत हो गई है।यह हादसा लखनऊ के आलमबाग में हुआ है। बताया जा रहा है कि मकान जर्जर हो चुका था। जिसको लेकर रेलवे ने पहले ही चेतावनी दी थी। 

आलमबाग के आनन्द नगर फतेहअली चौराहे के किनारे रेलवे कालोनी में यह हादसा हुआ है।घटना देर रात की है। सुबह सफाईकर्मियों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंची। टीम ने मलबा हटाकर पांच लोगों को बाहर निकला और उन्हें इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया और सुबह लोगों का तांता लग गया जिसे संभालने के लिए और पुलिस बुलानी पड़ी। मृतकों में सतीश चंद्र (40), सरोजनी देवी (35), हर्षित (13), हर्षिता (10) और अंश (5) शामिल हैं।

मकान खाली करने के नोटिस के बाद भी रह रहा था परिवार

बताया जा रहा है कि सतीश चंद्र की मां रेलवे में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी थीं। उन्हें ही यह मकान अलॉट हुआ था। वहीं, सतीश संविदा पर नौकरी कर रहे थे और अपने परिवार के साथ इसी मकान में रहते थे। मकान काफी पुराना था और पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां कई मकान जर्जर हाल में हैं। इसको लेकर रेलवे ने यहां लोगों को मकान खाली करने का निर्देश भी दिया था। कई लोगों ने मकान खाली भी कर दिया था। सतीश को भी मकान खाली करने का नोटिस मिला था, बावजूद इसके वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे।

200 परिवार रहते हैं कॉलोनी में, मकान जर्जर

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली कॉलोनी में करीब 200 परिवार रहते हैं। कॉलोनी के ज्यादातर मकान जर्जर हैं और कंडम घोषित किए जा चुके हैं। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन ने लोगों से मकान खाली नहीं करवाए और लोग रह रहे हैं। जिसके चलते हादसा हुआ। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे परदुःख जताया है. वहीं,मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.सीएम ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत-बचाव कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। वहीं, हादसे पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गहरा दुःख जताते हुए त्वरित राहत कार्य के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत ही स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

अनंतनाग में चौथे दिन भी मुठभेड़ जारी, सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर ड्रोन से बरसाए बम

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अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चौथे दिन भी जारी है। सेना ने आतंकियों को चारों तरफ से घेर रखा है।सुरक्षाबलों ने यहां घात लगाए बाटे आतंकियों पर ड्रोन से हमला किया है। जंगल में एक गुफा के मुहाने पर बैठे आतंकियों पर ड्रोन की मदद से बम बरसाए गए हैं।

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सुरक्षाबलों ने कोकेरनाग के गडोले जंगलों के पूरे जंगल क्षेत्र अपने घेरे में ले रखा है ताकि वे किसी भी सूरत में बचकर न जा सकें। बताया जाता है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलआ आतंकियों के खात्म के लिए तमाम तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस गुफा में आतंकवादी बैठे हुए हैं उसी के मुहाने पर बम फेंका गया है। बताया जा रहा है कि यह हमला ड्रोन की मदद से किया गया।

ड्रोन फुटेज में भागता दिखा एक आतंकी

सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन का एक ड्रोन फुटेज भी सामने आया है जिसमें एक आतंकवादी भागते हुए नजर आ रहा है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी विजय कुमार ने कहा कि ये ऑपरेशन खास इनपुट यानी इंफॉर्मेशन पर चलाया जा रहा है। करीब 2 से 3 आतंकवादी घिरे हुए हैं और जिन्हें जल्द मार गिराया जाएगा। अनंतनाग जिले में पहाड़ी इलाके के जंगलों में छुपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए चल रहे अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कोकरनाग के जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा है। यही कारण है कि आतंकवादी अभी तक वहां से निकल नहीं पाए हैं। जांबाजों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि कुछ ऑपरेशन ऐसे होते हैं, जहां पर रिस्क बड़ा होता है। इसके बावजूद आगे बढ़ने वाले लोग बहादुर होते हैं। ऐसी सूरतों में नुकसान हो जाता है। कोई टैक्टिकल एरर वाली बात नहीं है। 

स्पेशल फोर्सेज ने की बमबारी

शुक्रवार को चलाए गए ऑपरेशन में रणनीति के साथ कॉम्बिंग की गई। स्पॉट पर कमांड सेंटर भी लाया गया. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर और क्वाडकॉप्टर को उड़ाकर टारगेट सेट किए गए। इसके बाद स्पेशल फ़ोर्सेज़ ने उन टारगेट पर बमबारी करके नष्ट कर दिया। पिछले 3 दिनों अब तक 6 गुफाएं नष्ट की जा चुकी हैं। आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त करने के लिए सैनिकों ने शुक्रवार को आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें यूबीजीएल, ग्रेनेड लॉंचर और आईईडी विस्फोट किए गए। इसके साथ ही टारगेट पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी गईं।

शुक्रवार को एक और जवान शहीद

छुपे हुए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेना के जवानों ने शुक्रवार को मुठभेड़ के दौरान एक और सैनिक खो दिया है। इसके साथ ही इस अभियान में शहीद होने वाले जवानों की संख्या चार हो गई है। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी पहले शहीद हुए थे। जबकि शुक्रवार को एक अन्य जवान शहीद हो गया। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बुधवार सुबह सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कमांडिंग अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट के साथ ही एक सैनिक भी शहीद हो गया था। इस प्रकार सुरक्षाबलों के 4 जवान इस अभियान में अब तक शहीद हो चुके हैं।

अनंतनाग के बाद बारामूला में भी मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को किया ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

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जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के गडूल कोकेरनाग में चौथे दिन भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। दो से तीन आतंकी जंगलों में छिपे हुए हैं। सुरक्षा बल उनकी तलाश में जुटे हुए हैं। सेना आतंकियों की खोजबीन के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है, जिसके कैमरे में आंतकियों की मूवमेंट भी कैद हुई है। बताया जा रहा है कि आतंकी पहाड़ी और जंगल की तरफ छिपे हुए हैं। इस बीच बारामूला जिले के उरी, हथलंगा के अग्रिम इलाके में आतंकवादियों और सेना और बारामूला पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबर है। सुरक्षाबलों के एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया है।सुरक्षाबलों ने यह एनकाउंटर शनिवार सुबह ही शुरू किया था।

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बताया कि सेना और पुलिस के जवानों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। इससे पहले कश्मीर साउथ जोन पुलिस की ओर से बताया गया था कि उरी के हथलंगा इलाके में सेना और पुलिस के जवानों के संयुक्त अभियान के तहत आतंकवादियों से मुठभेड़ हो रही है। यहां सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेर लिया था, जिसमें एक मारा गया है, जबकि दूसरे की तलाश तेज है।

उधर, अनंतनाग जिले के कोकरनाग में भी आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी है।13 सितंबर को अनंतनाग में शुरू हुए आतंक रोधी अभियान में भारतीय सेना का एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी शहीद हो चुके हैं।

सेना आतंकियों की खोजबीन के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है।सुरक्षाबलों का कोकेरनाग के गडूल के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है। सेना ने आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए पहाड़ी को घेर लिया है। इसके बाद भी गतिरोध जारी है। क्वाडकॉप्टर, ड्रोन व अन्य आधुनिक उपकरण से आतंकियों पर नजर रखी जा रही है। अभियान में पैरा कमांडो ने भी मोर्चा संभाल लिया है। घना जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण इस विशेष दस्ते को उतारा गया है। इसके अलावा पहाड़ी पर आतंकियों के ठिकाने पर रॉकेट दागे गए हैं।

कायम है मोदी मौजिक, लोकप्रियता के मामले में फिर टॉप पर, जानें बाइडन और सुनक किस पायदान पर

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है।नरेन्द्र मोदी देश में ही नहीं विदेशों में भी लोगों की पसंदीदा लिस्ट में हैं। पीएम मोदी ने दुनिया के नेताओं के बीच लोकप्रियता के मामले में अपनी टॉप पोजिशन को एक फिर बरकरार रखने में सफलता हासिल की है। जी हां, मोदी ने वैश्विक नेताओं की लेटेस्ट अप्रूवल रेटिंग लिस्ट में टॉप पर अपना स्थान बरकरार रखा है।पीएम मोदी एक बार फिर 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी पीएम मोदी से काफी पीछे है।

दो प्रतिशत अंक की गिरावट के बाद भी टॉप पर मोदी

मॉर्निंग कंसल्ट ने दुनियाभर के कुल 22 देशों की सरकार के प्रमुखों की लोकप्रियता का आकलन किया है। इसमें दूसरे भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों के नेता शामिल हैं।मॉर्निंग कंसल्ट ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर रिपोर्ट में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी टॉप पर हैं।हालांकि, 76 प्रतिशत के साथ प्रधानमंत्री मोदी की लेटेस्ट अप्रूवल रेटिंग में दो प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।कंपनी ने फरवरी में भी पीएम मोदी को 78 प्रतिशत स्कोर के साथ अपनी अप्रूवल रेटिंग में शीर्ष पर रखा था। तब से, उनके अप्रूवल रेटिंग में दो प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।

बाइडेन और सुनक की पोजिशन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 40% की अनुमोदन रेटिंग के साथ सूची में सातवें स्थान पर हैं, जो मार्च के बाद से उनकी उच्चतम रेटिंग है।जून में जारी अंतिम अप्रूवल रेटिंग के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ताजा रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है और उन्होंने 40 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ सातवां स्थान बरकरार रखा, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 27 प्रतिशत रेटिंग के साथ 12वें स्थान से गिरकर 15वें स्थान पर आ गए हैं।

टॉप 5 में इन नेताओं के नाम

मॉर्निंग कंसल्ट की लिस्ट में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सियोर यूल का नंबर सबसे आखिर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस लिस्ट में 10वें नंबर पर हैं। सबसे लोकप्रिय नेताओं की टॉप 5 लिस्ट की बात करें तो भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बाद स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट 64% अप्रूवल रेटिंग के साथ दूसरे, मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर 61% अप्रूवल रेटिंग के साथ तीसरे, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा 49% अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथे जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज 48% अप्रूवल रेटिंग के साथ पांचवें नंबर पर हैं।

भारत मंडपम के बाद ‘यशोभूमि’, दुनिया के सबसे बड़े एग्जिबिशन सेंटर में शामिल, पीएम नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को देश को करेंगे समर्पित

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हाल ही में भारत ने जी20 का सफल आयोजन किया है। जी20 समिट का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में बने ‘भारत मंडपम’में हुई। इस समिट में अमेरिका समेत दुनिया के टॉप लीडर्स इसमें शामिल हुए थे। जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में देखने को मिली है।अब दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) का निर्माण भी किया जा रहा है जिसे ‘यशोभूमि’ नाम दिया गया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 'यशोभूमि' राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यशोभूमि विश्व स्तरीय एक्सपो सेंटर है।

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विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पीएम मोदी द्वारका जाएंगे और 11 बजे इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर से योजना की शुरुआत करेंगे। इसके लिए मोदी सरकार के तमाम मंत्री देश के सभी छोटे बड़े शहरों में मौजुद रहेंगे।पीएम मोदी की ही पहल पर द्वारका में मोदी सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर बनाया है। देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना मोदी का दृष्टिकोण है। अधिकारियों ने कहा कि द्वारका में यशोभूमि के संचालन से इस अभ्यास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा

8.9 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैला सेंटर

यह सेंटर विश्व स्तर की सुविधाओं से लैस होगा। ‘यशोभूमि’ तैयार होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी। ‘यशोभूमि’ का निर्माण कुल 8.9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जा रहा है, इसमें 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।

11,000 प्रतिनिधियों की है क्षमता

73,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष सहित 15 सम्मेलन कक्ष शामिल हैं। जिसमें एक साथ कुल 11,000 प्रतिनिधी इकठ्ठे हो सकते हैं।मुख्य सभागार कन्वेंशन सेंटर के लिए हॉल है और इस हॉल में एक साथ लगभग 6,000 मेहमान की बैठ सकते हैं। अनोखी पंखुड़ी वाली छत वाला भव्य बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है। इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है।