*छात्र संसद के जरिये विश्वविद्यालय प्रशासन में होगी छात्रों की सहभगिता : डॉ. प्रदीप कुमार राव*
गोरखपुर, 28 अगस्त। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का दूसरा स्थापना दिवस सोमवार को मनाया गया।
इसके साथ ही दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित स्मृति सप्त दिवसीय व्याख्यानमाला का भी समापन हुआ। दूसरे स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह व महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
बतौर मुख्य अतिथि डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय दो महान कर्मयोगियों ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के विचारों को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया मूर्त रूप है। मात्र दो साल में इस विश्वविद्यालय ने जिस तरह कदम बढ़ाएं हैं, जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वह प्रदेश, देश ही नहीं विश्व को नई दिशा देने वाली साबित होंगी।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यों और आधुनिक तकनीकी का संगम बनकर कार्य कर रहा है। डॉ सिंह ने उत्तर प्रदेश में परिवर्तन व विकास की चर्चा करते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश देश में सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था का अंग है। नीति आयोग और विश्व बैंक के अधिकारी यहां बदलाव का अध्ययन कर विकास प्रक्रिया से अभिभूत हैं।
विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में उपस्थित विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रति कुलाधिपति, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष, पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्यों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय 1932 में स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के वटवृक्ष होने का प्रमाण है।
1932 में ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज ने शैक्षिक जागरण का जो पौधा रोपा, उनके बाद ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने उसे पुष्पित-पल्लवित किया, उसकी कुशलता व सफलतापूर्वक देखभाल वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। यह विश्वविद्यालय दो महान कर्मयोगियों को श्रद्धांजलि स्वरूप है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि यह सिर्फ विश्वविद्यालय नहीं बल्कि समाज व राष्ट्र निर्माण का प्रकल्प है।
स्थापना के अवसर पर 28 अगस्त 2021 को यहां 550 छात्र थे, आज यह संख्या रिकार्ड दर से बढ़कर 1800 से अधिक हो चुकी है। यहां अत्याधुनिक संसाधन के साथ उत्कृष्ट फैकल्टी भी है। बहुत जल्द यहां विश्व स्तरीय पंचकर्म केंद्र भी सेवा प्रदायी हो जाएगा।
डॉ. वाजपेयी ने कहा कि यहां जो छात्र संसद गठित होगा वह पूरे विश्व के लिए रोल मॉडल बनेगा। वह जुलूस भी निकालेगा तो ज्ञान बढाने के लिए।
इसके पूर्व विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने विश्वविद्यालय की प्रगतियात्रा के साथ भावी योजनाओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि अवस्थापना, अध्ययन, अध्यापन, अध्यात्म व अनुसंधान इस विश्वविद्यालय के आधार स्तम्भ हैं। एक साल में यहां विश्व स्तरीय डिजिटल लाइब्रेरी विकसित हो जाएगी। एक अभिनव प्रयोग करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन में छात्र सहभाग सुनिश्चित करने के लिए सितंबर माह में यहां छात्र संसद का चुनाव होने जा रहा है। छात्र संसद के प्रतिनिधि विश्विद्यालय प्रशासन के विभिन्न समितियों में भागीदारी करेंगे।
आभार ज्ञापन गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस ने किया। इस अवसर पर सप्ताह भर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। राष्ट्रीय गीत के साथ समारोह का समापन हुआ।
Aug 28 2023, 19:11