*मिशन इंद्रधनुष 5.0 के पहले चरण का जिला अस्पताल से शुभारम्भ*
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गोरखपुर। बच्चों के जन्म से पांच वर्ष की आयु तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है । यह टीके बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं ।
अगर किसी बच्चे का टीकाकरण छूट गया है तो उसके अभिभावक आशा कार्यकर्ता और एएनएम से सम्पर्क कर छूटा हुआ टीका लगवा सकते हैं । इसी उद्देश्य से सात से बारह अगस्त तक मिशन इंद्रधनुष 5.0 का पहला चरण चलाया जाएगा ।
उक्त बातें एडी हेल्थ डॉ आईबी विश्वकर्मा ने जिला महिला अस्पताल से पखवाड़े का शुभारम्भ करने के बाद कहीं। उन्होंने बताया कि इस विशेष अभियान के जरिये टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण की सुविधा दी जाएगी ।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि सरकारी अस्पताल के टीके गुणवत्तायुक्त कोल्ड चेन में रखे जाते हैं। यह काफी सुरक्षित और असरदार हैं।
कुछ टीकों के लगने के बाद बच्चों को बुखार भी आता है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है । यह एक स्वाभाविक लक्षण है जिसके लिए दवाएं भी दी जाती हैं । बच्चों को निरोगी और स्वस्थ भविष्य प्रदान करने के लिए टीके लगने आवश्यक हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा की देखरेख में सहायक शोध अधिकारी अजीत सिंह के विशेष सहयोग से शत प्रतिशत प्रतिरक्षण का प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल के अधिकारीगण, सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे ।
टीकाकरण का प्रावधान
सीएमओ ने बताया कि नियमित टीकाकरण से टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, टीटनेस, मिजिल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, जेई (दिमागी बुखार), निमोनिया, वायरल डायरिया और इंफ्लूएंजा से बच्चों की सुरक्षा होती है । सभी टीके सरकारी प्रावधानों के तहत उपलब्ध हैं ।
17800 बच्चों को लगेगा टीका
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने बताया कि अभियान के पहले चरण में 17800 छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा । इस दौरान 4604 गर्भवती का भी टीकाकरण होगा । जिले में 6.74 लाख परिवारों के बीच किये गये सर्वे के दौरान यह छूटे हुए बच्चे और गर्भवती ढूंढे गये थे।
Aug 07 2023, 18:41