*अटल आवासीय विद्यालय के पहले सत्र का प्रवेश उत्सव से शुभारंभ, यूपी के निशुल्क सरकारी बोर्डिंग स्कूल में पढ़ेंगे श्रमिक पाल्यों व बेसहारा बच्चे*
गोरखपुर- शानदार माहौल और उत्कृष्ट कैम्पस देख उल्लसित बच्चों के चेहरों पर खुशी की चमक, पाल्यों को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाने को लेकर अभिभावकों के माथे पर गर्व की दमक। प्रशासन के विभिन्न संवर्गों से जुड़े अधिकारियों की दैहिक भाषा संतोष से परिपूर्ण। समाज के सामर्थ्यवान लोगों की ही भांति श्रमिकों के पाल्यों को भी उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'अटल संकल्प' में ये अलग-अलग तस्वीरें हकीकत का रंग भर रही थीं। अवसर था यूपी की निशुल्क 'सरकारी बोर्डिंग' यानी सहजनवा स्थित गोरखपुर मंडल के अटल आवासीय विद्यालय के प्रथम शैक्षणिक सत्र के प्रथम दिन का। यादगार इस दिन को प्रवेश उत्सव के रूप में मनाया गया।
अटल आवासीय विद्यालय श्रमिक पाल्यों और कोरोना से निराश्रित बच्चों का भविष्य संवारने के लिए योगी सरकार की खास पहल है। सोमवार को नव प्रवेशित बच्चों और उनके अभिभावकों के भावपूर्ण स्वागत के साथ विद्यालय का विधिवत शुभारंभ हो गया। परिसर में पहुंचे विद्यार्थी और उनके अभिभावक क्लास रूम, हॉस्टल रूम, मेस की व्यवस्थाओं को देख आश्चर्यचकित थे। उनके लिए अब तक इतनी शानदार व्यवस्था सिर्फ कल्पना की बात थी। बच्चे ये जानकर गदगद थे कि ये सभी इंतजाम उनके लिए किए गए हैं जबकि श्रमिक अभिभावक खुशी मिश्रित हैरत में कि चार गुनी कमाई करने पर भी बच्चों की पढ़ाई के लिए यह व्यवस्था नहीं कर पाते।
संवर जाएगा बच्चों का जीवन, धन्यवाद महाराज जी
अटल आवासीय विद्यालय में पहले दिन अपने पाल्यों को छोड़ने आए अभिभावक विद्यालय परिसर में प्रवेश करते ही अचंभित से थे। उनके लिए इस उत्कृष्ट व्यवस्था में बच्चों की पढ़ाई सपने जैसी थी जो योगी सरकार ने पूर्णतः निशुल्क उपलब्ध करा दी है। राजगीर का काम करने वाले औराही, खजनी निवासी जोखन अपनी बिटिया शिवानी को, धानी ब्लॉक (महराजगंज) के जुनरबी निवासी मजदूर विनोद चौरसिया बेटी वर्तिका को, नौसढ़ निवासी मजदूर विकास जायसवाल अपनी पुत्री गरिमा को, सहजनवा के महेता निवासी लौहर अपने पुत्र सत्यवान को विद्यालय छोड़ने आए थे। इन सबका मानना था कि अपनी वर्तमान कमाई को कई गुना बढ़ा लेने पर भी वह इस तरह के स्कूल में बच्चों को पढ़ा नहीं पाते। महाराज जी (इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लोग इसी संबोधन से बुलाते हैं) का धन्यवाद कि उन्होंने मजदूरों के बच्चों को भी कान्वेंट स्कूल जैसी सुविधा दी है, वह भी बिलकुल मुफ्त। इन अभिभावकों का कहना है कि पढ़ाई की चिंता दूर हो गई, अब बच्चों का भविष्य संवर जाएगा। इन्ही अभिभावकों में से एक थे भीटहां खजनी के बृजराज जो अपने नाती (बेटी के पुत्र) अंश को छोड़ने आए थे। अंश के पिता ध्रुव नारायण की कोरोना काल में मृत्यु हो गई थी। नाना बृजराज भावुक थे, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंश की पढ़ाई की सभी चिंता दूर कर दी है।
न तो ऐसा स्कूल देखे थे, न ऐसा हॉस्टल
कक्षा छह के नवप्रवेशित बच्चों गरिमा, शिवानी, वर्तिका, सत्यवान, अंश आदि तो स्कूल के क्लासरूम व हॉस्टल देखकर हतप्रभ थे। इन बच्चों ने कहा कि वे गांव के स्कूल में पढ़ते थे। न तो ऐसा स्कूल देखे थे और न ही हॉस्टल। इन बच्चों में कोई डॉक्टर बनना चाहता है तो कोई टीचर तो कोई पुलिस अफसर। पूछने पर इन्होंने कहा कि गरीब अभिभावक हॉस्टल में रखकर इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई नहीं करा पाते। मुख्यमंत्री जी ने सब कुछ मुफ्त में दे दिया है। हम मन से पढ़ेंगे और कुछ बनकर दिखाएंगे।
प्रवेश उत्सव में अफसरों ने बढ़ाया उत्साह
अटल आवासीय विद्यालय के प्रथम सत्र के प्रथम दिन आयोजित प्रवेश उत्सव में अफसरों ने विद्यार्थियों व अभिभावकों से संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया। प्रवेश उत्सव में अपर आयुक्त अजयकांत सैनी, मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना, संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा योगेंद्र नारायण सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ अमरकांत, उप श्रम आयुक्त अमित कुमार मिश्रा, सहायक श्रम आयुक्त स्कंद कुमार, मंडल के सभी जिलों के श्रम विभाग के अधिकारी आदि मौजूद रहे। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि उत्कृष्ट शिक्षा से कोई भी वर्ग वंचित न रहे। यह विद्यालय श्रमिकों के बच्चों के साथ बेसहारा बच्चों के लिए वरदान स्वरूप है।
कक्षा 6 से 12 तक की होगी पढ़ाई
विद्यालय के प्रधानाचार्य अजीत कुमा…
Sep 11 2023, 16:27