*कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस, खौफ, केरल में बढ़ा संक्रमण का खतरा, कर्नाटक-तमिलनाडु में भी अलर्ट*

#fearofnipahvirusin_kerala

Image 2Image 3Image 4Image 5

देश में एक बार फिर वायरस का खतरा पैदा हो गया है।केरल में निपाह वायरस ने फिर से दस्तक दी है। ताजा प्रकोप में छह मरीजों की पहचान हुई और दो मरीजों की मौत हो गई। राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक अलर्ट पर है।यहां निपाह वायरस के बढ़ते मामलों के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा, संक्रमण का जोखिम तेजी से बढ़ रहा है, सुरक्षात्मक रूप से सभी लोगों को बचाव के लिए प्रयास करते रहने की आवश्यकता है। वायरस के प्रसार का जिस तरह से अलग-अलग जिलों में भी बढ़ने का जोखिम देखा जा रहा है, इस खतरे को देखते हुए आसपास के राज्यों की भी अलर्ट रहने की आवश्यकता है। 

कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है निपाह वायरस

निपाह वायरस की पहचान, मरीजों के संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन करना और उन्हें आइसोलेट करना, कुछ ऐसे तरीके हैं जिससे इस वायरस को काबू किया जा सकता है। ठीक कोरोना वायरस संक्रमण की तरह। लोगों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस फैलता है। राहत की बात यह है कि निपाह वायरस के संक्रमण की रफ्तार कोरोनावायरस की तुलना में काफी कम होती है और यह केवल तभी फैल सकता है जब आप संक्रमित मरीज के बॉडी फ्लूइड , जैसे कि खून सलाइवा या मल मूत्र के संपर्क में आ जाएं या फिर बहुत लंबे समय तक ऐसे मरीज के बेहद नजदीक रहे हों हालांकि, इसकी मृत्यु दर कोरोना के 2-3 फीसदी के मुकाबले 40-70 फीसदी है। खतरे को ध्यान में रखते हुए बीते दिन शुक्रवार को जुमे की नमाज मस्जिदों में नहीं हुई। एक-दूसरे के संपर्क में आने से वायरस के फैलने का खतरा है।

कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद

निपाह वायरस को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को अगले रविवार यानी 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसमें स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। कोझिकोड जिला प्रशासन के मुताबिक पूरे सप्ताह सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लास करवाई जा सकती है। इस बाबत केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को बताया कि अबतक निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की संख्या बढ़कर 1080 पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 130 नए लोगों को शुक्रवार के दिन लिस्ट में शामिल किया गया है। संक्रमितों से संपर्क में आए सभी 1080 लोगों में से 327 लोग हेल्थ वर्कर्स हैं।

पड़ोसी राज्य हुए अलर्ट

केरल में बढ़ते संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए पड़ोसी राज्य भी अलर्ट हो गए हैं। पड़ोसी राज्य में निपाह के प्रकोप के बाद कर्नाटक सरकार ने दिशानिर्देश जारी करके केरल के प्रभावित क्षेत्रों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। राज्य सरकार ने सीमाई जिलों कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर के स्वास्थ्य विभाग से सर्विलांस बढ़ाने कहा है। पड़ोसी राज्य से आने वाले लोगों की जांच करने कहा गया है, ताकि राज्य में निपाह की एंट्री को रोका जा सके।

क्या होता है निपाह वायरस

निपाह वायरस चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है। जानवरों से इंसानों में होने वाली बीमारी को ज़ूनोटिक डिजीज कहा जाता है। लिहाजा निपाह वायरस zoonotic disease की कैटेगरी में आता है। निपाह वायरस बुखार की तरह आता है। कई लोगों को शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते, केवल सांस लेने में दिक्कत होती है। सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी भी हो सकती है। लेकिन लंबे समय तक मरीज में ये इंफेक्शन रह जाए तो एन्सेफिलाइटिस यानी दिमागी बुखार में बदल जाता है और जानलेवा हो सकता है।

यूपी के लखनऊ में बड़ा हादसा, मकान की छत गिरने से 3 बच्चों समेत 5 की मौत

#five_died_when_a_house_collapsed_railway_coloney_in_lucknow

Image 2Image 3Image 4Image 5

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ा हादसा हो गया। यहां एक मकान गिर गया। मकान के मलबे में दबने से पांच लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में 3 बच्चे भी हैं।बताया जा रहा है कि इस घटना में रेलवे कर्मचारी सतीश चन्द्र, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चों की मौत हो गई है।यह हादसा लखनऊ के आलमबाग में हुआ है। बताया जा रहा है कि मकान जर्जर हो चुका था। जिसको लेकर रेलवे ने पहले ही चेतावनी दी थी। 

आलमबाग के आनन्द नगर फतेहअली चौराहे के किनारे रेलवे कालोनी में यह हादसा हुआ है।घटना देर रात की है। सुबह सफाईकर्मियों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी जिसके बाद मौके पर पुलिस और एनडीआरएफ की टीम पहुंची। टीम ने मलबा हटाकर पांच लोगों को बाहर निकला और उन्हें इलाज के लिए लोकबंधु अस्पताल भेजा गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया और सुबह लोगों का तांता लग गया जिसे संभालने के लिए और पुलिस बुलानी पड़ी। मृतकों में सतीश चंद्र (40), सरोजनी देवी (35), हर्षित (13), हर्षिता (10) और अंश (5) शामिल हैं।

मकान खाली करने के नोटिस के बाद भी रह रहा था परिवार

बताया जा रहा है कि सतीश चंद्र की मां रेलवे में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी थीं। उन्हें ही यह मकान अलॉट हुआ था। वहीं, सतीश संविदा पर नौकरी कर रहे थे और अपने परिवार के साथ इसी मकान में रहते थे। मकान काफी पुराना था और पूरी तरह से जर्जर हो चुका था। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां कई मकान जर्जर हाल में हैं। इसको लेकर रेलवे ने यहां लोगों को मकान खाली करने का निर्देश भी दिया था। कई लोगों ने मकान खाली भी कर दिया था। सतीश को भी मकान खाली करने का नोटिस मिला था, बावजूद इसके वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे।

200 परिवार रहते हैं कॉलोनी में, मकान जर्जर

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की फतेह अली कॉलोनी में करीब 200 परिवार रहते हैं। कॉलोनी के ज्यादातर मकान जर्जर हैं और कंडम घोषित किए जा चुके हैं। बावजूद इसके रेलवे प्रशासन ने लोगों से मकान खाली नहीं करवाए और लोग रह रहे हैं। जिसके चलते हादसा हुआ। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे परदुःख जताया है. वहीं,मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.सीएम ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत-बचाव कार्य मे तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। वहीं, हादसे पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने गहरा दुःख जताते हुए त्वरित राहत कार्य के निर्देश दिए हैं। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लेते हुए तुरंत ही स्थानीय अधिकारियों से वार्ता कर राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

अनंतनाग में चौथे दिन भी मुठभेड़ जारी, सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर ड्रोन से बरसाए बम

#anantnag_encounter_security_forces_bombed_terrorists_with_drones

अनंतनाग में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चौथे दिन भी जारी है। सेना ने आतंकियों को चारों तरफ से घेर रखा है।सुरक्षाबलों ने यहां घात लगाए बाटे आतंकियों पर ड्रोन से हमला किया है। जंगल में एक गुफा के मुहाने पर बैठे आतंकियों पर ड्रोन की मदद से बम बरसाए गए हैं।

Image 2Image 3Image 4Image 5

सुरक्षाबलों ने कोकेरनाग के गडोले जंगलों के पूरे जंगल क्षेत्र अपने घेरे में ले रखा है ताकि वे किसी भी सूरत में बचकर न जा सकें। बताया जाता है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलआ आतंकियों के खात्म के लिए तमाम तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिस गुफा में आतंकवादी बैठे हुए हैं उसी के मुहाने पर बम फेंका गया है। बताया जा रहा है कि यह हमला ड्रोन की मदद से किया गया।

ड्रोन फुटेज में भागता दिखा एक आतंकी

सुरक्षाबलों के इस ऑपरेशन का एक ड्रोन फुटेज भी सामने आया है जिसमें एक आतंकवादी भागते हुए नजर आ रहा है। इस बीच जम्मू-कश्मीर के एडीजीपी विजय कुमार ने कहा कि ये ऑपरेशन खास इनपुट यानी इंफॉर्मेशन पर चलाया जा रहा है। करीब 2 से 3 आतंकवादी घिरे हुए हैं और जिन्हें जल्द मार गिराया जाएगा। अनंतनाग जिले में पहाड़ी इलाके के जंगलों में छुपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए चल रहे अभियान में ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि कोकरनाग के जंगल क्षेत्र में हाइडआउट को 10 से अधिक टीमों ने घेर रखा है। यही कारण है कि आतंकवादी अभी तक वहां से निकल नहीं पाए हैं। जांबाजों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि कुछ ऑपरेशन ऐसे होते हैं, जहां पर रिस्क बड़ा होता है। इसके बावजूद आगे बढ़ने वाले लोग बहादुर होते हैं। ऐसी सूरतों में नुकसान हो जाता है। कोई टैक्टिकल एरर वाली बात नहीं है। 

स्पेशल फोर्सेज ने की बमबारी

शुक्रवार को चलाए गए ऑपरेशन में रणनीति के साथ कॉम्बिंग की गई। स्पॉट पर कमांड सेंटर भी लाया गया. इसके साथ ही हेलीकॉप्टर और क्वाडकॉप्टर को उड़ाकर टारगेट सेट किए गए। इसके बाद स्पेशल फ़ोर्सेज़ ने उन टारगेट पर बमबारी करके नष्ट कर दिया। पिछले 3 दिनों अब तक 6 गुफाएं नष्ट की जा चुकी हैं। आतंकियों के ठिकाने ध्वस्त करने के लिए सैनिकों ने शुक्रवार को आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें यूबीजीएल, ग्रेनेड लॉंचर और आईईडी विस्फोट किए गए। इसके साथ ही टारगेट पर ताबड़तोड़ गोलियां दागी गईं।

शुक्रवार को एक और जवान शहीद

छुपे हुए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेना के जवानों ने शुक्रवार को मुठभेड़ के दौरान एक और सैनिक खो दिया है। इसके साथ ही इस अभियान में शहीद होने वाले जवानों की संख्या चार हो गई है। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो अधिकारी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी पहले शहीद हुए थे। जबकि शुक्रवार को एक अन्य जवान शहीद हो गया। आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में बुधवार सुबह सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के कमांडिंग अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट के साथ ही एक सैनिक भी शहीद हो गया था। इस प्रकार सुरक्षाबलों के 4 जवान इस अभियान में अब तक शहीद हो चुके हैं।

अनंतनाग के बाद बारामूला में भी मुठभेड़, सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को किया ढेर, सर्च ऑपरेशन जारी

#jammu_kashmir_baramulla_encounter_one_terrorist_killed

जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के गडूल कोकेरनाग में चौथे दिन भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। दो से तीन आतंकी जंगलों में छिपे हुए हैं। सुरक्षा बल उनकी तलाश में जुटे हुए हैं। सेना आतंकियों की खोजबीन के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है, जिसके कैमरे में आंतकियों की मूवमेंट भी कैद हुई है। बताया जा रहा है कि आतंकी पहाड़ी और जंगल की तरफ छिपे हुए हैं। इस बीच बारामूला जिले के उरी, हथलंगा के अग्रिम इलाके में आतंकवादियों और सेना और बारामूला पुलिस के बीच मुठभेड़ की खबर है। सुरक्षाबलों के एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया है।सुरक्षाबलों ने यह एनकाउंटर शनिवार सुबह ही शुरू किया था।

Image 2Image 3Image 4Image 5

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर बताया कि सेना और पुलिस के जवानों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है। इससे पहले कश्मीर साउथ जोन पुलिस की ओर से बताया गया था कि उरी के हथलंगा इलाके में सेना और पुलिस के जवानों के संयुक्त अभियान के तहत आतंकवादियों से मुठभेड़ हो रही है। यहां सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को घेर लिया था, जिसमें एक मारा गया है, जबकि दूसरे की तलाश तेज है।

उधर, अनंतनाग जिले के कोकरनाग में भी आतंकियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ जारी है।13 सितंबर को अनंतनाग में शुरू हुए आतंक रोधी अभियान में भारतीय सेना का एक कर्नल, एक मेजर और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी शहीद हो चुके हैं।

सेना आतंकियों की खोजबीन के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है।सुरक्षाबलों का कोकेरनाग के गडूल के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है। सेना ने आतंकियों पर शिकंजा कसने के लिए पहाड़ी को घेर लिया है। इसके बाद भी गतिरोध जारी है। क्वाडकॉप्टर, ड्रोन व अन्य आधुनिक उपकरण से आतंकियों पर नजर रखी जा रही है। अभियान में पैरा कमांडो ने भी मोर्चा संभाल लिया है। घना जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण इस विशेष दस्ते को उतारा गया है। इसके अलावा पहाड़ी पर आतंकियों के ठिकाने पर रॉकेट दागे गए हैं।

कायम है मोदी मौजिक, लोकप्रियता के मामले में फिर टॉप पर, जानें बाइडन और सुनक किस पायदान पर

#narendramoditopspotingloballeaderapprovalrating_list

Image 2Image 3Image 4Image 5

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता किसी से छुपी नहीं है।नरेन्द्र मोदी देश में ही नहीं विदेशों में भी लोगों की पसंदीदा लिस्ट में हैं। पीएम मोदी ने दुनिया के नेताओं के बीच लोकप्रियता के मामले में अपनी टॉप पोजिशन को एक फिर बरकरार रखने में सफलता हासिल की है। जी हां, मोदी ने वैश्विक नेताओं की लेटेस्ट अप्रूवल रेटिंग लिस्ट में टॉप पर अपना स्थान बरकरार रखा है।पीएम मोदी एक बार फिर 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग के साथ दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता बने हैं। इस लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी पीएम मोदी से काफी पीछे है।

दो प्रतिशत अंक की गिरावट के बाद भी टॉप पर मोदी

मॉर्निंग कंसल्ट ने दुनियाभर के कुल 22 देशों की सरकार के प्रमुखों की लोकप्रियता का आकलन किया है। इसमें दूसरे भारत के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया जैसे प्रमुख देशों के नेता शामिल हैं।मॉर्निंग कंसल्ट ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर रिपोर्ट में भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी टॉप पर हैं।हालांकि, 76 प्रतिशत के साथ प्रधानमंत्री मोदी की लेटेस्ट अप्रूवल रेटिंग में दो प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।कंपनी ने फरवरी में भी पीएम मोदी को 78 प्रतिशत स्कोर के साथ अपनी अप्रूवल रेटिंग में शीर्ष पर रखा था। तब से, उनके अप्रूवल रेटिंग में दो प्रतिशत अंक की गिरावट आई है।

बाइडेन और सुनक की पोजिशन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 40% की अनुमोदन रेटिंग के साथ सूची में सातवें स्थान पर हैं, जो मार्च के बाद से उनकी उच्चतम रेटिंग है।जून में जारी अंतिम अप्रूवल रेटिंग के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ताजा रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है और उन्होंने 40 प्रतिशत अप्रूवल रेटिंग के साथ सातवां स्थान बरकरार रखा, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक 27 प्रतिशत रेटिंग के साथ 12वें स्थान से गिरकर 15वें स्थान पर आ गए हैं।

टॉप 5 में इन नेताओं के नाम

मॉर्निंग कंसल्ट की लिस्ट में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सियोर यूल का नंबर सबसे आखिर है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस लिस्ट में 10वें नंबर पर हैं। सबसे लोकप्रिय नेताओं की टॉप 5 लिस्ट की बात करें तो भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बाद स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट 64% अप्रूवल रेटिंग के साथ दूसरे, मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुएल लोपेज ओब्राडोर 61% अप्रूवल रेटिंग के साथ तीसरे, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डि सिल्वा 49% अप्रूवल रेटिंग के साथ चौथे जबकि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज 48% अप्रूवल रेटिंग के साथ पांचवें नंबर पर हैं।

भारत मंडपम के बाद ‘यशोभूमि’, दुनिया के सबसे बड़े एग्जिबिशन सेंटर में शामिल, पीएम नरेन्द्र मोदी 17 सितंबर को देश को करेंगे समर्पित

#pmmoditoinaugurateyashobhoomi

हाल ही में भारत ने जी20 का सफल आयोजन किया है। जी20 समिट का आयोजन देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में बने ‘भारत मंडपम’में हुई। इस समिट में अमेरिका समेत दुनिया के टॉप लीडर्स इसमें शामिल हुए थे। जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में देखने को मिली है।अब दिल्ली के द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) का निर्माण भी किया जा रहा है जिसे ‘यशोभूमि’ नाम दिया गया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विश्वकर्मा पूजा के मौके पर 'यशोभूमि' राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यशोभूमि विश्व स्तरीय एक्सपो सेंटर है।

Image 2Image 3Image 4Image 5

विश्वकर्मा जयंती के मौके पर पीएम मोदी द्वारका जाएंगे और 11 बजे इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन और एक्सपो सेंटर से योजना की शुरुआत करेंगे। इसके लिए मोदी सरकार के तमाम मंत्री देश के सभी छोटे बड़े शहरों में मौजुद रहेंगे।पीएम मोदी की ही पहल पर द्वारका में मोदी सरकार ने एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का कन्वेंशन सेंटर बनाया है। देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करना मोदी का दृष्टिकोण है। अधिकारियों ने कहा कि द्वारका में यशोभूमि के संचालन से इस अभ्यास को बड़ा बढ़ावा मिलेगा

8.9 लाख स्क्वायर मीटर क्षेत्र में फैला सेंटर

यह सेंटर विश्व स्तर की सुविधाओं से लैस होगा। ‘यशोभूमि’ तैयार होने के बाद दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी। ‘यशोभूमि’ का निर्माण कुल 8.9 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में किया जा रहा है, इसमें 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है।

11,000 प्रतिनिधियों की है क्षमता

73,000 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, भव्य बॉलरूम और 13 बैठक कक्ष सहित 15 सम्मेलन कक्ष शामिल हैं। जिसमें एक साथ कुल 11,000 प्रतिनिधी इकठ्ठे हो सकते हैं।मुख्य सभागार कन्वेंशन सेंटर के लिए हॉल है और इस हॉल में एक साथ लगभग 6,000 मेहमान की बैठ सकते हैं। अनोखी पंखुड़ी वाली छत वाला भव्य बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है। इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है, जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं। उन्होंने कहा कि आठ मंजिलों में फैले 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित करने की परिकल्पना की गई है।

भारतीय वायु सेना की और बढ़ेगी ताकत, रक्षा मंत्रालय ने 12 सुखोई-30 एमकेआई की खरीद को दी मंजूरी


भारत के पड़ोसियों की नापाक नजर उसकी सीमा पर लगी हुई है। भारत संग चीन के सीमा विवाद की जानकारी तो आम है। भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव के हालात। वहीं पाकिस्तान की ओर से भी हर रोज देश को कमजोर करने की साजिशें रची जा रही है। हालांकि, भारत अपने दोस्त और दुश्मनों में पहचान करना अच्छी तरह जानता है। यही वजह है भारत लगातार रक्षा के क्षेत्र में अपनी ताकतों में इजाफा कर रहा है। इसी क्रम में रक्षा मंत्रालय ने आज 12 सुखोई 30MKI लड़ाकू विमान खरीदने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद भारतीय वायुसेना के लिए ये 12 लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे। खास बात यह है कि इन सभी विमानों को मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि इनका निर्माण भारत में ही किया जाएगा।

Image 2Image 3Image 4Image 5

11,000 करोड़ रुपये की परियोजना

रक्षा अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 11,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना में विमान और संबंधित ग्राउंड सिस्टम शामिल होंगे। विमान में आवश्यकता के अनुसार 60 स्वदेशी से अधिक स्वदेशी सामग्री शामिल होगी। उन्होंने बताया कि ये भारतीय वायु सेना के सबसे आधुनिक सुखोई-30 एमकेआई विमान होंगे जो कई भारतीय हथियारों और सेंसर से लैस होंगे।

एसयु-30 एमकेआई क्या है खास

एसयु-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर विमान माना जाता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय एसयु-30 एमकेआई हैं, इस विमान में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है। सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है। जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज़ गति के लिये जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।

गणेश चतुर्थी मनाने की अनुमति न दी जाए..', पढ़िए, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश

'

Image 2Image 3Image 4Image 5

 कर्नाटक हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ ने आज यानी शुक्रवार (15 सितंबर) को हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह पर रोक लगाने की मांग करने वाली अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, अंजुमन-ए-इस्लाम की याचिका के बाद हिंदू समर्थक संगठनों ने गणेश चतुर्थी मनाने देने की अनुमति की मांग करते हुए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था।

उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद श्रीराम सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक ने लोगों को मिठाइयां बांटीं। प्रमोद मुथालिक ने एक बयान में कहा कि 'अंजुमन-ए-इस्लाम का गणेश चतुर्थी समारोह को रोकने के लिए अदालत जाना सही नहीं है। हमें 11 दिनों तक त्योहार मनाने के लिए हुबली धारवाड़ महानगर पालिका से अनुमति की आवश्यकता है।' बता दें कि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अदालत में एक याचिका दायर होने के बाद पिछले साल हुबली ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत दे दी थी।

 BBMP और कर्नाटक राज्य वक्फ बोर्ड के बीच चल रहे संपत्ति विवाद के कारण बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की इजाजत नहीं दी गई थी। बता दें कि, कर्नाटक का वक़्फ़ बोर्ड फ़िलहाल बी ज़ेड ज़मीर खान के अधीन है, जो कांग्रेस के विधायक एवं मंत्री हैं। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने एक फैसले में कहा था कि, ईदगाह मैदान HDMC की संपत्ति है और मुसलमानों के लिए साल में दो बार नमाज अदा करने के अलावा मैदान का इस्तेमाल किसी अन्य वैध उद्देश्य के लिए किया जा सकता है, इसके बाद HDMC ने पिछले साल मैदान में गणेश मूर्ति की स्थापना की अनुमति दे दी थी। लेकिन, इस साल राज्य में सरकार बदलने के बाद अंजुमन-ए-इस्लाम समिति ने फिर से विरोध करना शुरू किया, हालाँकि, हाई कोर्ट में उनकी याचिका ख़ारिज हो गई है।

धरती के कारण चंद्रमा पर बन रहा है पानी, चंद्रयान-1 के डेटा स्टडी के बाद वैज्ञानिकों का दावा

#chandrayaan_1_data_suggests_electrons_from_earth_forming_water_on_moon

Image 2Image 3Image 4Image 5

15 साल पहले लॉन्‍च हुए भारत के पहले चंद्र मिशन चंद्रयान-1 ने चांद की सतह पर पानी का पता लगाया था। यह मिशन आज भी वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बना हुआ है। चंद्रयान-1 की ओर से भेजे गए डेटा की स्टडी के बाद अब खुलासा हो रहा है कि धरती की वजह से ही चांद पर पानी बन रहा है। चंद्रयान-1 के डेटा की स्टडी कर रहे अमेरिका की हवाई यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स ने दावा किया है कि पृथ्वी के हाई एनर्जी इलेक्ट्रॉन चांद पर पानी बना रहे हैं। ये इलेक्ट्रॉन्स पृथ्वी की प्लाज्मा शीट में हैं, जो मौसमी प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार है, यानी इनके होने से ही पृथ्वी के मौसम में बदलाव होता है।

अमेरिका के मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय (यूएच) के शोधकर्ताओं के नेतृत्व वाली टीम ने चंद्रयान-1 के रिमोट सेंसिंग डेटा का एनालिसिस किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि पृथ्वी की प्लाज्मा शीट में इलेक्ट्रॉन चंद्रमा की सतह पर अपक्षय प्रक्रियाओं यानी चट्टानों और खनिजों के टूटने या घुलने में मदद कर रहे हैं। नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में इसे लेकर एक शोध प्रकाशित किया गया है। इस शोध में पाया गया कि इलेक्ट्रॉन चंद्र पिंड पर पानी का निर्माण करने में मदद किए होंगे। 

इस स्टडी में कहा गया है कि भले ही चंद्रमा पर तेजी से पानी के उत्पादन के प्रमुख स्रोत के रूप में सोलर विंड के महत्व की पुष्टि की गई है, मगर धरती के प्लाज्मा शीट के अब तक नहीं देखे गए गुण भी इसमें एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। साइंटिस्टों ने कहा कि चंद्रमा पर पानी के जमाव और वितरण को जानना इसके गठन और विकास को समझने और भविष्य में मानव खोजों के लिए जल संसाधन उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर स्थायी रूप से छाया में रहने वाले क्षेत्रों में पहले तलाशी गई बर्फ की उत्पत्ति को समझने के लिए चंद्रयान -1 मिशन के डेटा का उपयोग किया है। रिसर्चर्स ने पिछली रिसर्च पर और काम किया। इसमें पता चला कि पृथ्वी के मैग्नेटोटेल में ऑक्सीजन की वजह से चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्र में लोहे को जंग लगा रही है। साथ ही चंद्रमा के पृथ्वी के मैग्नेटोटेल से गुजरने पर सतह के मौसम में बदलाव की जांच करने का निर्णय लिया। ली शुआई जो इस रिसर्च में शामिल थे उन्‍होंने बताया, यह चंद्रमा की सतह पर पानी के गठन की प्रक्रियाओं का अध्ययन करने के लिए एक नैचुरल लैब मुहैया कराता है। जब चंद्रमा मैग्नेटोटेल के बाहर होता है तो चंद्रमा की सतह पर सौर हवा की वजह से बमबारी होती है। मैग्नेटोटेल के अंदर सौर हवा के प्रोटॉन लगभग न के बराबर होते हैं। ऐसे में पानी के निर्माण की उम्‍मीद जीरो थी।

आसान शब्दों में हम इसे ऐसे समझ सकते हैं कि चांद पर 14 दिन तक रात और 14 दिन तक उजाला रहता है। यानी 14 दिन ही यहां पर सूरज की रोशनी होती है। जब यहां सूरज की रोशनी नहीं होती तो सोलर विंड की बौछार होती है। इसी दौरान पानी बनने का दावा किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि नई खोज पहले खोजी गई पानी की बर्फ की उत्पत्ति को समझाने में भी मददगार हो सकती है।

 मालूम हो कि चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 का सफल लॉन्च किया था। चंद्रयान-1 ने आठ महीने में चांद के 3,000 चक्कर लगाए और 70 हजार से ज्यादा तस्वीरें भेजीं। इनमें चांद पर बने पहाड़ों और क्रेटर को भी दिखाया गया था। चांद के ध्रुवीय क्षेत्रों में अंधेरे इलाके के फोटो भी इसने भेजे। इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि थी चांद पर पानी के होने की पुष्टि थी।

Asia Cup 2023: क्या किंग कोहली का रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे हिटमैन शर्मा ? आज बांग्लादेश के खिलाफ सुनहरा मौका

Image 2Image 3Image 4Image 5

भारत और श्रीलंका एशिया कप 2023 के फाइनलिस्ट हैं और रविवार (17 सितंबर) को एक-दूसरे से भिड़ेंगे। उससे पहले, भारत आज शुक्रवार (15 सितंबर) को उसी स्थान पर बांग्लादेश से एक अहम मुकाबले में भिड़ेगा। बता दें कि, बांग्लादेश पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो चुका है और आज उसे अपने अनुभवी खिलाड़ी मुश्फिकुर रहीम की कमी भी खलेगी।

इस बीच टीम इंडिया के पास अपने मुख्य खिलाड़ियों को आराम देने के साथ-साथ अपनी बेंच स्ट्रेंथ को परखने का भी मौका है। यह देखने वाली बात होगी कि कप्तान रोहित शर्मा इस मैच में मैदान पर उतरते हैं या नहीं और यदि उतरते हैं तो इस क्रिकेटर की नजर एक बड़े रिकॉर्ड पर होगी। इस साल रोहित के लिए यह एक रिकॉर्ड तोड़ने वाला टूर्नामेंट रहा है, उन्होंने पिछले गेम में पहले ही 10000 रन का आंकड़ा पार कर लिया था, साथ ही ओपनर के रूप में 8000 रन भी पूरे किए और इस उपलब्धि तक पहुंचने में सबसे तेज रहे थे।

अब उनके पास बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनने का मौका है। विराट कोहली वर्तमान में 15 मैचों में 67.25 की औसत से चार अर्द्धशतक और तीन शतक के साथ 807 रन बनाकर शीर्ष पर हैं। रोहित शर्मा उनसे ठीक नीचे हैं जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 15 मैचों में तीन अर्धशतक और इतने ही शतक के साथ 738 रन बनाए हैं। उन्हें कोहली से आगे निकलने और बांग्लादेश के खिलाफ भारत की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में शीर्ष पर पहुंचने के लिए केवल 70 रनों की जरूरत है।

दिलचस्प बात यह है कि यह देखना भी अहम होगा कि क्या कोहली खुद प्लेइंग इलेवन में रहते हैं या नहीं। अगर उन्हें आराम दिया जाता है तो रोहित के पास इस मामले में अपने साथी खिलाड़ी से आगे निकलने का शानदार मौका होगा। भारत बनाम बांग्लादेश वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।