*इमामबाड़ा स्टेट में भी जश्न का माहौल, एक दूसरे को मिठाई खिलाकर दिया बधाई*
गोरखपुर/देवरिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने चंद्रयान-3 मिशन के तहत पहलीबार चांद की धरती पर उतरने और भारतीय परचम लहराने में सफलता हासिल किया है। इस महत्वपूर्ण चुनौती भरे मिशन में पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व भी देखने को मिला है। भारतीय खगोलशास्त्री विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में कार्यरत देवरिया शहर के निवासी हाजी शमशाद अहमद के पुत्र मोहम्मद मुनिस ने चन्द्रयान-3 मिशन में पूरे पूर्वांचल का नेतृव किया है।यह जानकारी इमामबाड़ा स्टेट गोरखपुर में रहने वाले सैय्यद शहाब अहमद ने दी है।
उन्होंने बताया कि मोहम्मद मुनिस उनकी भांजी के पति हैं और उनकी इस उपलब्धि पर हमारे पूरे खानदान ही नही बल्कि पूरे पूर्वांचल को गर्व है।सैय्यद शहाब ने बताया कि मोहम्मद मुनिस चंद्रयान-3 मिशन टीम का अहम हिस्सा हैं और उन्होंने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने चंद्रयान-3 मिशन में पायरो डिवाइसेस और स्टेज सेपरेशन की कड़ी में काम किया है।उन्होंने ने बताया कि मोहम्मद मुनिस भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं और उनके अध्ययन और योगदानों के साथ चंद्रयान-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मोहम्मद मुनिस एक पढालिखे और सम्मानित परिवार से सम्बंध रखते है। उनके बड़े भाई इंजीनियर है और अच्छे पद पर कार्यरत हैं। मुनिस का बचपन से ही वैज्ञानिक बनने और चांद पर जाने का सपना था। उन्होंने देवरिया के प्रसिद्ध विद्यालय जीवन मार्ग सोफिया सेकेंडरी स्कूल से 10वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की । उन्होंने इंटरमीडिएट और बी. टेक (मैकेनिकल इंजीनियरिंग) , अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू )से किया है और चंद्रयान-3 के बाद वर्तमान में वे गगनयान मिशन और आदित्य-एल1 मिशन पर काम कर रहे हैं और भारत को अन्तरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों पर ले जाने का सपना देख रहे हैं।
चंद्रयान-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण में मोहम्मद मुनिस के प्रयासों के साथ ही उनके परिवार और पूर्वांचल के लोग भी गौरवान्वित हैं। उनकी इस सफलता पर इमामबाड़ा स्टेट के आसपास उनके जानने वालों ने एक दूसरे को बधाई दिया और मुहं मीठा कराते हुए उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सलाम किया।
Aug 24 2023, 16:22