Purnea

Aug 16 2023, 18:54

स्वतंत्रता दिवस पर जिला जज ने स्लम बस्ती के बच्चों को साथ लेकर किया झंडोत्तोलन

पूर्णियां : स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर सारे देश के साथ-साथ व्यवहार न्यायालय पूर्णिया परिसर भी राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत के माहौल में सराबोर था। 

वहीं इसअवसर पर पूर्णिया के जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार सुजीत कुमार सिंह ने एक नई पहल करते हुए झंडोत्तोलन किया। 

इस मौके पर जहां एक ओर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव महावीर प्रसाद सहित व्यवहार न्यायालय के तमाम न्यायाधीश गण, अधिवक्ता गण, न्यायालय कर्मी एवं पुलिसकर्मी शामिल हुए वहीं जिला जज के विशेष पहल पर स्लम बस्ती के ऐसे बच्चों को इस समारोह में शामिल किया गया जिन्हें अभी तक विद्यालय नसीब नहीं हुआ था। 

उन बच्चों को सम्मान पूर्वक मिठाई के पैकेट दिए गए। साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा एक पाराविधिक स्वयंसेवक को इन बच्चों के नजदीकी सरकारी विद्यालय में नामांकन हेतु जिम्मेवारी भी दी गई। 

जहां आज हम चांद पर जान और नई-नई ऊंचाइयों को हासिल करने की बात करते हैं, वहां हमारे जिला जज का ध्यान इन बच्चों पर जाना एक बहुत बड़ी बात है। देश के इतिहास में शायद यह पहला अवसर होगा कि एक जिला जज का ध्यान इस ओर गया हो। 

इस पहल से समाज के अन्य वर्गों का ध्यान भी इस ओर जाएगा और वह समय दूर नहीं होगा जब सभी को समुचित शिक्षा एवं सुविधा मिल पाएगा। जिला जज के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने इस स्वतंत्रता दिवस पर यह ठाना है, कि जिले के वैसे सभी बच्चे जो गरीबी, भुखमरी और अपने सामाजिक परिवेश के करण स्कूल नहीं जा पाते हैं, उन्हें स्कूल भेजना सुनिश्चित किया जाए। इसकी देखरेख की जिम्मेवारी पाराविधिक स्वयंसेवक को दी गई है। 

अगर सचमुच हमारे देश के सभी वर्ग और जिम्मेदार पदों पर आसीन पदाधिकारी गण की सोच हमारे जिला जज जैसी हो, तो वह दिन दूर नहीं जब हमारे समाज से शिक्षा और पिछड़ापन दूर हो जाएंगे।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

Purnea

Aug 16 2023, 18:31

आपदा मित्र के 12 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने वाले वालिंटियर के वाहन को जिलाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

पूर्णिया :- सामुदायिक वॉलिंटियर (आपदा मित्र) के 12 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने वाले वालिंटियर के वाहन को समाहरणालय परिसर से जिला पदाधिकारी कुन्दन कुमार द्वारा हरी झंडी दिखाकर ‌पटना के लिए रवाना किया गया।

पूर्णिया एक बहु - आपदा प्रभावी जिला रहा है। जिले का बायसी अनुमंडल बाढ़ प्रवण है। जिले में बाढ़ के अतिरिक्त चक्रवाती तूफान, डूबने की घटनाएँ एवं वज्रपात से प्रति वर्ष जान-माल की क्षति होती रहती है।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पूर्णिया द्वारा पूर्णिया जिले के सभी प्रखंडों से 130 युवाओं को चयनित कर आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर दिनांक- 17.08.2023 से 28.08.2023 तक 12 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण हेतु ओ०पी० साह सामुदायिक केन्द्र, माल सलामी थाना, पटना को भेजा गया।

जिसको जिला पदाधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखा कर पटना के लिए वाहन को रवाना किया गया। मौके पर अपर समाहर्ता श्री केडी प्रौज्ज्वल एवं संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पटना द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के विभिन्न आयामों (बाढ़, सुखाड़, भूकंप, अगलगी, सड़क दुर्घटना, डूबने की दुर्घटना एवं वज्रपात आदि) पर प्रशिक्षण एवं पूर्वाभ्यास कराया जाना है।

जिला पदाधिकारी, द्वारा मीडिया प्रतिनिधियों से रूबरू होकर जानकारी देते हुए बताया गया कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इसके पूर्व भी बायसी एवं धमदाहा अनुमंडल से 160 स्वयंसेवकों एवं 57 सदस्यीय बालिकाओं का चयनित कर आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर 12 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण नागरिक सुरक्षा केन्द्र, बिहटा, पटना में करवाया गया। जिससे जिले में आपदा जोखिम न्यूनीकरण में साकारात्मक प्रभाव पड़ा है एवं डुबने वज्रपात आदि से होने वाली घटनाओं में कमी आयी है।

पूर्णिया से जेपी मिश्र

Purnea

Aug 16 2023, 16:31

मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला, विश्वकर्मा योजना और प्रधानमंत्री ई-बस सेवा को मंजूरी

#centralcabinetdecisions 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त के मौके पर लाल किले से विश्वकर्मा योजना का ऐलान किया था। इस ऐलान के 24 घंटे के भीतर ही केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 100 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है।पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए।

करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में प्रधानमंत्री ने पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा। इस योजना के संचालन से देशभर के करीब 30 लाख विश्वकर्मा परिवारों को फायदा मिलेगा। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 32,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ भारतीय रेलवे को लक्षित सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। वैष्णव ने कहा कि उक्त परियोजनाएं, जो पूरी तरह से इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड पर बनाई जाएंगी, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में 2,339 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी। परियोजनाओं को केंद्र सरकार से 100 प्रतिशत वित्त पोषण प्राप्त होगा। ये योजनाएं आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 35 जिलों को कवर करेंगी।

देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है।उन्होंने कहा कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। 57,613 करोड़ रुपये में से 20,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी।अनुराग ठाकुर ने कहा कि ये योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ सिटी बस संचालन किया जाएगा। ये योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।

Purnea

Aug 16 2023, 15:45

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर बैन हो जाएगा बजरंग दल? दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान

#congressleaderdigvijaysinghsaidwillnotbanbajrangdalincamein_power 

हिन्दुस्व और हिन्दू राष्ट्र का मामला मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले छाया हुआ है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बजरंग दल को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो बजरंग दल पर बैन नहीं लगाया जाएगा। उनका कहना है कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं।हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि दंगों या हिंसा में शामिल किसी को भी नहीं छोड़ेंगे।कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की बात कही थी।जिसके बाद देशभर में बीजेपी के नेताओं और बजरंग दल के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया था।

दिग्विजय सिंह आज राजधानी में माता मंदिर चौराहे पर अवंती बाई लोधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने पहुंचे थे। दिग्विजय सिंह से मीडिया ने हिंदुत्व को लेकर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व शब्द को सावरकर ने ही गढ़ा था। किसी भी तरह का सॉफ्ट या हार्ड हिन्दुत्व नहीं होता है। इसका सनातन धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने भारतीय संविधान की शपथ ली है या हिंदू राष्ट्र की शपथ ली है। संविधान की शपथ लेकर जो लोग हिन्दुत्व की बात करते हैं, उन्हें पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

पार्टी नेता कमलनाथ के बयान का किया बचाव

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के बयान का भी बचाव किया और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया है। कमलनाथ ने कहा था कि देश में 80 फीसदी हिन्दू हैं, ऐसे में तो ये हिन्दू राष्ट्र है ही। इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या हिन्दुओं की संख्या गिनाना गलत बात है। दिग्विजय ने ये भी कहा कि कुछ लोग मेरे और कमलनाथ जी के बीच में विवाद कराना चाहते हैं, लेकिन हम चार दशक से साथ काम कर रहे हैं और कभी कोई विरोधी सफल नहीं हो पाया है. हम मिलकर काम कर रहे हैं।

Purnea

Aug 16 2023, 14:27

आगामी राज्य विधानसभा चुनावों के लिए एक्टिव हुई भाजपा, आज अहम बैठक की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी

आगामी राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा के लिए भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) आज शाम (16 अगस्त) को बैठक करेगी। समिति के सदस्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, CEC के सदस्यों से वर्तमान चुनाव तैयारियों का जायजा लेने, फीडबैक इकट्ठा करने और उम्मीदवारों के चयन सहित पार्टी की रणनीति को आकार देने की उम्मीद है।

समिति के अन्य सदस्यों में भाजपा पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह सहित अन्य नेता शामिल हैं। CEC की बैठक आमतौर पर चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही होती है। हालाँकि, इतनी जल्दी बैठक आयोजित करने का पार्टी का निर्णय पांच राज्यों के चुनावों को दिए गए महत्व को उजागर करता है, जो कि सभी महत्वपूर्ण लोकसभा चुनावों से पहले विधानसभा चुनाव का आखिरी दौर है।

सूत्र ने कहा कि भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक राज्य चुनाव अभियान की निगरानी में केंद्रीय नेतृत्व की अधिक भागीदारी का भी संकेत देती है। जिन राज्यों में नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने की उम्मीद है वे हैं छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम।

भाजपा केवल मध्य प्रदेश में सत्ता में है और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार तथा तेलंगाना में BRS सरकार को हटाने के लिए गहन अभियान चला रही है।

Purnea

Aug 16 2023, 12:00

बदल गया नेहरू मेमोरियल का नाम, अब पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के नाम से होगी पहचान, जानें क्या है कांग्रेस की प्रतिक्रिया

#nehrumemorialrenamedaspmmuseumand_library

दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदल दिया गया है। अब से यह प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा।इसे लेकर पहले ही फैसला लिया जा चुका था, लेकिन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसे बदल दिया गया।जाहिर सी बात है कांग्रेस की इस पर जोरदार प्रतिक्रिया होगी।कांग्रेस महासचिव और पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर मोदी सरकार पर नेहरू की विरासत को नष्ट करने का आरोप लगाया है। 

बता दें कि जून महीने में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया गया था।स्वतंत्रता दिवस पर नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप दे दिया गया।पीएमएमएल के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने एक्स (ट्विटर) पर नाम बदलने की पुष्टि की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) अब 14 अगस्त, 2023 से प्रधान मंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) सोसायटी है, जो समाज के दायरे के लोकतंत्रीकरण और विविधीकरण के अनुरूप है। 

पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा-जयराम रमेश

अब इसे लेकर कांग्रेस की तरफ से रिएक्शन सामने आया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है।नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, आज से एक प्रतिष्ठित संस्थान को नया नाम मिल गया है, विश्व प्रसिद्ध नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) प्रधानमंत्री स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय बन गया है। पीएम मोदी के पास डर और असुरक्षा का एक बड़ा पिटारा है। 

उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना-जयराम रमेश

खासतौर पर जब हमारे पहले और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री की आती है, उनका एकमात्र एजेंडा नेहरू और नेहरूवादी विरासत को नकारना, विकृत करना, बदनाम करना और नष्ट करना है। उन्होंने N को मिटाकर उसकी जगह P डाल दिया है। वह पी वास्तव में संकीर्णता और अपमानित करने के लिए है।कांग्रेस नेता ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, वैज्ञानिक और उदारवादी नींव रखने में नेहरू की योगदान को हम नहीं भूलने देंगे। नेहरू ने देश की आजादी के लिए अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अब सब मोदी और उनके साथ काम करने वालों के हाथ में है। इन सब के बावजूद जवाहरलाल नेहरू की विरासत दुनिया के देखने के लिए जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को वह प्ररित करते रहेंगे। 

बता दें कि 1948 में तीन मूर्ति भवन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का आधिकारिक आवास बन गया। वे यहां करीब 16 सालों तक रहें और यहीं उन्होंने अपनी आखिरी सांस भी ली थी। उनके निधन के बाद इस तीन मूर्ति भवन को उनकी याद में समर्पित कर दिया गया। इसके बाद से ही इसे पंडित नेहरू मेमोरियल के नाम से जाना जाने लगा। 15 जून को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहकी अध्यक्षता में एक विशेष बैठक हुई थी, जिसमें नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने के फैसले पर मुहर लगी थी। बता दें राजनाथ सिंह नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी के उपाध्यक्ष हैं वहीं, प्रधानमंत्री इसके अध्यक्ष हैं। अब केंद्र सरकार ने इसका नाम नेहरू मेमोरियल से बदलकर पीएम म्यूजियम एंड सोसाइटी कर दिया है।

Purnea

Aug 16 2023, 11:40

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।

Purnea

Aug 16 2023, 11:39

अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'

#atalbiharivajpayeeonhisdeathanniversary

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

Purnea

Aug 16 2023, 10:23

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...

#sachin_pilot_replied_on_amit_malviya_claims 

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

Purnea

Aug 15 2023, 19:21

एशियन गेम्स के पहले भारत को बड़ा झटका, ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हुईं विनेश फोगाट, टीम से अपना नाम वापस लिया

#vinesh_phogat_ruled_out_of_asian_games_2023_after_injury

एशियन गेम्स में भारतीय उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट ने एशियन गेम्स खेलने वाली भारतीय टीम से अपना नाम वापस ले लिया है। दरअसल फोगाट रोहतक में ट्रेनिंग के दौरान चोटिल हो गई हैं।इस चोट के कारण विनेश फोगाट एशियन गेम्स में नहीं खेल पाएंगी।

विनेश ने मंगलवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा- ट्रेनिंग के दौरान 13 अगस्त को मेरे बाएं घुटने में चोट लग गई है। डॉक्टरों ने सर्जरी का सुझाव दिया है।साथ ही उन्होंने बताया कि 17 अगस्त को घुटने की सर्जरी होगी। स्कैन करने के बाद डॉक्टरों ने कहा है कि सर्जरी ही मेरे लिए एकमात्र विकल्प है। यह सर्जरी 17 अगस्त को मुंबई में होनी है।

विनेश फोगाट ने ट्वीट में कहा कि भारत के लिए अपना एशियाई खेलों का गोल्ड मेडल जीतना मेरा सपना था, जो मैंने 2018 में जकार्ता में जीता था।वह आगे लिखती हैं कि इस बार चोट के कारण मेरी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। मैंने संबंधित अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा दी है, ताकि रिजर्व प्लेयर को एशियन गेम्स के लिए भेज सकें।

ओलिंपिक एसोसिएशन की ओर से गठित एडहॉक कमेटी ने विमेंस के 53 किलो वेट में विनेश को और मेंस के 65 किलो वेट में बजरंग को बिना ट्रायल के ही भेजने का फैसला किया था। यह कमेटी भारतीय कुश्ती संघ में चल रहे विवाद के कारण बनाई गई थी। विनेश ने साथी पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक के साथ मिलकर संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। इसके बाद आगे की जांच और संघ की वर्किंग के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया था।

ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स-2022 में डायरेक्ट एंट्री के विरोध में अंतिम पंघल और सुजीत कलकल ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने उनकी अपील को खारिज कर दिया था। इसके बाद विनेश और बजरंग के एशियन गेम्स में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया था।