*पानी घटने ही धीरे-धीरे जनजीवन आ रहा पटरी पर,बाढ़ पीड़ितों को है मुआवजे की दरकार*
अमृतपुर /फर्रुखाबाद । क्षेत्र मे डेढ़ महीने तक गंगा नदी की बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया था विद्यालयों मे पानी भर जाने से लगभग एक सैकड़ा स्कूलों मे पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई थी जिससे नौनिहालों का कोर्स काफी पिछड़ गया है । पानी घटने के बाद जनजीवन धीरे धीरे पटरी पर आने लगा है । बाढ़ से फसलों के नष्ट होने से लोगों को बड़ा घाटा उठाना पड़ रहा है ।
बाढ़ की त्रासदी ने लोगों के हाथों से काम छीन लिया लोग बेरोजगार होकर घर बैठकर खाने को मजबूर हो गए जिससे लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया डेढ़ महीने तक बैठकर खाने में लोगों की जमा पूंजी भी खत्म हो गई है ।जीविका चलाने का मुख्य स्रोत फसलें जलमग्न होकर नष्ट हो गई जिसका दर्द पूरे वर्ष बाढ़ पीड़ितों को सताता रहेगा । बाढ़ की विभीषिका झेल रहे लोगों के सामने फसलों मे लागत लगाने की समस्या खड़ी हो गई है बाढ़ पीड़ित खेतों के सूखने का इंतजार कर रहे हैं जिससे खेतों की जुताई करके नई फसल के लिए तैयार किया जा सके ।
बाढ़ प्रभावित गांवों के खेतों मे अभी भी पानी भरा हुआ है पानी की धार से क्षतिग्रस्त हो चुके दर्जनों संपर्क मार्गों पर गिट्टी उखड़ जाने से लोगों का निकलना मुश्किल हो रहा है । ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से क्षतिग्रस्त संपर्क मार्गों की मरम्मत कराने की मांग की है बाढ़ पीड़ित रामरहीश, सेवक, शिव सिंह आदि ने बताया सबसे बड़ी समस्या खेतों मे लागत लगाने की है जिससे आगे जीविका का साधन खेतों मे फसलें तैयार हो सकें । एसडीएम रविन्द्र सिंह ने बताया की लेखपालों को फसलों में हुई क्षति के आंकलन की सर्वे रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं । रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा।
Sep 12 2023, 15:36