*गोरखपुर कैंट-बाल्मिकीनगर खंड के दोहरीकरण को कैबिनेट कमेटी की स्वीकृति*
गोरखपुर।रेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने रू. 1269.8 करोड़ की लागत से पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर कैंट-बाल्मिकीनगर (95.95 किमी.) खंड के दोहरीकरण परियोजना को मंजूरी प्रदान की।
वर्तमान में गोरखपुर कैट-बाल्मिकीनगर रेल खंड की लाइन क्षमता का 146 प्रतिशत उपयोग हो रहा है। इस दोहरीकरण परियोजना से लगभग 32 लाख मानव दिवस रोजगार का सृजन होगा। इस परियोजना के अन्तर्गत गंडक नदी पर 854 मीटर लम्बा महत्वपूर्ण पुल, 16 बड़े एवं 38 छोटे पुल सम्मिलित है। इस खंड पर कुल 12 स्टेशन जिसमें 10 क्रासिंग- गोरखपुर कैंट, उन्नीला, पिपराईच बोदरवार, कप्तानगंज, घुघली, सिसवा बाजार खड्डा पनियहवा एवं बाल्मिकीनगर रोड तथा 02 हॉल्ट स्टेशन- महुअवा खुर्द, गुरलीराम गढ़वा है।
गोरखपुर कैंट-बाल्मिकीनगर खंड देश के उत्तरी भाग (उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि) को पूर्वी / पूर्वोत्तर भाग (बिहार, आसाम आदि) को जोड़ता है। इस खंड के पश्चिमी ओर गोरखपुर छावनी से पंजाब तक दोहरी लाइन है, पूर्वी ओर बाल्मिकीनगर-मुजफ्फरपुर में दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। इस लाइन के स्वीकृत होने से पूरा खंड दोहरीकृत हो जायेगा।
इससे नौतनवा, रक्सौल / वीरगंज एव जोगबनी से नेपाल के लिये कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह रेल खंड नेपाल सीमा के निकट से होकर गुजरती है तथा नरकटियागंज, दरभंगा एवं फारबिसगंज होकर पूर्वोत्तर क्षेत्र को जाने के लिये न्यूनतम दूरी का मार्ग है। इस मार्ग से पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के क्षेत्रों के लिये अनाज, फर्टिलाइजर, सीमेण्ट, कोयला, लोहा एवं स्टोन चिप्स की बुलाई तीव्र गति से कम समय में हो सकेगी।
यह रेल खंड उत्तर प्रदेश एवं बिहार के कृषि
बाहुल्य क्षेत्र से होकर गुजरता है। इससे उत्तर बिहार के जूट एवं गन्ना उद्योग, मक्का एवं इसके उत्पादो को बाजार के लिये कनेक्टिविटी बेहतर होगी प्रस्तावित दोहरीकरण परियोजना उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, महराजगंज एवं कुशीनगर तथा बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में क्रियान्वित होगी।
प्रस्तावित दोहरीकरण परियोजना के पूरा होने पर रेल लाइन की क्षमता में वृद्धि होगी, जिसके फलस्वरूप ट्रेन परिचालन में सुगमता तथा समय पालन के साथ ही वैगन टर्न एराउण्ड समय में सुधार होगा तथा 15 अतिरिक्त मालगाड़ियां चलायी जा सकेगी। इस खंड पर यात्री ट्रेनों की संख्या में वृद्धि होगी तथा यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नये भारत के विजन के अनुरूप भारतीय रेल के व्यस्तम रेल मार्गों में एक इस रेल खंड पर आधारभूत संरचना का विकास होने से ट्रेन आपरेशन एवं कन्जेशन में सुधार आयेगा।
इस परियोजना से विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलने से क्षेत्र के लोग "आत्मनिर्भर बन सकेंगे। परियोजना के पूरा होने पर क्षेत्र के कृषि एवं अन्य स्थानीय उत्पादों की ढुलाई तथा यात्रियों के उत्तर प्रदेश एवं बिहार से देश के अन्य भागों में निर्बाध आवागमन में सुविधा होगी।
इसके अतिरिक्त गोरखपुर कैंट एवं बाल्मिकीनगर खण्ड पर चलने वाली गाड़ियों के संचलन समय में कमी आयेगी।
Aug 17 2023, 17:06
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