*गुरु गोरखनाथ का साहित्य समाज का मार्गदर्शन करने वाला : प्रो. सदानंद*
गोरखपुर, 24 अगस्त। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानंद प्रसाद गुप्त ने कहा कि वैदिक साहित्य में महायोगी गुरु गोरखनाथ का अमूल्य योगदान है। उनका साहित्य समाज का मार्गदर्शन करने के साथ सामाजिक ताने बाने को मजबूत करने वाला है। आधुनिक धर्म-पंथ प्रवर्तक भी वैदिक साहित्य में महायोगी गोरखनाथ जी की महत्ता को स्वीकार करते हैं।
प्रो. गुप्त महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के तीसरे दिन महायोगी गुरु गोरखनाथ का साहित्य विषय पर बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने गोरखनाथ जी के प्रभावशाली व्यक्तित्व और उनके द्वारा रचित साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि गुरु गोरखनाथ जी की छाप गुरुनानक देव और संत कबीर के उपदेशों में भी दिखती है। प्रो. गुप्त ने कहा कि गुरु गोरखनाथ ने न केवल योग बल्कि अपने द्वारा रचित साहित्य से भी मानव समाज के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। गोरख साहित्य हर कालखंड के लिए समाज का मार्गदर्शक साहित्य है।
व्याख्यान की अध्यक्षता कर रहे महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने भी गुरु गोरखनाथ के व्यक्तित्व का स्मरण किया। आभार ज्ञापन कृषि विभाग के अध्यक्ष डॉ. बिमल कुमार दूबे ने किया। इस अवसर पर ब्लू हाउस, ग्रीन हाउस, येलो हाउस, ब्राउन हाउस तथा रेड हाउस के विद्यार्थियों के बीच डांसिंग, (सोलो, ग्रुप) हिन्दी, इंग्लिश निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
Aug 25 2023, 18:28